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  • 2 days ago
कहानी का स्रोत: शेख़ सादी (सूफी कहानी)
Source of the Story: Shiekh Saadi (Sufi Story)

ये वीडियो वेदांत संहिता सत्र 10.02.2025 से लिया गया है।

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Transcript
00:00बिल्ली की कहानी किसने सुनी है
00:01मस्त रहा करते थे बाबा
00:03जा एक दिन या हूँ मया हूँ Со under कृजने लगे bands
00:10उसको दोडा लिया होगा कुछ हो गया होगा उसके चोट गरह लगी थी
00:13उसको उठा लाये तो उसको लगे पालने
00:15अब अपना तो उनको इधर उधर जा के भिक्षा मांग के खा लेते थे, कोई बचा के तो रखते नहीं थे, दिन में एक पर दो बार निकलते तो जो मिल गया खा लिया, उस दिन अलग से निकले, रात में भिक्षा मांगने, लोगों ने का बाबाजी इतनी भूख लगी आज
00:45कोई भक्तरा होगा, उसके कई गाएं थी, वो भक्ती में आकर के एक गाए, बाबाजी के बांध गया, बोला आप रात बे रात निकला करते हो, इसके लिए दूद्ध मांगने, अब ये जब भी मयाओं मयाओं करे, यही से दूद्ध पिला देना, बाबाजी बोले अच्छ
01:15गलत हो गया, बाबाजी की एक और भक्त निकल आई गाउं में, बाबाजी आपको बड़ी तकलीफ है, हम आपकी कुटिया में ही रहेंगे, और ये गाए की सेवा वगरा हम खूब जानते हैं, कर दिया करेंगे, और बिल्ली का भी ख्याल रख देंगे, बाबाजी बोले ठी
01:45बज़िए दर्शन कर लें, तो हाँ जाता है, तो हाँ बढ़ियां मकान बना हुआ है, दो चार कमरों का, उसमें गाएब हैं, सब बंधी हुई हैं, पास पास खेती हो रही है, तीन चार चोटे चोटे बच्चे उपर में कूद रहे हैं, एक और बाहर निकल रही है, उसका �
02:15बाबाजी कहां गए, तो बोले बेटा बापाजी कहीं चले गए है, और तुम सब लोगों के लिए एक संदेश छोड़ गए है, तो पूछता है, क्या संदेश है, उसका बिल्ली मत पालना

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