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  • 2 days ago

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00:00मैं आईटी डेली से पोस्ट ग्रेजिएशन कर रहा हूं
00:02मैं क्लाइमेट चेजिन सब के बारे में पढ़ रहा हूं बात कर रहा हूं
00:05तो कभी-कभी सेल्फ डाउट होता है कि जो मैंने रास्ता चुना है क्या वो ठीक है नहीं है
00:09ये भी फियर रहते है कि अगर इस रास्ते पर चलता रहा
00:12तो ये सारे लोग हो सकते हैं मुझसे छूट जाएं
00:14तूट जाएं वह तमारे पास हैंही कब
00:17तुमारे शाइद वो चुनाओ तुमने जो करा है अगर दिल से करा है तो
00:20समझते हूँ चुनाओ क्यों करा है
00:22तुम्हारे साथ सिर्फ वही चल सकता है जिससे आत्मिक रिष्टा, ना सायोगिक चलता, ना सामाजिक चलता, ना शारीरिक चलता
00:32कुरक्षेत का मैदान है, अर्जुन का साथ, ना तो उसके भाई खड़े हुए, आपे चार वो दे रहे हैं, ना मा है वो दे रही है, ना पतनी है, और जो मेरे साथ इंजिनिरिंग में थे, उन लोग का ये कहना है कि हम लोग का बैमेंसी में हैं, अब सीनियर पूजिशन में क
01:02तुमें तुम बहुत ज्यादा पैसे का करोगे क्या ये तुम्हें खुद से पूछना होगा, क्या करोगे बहुत पैसे का?
01:06प्रणाम अचार्य जी, मेरा नाम सत्यम प्रकाश है, और मैं आई टी डेली से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा हूँ, अपने सब्जेक्ट के उपर आपके विचार जाना चाहूँगा,
01:22मैंने अपनी ग्रेजुएशन कॉंप्यूटर साइंस और इंजिनिरिंग में की है, और जब मैं अंतिम वर्ष में था, तब मेरे को एक MNC से जॉब रोल आफर हुआ था, खेर वो जॉब रोल मैंने लिया नहीं, उसमें मुझसे ये एक्सपेक्ट किया जा रहा था कि मैं ए
01:52करें और वादा किया जाता है कि दस मिनिट में आपके तक माल पहुंच जाएगा, तो इससे कंजम्शन ही भढ़ रहा है, एक कस्टमर का, तो यह जानते वे मैंने वो जॉब रोल नहीं लिया, और लगबग उसी समय मेरे को IIT Delhi में एक प्रोग्राम है, Master's in Public Policy, Specialization in Science, Technology, Innovation and Sustainable Development
02:22Agriculture, इन सब के बारे में पढ़ाया जाता है, जो कि बहुत ही अलग है इंजिनरिंग के पढ़ाई से, लेकिन जिन लोगों को जैसे मैं, मेरे को अनंद भी आ रहा है पढ़ने में, लेकिन जिन लोगों को मैं अपना करीबी मानता हूं, और जो मेरे साथ इंजिनरिंग में थे,
02:52इस से क्या इतनी आंदनी है, कभी-कभी self-doubt होता है कि जो मैंने रास्ता चुना है, क्या वो ठीक है, नहीं है, और कभी-कभी थोड़ा दी मोटिवेट हो जाता हूं, यह भी fear रहता है कि अगर इस रास्ते पर चलता रहा, तो यह सारे लोग हो सकते हैं मुझसे छूट जा�
03:22वो मान रहे हैं कि उनके पास पैसा है, तो यह कैसे हो सकता है, तुम उनको अपने पास रखने की सोच रहे हो, और वो तुम्हें अपनी salary बताते हैं, तो वो पैसे को अपने पास रखने की सोच रहे हैं, तो यह दुनों चीज़ें साथ साथ कैसे चलेंगी, बहुत सारी ची
03:52मेरी है, जिन्दगी मेरी है, बीवी मेरी है, दोस्त मेरे है, फलाना मेरा है, क्या है, तुम्हारा क्या है, तुम्हारा शायद हो चुनाओ है, तुमने जो करा है, अगर दिल से करा है तो, समझते हो चुनाओ क्यों करा है, अगर समझते हो तो वही तुम्हारे साथ चलेगा, य
04:22तुम्हारे साथ सिर्फ वो चीज सेलेगी
04:24सब आप लोग समझ लीजिए
04:26ब्रह्म में मत रहिएगा नहीं तो दिल तूटता है बहुत बुरा लगता है
04:29अपने साथ जो चले
04:31जानने वालों ने
04:34उसको बस एक नाम दिया है
04:36बोले तुम्हारे साथ जो चले वो
04:38वो भी नहीं हो सकता जो तुम्हारे बगल में खड़ा हो
