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Rabindranath Tagore Jayanti Essay: रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कलकत्ता, भारत में हुआ था। वे एक प्रमुख दार्शनिक और धार्मिक सुधारक देबेंद्रनाथ टैगोर के पुत्र थे। अपने बचपन के दौरान, टैगोर ने ट्यूटर्स द्वारा शिक्षा प्राप्त की और पारंपरिक स्कूली शिक्षा के प्रति स्पष्ट उदासीनता के बावजूद खूब लिखा। 1877 में, वे अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड चले गए। Rabindranath Tagore Jayanti Essay: Speech | 10 Lines | Bhashan In Hindi

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~HT.318~PR.111~ED.120~

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00:00रविंद्रनाथ टैगोर भारत के महानतम कवियों, लेखको, दार्शनिको और संगीत कारों में से एक हैं।
00:09उनका जन्म 7 मई 1800, एक सेट को पश्रिम बंगाल के कोलकाता शहर में एक सम्रद्ध और सांस्कृतिक रूप से समर्पित ब्राम्हन परिवार में हुआ था।
00:38रविंद्रनाथ टैगोर का साहितिक योगदान अत्यंत विशाल और प्रभावशाली है। उन्होंने अनेक कविताए, कहानिया, उपन्यास, नाटक और गीत लिखे। उनकी सबसे प्रसद्ध काव्यरचना गीतांजली है। जसके लिए उन्हें 1913 में नोबेल पुरसकार भी म
01:08उन्होंने दो देशों, भारत और बांगलादेश के राष्ट्य गानों की रचना की, भारत का जनगन मन और बांगलादेश का आमार सोनार बांगला लिखा। टैगोर न केवल एक कवी थे, बलकि एक महान शिक्षा विध भी थे। उन्होंने पारंपर एक शिक्षा प्रण
01:38प्रेणा का शोत है रबिंद्रनाद टैगोर ने भारत के सोतंतरता संग्राम में भी अपनी भूमी का निभाई उन्होंने अंग्रेजों द्वारा प्रदत्त सर की उपाधी 1919 में ही वापस लोटा दी जब जलियाँ वाला बाग हत्या कांड हुआ इससे उनकी देश भक्ती और
02:08जीवित है वो एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने कला साहत्य और सेक्षा के श्रेत्र में भारत को एक नई दिशा दी उनका जीवन और कार्य हर पीड़ी के लिए प्रेणा का शोत है

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