Emotional Suvichar | Heart Touching Story | Hindi Kahaniya #emotions #suvichar
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00:00मैंने कहा मौसी क्या सच में तुम मुझे अपनी प्रापर्टी का मुआयना करवाना चाहती हो
00:05वो बोली हां क्यों तुम्हें यकीन नहीं हो रहा है
00:10क्या कि आज तुम अपनी मौसी के जमीन पर अपना हल चलाने वाले हो
00:15मैं मौसी की बाते सुनकर अंदर से घवरा रहा था
00:19मगर मन ही मन मैं भी यही चाहता था
00:23कि काश कभी मौसी के गहरे कुए से पानी निकाल कर पी सकू भाई
00:27लोग सच कहूं तो मौसी मुझे शुरू से ही बहुत मस्त लगती थी
00:33कई बार तो मैंने मजाक मजाक में उनका चूब ही लिया था
00:38मगर मेरी मौसी को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं
00:42था मगर उस दिन जब मैं छेट के उपर मार रहा था
00:47तभी मौसी भी वहां अचानक से आ गई थी
00:50मौसी को देखकर मैंने उस पर कपड़ा डाल कर छुपा लिया
00:55मौसी मुझे थोड़ी देर खड़ी होकर देखती रही
00:59फिर मेरे पास आई और धीरे से बोली
01:02अरे छुपा क्यों लिया देखें तो क्या साइस है
01:06और वैसे भी ये तो आम बात है
01:09आजकल ये हर कोई करता है
01:12मैंने कहा मौसी आपको ये कुछ गलत नहीं लगा
01:16तो वो बोली क्या बात करते हो गलत क्यों लगेगा
01:21तभी मेरे मूसे निकल गया
01:24मौसी सच बोलूं तो मैं सबसे ज्यादा आपको ही देख कर मारता हूं
01:29मौसी मुश्काते हुए बोली क्या सच में मैं इतनी ज्यादा खुबसुरत हूँ
01:37मैंने कहा मौसी आप बहुत सुन्दर हो आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो तभी वो बोली
01:45ये बात तो तुम्हारे मौसा ने मुझे आज तक नहीं बोला कि मैं खुबसुरत भी हूँ
01:50मैंने कहा छोड़ो मौसी जो चीज जिसके पास होती है उसको उस चीज की कदर करनी बिलकुल नहीं आती दोस्तो
02:00मेरी मौसी बहुत ही कम उम्र की थी उनकी शादी को अभी आठ महिने ही हुए थे लेकिन जब से उनकी शादी हुई थी वो जरा भी खुश नहीं थी
02:13क्योंकि उनके पती यानी मेरे मौसा जी वो ज्यादातर बिजनेस के सिलसले में घर से बाहर ही रहते हैं और मेर की मौसी गहर में अकेली रहती है
02:24मैंने कहा मौसी काश मैं आपकी जमीन को जोत पाता तो मेरा सालों का सपना पूरा हो जाता
02:31मौसी बोली कैसा सपना मैंने कहा मौसी जब से मैंने आपको देखा है तत एवरे टाइम मेरे मन में एक मात चल रही है कि मैं ऐसा क्या करू कि मेरी मौसी अपनी जमीन पर मुझसे हल चलवाने की परमिशन दे
02:46वो अपनी आखे बड़ी करके मुझसे बोली क्या सच में तुम सालों से मेरी जमीन पर पानी चड़कने की सोच रहे हूं मैंने कहा हां मौसी बहुत दिनों से सोच रहा हूं पिछू I'm thinking it's been a long time मौसी बोलियरे मौसी बोलियरे
03:03मास मीन्स आंटी ललू तो पहले क्यो के नहीं बठाया लालू टू वाइडिन्ट यू लेट मी नो ओलियर इसी बहाने मैं भी तुम्हारी बंदूग देख लेती यीसी बहाने मैं भी तुम्हारी बंदूग देख लेती तभी वो बोली अच्छा अब तुमने मुझसे ये �
03:33तुम्हें अपने घर से फोन आया था, कुछ जरूरी काम है तुम्हें अपने घर जाना होगा. मैंने कहा मौसी तुम्हारे यहां से जाने के बाद मैं सर्व जल्दी नहीं आ पाऊंगा, मौसी बोली तो क्या चाहते हो?
03:47मैंने कहा मौसी अगर अभी एक बार अपनी जमीन पर पानी छड़कने का मौका दे दो तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा.
03:56वो बोली अच्छा ठीक है आदे घंटे बाद तुम मेरे कमरे में आ जाना. इतना सुनते ही मैं खुशी से पागल हो गया.