04:41वो भी नहीं हो सकता जो तुम्हारी जेब में रखा हो
04:44पैसा
04:45तुम्हारे बगल में खड़ा हो भी नहीं हो सकता है
04:47साथ कैसे चलेगा वो बगल में है तो हट भी सकता है
04:50जेब में है तो जेब कट भी सकती है
04:52तो वो भी नहीं हो सकता
04:55जो तुम्हारे शरीर में बसता है
04:57क्योंकि जो शरीर में है वो भी तो निकली जाता है
04:59लोगी किड्निया निकल जाती है
05:01तो जो तुम्हारे साथ हमेशा चले
05:05वो सेल्फ होता है
05:08सेल्फ
05:08तुम्हीं सिर्फ अपने साथ चल सकते हो
05:10तुम्हारे लावा कोई तुम्हारे साथ नहीं चल सकता
05:14ये कौन सा सेल्फ है जिसकी बात होती है जो हमारे साथ चल सकता
05:18उसी को आत्मा कहा गया है आत्मा
05:20सिर्फ वही चीज चलेगी और कुछ नहीं है तुम्हारा
05:23तो रिष्टे कैसे बनाएं फिर जब कोई साथ नहीं चलना तो क्या बिलकुल एकाकी जीवन जी हैं नहीं नहीं नहीं
05:29आत्मा की राह पर चल रहे हो कोई हम राह मिल गया तो वो दोस्त हो सकता है तुम्हारा पर राह आत्मा की होनी चाहिए
05:40सही रास्ते पर चल रहे हो कोई इसलिए मिल गया क्योंकि वो खुद भी सही रास्ते पर चल रहा है
05:47तो वो तुम्हारा दोस्त बन जाएगा गारंटी वहां भी नहीं है कि वो भी उमर भर के लिए बन जाएगा पर वो अच्छा रहेगा
05:53वो अच्छा है जो बनेगा
05:55कम से कम उसने
05:56रहा तो वही चुनी है न जो तुम्हारी है
05:59और दूसरे वो तुम्हारा साथ नहीं दे रहा
06:01वो अपनी रहा का साथ दे रहा है
06:03तुम भी उसका साथ नहीं दे रहे
06:05तुम भी अपनी रहा का साथ दे रहे हो
06:07अब एक ही रहा पर चल रहे हैं रहा प्यारी है मन्जिल प्यारी है तो अपना साथ चल लिए हम राही हो गए
06:12दोस्ती हो गई वो चल लेंगे साथ में पर जिनकी मन्जिल ही अलग
06:18और जिनकी राह आई है स्वार्थ से समाज से सैयोग से
06:23वो तुम्हारे दोस्तियार कहां से हो पाएंगे भाई
06:26कहां से हो पाएंगे
06:29वो भले ही तुम्हारे घर में तुम्हारा अपना सगा भाई हो
06:33वो भी तुम्हारे साथ नहीं चलने वाला
06:35ये बाते कड़वी लग जाते हैं
06:39कहें ऐसा थोड़ी होता है
06:39ऐसा ही होता है
06:40तुम्हारे साथ सिर्फ वही चल सकता है
06:45जिससे आत्मिक रिष्टा हो
06:46ना सायोगिक चलता
06:48ना सामाजिक चलता
06:50ना शारिरिक चलता
06:51सायोग का रिष्टा क्या होता है
06:53यह होस्टल में बगल वारे रूम में था
06:56वेस्ट फ्रेंड है
06:57या कि रूमी था
07:00रूमी मने
07:02संत रूमी नहीं
07:03रूमेट
07:05यह रूमेट था तो इसलिए
07:07मेरा यह बिलकुल बेस्ट फ्रेंड हो गया
07:09यह संयोग करिश्टा एक इतने दिन
07:11चला लो गया, यह नहीं चलने वाला
07:13क्यों बेकार में इसमें
07:15अपनी उर्जा समय निवेशित कर रहे हो
07:17हसो मत इसमे
07:19कोई मेरा बेस्ट फ्रेंड इसलिए क्योंकि मेरे ही डिपार्टमेंट में है
07:24उसका इंट्री नंबर
07:26बिलकुल मुझसे सटा हुआ है
07:27क्योंकि उसी अल्फाबेट से
07:29उसका भी नाम शुरू होता है
07:31उसी लेटर से
07:31ठीक है
07:33तो अब मेरा भी क्या नाम आपका
07:36अब आप सत्यम हो
07:38तो संतोष
07:39सत्यम और संतोष
07:42चड़ी बदल यार हो गए
07:43क्योंकि एक ही डिपार्टमेंट है
07:46और
07:47आमने सामने के हैं
07:50और पता चला कि एक ही जिले से भी थे
07:52तो जब ब्रेक्स होते थे तो
07:54एक साथ ट्रेन करेजर्वेशन कराके जाते थे
07:56और ट्रेन तक में अगल वगल सीट होती थी
07:58तो इसलिए दोस्त हो गए
07:59यह नहीं चलने वाला
08:00यह संयोग का रिष्टा है
08:02फिर शरीर का रिष्टा होता है
08:04कि किसी से रिष्टा बसे इसलिए बनाया है
08:06क्योंकि
08:07शरीर की मजबूरी है तो रिष्टा बना लिया
08:10और शरीर और संयोग जब एक साथ मिल जाते हैं
08:14तो परिवार का रिष्टा कहलाता है
08:15वो भी शरीर का ही है
08:16परिवार जनों से और क्या रिष्टा होता है शरीर का ही तो
08:19उनका DNA ही तो है तुमारे पास
08:21तो वो भी वो भी नहीं चलने वाला
08:23वो भी नहीं चलता
08:24कुरुक्षेत का मैदान है
08:27अर्जुन का साथ
08:29न तो उसके भाई खड़े हुए
08:32यहां पे चार वो दे रहे है
08:34न मा है वो दे रहे है
08:36न पत्नी है वो दे रहे है
08:37वो वहां बिलकुल पागल
08:39एकदम विहवल
08:41कि केशव
08:44गांडीव कहां पर आए
08:46टांगें जल रहे हैं
08:48यह खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा
08:49कोई नहीं आरा साथ देने
08:51साथ तो वही आएंगे जो आत्मिक है
08:55तो भगवत गीता में उनके लिए नाम है क्रिश्ण
08:59तुम चाहो तो कोई और नाम दे सकते हो
09:01पर बात आत्मिक होनी चाहिए
09:03ये तो कभी बुरा मानना ही नहीं कि
09:07फलाने लोग थे कभी साथ अब साथ नहीं है
09:09बुराई ये नहीं है कि वो अब साथ नहीं है
09:12बुराई ये है कि तुमने उमीद रखी की साथ चलेंगे
09:14जो ये उमीद रखे हो पागल
09:17क्यों ऐसी उमीद रख रहे हो
09:20तुम्हारी पहली निष्ठा होनी चाहिए
09:25एक सही जिंदगी जीने की तरफ
09:28और उस सही जिंदगी में
09:30क्लीन एनरजी सस्टेनिबिलिटी ये आते हैं
09:32निसंदे है आते हैं
09:34जो तुमने अपने लिए चुना है
09:35वो तुम्हारी निष्ठा होनी चाहिए
09:37मैं वो जी होंगा
09:39और उस रास्ते पर चलते हुए हम कह रहे हैं
09:41कोई हमसफर मिल गया बहुत अच्छी बात है
09:43अच्छा आदमी मिलेगा अच्छे रास्ते पर
09:47और रास्ता ही गलत चुनोगे अगर
09:49अब रास्ता ही जा रहा है वहाँ पर
09:53मचली बजार की तरफ तो उसमें सब मच्छी खोरी
09:55तो मिलेंगे और कौन
09:57मिलने वाला है
09:58सही रास्ता चुनोगे उस पर
10:02सही लोग मिलेंगे और अच्छी बात
10:04ही होगे कि उन्हें बांध के नहीं रखना पड़ेगा
10:06क्योंकि वो खुद उस रास्ते के
10:08प्यार में है
10:09वो तुम्हारे साथ नहीं भी चलेंगे तो अपना रास्ता
10:12थोड़ी छोड़ने वाले है वो वहाँ तुम्हारी खातिर नहीं चल रहे है
10:14वो भी अपनी खातिर चल रहे है
10:16वो भी अपनी आत्माई खातिर चल रहे है
10:18वो वो संबंद अच्छे होते है
10:21तुम्हे
10:23और पैसा
10:32कि वो लोग अब लाखों में कमा रहे हैं
10:34पैसा चाहिए होता है
10:39बिल्कुल चाहिए होता है
10:40पर देख तो लोग कितना चाहिए है
10:43पैसा तुम्हें अपने लिए चाहिए है
10:47न वो सबसे पहले आता है
10:49कुछ भी तुम्हें किसके लिए चाहिए
10:51अपने लिए चाहिए
10:53अपने लिए चाहिए
10:54पैसा पैसे के लिए तो नहीं चाहिए है
10:56पैसा एक infinite number बन जाए
10:59तो पैसा infinite हो गया न तुम थोड़े infinite हो गए
11:03या हो गए
11:05तो पैसे का उपयोग तब तक है जब तक वो self के काम आ रहा है
11:11तुम्हारे तुम्हें पता हो कि मेरा अभी जो लक्ष है
11:15मेरा हित है वो अभी पैसे से जड़ा हुआ है तो ठीक है पैसा होना चाहिए
11:19पर एक सीमा के बाद आम तोर पर
11:24पैसे से हित सधता नहीं है
11:27पैसे की भी जो marginal utility है न
11:31वो एक बिंदू के बाद बहुत कम हो जाती है
11:35जीरो हो जाती है
11:36और आगे एक और बिंदू आता है जिसके बाद negative हो जाती है
11:40उसके बाद सारी energy इसमें जाती है कि पैसा समाले कैसे
11:43पहले तो ये था कि समय बरबाद हो रहा था कि पैसा कमाए कैसे
11:49और फिर एक बिंदू आता है इतना पैसा हो जाता है पैसा समाले कैसे
11:53तो लेकर जीने को तो अभी भी नहीं मिला
11:55जीने को तो अभी भी भी नहीं मिला
