Mother's Day 2025 : 'मां'(Mother) एक ऐसा शब्द है, जिसमें संपूर्ण सृष्टि की ममता, त्याग,प्रेम और बलिदान नजर आता है। इसीलिए मां (Mother) के प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता को प्रकट करने के लिए हर साल 'मदर्स डे' ( Mother's Day 2025) मनाया जाता है। हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे (Mother's Day 2025) मनाया जाता है। इस मौके पर वनइंडिया ने बिहार के बेगूसराय (Begusari) में रहने वाली सनोबर मेराज (Sanobar Meraj) से खास बातचीत की। पूर्व एयरफोर्स अधिकारी की पत्नी सनोबर मेराज (Sanobar Meraj) ने बच्चों के लिए 'किड्स प्ले' स्कूल खोला और ये मां की तरह उन बच्चों की देखरेख कर रही हैं। इतना ही नहीं सनोबर मेराज (Sanobar Meraj) बच्चों के माता-पिता को भी जागरूक कर रही हैं।
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~HT.318~CO.360~ED.276~
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00:00बीइंग ए मज़र तो अपने बच्चे के बारे में लोग सोचता, लेकिन बीइंग ए टीचर मैं सारे बच्चों के बारे में सोचती हूँ
00:07कुछ है ऐस तो बन जाए ताकि यहां पर समाज के लोगों को भी आसानी हो जाए और हमारा भी काम उसके निकल जाए
00:14माँ लोगों है अपने काम को आसान करने के लिए बच्चे को मुबाइल दे देती हैं बच्चे के दिमाग से बहुत इसका बुरा आथर हो रहा है
00:21नमस्कार आदाव मैं जमाम वहीली आप देखें वन इंगा ही
00:28मदर्स जे एक स्पेशल दिन होता है जो लोग सेलिब्रेट करते हैं लेकिन एक माँ पर क्या बीचती है किस तरह से वो बच्चे की परवरिश करती है और किस तरह से बच्चे के भविश्टों सवाला जाता है
00:43एक होता है तालीम दूसरी तर्वियत कहते हैं कि जब बच्चा पैदा होता है तो मा तर्वियत देती है दूसरी मा उसे तालीम देती है तब जाकर बच्चे का भविश्टों होता है
00:54तो आज हमारे साथ मौझूद हैं Kids Play School की डारेक्टर सनवर मिराज जी, उनसे जानेंगे कि वो जो Play School चला रही हैं, तो क्या सोचकर उन्हें ने आगाज किया था, किस तरह से वो इसे अंजाम दे रही है, क्या उप चुनोतिया आती है, स्वाधत है सनवर जी हमारे चैनल बने �
01:24एक से एरपोर्स अधिकारी की पतनी अच्छे खाती जिंदगी गुदर लगी कब दीज जानगा, तो फिर क्यूं आपने जना की उसोटी है?
01:33मेरी बेटी विचोटी थी, जो साल दी, लोगों को लगा कि हमारे प्री इस्चूल पिए जरुज़त है, तो इसके हम लोग उसको कैसे पहुंचायाएंगे, कैसे पहुंचायाएंगे, अम लोगों को बहुत परषानी हो रही थी यह जिस सोच करे, तो हम लोगों ने सोचा क
02:03ताकि यहां पर समाज को लोगों को भी रहासानी हो जाए और हमारा भी काम उसके निकल जाए तो इसलिए हम लोगे स्कुल खोले थे
02:11बीइंग ए मदर बीइंग ए टीचर बच्चों को समालना कैसे चुनौती आते हैं?
02:17बीइंग ए मदर तो अपने बच्चे के बारे में लोग सोचता लेकिन बीइंग ए टीचर मैं सारे बच्चों के बारे में सोचती हूं जैसे अपने बच्चे के बारे में सोचती हूं जैसे उसको खाना खिलाना जैसे मेरा बच्चा बुखा है अगर तो उसको मुझे खिलाना
02:47बहुत पुरा अगर जैसे
03:01मतलब मदर एक बच्चे की मानतिया और आप के लिए
03:16तारे बच्चे मेरे हैं.
03:19कुछ मतलब फैमिली ऐसी है, जिनें बता ही नहीं कि बच्चों को कैसे स्कूल ज़नाया, इस तरह से किस तरह से.
03:25इसको हम लोग देखते हैं, कुछ पैरेंट ऐसे हैं, जो उनेजुकेटेटेड हैं, जिनको उतना जानकारी नहीं है,
03:30हैं तो पॉल करते हैं उनको समझाते हैं हर चीज कि आप अपने भचे का
03:34इस तरीके से ध्यान रखिए और ऐसे कप्ड़ा पहनाए और ऐसा शूश
03:38पहनाए ऐसे कंगी करें ऐसे पाल जो बनवाइए उसके निल कट्ष करिए
03:42यह सब हम लोग पॉल करके उनको बताते हैं, पैरेंट्स भी जो यह हैं जिनकों बहुत जादा यह नहीं था, जांकारी नहीं था, उतना यह नहीं था, तो वो लोग भी बहुत खुश हैं और बहुत, मतलब, एक्साइटेड इस चीज़ के लिए और बहुत महनत कर रहे हैं, स
04:12बहुत लोग नहीं भेज़ पाते थे, बहुत तरह की मजबूरी थी, तो अभी यह है कि कम से कम यहां पर आ रहा है बच्चा तो बहुत खूश है लोग, ऐसा महौल को अभी इसकूलों में जैसा मतलब स्कूल का ठर्म आता है तो स्कूल को सोली बिजनेस के तौर पर देखा ज
04:42कि यहार के समाज में मतलब अमाज को फायदा हो यहाँ यहां के आस पड़ो तो जिने भी लोग हैं जिनके पास पैसा है जिनके पास नहीं ही है हर किसी को फायदा हो इस चीज के लिए और बच्चे भी पढ़े सासा साथ पैरेंस दूनेकारी है
05:12ये जाने लुकर परने बताना पर तो ये, अपने बच्चे को ऐसे धिपान दीजिए, सब इसे करिये, सब अबताना परता
05:35अच्छा ही कर रहे हैं
05:39बेएगे मदर
05:42बेहँगे टीचर
05:43क्या संदेश देना चाहेंगी माओँ को
05:45मैं एक मा होने के नाते
05:48मुझे लगेगा कि
05:49मैं अपने बच्चे को पर खा करगा हूँ
05:50लेकिन एक साथा टीचर होने के नाते
05:53मुझे लगता है कि
05:54मेरा पूरा समाज पढ़े
05:55मेरे पुरे स्कून के सारे बच्चे पढ़े
05:57और मैं दूसरे माओं को ये संदेशे ना चाहूंगी
06:02कि अपने बच्चों को मोबाइल से बूद रखें
06:06मोबाइल जो है आज कल बच्चे के लिए बहुत ज़्यादा
06:09मतलब उसांदे हो रहा है
06:11माओ लोग वह अपने काम को आसां तरने के लिए बच्चे को मोबाइल दे देती है
06:16और उसके लिए मतलब उनका काम आसान हो जाता
06:19लेकिन बच्चे के दिमाग से बहुत इसका बुरा असर हो रहा है
06:22हमारे पास एक दो बच्चे इस चाइप के आई भी है
06:24जिसे मोबाइल की वज़े से उनका बहुत जादा मतलब उनके ब्रेन पे असर हुआ हुआ था
06:30लेकिन फुछ दिन इसकूल आने के बाद बहुत अच्छा मतलब उनका रिजर्ट रहा
06:35और मोबाइल से दूर रखें और जो भी मतलब कोई भी एक्टिविटी करा सकते
06:41लिए भी करके जिस तरीके से भी उनको ट्रायस देकर के कॉपे पैंस्ल देकर करके किसी तरीके से उनको मतलब इंगेज करके रखें लेकिन मोबाइल ना दे
06:55वह भुसला
06:57यह भी हमारे साथ कीट्स अयरस कूल की डारेक्टर पुर्ब एर्फोरस अधिकारे की पथनी
07:07जिनों ने बताया कि एक टीचर के हैसियत पे क्या चनौतियां हैं
07:11और एक माद के हैसियत पे क्या चनौतियां
07:14लिकिन उनोंने यही संदेश दिया
07:16कि बचों को चाहिए कि पीजिकल � smashing करवाते रहें
07:19ताकि वो विक्सित हो सकें
07:21मोबाइल की दुन्या में उनका भविष नागुम हो जाए
07:25इसी तरह की तादा तरीन अपडेट के लिए जुरे रहे हैं
07:27वन इंडिया निंदी के साथ
07:28नमस्कार आगार