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  • 2 days ago

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Transcript
00:00राजकापूर ने फिल्म बनाई मेरा नाम जोकर, वो बोलते थे ये मेरी जिंदगी का महाकाव्य है
00:04बहुत पैसा उसमें लगा दिया, बहुत बड़े बजट की मूवी थी
00:14दिल से बनाई हुई फिल्म थी वो, और हमारी ओडियंस ने पेट दो दिन नहीं चली वो
00:18क्यों? क्योंकि दिल से बनाई थी, हमें दिल से नफरत है
00:20तो राजकापूर ने क्या करा? उन्होंने का ठीक है, तुम्हें यही चाहिए, तुम्हें कुछ ऐसा बनाऊंगा, जो चलेगा
00:24और उन पर लोन भी बहुत आ गया था, तो उन्होंने बनाई बाबी
00:27वो इतनी चली, यतनी चली, इतनी चली, कि मेरा नÁम जोकर का सारा करजा बटा दिया, तो समझ में आ गया उनको, कि क्या चलता है? लोगों को न गहराई चाहिये, न समझदारी चाहिये, न दिल से उठे हुए गीत
00:47चाहिए हमारे स्वाद में तो कच्रा गुसा हुआ है तो हमें तो कच्रा ही चखना है लेकिन फिर भी तुम
00:52अपना घर अपनी जिन्दगी अपने पैसे डाओं पर लगा कर अचछी फिल्में बनाओ
00:56ताकि हम उने flop करा दे
00:57बदलाओ हमें आएगा
00:58तो हमारी फिल्में बदलेंगी न

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