04:05कुछ देर बाद मैं मौसी के कमरे में गया. मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो मैंने देखा मौसी अपनी जमीन के उपर से कपड़े हटा कर पानी छड़कने की तयारी कर रही थी. वो अपनी साड़ी उतार दी. तो भाई लोग कैसे हैं? आप लोग भाई लोग हम लड़क
04:35किसी कारण हमारे ही साथ रहती है. मेरी मौसी बहुत सुन्दर लगती है. भाई लोग मेरी एक मौसी है. जो किसी कारण हमारे ही साथ रहती है. मेर लोग एक दिन मुझे अपनी मौसी की जमीन के कुछ हिस्से देख लिया था. काफी खुला मैदान था. एकदम सपाट उस दि
05:05जमीन पर कभी पानी तक नहीं पड़ा, था, इसलिए उनकी जमीन की नमी भी बहुत हद तक चली गई थी, भाई लोग मेरे मम्मी पापा एक कमपणी में काम करते थे, वो सुबह दस बजे अपने काम पर चले जाते थे और शाम को चार बजे ही घर वापस आते थे, इस बीच �
05:35तब मैं सिर्फ उनके साथ थैली में जो संत्रे रखे हुए थे, बस उसी को देखता रहता था, एक दिन मौसी ने मुझे पकड़ लिया, वो बोली क्या देख रहे हो, सुनिल संत्रों को नीचोड़ने का मन कर रहा है, क्या मैंने कहा हां मौसी, मुझे सारे फलों में से सबस
06:05लेकिन जब मेरा मन करेगा, तब मैं संत्रों को तुम्हें दे, दुंगी को मम्मी पापा काम से वापस आये, पापा ने मुझे और मौसी को सब को बुलाया, और बोले सब लोग, सुनो आज मैं एक बहुत बड़ी खुशकबरी लेकर आया हूँ, मैंने कहा, कौन सी खुशक
06:35पहले तो पापा ने मुझे बहुत कहा चलने को मगर मैंने मना कर दिया, क्योंकि मौसी के खेत का सवाल था, अगले दिन मम्मी पापा घूमने चले गए, अब मैं अंदर से बहुत खुश था कि अब तो खुल कर मौसी की जमीन को जोद दूंगा, मैं पूरा मूड बनाए ह�
07:05जुनते ही मौसी की जमीन को जोतने का मेरा सपना एक पल में तूट गया, फिर मौसी अपने घर चली गई, अब ममी पापा के काम पर जाने के बाद मैं अकेला घर में रहता था, मौसी के चले जाने के बाद मुझे घर में जरा भी अच्छा नहीं लगता था, मेरी मौसी सस�
07:35के चक्कर में अक्सर बाहर ही रहते थे। उनका बहुत कम ही घर पर आना होता था।
07:42शादी के बाद मेरी मौसी और भी ज्यादा खुबसुरत हो गयी थी,
07:46जब कभी मैं उनकी मौसी के यहां घूमने जाता तो 7-8 दिन वही रुख जाता था।
07:51अब धीरे धीरे मौसी मेरी मन की बात जान चुकी थी कि मैं उनकी जमीन पर हल चलाना चाहता हूँ
07:58जब मैं मौसी के घर रुखा उस दिन मैं बैठ कर टीवी देख रहा था
08:05तभी मौसी आकर मेरे सामने बैठ कई
08:08मौसी बोली अच्छा सुनील एक बात बताओ
08:12मैंने कहा क्या मौसी वो बोली अच्छा तुमने कभी किसी के कुए से पानी निकाल कर
08:18अपनी प्यास बुजाई है
08:21मैंने कहा मौसी अभी तक तो मैंने किसी के कुए का पानी नहीं पिया है
08:26फिर वो सामने से उठकर मेरे पास आकर बैठ कई
08:30मैं सोच में पढ़ गया कि आखिर मौसी को आज हो क्या गया है
08:35थोड़ी देर बाद मौसी बोली देखो
08:39सुनील मेरे पास एक कुआ है जो अभी थोड़ा कम गहरा है
08:44लेकिन मैं उसको थोड़ा खुदवा कर और भी गहरा करना चाती हूँ
08:48अगर तुम्हारे मौसा यहां होते तो ये काम मैं उनसे करवा लेती
08:54लेकिन उनको अपने ही काम से फुरसत नहीं मिलती तो मेरा काम कैसे करेंगे
09:01मैंने कहा मौसी कोई बात नहीं अगर तुम कहो तो आपका ये काम मैं भी कर दूँगा
09:07वो बोली तो ठीक है, मगर काम शुरू करने से पहले एक बात याद रखना कुए को थोड़ा ध्यान से खोदना, क्योंकि पानी का प्रेशर बहुत तेज होता है, कहीं तुम भा मत जाना
09:21मैंने कहा, बुआ तुम टैंशन मत लो, मुझे अच्छे से तैरना आता है, तुम बस ये, बताओ की, काम कब से शुरू करना है, देखना तुम्हारे कुए को खोद कर किस तरह से गहरा करता हूँ
09:35वो बोली चलो ठीक है, अभी काफी रात हो गई है, तुम सो जाओ, मैं कल तुम से कुए की खुदाई करवांगी
09:44दोस्तों आपको मेरी एक कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं