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Mann Mast Malang Episode 32 - [Eng Sub] - Digitally Presented by Diamond Paints Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 4th May 2025 - HAR PAL GEO
Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints
Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds.
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan
Writer: Nooran Makhdoom
Cast:
Danish Taimoor as Kabir
Sahar Hashmi as Riya
Saba Hamid as Mah Bina
Uzma Hassan as Asma
Adnan Samad as Sikandar
Hiba Ali Khan as Wafa
Nayyer Ejaz as Chacha
Dodi Khan as Wajid
Ramiz Siddiqui as Rameez
Yasir Alam as Yasir
Kamran Jeelani as Mubeen
Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf
Maha Hasan as Minha
Faisal Bali as Bhola
Sharif Baloch as Inspector
Harmain Ghalib as Kabir (young)
Aayat Arif as Riya (young)
#DiamondPaints
#MannMastMalang
#DanishTaimoor
#SaharHashmi
Mann Mast Malang Episode 32 - [Eng Sub] - Digitally Presented by Diamond Paints Danish Taimoor - Sahar Hashmi - 4th May 2025 - HAR PAL GEO
Mann Mast Malang Digitally Presented by Diamond Paints
Mann Mast Malang is a love story that traces the journey of two families who, once close and united by their children's engagement, become sworn enemies due to a single incident. As the story unfolds, Kabeer and Riya, former fiancés turned enemies, start to grow closer and eventually fall in love. Their love story faces the challenge of uniting their feuding families, as they strive to make their love successful against all odds.
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Ali Faizan
Writer: Nooran Makhdoom
Cast:
Danish Taimoor as Kabir
Sahar Hashmi as Riya
Saba Hamid as Mah Bina
Uzma Hassan as Asma
Adnan Samad as Sikandar
Hiba Ali Khan as Wafa
Nayyer Ejaz as Chacha
Dodi Khan as Wajid
Ramiz Siddiqui as Rameez
Yasir Alam as Yasir
Kamran Jeelani as Mubeen
Sheherzade Noor Peerzada as Kashaf
Maha Hasan as Minha
Faisal Bali as Bhola
Sharif Baloch as Inspector
Harmain Ghalib as Kabir (young)
Aayat Arif as Riya (young)
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FunTranscript
00:00कर रहे हैं मैं क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे हैं
00:15ही आप कौन किसे मिलने आपको आप कौन होते मुझसे बूछने वाले
00:29मैं सिकंदर खान का बंडा हूँ और मैं यहां पैरा दे रहा हूँ
00:32मैं कशिफ हूँ रिया की दोस्त उसके साथ पढ़ती हूं से मिलने आई हूँ
00:37मुझे पेले मालूम करना पड़ेगा अरे भाई मैंने कहा ना मैं आती जाती रहती हूँ
00:42अब ना यहां कोई ऐसे आएगा ना कोई जाएगा
00:44उचे अंदर जाने दो वर्ना मैं तुम्हारी ऐसी शिकायत लगाँगी कि गाइब हो जाओगे यहां से
00:49ठीक है जाएगे कहा था ना मैंने इस कर का फर्दूम है बड़े आए मुझे रोपने वाले
00:54आओ कशकर आओ आओ वो बाहर बहरावार खड़े में मैंने कड़ा कियो वो सब छोड़ो तो मझे बता तुम क्या कपने आई हो हैं प्रया रिया कॉलेज नहीं आ रही थी तुम्हें पूछने आई थी अगर वो ठीक है अब ठीक है अब ठीक है
01:24तुम शायद उसे अपने टूटर के पास लेकर जाने आई हो है क्या नाम था उसका वो सरकमाल के एई नाम था ना कैसे हो मतलब डिखने में कैसे है अच्छी है नहीं बहुत अच्छी मेरा मतलब बहुत अच्छा पढ़ाते हैं उन्हीं की वच़़ से तुरिया पास हुई ह
01:54ऐसे ही होगा अच्छा पढ़ाते होंगा वैसे कबीर भी तो बहुत पढ़ा लिखा है ना वो भी अच्छा ही पढ़ाएगा
02:04तुम्हें क्या लगता है कि मैं कबीर को जो मेरा दुश्मन है यह को पढ़ाने की इजाज़त देता
02:20मैं बताओ ना कबीर को जो मेरे बाप का गातिल है मेरा दुश्मन है जिसे मैं नफरत करता हूँ जा मैं उसे रिया के नजदीक आने देता
02:36बताओ नहीं पिर तुम्हें कबीर को कमाल की खाल में किला जखा गया यहां पे
02:47मुझे दोका दिया तुमने रिया को कबीर से ट्यूशन बाद दे नहीं तुम्हें जानती थी इस लड़की के लच्छन ठीक नहीं जानती थी कि इस से दोस्ती रिया को बुराई की तरफ लेकर जाएगी
03:05मैंने रिया से कोई बुराई नहीं करवाई अच्छा तुमने रिया को बुराई का रास्ता नहीं दिखाया
03:18तुमने अमें धोका नहीं दिया?
03:27तुमने उसे कबीर से ल côté... तुम्हारी वज्य से उसका चक्र कभीर से चलाया
03:35कोई चकर नाहीं चलाया, मैंने छूप छुप Ke मैं उसे कही नहीं लजाती थी, इस सिर्फ ट्यूशन बढ़ने के लिए लजाती थी
03:41कबीर से बढ़ाने के लिए लेके गई थी
03:43हाँ, कबीर से
03:46आप दोनों नहीं पूछा था ना मुझ से कि मैं किस से ट्यूशन पढ़ के पास हुई हूई हूँ
03:56वो कबीर ही था
03:57आप लोग उने तो कोभी मानना ही नहीं था बस लिया की शादी कर देनी थी
04:11मुझे और कुई तरीका नहीं नजर आया
04:17इसलिए मैंने कबीर से दुश्मन से रिया को ट्यूशन दिलवा दी
04:22मैं भी तो चाहती थी के मेरी दोस पास हो
04:26तुमने जो भी किया जिस शांदार नहीं अच्छे किया तुमने आज और पानी को बिलाया है
04:34मेरे घर में मेरी जट के नीचे मेरे मूँ पर खड़ा होगे
04:49वह मेरी बहन से मौपत का इजार कर रहा था
04:52वह कह रहा है कि घरिया से शादी करेगा
05:01उन दोनों की शादी या तो मेरी लाश पैसे गुजर के होगी यह मैं उसको मार डालूँगा
05:06कल तो अब बहुत खुश्टे के रिया पास हुई है
05:12उसके ट्यूटर को डिनर पर बुलाना चाहते थे आप मुहले में मिठाईयां बड़ा रहे थे
05:22लेकिन आज जब आपको पता चले कि वो ट्यूटर कबीर है तो उसे जान से मारना चाहते है
05:26बस बहुत हो गई बगवास
05:30इनने जो किया है तो मेरा दिल चाहते है तुब इस कर से धक्या मार के निकालूँ
05:42आपा दोस्ते मेरी मुझ से मिलने आईये
05:46खबरदार जो आपने इसको हाथ भी लगाया थे
05:49आप दोनों का ये जोर ना सिफ मुझ पे चलता है
06:04मुझे तो आदत है
06:14बच्पन से वर्ताष्ट करने की मार खाने की बाते सुनने की
06:35इसे नहीं है
06:37कि इसके बहन भाईयों ने इसे बहुत तांसु से बाल है
06:52और ना ही मेरी बहन ने मुझे कभी मारा
06:56ना मेरे भाईयों ने मुझे कैद किया
06:59मैं किसी से मिल नहीं सकती
07:07बाहर नहीं जा सकती
07:13कॉलेज नहीं जा सकती
07:15सारी पाबंदियां तो लगा दिया आप लोगोंने मुझे
07:24लेके जो लोग मुझे प्यार करते हैं
07:38मुझे मिलने तो आएंगे
07:41और अगर आप ने उन्हें रोका तो मैं नहीं रोकूंगी आप
07:55मुझे में झाप लोगोंने चेके जुड़ी उन्हें
07:59प्रखे लेके जार सकती
08:17लेके जाप माइ जा पоздाएंगी रोगा 머� käytt fautया पहा हो दोखista
08:23प्रूने से कुछ नहीं बदलेगा, जो होना था वो हो गया है, आके क्या करना है?
08:44तो और क्या करूं कश्व, सिकंदर भाई मेरी शकल नहीं देखना चाते हैं, और अस्वा अभाई तो ऐसा लग रहा है जिसे इसी दिन का इंतिजार कर रही थी, जिब बंद करके रख दिया है उन्हें, तो तुम इस कैट से निकल जाओ, कैसे?
09:14क्या बात है? तुम यहां रिया के साथ बैठना चाहती हो यह यह चाहती हो कि मैं तुमें धक्के मार के घर से निकाल दू?
09:22मैं रिया के साथ बैठना चाहती हूँ. लाओ फिर, कौन दो अपना मझे, घर वापस जाते पक ले लेना.
09:29असमाबा फोन तो परिस्टनल चीज होती है, मैं क्यों दूंगी आपको अपना फोन? क्यूंकि मैं जानती हूँ कि तुम एक नंबर की जूटी हो. अपा!
09:39एक सेकंड. रिया से मिलना तो सिर्फ एक बहाना है. असल मैं तुम कबीर की खबरी हो ना?
09:47अपा आप जो भी समझती हैं ना समझें. मुझे पता है कि कबीर से पहले मैं रिया की दोस्त हूँ.
09:54पड़ी ठीट हो बै. नहीं मानोगी ना कि इस सब में तुम्हारी भी गलती है?
09:59नहीं. गलती है ही नहीं तो मानूं क्यूं?
10:06रिया कबीर की बच्पन की मंगेतर है.
10:12उनका मिलना लिखा था मिल गए. महबत लिखी थी तो हो गई.
10:16अगर शादी भी लिखी है ना तो वो भी हो जाएगी.
10:18मेरा कुछ करने से ना करने से फरक नहीं पड़ता.
10:21यही होना था ऐसे या वैसे.
10:24फिर मैं भी ऐसे या वैसे ये रिष्टा खप्म करूँ.
10:27यहा फोन तो छोड़ दे.
10:29कहां है ना कि जब घर वापस जाओगी तो ले ले ना.
10:32अभी जा रही हो तो अभी ले ले.
10:34किसे कब तब चलेगा अरिया तो मैं कभी से बात करनी होगी?
10:57किसे बात करूँ रहसे?
11:00मेरा फोन तक तो तोड़ दिया है उनोने.
11:03कैद करके रगए मुझर तुम्हारे सामने तुम्हारा फोन ले गए हो.
11:08कैसे राप्ता करूँ ऐसे?
11:13यह कबीर ने तुम्हारे लिए फोन भेचाए.
11:15तुम्हारे लिए बेफिकर है, उसे प्लीज बात कर लो चुपाके रखना आसमा पाना आचाए.
11:19अबे कबीर, रिया की कॉल आ रही है?
11:35हेलो, हेलो मेरी आवाज आ रही रिया?
11:39कबीर, कहा हो तुम्हारे है?
11:43मैं मैं यही हूँ, तुम्हारे है नहीं?
11:50उन लोगों ने मारा है तुम्हे?
11:53रिया में कुछ पूछ रहा हूना तुम्हे?
11:58मैं आ रहा हूँ तुम्हे लेने, तुम्ही से रोमात.
12:01नहीं कभीर, तुम यहां मत आना, Sikandr भाई ने बाहर पहरा लगाया, तुम्हे कोई नुकसान पहुचा दिए, मुझे उसकी कोई परवा नहीं है, मैं तुम्हें इस तरह आमा नहीं छोड़ सकता हूं
12:13नहीं, स乐 लोरियो है
12:15तुम यहाँ मादाला कर 삶 दुरकता है
12:19तो फिर क्या करूम तुमे इस थाल में मां छोड़ दू़
12:25मुझसे नहीं परदास्थ हो रहा किि वह लोग तुमें मार रहा हैं मैंने इतना रो रही attacking
12:28मैं नहीं चोड़ रख़दे कर तुमें मां पर
12:30मैं आ रहा हूँ दुम्हे लेने।
12:38हम तुम्हारे दुश्मन नहीं हैं जो दुश्मनों के साथ मिलकर हमसे बदले दे लिए।
12:47कपीर बदला नहीं लिए।
12:52वो चाहता है मुझे बस।
12:54मुहबबत का जहासा दे रहा है।
13:00असरवे तो तुम्हारे साथ खेल खेल रहा है।
13:09खेर, चाहते तो किसी भी लड़के से तुम्हारी शादी कर सकते थे।
13:14लेकिन फिर भी तुम्हें ये तीन आप्शन्स दे रहे।
13:16अच्छे घर आने के अच्छे लड़की तुम्हें तो हमें कहीं का छोड़ा नहीं।
13:32लेकिन फिर भी क्या करें।
13:35खुन की तासीर है न।
13:37मैं और सिकंदर हैं तो तुम्हारे वेहन भाएं।
13:40तुम्हारा भला ही चाहेंगे न।
13:44कपीर मंगेतर है मेरा।
13:46बच्पन का मंगेतर।
13:48मैं इसके लावर किसी से शादी नहीं करूंगी।
13:50यह तो ना मंगे है।
14:08तो ठीक है।
14:11मैं बैठी रहूंगी उसके नाम पे सारी जिन्दगी।
14:14तुम्हे क्यूं लग रहा है कि इतनी बेश्शरमी से तुम्हें सब के सामने अपनी महबत का इजहार किए।
14:19उसके बाद भी हम तुम्हें इस घर में रहने थी।
14:23इजहार महबत और अपने मंगेतर को बसंद करने में कैसी बेशरमी।
14:27यह हक है इस रिश्टे का।
14:29तो उसे भी कौन अपना हक अदा करे।
14:32लेकर आए अपने घर वालों और इज़त से तुम्हारा हाथ बागे।
14:37हमारे पाप के कद्र की माफन आपी।
14:48महबत करता है ना तुमसे।
14:50तो लेकर आए अपने खांदान वालों को अपने रिश्टेदारों को इन महलेदारों को और हमारी चौकट पर अपना सर रखे।
14:56और कहे कि मैं गुनकार हूँ, मुझरिम है तुम्हारे पाप का काद्र है।
15:21तब आप इस शादी के लिए तयार होंगी।
15:27हाँ, क्यों ने? लेकिन शर्त यही है।
15:33कैदो उससे।
15:35अगर यह कर सकता है तो ठीक है।
15:38वरना अगले हफते हम तुम्हारी शादी का रहे है।
15:56कभी।
16:02सुम्हारी अगर ने असमने क्या कहा है।
16:05तो क्या तुम यह शर्त पूरी करोगे।
16:13मैं गर पे बात करता हूँ।
16:14तो अपने ख्याव रख़त नहीं बात करता हूँ।
16:33तो आपने ख्याल नृग।
16:36वफाओं के बदले जबा कर रहे हैं
16:39जैं क्या कर रहा हूं और चा कर रहे हैं
16:43अँटी, सिरदर्द की गोली
16:51काश को ऐसी गोली होती जो मैं कबीर को दे देती
16:57और रिया की चाहत उसके दिल से निकल जाती
16:59ऐसी एक गोली है मेरे पास
17:00इसे अगर में खा लूँ
17:06तुरिया तो क्या
17:12इस दुनिया की चाहत निकल जाएगी मेरे दिल से
17:16तुम कैसी बाते कर रहे हो
17:18हां कै फिर क्या कर रहे हो तुम दुमाह खराब है तुम्हारा
17:20कैसी बाते कर रहे हो
17:22अब भी तो ऐसी बाते कर रही हैं
17:24मैं तु चाहती हो, मेरी उमर भि उम्र भी तुम्हे लग जै
17:26मैं क्या करूँंक गो ऐसी उमर का
17:27जिसमें मेरि चाहती नहूं
17:28अ
17:29आ कबास तै
17:31पहले ही मेरे सर में दर्ड है
17:32तुम क्या चाहते हो, अब मेरा दिल का दौरा भी पड़ जए
17:36मादिल की बात करती है
17:38मेरा दिल तोड़ने की बात करती है
17:42मैं तुम्हें दुश्मनों की साज़िश से बचाना चाहती हूं कबी
17:48साज़िश कौन कर रहा है में ये वक्त बताएगा
17:51तुम समझ नहीं रहे हो
17:53तुम्हें भी दोका खाने दू जैसे मुबीन ने दोका खाया
17:56अगर ये ने मुझे दोका दिया ना
18:03तो किसम काके कहता हूँ
18:06इन्ही आतों से मारूंगा उसे
18:18यानिए खून बहेगा या इदर बहे या उधर दूभारी महबत खून मांग रिए
18:24महबत में गर खून ना बहेगा
18:25तो मौपत का हगदा नहीं होता है
18:28इश्ग का तो रंगी लाल होता है
18:37तुम चाहते क्या हो?
18:40जानती हैं आपके मैं क्या चाहता हूँ
18:42वो मैं नहीं मान सकती है
18:44तो फिर पूछ क्यों रही है?
18:46मैं तुम्हें अजियत से तुम्हे रुस्वाई से पचाना चाहते हूँ
18:49अम्मी अगर रेया मिरी जिंदगी में आगे मुझे हर रुस्वाई हर अजियत को बोला है
19:00मैं जंदगी गुज़ार लूँगा उसके साथ
19:02मतलब वो तुम्हें कहेगी को है में चलांग लगा दो तो लगा दूगा दूगा दूसरी बार नहीं सोचूगा मैं
19:08दिवाने हो गया हो गया दिवाना ही हो गया तो फिर ये मुहपत नहीं है कि ये जिद है
19:21जो तुम्हें हर हाल में पूरी कर दी है या फिर इंतिकाम जिस हिसाब से तुम रिया से बच्चमन से नफरत करते हो उससे तू उससे तू ये इसाबित होता है कि इंतिकाम है शायद
19:44इंतिकाम सरी समझाया आपने
19:51वैसे इसमें आपको कुसूर नहीं है आपकी सोच यहीं तक जा सकती है बस
20:14इन बातों से मुझे फर्क नी बढ़ता है अब मैं रादा नहीं बदलूँगा किसी के लिए पे आपसे एक ही बार पुछूँगा आपका बेटा होने का मुझे बहुत महान है यह बार जहन में रखके जवाब दीजेगा
20:34किया आप सबको लेकर मेरे साथ रिया के खर रिष्टा लेकर चलेंगे
20:54वही
21:04हैं मैं सब के साथ दुश्वना के घर जा के तुमारे रिष्टे की भीक नहीं मांग सकती क्योंगे वो मेरी हार हो की और उनकी जीत
21:29है अपने मेरा मान तोड़ी है है कपीर आज यचीन होगया मुझे किया मुझसे मुझसे मूबद नहीं करती है
21:34इस घर में रहने का फाइदा ही नहीं अपको जा रहो आपको छोड़ के मेरी शेकल दिखने को तरसेंगी या कबीर कबीर रुको मेरी बात सुनो कबीर
21:48चाने दे उसे आप परिशान ना हूँ आ जाएगा कहा जाएगा वो कह रहा है कि अब मुझे सारी जिन्दगी अपनी शकल नहीं दिखाएगा ऐसे दमके दे रहा है कुछ से मैंना भी रिया को इस घर में इज़त से लाने के लिए आपकी और मुबीन की जरूरत पड़ेगी उ
22:18करना क्या चाहरी है आपी देखा तुमने कैसे अपनी मा के सामने कडा था वो तेखा और आपने जो कहाएगा वो भी सुना है मैंने एक दिन ना वो लेकर आ जाया गरिया को दुलल बना कर ये सब चुमने कर रही हो ना इतनी खिदमत है इसको कोई फाइदा नहीं होगा
22:48मेरे किसमत में एक अच्छे इंसान का साथ लिखा ही नहीं है क्या बती करीगे तुमने कुछ असा पी तो यही सीखा है के रिया के सामने मेना की कोई उकात ही नहीं है आस यूही हार मान दी
23:04बहादूरी दिखाओ थोड़ी
23:10डट कर खड़ी हो जाओ, जान जाती है तो जाए
23:14कबीर ना जाए
23:18क्या जाती है, क्या करूँ मैं
23:23मादे पर लिख लो अपने, ये बात
23:25ठीक है, रोती रो
23:40सच बता, सच में भाई
23:50तु मजाग तो नहीं कर रहा ना
23:52तेरी कसम, आज तक हमने जो कुछ किया उसकी कसम
23:56कबीर और रिया एक हो गए हैं भाई
23:59कबीर ने सिकंदर खान के मूँ पे कह दिया
24:02कि मैं तो शादी रिया से ही करूँगा
24:04ओ भाई उसके बाद तो दोनों खानदानों में वबहाल ही मच गया
24:08दुश्मनी उरूच पे पहूंच गई
24:10सिकंदर खान ने तो रिया को कैद कर लिया
24:13और कबीर खान के गरवाल उने
24:15बोला के हम मर जाएंगे
24:17कभी दुश्मन की बेटी को घर नहीं लाएंगे
24:19इतना कुछ हो कि और मैं जैसे
24:21सोते ही रहे गया
24:23तुम तो सो ही रहो भाई
24:26दरगा जागे असमा से नहीं मिलते
24:28अब मिलना पड़े गया असमा से
24:32अब मिलके क्या कर लोगे
24:35अब यद्वेंट्री दूँगा
24:37दो कोड़ी का बोलता मेरे बाप को
24:40तपड मारता मेरे बाप के लोगे
24:44तो दो कोड़ी का वाज़द कैसे बनेगा बताओंगा खानों को
24:48भूले इस दिन का मुझे सकती सिंद्धार था
24:52ये दोनों खांदान अपस में बेड़ें
24:55और इनकी दुश्मनी के मैं ऐसा फायदा उठाओं के
24:58अजगर खान और निमत खान की खानदानों का नाम और निशान मिट जाए
25:02करोगे क्या
25:04नदर रखोंगा
25:07तीर कमान में रखोंगा और जैसे निशाना लगेगा
25:13तीर चोड़ दूना
25:15एक तीर और दो शिकार
25:18चारो खाने चित
25:21बोले
25:24फिर बिले का में शुकूँ फिर यह आग ठंडी हो गई
25:30दर्द हो रहा है भाई
25:33नहीं
25:50नहीं कबीर हम ऐसा नहीं कर सकते
25:54तुमने तुमने कहा था कि तुम घरबालों को भीजोगे
26:05आप और आप और भाई से बात करोगे मैं फिर मेरा हाथ मांगोगे
26:09शादी की बात करोगे
26:10बात की थी माना
26:14फिर
26:15अम्मी नहीं मान रही है
26:19कबीर
26:31आसमा अपाने ना विडिले एक और रिष्टा देगा है
26:38और वो कल आ रहे हैं मुझे देखने के लिए
26:41वो इस बार मेरी शादी करवा देखी
26:54वो नहीं चाहती कि मैं इस घर में रुको
26:58कबीर प्लीज
27:08मैं किसी और से शादी नहीं कर सकती
27:15महबत करती है तुमसे
27:28तो क्या मैं तुमसे महबत नहीं करता हूँ
27:31तुमसिर्फ मेरी हो तुम्हारी शादी मुझ से हो तुम सुन रही हो ना
27:39तो मेरे रिष्टा लाओ ना हम प्लीज अच्छा तुम्हें क्या लगता है अगर मेरे घरवाले कर रिष्टा लेकर आ भी जाए तो तुम्हारे घरवाले इस रिष्टे को पुगूल कर लेंगे
27:56आसमा अपने शर्फ एक बार फिर से मेरे घरवालों की मुँपे इंकार करना चाहती है तुम समझ क्यों नहीं रही हो
28:04तुम्हें पाने के लिए इदुष्मनी बुलाने के लिए अगर मैं सबसे माफी भी मांगनों क्या लगता है तुम्हें सिकंदर माफ कर दे का मुझे
28:17वो मुझे कभी माफ्ती करेगा वो मुझे सबके सामने कुसुरवार साबित करना चाहता है बस
28:30लिए हम दोनों जाता है हमारे घरवाले हमें एक नहीं होने देंगे
28:40लिए कि मैं तुम्हारे साथ हूँ
28:47तुम जो कहोगी मैं सब करने को तैयार हूँ
28:51कभी
28:55अब फैसला तुमने करना है
28:59मेरे साथ है या फिर मेरे बगहर
29:09एक बात और
29:17अगर तुम्हारे घरवालों ने जबर्दस्ती तुम्हारी शादी किसी और से कराने की कोशिश की ना
29:22इस दुनिया को हाख लगा तुमा
29:25तुम सिर्फ मेरी हो सुनर यू ना सिर्फ मेरी हो तुम
29:36मेरी मंगेतर थी मेरी ही पीवी बनोगे और ना किसी की नहीं
29:48मेरे जर्वा के मार डाला कि सामने आके मार डाला
29:55ताकी ना पिलाए तुने आजिर दर्वा के मार डाला
30:01अच्छे ना मिला तो फकत लदा से तर्वा तर्वा के मार डाला
30:08ववादार हमसे जमाने में कम है ववादार हमसे जमाने में कम है
30:15ववादार हमसे जमाने में कम है ववादार हमने की है वववा कर रहे है
30:18पुई उनसे कह दे बुरा कर रहे है
30:21गोई जबहें के मदले जबा कर रहे है
30:25यह क्या कर रहा हूँ और क्या कर रहे है
30:28है मेझे तो रिया बहुत असन्दि
30:44मेरी तरफ से तो हां समझे
30:48तिया बेटा, आपको तो कोई इतरास नहीं, आप खुश तो हैं ना?
31:12क्यों नहीं होगी? आप हमारी तरफ से भी हाँ समझें.
31:18क्यों से कंदर? जी, बस मेरी एक शर्त है. मैं जल से जल अपने फर्स से आजाद होना चाहता हूँ.
31:37इसलिए शादी हमें जल्दी करनी पड़ेगी.
31:40अगर आपको इस शर्त से कोई भी मसला है तो फिर हम यह रिष्टा नहीं कर पाएंगे.
31:52अरे भाई साब, हमने कहां इंकार किया है?
31:57बहला इतनी प्यारी और खुबसूरत बची के लिए कौन इंकार कर सकता है?
32:04बस अब शादी के बाद तो आप ही के घर जाना है इसने, तो फिर आजकल से क्या फरक पड़ता है?
32:20जलें पर ठीक है, इतवार का दिन रखते हैं, इतवार वाले दिन हम बारात लेकर आ जाएंगे, फिर मैं अपनी बहु को अपने साथ ही लेकर जाओंगी.
32:30मैंने सोचा भी नहीं था, कि मैं अपने बेटे के लिए लड़की देखने जाओंगी, और वो मुझे इतनी पसंद आ जाएगी, कि मैं शादी की तारीख ही लेकर आ जाओंगी.
32:48आप मुँ मिठा कीजिए, अरे फिर करूंगी मुँ मिठा, लेकिन बहन में कुछ लेकर नहीं आई, अंगूठी मेरे पास नहीं है, ये मेरी अंगूठी है, अगर आप कहें तो मा आजी अंगूठी, नियांखो बहना दे, इस तरह मंगनी की छोटी सी रसम अदा हो जाएग
33:18जी जी जरूर, बिसमिल्ला की जी, मास बिटा, अंगूठी पहना हो, अरे रुख जाओ भई, इतनी चंदी किस बात की है तुम्हें, क्या कर रहे हैं आपे, कौन हो तुम, कबीर खानाम है मेरा,
33:48बेडी चान, क्या की जीरिव भॉव अप
33:59तरीक है अब इस तॉल क्यों दिखा रहे हो तो यह बाई नहीं दिखाते हो और क्या दिखाऊं तो में अदर कैसे आयो करेम
34:15कोई भी पहरा मेरे कदम नहीं रोक सकता है यह प्लिटन टैंचन नहीं लो
34:29यह हमारी एक बहुत ही कीमती चीज मोचूर है
34:46किसे खुणे में नहीं छोड़ सकता ना
34:54देख बाल के लिए आना जाना पड़ता है क्या समझे
34:59क्या कर दो किसे बना रहे थे अपने ओने वाली मंगेतर को पागल हो बहुत
35:10कि गलत बात है यह जिसे ही अंगुटी बना के तुम अपनी मंगेतर बना रहे थे
35:18तो पहले से मरी बनेता है
35:29बताया नहीं किसी ने तुम्हें
35:35अच्छा तो यह वो मसला था जिसके लिए आप शादी के लिए जलबाजी कर रहे थे
35:51हाँ जे बताया आपको बताया नहीं ने शादी तो सिर्फ एक होगी दिया की कमिर से
36:08नहीं नहीं आप प्लीज मेरी बात सुने यह यह मंगी हमने बच्पन में तोड़ दीती है
36:13अमारे अस लड़क से कोई तालुक नहीं है रहने दे बहने रहने दे
36:16मुझे मेरे बेटे की जान बहुत अजीज है खुदाहाफिस चलो बटे अरे एक में रिया आपकी अंगूठी रागी
36:22शुक्रिया यहां से सिद्धा अलाहाफिस यह अब बता है पदा है हमें
36:28चलो
36:36मैंट जाओना की अच्छी लग रही हुँ
36:46अगर अगर अब किसी में मेरी मंगेतर की दूसरी मंगनी यह शादी कराने की कोशिश की
37:04तो मैंसी तेरा आओंगा सबके सामने
37:11राके से अपना बनालोगा
37:20का अपना की वा ला लोगा
37:34के बदले दवा कर रहे हैं
37:40मैं क्या कर रहा हूं वा क्या कर रहे हैं
37:44झाल