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00:00ये 24 घंटा, लिप्टा, चिप्टी और सूभने में और एक ही दूसरे की शकल देखने में कुछ नहीं रखा है
00:06इसमें सिर्फ सर फूटते हैं और जीवन नर्क होता है
00:09जब तुम अकेले होते हो तो भीतर बहुत कुछ ऐसा है फिर जिसको विक्सित कर सकते है
00:14दूसरा कितना भी निकट हो, कितना भी प्यारा हो, दूसरा दूसरा ही होता है
00:19कितना भी प्रेम कर लो, दूसरा तुम्हारे लिए परमात्ना तो नहीं बन पाएगा
00:22पर ये बात तो वैसे भी बड़ी विचित्र है और गंधाती हुई बात है
00:26तुमने एक आदमी एक औरत को पकड़ा और उनके लिए निवारे कर दिया कि अभे गष जाओ, काई को घुश जाओ, वो भी उनके लिए निवारे कर दिया कि यही कमरे में रहना है, क्यों रहना है, अपना अलग-अलग ठिकाना रखो, जब लगे कि मिलना है तो मिल लो, नही
00:56करी है, जिसमें कोई दूसरा अधिकार पुर्वक घुशा नहीं चला आ रहा है,