11:58जब पैसा बहुत कम था तब भी नहीं जी पा रहे थे
12:00और जिनके पास पैसा ज्यादा हो जाता है वो भी नहीं जी पाते
12:03तो तुम्हें बीच का एक
12:05sweet range खोजनी है
12:07कि इतना पैसा हो तो ठीक है अब ये ना कम है ना ज्यादा है पैसा कम भी नहीं होना चाहिए बहुत इतना भी कम नहीं होना चाहिए कि तुम्हें सोचना पड़ रहा है कि यार खाने वगरा कैसे चलेगा
12:20इतना भी कम नहीं होना चाहिए कि तुम अपने रहने के लिए कोई ठीक ठाक जगह
12:25ना किराई पे ले सकते हो ना खरीच सकते हो इतना कम भी नहीं होना चाहिए पैसा
12:30और पैसा इतना जादा भी नहीं होना चाहिए ये उसी पैसे के लिए जिन्दगी लगाए दे रहे हो
12:50अच्छारी जी मेरा नाम है सीश है और मैं IAT Delhi से Master's का
12:55Fundal Litra का student हूँ और एक बार फिर मैं आपका IAT Delhi में दिल से
12:58Welcome करता हूँ तो मेरा ये question मेरे IAT Delhi के experiences
13:02पर based है एक student के रूप में और एक future professional के रूप में
13:06जो या तो किसी organization में काम करेगा या अपना कुछ
13:09स्टार्ट करेगा तो एक feeling आती है कि मैं enough नहीं हूँ जब मैं
13:13IAT Delhi में अपने circle जैसे लोगों से बात करता हूँ तो लगता है कि हर कोई
13:17कुछ न कुछ अचीव कर रहा है effort डाल रहा है फिर भी अंदर से लगता है कि मैं enough नहीं हूँ
13:21जैसे कि आप जानते हैं family's expectations हैं, दूसरों से expectations हैं, खुद से भी expectations हैं
13:27फिर भी मैं इस feeling का शिकार हो जाता हूँ कि I'm not doing well enough
13:30यूनो एक तरह की self criticism होती है, self doubt होता है
13:34और यह सब देश के most prestigious institution में भी देखने को मिलता है
13:38और जब हम दूसरों से बात करते हैं, even यहां भी कुछ लोगों से मिलाओं
13:42तो यह feeling शायद और भी जादा deep दिखाई देती है
13:45जैसे आपने आज relationship के बारे में बात की, friendship के बारे में बात की
13:50जो time के साथ-साथ तीरे-दीरे fee की हो जाती है
13:53तो लगता है कि उन सबका कोई real meaning नहीं रहे गया है
13:55सब कुछ बस और जादा surface level सती हो गया है
14:00जैसे बच्पन में मेरे इतने सारे दोस्त हुआ गरते थे, लेकिन अब बस दो दोस्त बचे है
14:04अब trust का issue हो गया है, लोग अलग-अलग physical और mental problem से struggle कर रहे है
14:08अब क्योंकि मैं अब graduate करने वाला हूँ, तो मैं किसी workplace में जाऊँगा
14:13तो बहुत fast-paced होगा, stress, anxiety तो है ही
14:16और especially हमारी generation के बारे में अक्सर बोला जाता है कि हमारे वह future नहीं है
14:21तो मैं ये जानना चाहता हूँ, कि आपके पास हम जैसे लोगों के लिए क्या message है
14:25आपके अपने institute से connected लोगों के लिए और country और world के young generations के लिए
14:31तो इसके लिए आपका बहुत-बहुत धेनेवाद
14:33देखो हम लोग भी न, material पैठो, पैठो, चीजों के बस aggregates है, ठीक है
14:51अब जैसे तुमने सवाल में पूछा तो मैं वैसे English बोलूँगा
14:56तो हम दी material चीजों के aggregates हैं
15:04ये ये वाकिय नहीं था, ये सच्चाई है जो सब को समझनी पढ़ेगी हम सुईकार नहीं करते
15:13हम अपने आपको बोलना चाहते हैं कि
15:16हम कुछ और है material के अलावा
15:20हम कुछ और है नहीं
15:22एक भावना बस है कि हम प्यूरी तरह material नहीं है
15:28हमारे भीतर कुछ और है
15:29यहां कुछ है, कुछ है नहीं, material ही है
15:33और जो आप जिसको आप अपने विचार, भावना अगरा बोलते हो नों
15:39कहते हो material में थोड़ी ये सब होता है
15:41कि उसके पास विचार नहीं होता, भाव नहीं होता
15:44वो भी material चीज़े ही है, विचार और भावना
15:47और आपके शरीर से कुछ material अगर निकाल दिया जाए
15:50तो ना विचार रहेगा ना भावना
15:52और अगर आप में कोई भावना उठानी हो
15:55तो बस किसी material गा एक injection लगाना और भावना उठ जाएगी
15:59तो भावना भी material है
16:00मने ले देके उपर से लेके नीचे तक हम पूरे क्या है
16:03material है, उपर से लेके नीचे तक
16:08जिसमें सिर्फ शरीर नहीं आता
16:09जिसमें मन भी आता है
16:11जिसमें भावनाई भी आती है
16:13जिसमें विचार भी आता है
16:15हम पूरे ही क्या है
16:16material है, ये बात अच्छे से पकड़ में आई
16:19हम material है
16:20तुमने का I am not good enough
16:23क्यों? क्योंकि तुम
16:25किसी से तुलना करते हो और वहाँ पे अपने
16:27आपको किसी चीज में तुम कम पाते हो
16:29material
16:33चीजों की तो जब भी तुलना होगी
16:35तो उसमें कोई एक चीज
16:37किसी parameter पर उपर होगी
16:38कोई दूसरी चीज
16:39किसी parameter पर उपर होगी
16:41होगी कि नहीं होगी?
16:47जब भी material चीजों की तुलना करोगे
16:50तुम कभी ये नहीं पाओगे कि कोई भी एक चीज
16:53किसी भी तत्तो की, किसी भी आकार की
16:57किसी भी दूसरी चीज से
16:59और वो दूसरी चीज भी किसी भी तत्तो किसी भी आकार की हो सकती है
17:03किसी भी दूसरी चीज से
17:05हर dimension, हर metric
17:07हर parameter में उपर ही उपर है
17:09क्योंकि material
17:11का law ही ही है न
17:12material का law ही ही है
17:15भूसा
17:18हो सकता है कि
17:21कीमत में हीरे से
17:23कम होता हो लेकिन volume में
17:25हीरे से वो बड़ा निकल गया वो भी
17:28अब हीरा भी बोल सकता है
17:30I'm not good enough
17:31comparison हमेशा
17:36उन्हीं चीज़ों का तो होगा न जो
17:37quantifiable है
17:38मैं पूछ रहा हूँ उसको समझे
17:41जो चीज quantify नहीं हो सकती उसको
17:43compare कैसे करोगे
17:44compare करने के लिए
17:47जो भी चीज़ आप compare कर रहे हो
17:49उसको numbers में लिखना पड़ेगा तब ही compare कर
17:51सकते हो
17:52उसके बिना compare नहीं कर सकते है
17:56उसके बिना वो एक abstraction है
17:57वो एक ऐसी subjective opinion है
17:59और number में लिखने का मतलब यह होता है
18:02कि आप material चीज़ की बात कर रहे हो
18:04क्योंकि जो number होता है
18:06वो हमेशा material को ही point करता है
18:08और किसी चीज़ को point नहीं कर सकता है
18:09अगर कुछ numerically express हो सकता है
18:14तो material है
18:15और आप comparison करते हो
18:17उसी में आप को inferiority complex हो जाता है
18:19माने आप कहीं नहीं कोई numerical attribute compare कर रहे हो
18:23माने आप material compare कर रहे हो
18:26उसको क्यों compare कर रहे हो
18:27आप उसके लिए कैसे जिम्मेदार हो गए
18:28जिसको आप intelligence होगारा बोलते हो
18:32उसका बहुत सारा तालुक brain से है
18:34और brain material चीज है
18:38जो आपने चुनी नहीं आपको
18:40आपके माबाप ने दी है
18:42तो उसके लिए आप जिम्मेदार कैसे हो गए
18:45आप जिम्मेदार कैसे हो गए
18:47इसलिए बहुत सारे लोग
18:49इतने high IQ वाले होते है
18:51और जिन्दगी उनकी बिल्कुल कचड़ा होती है
18:53बिल्कुल कचड़ा होती है
18:56आप बिल्कुल हो सकता है
18:58आपने J.E. क्रैक कर दिया हो
18:59कॉम साइंस रिपार्टमेंट आपको मिल गया हो
19:01I.T. में
19:01और अगर आपकी लाइफ ट्रेस की जाए
19:04तो दस साल बात पता चले कि आप तो वैसे ही हो
19:06जैसे दूसरे होते हैं
19:07मिडियोकर और बहुत सारे तो
19:10even
19:11बिलो एवरेज लाइफ जी रहे है
19:14बिल्कुल हो सकता है
19:16क्योंकि आपको एक
19:18material attribute मिल गई थी
19:20randomly क्या IQ
19:21एक
19:23random causes की वाजएसे जो आपने नहीं चुनी
19:34तो काम नहीं कर रही है तो आपकी जिन्दगी खराब है बिल्कुल
19:36comparison करने पर उतरोगे
19:42तो होई नहीं सकता
19:44कि inferiority में
19:46नहीं फसो और अगर
19:48comparison कर रहे हो और अभी
19:49inferiority नहीं दिख रही है तो इसका
19:52मतलब कि जो set है जो sample
19:54size है comparison का वो बहुत
19:56छोटा है
19:56बहुत छोटा है यहाँ पर कोई बैठा होगा
20:00जिसका कद सबसे उचा होगा
20:02कोई न कोई तो होगा
20:036 foot से उपर आले कितने हैं
20:064-5 ही है 6 foot से
20:096-2 से उपर कितने हैं
20:12कोई भी नहीं
20:13और NBA में शायद
20:16जो सबसे नाटा बंदा है
20:17वो 6-6 का होगा
20:19होगा
20:21अब इनका क्या होगा
20:23कितनी नहोंने ऐसे ठसक से हाँ उटाया था
20:25तो बहुत खुश हो रहे थे कि
20:31हम तो देखो क्या हाइट निकाली है
20:336-1, 6-1
20:34अगर खुश हो रहो तो इसका मतलब अभी
20:38उठ पहाड के नीचे आया नहीं है
20:40और ये
20:43इनफाइनाइट उनिवर्स कहते हैं न हम इसको
20:45तो यानि यहां पर
20:46कितना भी उठा उठो उससे उठा पहाड
20:49हो गई होगा
20:51तो यानि एगर कंपैरिजन कर रहे हो
20:53तो इनफिरियॉरिटी में तो मरोगे ही मरोगे
20:55तुम कितने भी उठे हो
20:57तुम से उचा कोई न कोई तुम्हारा बाप तो निकलेगा ही निकलेगा
21:00तो पहली बात तो इनफिरियॉरिटी में फस रहे हो
21:03दूसरी बात ऐसी चीज़ के लिए फस रहे हो
21:05जिसमें न तुम्हारा कोई श्रे है
21:09न तुम्हारा कोई अपराद है
21:126 एक वाले ने क्या करा कि उसकी 6 एक हो गई हाइट
21:15ऐसा तो कुछ करा नहीं
21:18लोग कुछ कुछ करते हैं लटकते लटकते हैं
21:22उससे 2-4 सिंटिमीटर का फर्क पढ़ जाता होगा
21:24माने 1 इंच
21:25अधिक से अधिक
21:28अधिक से उतना भी पढ़ता है कि नहीं मालूम नहीं
21:30पर जो बेचारा इतना सा रह गया उसने क्या कंप्रेसर में सर दाला था
21:35उसका क्या गुना है कि वो इतना सा रह गया
21:41वो क्यों परेशान हो उसने क्या करा है
21:43पर हम होते हैं
21:45क्योंकि हम उन चीज़ों कंपेर कर रहे हैं जो
21:48material हैं और randomly material है
21:52जहां तुम्हें न तो अपराध बताया जा सकता है न श्रे दिया जा सकता है
22:06उसको लेके खुश हो रहे हो
22:08handsome है, pretty है, sexy है तुमने क्या किया इसमें
22:15तुमने क्या किया है
22:16अच्छा हो सकता है, चलो ठीक है, body fit रखी है
22:19अच्छा उसकी आँखें बहुत सुन्दर हैं, आँखें भी fit रखते हो
22:22कौन-कौन आँखों से dumbbell उठाता है
22:23अब है तो है, जन्मजाद बात है, क्यों परेशान हो रहे हो तुम
22:31ज्यादातर चीज़ें जिनके साथ तुम अपनी self-worth, आत्म सम्मान, बिलकुल बांध देते हो
22:38वो ऐसी चीज़ें हैं जिसमें तुम्हारा कोई योगदान है ही नहीं
22:42तुम क्या कर लोगे
22:44मैं 95 में आया था, कैंपस में, IIT में
22:51बड़े-बड़े प्रांथ थे भारत में उस समय
22:54जहां से हमारे हॉस्टल में एक-एक, दो-दो ऐसे
22:58उडिसा से रहा होगा, कोई एकाद कोई रहा होगा, उतना भी नहीं पता नहीं
23:04बिहार से भी बहुत ज़्यादा लोग नहीं थे
23:07हॉस्टल में जो सबसे बड़ा दल था, कंटिंजेंट, वो किसका था मालूम है?
23:16दिल्ली वालों का
23:16दिल्ली, जिसको ठीक से स्टेट भी नहीं बोला जा सकता
23:23ठीक है, तब तो NCR भी नहीं चलता था, दिल्ली माने दिल्ली होता था
23:28दिल्ली जिसको पूरा राज जी भी नहीं बोला सकता है, इतने सारे यहां तो दिल्ली में वाले कैसे बैठे हुए है
23:35और बहुत खुश हो रहे हैं
23:37उनमें से बहुतो की रांग भी बहुत अच्छी है
23:40और
23:44मुझे लग रहा है। यूपी वाले दिल्ली से कम रहें होंगे
23:49सब दिल्ली की करोड तिण करोड की अभादी रही होगी
23:53यूपी की रही होगी पंदरा करोड की
23:55यह कैसे हो गया?
24:01कुछ नहीं हो गया
24:03इस और खाप के पर थोड़ी लगे हैं, तो मैंसी जगह पैदा हुए हो जहाँ पैसा थोड़ा ज्यादा है, चलो पैसा ज्यादा है, उल्टा गोल दिया, गरीबी थोड़ी कम है, वहाँ वो जो यूपी का है, उसके पास स्कूल की फीस देने के पैसे नहीं है, वो जाकि कोच
24:33से डेड़ लाख लोगों ने दिया था, डेड़ लाख लोगों ने दिया था, और करीब डेड़ हजार उसमें से सफल हो गए थे, वन परसेंट, वो डेड़ लाख लोगों की जगह बीस लाख लोगों ने दिया होता, तो तुम्हारा क्या होता, तो तुम्हारा जो सेलेक्�
25:03उसको दसवी के बाद पढ़ने ही नहीं दिया गया
25:07वो जेही क्लियर करेगी
25:09वो जो भी कर रही है बारावी में उसके पढ़ बोल दिया
25:14यह चले जाओ यह छोट उमल कॉलेज है
25:17उसमें तू जाकर होम साइंस पढ़ले
25:19होम साइंस मुझे कोई समस्या नहीं है
25:21पर ऐसा होता है हमारे यहां
25:25वो कर ले वो जही क्लियर करेगी
25:27तो अगर
25:29वो बैचारी कहीं छोटे कस्बे में
25:31मुश्किल से वो कहीं से बीए कर पा रही है
25:34मुझे बीए से भी कोई सबस्था नहीं है
25:35पर भारत में बीए का कुछ और अर्थ होता है
25:37इसलिए बोल रहा हूँ
25:38तो किस बात के लिए अपने आपको दोश दे
25:44वो अपनी स्थितियों के मारी हुई है
25:46और जो यहां दिल्ली वाला आ करके बैठ गया है
25:49चण करके कि मैं तो J1 हूँ
25:52तो क्यों इतना खुश हो रहा है
25:53तो दिल्ली की जगह पैदा हुआ होता
25:5636 गड़ में तो बात करते
25:57हम तो बात करते न
26:00जहां पर हफते में दो घंटे के लिए लाइट आती है
26:05वहां होता तो बात करते
26:07इस बात पर इतना खुश हो रहा है
26:10जहां पर बाप की गाड़ी है
26:11जो तुझे कोचिंग ले आती है
26:12वहां से तु वापस आता है
26:14और उसके बाद तुझे हर तरीके
26:17का मिटीरियल मिल रहा है पढ़ने को
26:19सुकसु इधा मिल रही है
26:20कहा जा रहा है बेटा तुझे कोई काम नहीं करना है
26:23सारे समय पढ़ने में लगा दे
26:25तुम्हारा ब्रेन और अच्छा होता रहा है
26:28उसके लिए उसको तरह तरह की रिसिपीज
26:30बादाम में अखरोट घोल करके
26:32पिलाया जा रहा है दूद के साथ
26:34तो यह नहीं जो ही टॉप करेगा तो कौन करेगा
26:37समझ में आरी यह बात
26:39यह कंपैरिजन
26:42इन आधारों पर कभी कराही मत करो
26:45जो कौन्टिफाइबल है
26:47कभी मत किया करो
26:49अगर तुलना करनी भी है न
26:53तो हमेशा
26:54खुद से खुद की करो
26:56पहले तो समझो
26:59कि जिन्दगी में कौन सी चीज है
27:01तुम्हारे लिए जो सचमुच जरूरी है
27:03और फिर यह मत देखो
27:05कि दूसरे
27:05उस चीज में कहां पर
27:08खड़े हुए है
27:09जिस राह तुम्हें जाना है
27:11पहले यह तै करो
27:12और यह पूछो
27:14कि इस राह पर मैं कल कहां था
27:16और आज कहां पर हूँ
27:17अपने आप से पूछो
27:19दूसरे कितनी तेज़ चल रहे है
27:33तुलना करनी चाहिए हमेशा
27:35तो सिर्फ खुद से
27:37आप जिम जाते हो
27:38पगड़ने पहलवान खड़ा हो गया है
27:40और आप कहा हो यार यह इतना उठा रहा है
27:43सीधे इसने 70 किलो ले लिया
27:44मुझसे 25 वाला भी नहीं उठता
27:46नहीं यह नहीं है
27:47पूछो कि पिछले महीने 25 उठा रहा था
27:50इस महीने 30 करा कि नहीं करा
27:52यह तरीका है तुलना करने का
27:54तुम नहीं जानते हो पहलवान 70 क्यों उठा पा रहा है
27:56हो सकता उसा खांदानी पेशा हो
27:58क्यों नहीं हो सकता
28:00तुमारे हाथ में कलम दी गई थी
28:02उसके हाथ में
28:03वो सतर तो उठाए गई न
28:05इसमें तुम्हें
28:08inferiority अनुभाव करने की क्या ज़रूरत आ गई
28:10तुम बस किसी भी process का end product देख पाते हो
28:18इसलिए अपने आपको inferior feel करते हो
28:21क्योंकि material तो process से ही होके गुजरता है
28:23कोई material होता है वो एक process का ही नतीजा होता है
28:26जब पूरा process देखोगे तो समझ में आएगा कि
28:30कुछ भी नहीं है प्रकृति है और प्रक्रियाएं है
28:33कोई लहर कभी उची उठ जाती है जादा कोई लहर कभी गिर जाती है
28:39जो लहर नीची गिर गई है
28:40उसी के atoms अगली लहर में अग्दम उचे उठ जाएंगे
28:43इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है
28:46मुझे ये देखना है कि क्या मैंने साफ साफ समझा
28:50कि मेरी इस जिंदगी को जीने लाया कौन सी चीज बनाती है
28:54मेरे डर कहा है
28:55मेरे भीतरी बंधन कहा है
28:57मुझे ये देखना है
28:58मुझे खुद को देखना है
28:59मुझे दूसरे से तुलना बात में करनी है
29:01मुझे खुद को देखना है
29:02मैंने अपने आपको देखा
29:04मैं यहां फसा हुआ हूँ
29:04मैं यहां फसा हूँ
29:05और अगर मुझे आजाद होना है तो ये मेरी राहा है
29:08मुझे देखना है इस राहा पे मैं कल की अपक्छा आज आगे बढ़ा कि नहीं बढ़ा
29:13बस यही मेरा काम है ऐसे करनी है तो लना
29:16नमश्कार मेरा नाम गरविशा है
29:25आज मैंने अचारे जी के बोधस्तल में आके अपना पहला गीता सत्र का सेशन अटेंड किया है
29:31अचारे जी से मैं 2019 में जूड़ी थी जब मैंने उनके साथ अपनी परसनल प्रॉब्लम के बारे में डिसकस किया था
29:40और उस टाइम पर उन्होंने मेरे साथ वीडियो कॉल किया था और मुझे गाइड किया था साई डिरेक्शन के तुवर्ड्स
29:49उसके बाद से मैं आचारे जी के वीडियो यूट्यूब पर देखती थी पर इतना जादा नहीं देखती थी बहुत दिस्ट्रक्शन होता था
29:57बट आज जब मैं यहां आई और मैंने उनका सेशन अटेंड किया मुझे कोई भी डिस्ट्रक्शन नहीं हुआ और मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं आप कोशिश करूंगी कि मैं उनकी हर गीका सेशन को अटेंड करूं और यूट्यूब के वीडियो भी देखूं और �
30:27झाल

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