भारत के टारगेट नंबर 1 हाफिज सईद के लाहौर वाले घर पहुंची आजतक की टीम, देखें 'वारदात'
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00:00नमस्कार मैं हूँ शम्स काहरखान और आप देख रहे हैं वारदाद पहलगाम हमले के पीछे टियारिफ का नाम आ रहा है लेकिन टियारिफ का असली बॉस कोई और नहीं बलकि लशकर का चीफ हाफिस सईद है
00:19यानि इस वक्त पाकिस्तान में चुपे बैठे दुश्मनों की लिस्ट में सब से उपर जिसका नाम है वो है हाफिससईद यानि भारत का तार्गिट नमबर वन
00:29और ये बात हाफिस सईद और पाकिस्तान दोनों को पता है
00:32इसलिए अब अचानक हाफिस सईद की सुरक्षा बढ़ा दी गई है
00:36लेकिन आज तक हाफिस सईद के घर तक जब पहुंचा
00:40पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस वक्त जो टॉप टारगेट भारत की रडार पर है
00:52उनमें नमबर वन पर है ये शक्स जिसे हाफिस सईद कहते है
00:59जी हाँ, वो हाफिस सईद जो भारत का दुश्मन नमबर वन और सैक्रों बेगुनाहों की मौत का गुनेहकार है
01:11लेकिन भारत के तीखे तेवर और आतंकीयों को धर्ती के आखरी छोड तक भूण निकालने की कसम ने
01:19आतंक के इस आका की हवा खराब कर दी है और वो सेफ हाउस में छुपता दिर रहा है
01:25इसी लुकाचिपी के खेल के बीच आज तक हाफिस सईद के उस ठिकाने तक पहुँचने में काम्याब कुआ
01:31जहाँ इन दिनों उसकी रिहाईश है
01:33ध्यान से देखिए पाकिस्तान के पंजाब सुबे के लाहोर शहर में मौजूद यही वो मकान है जिसमें हाफिस सईद रहता है
01:44एक ऐसा शक्स जो दुनिया के टॉप मोस्ट टेररिस्ट में शुमार है और जिसके सिर पर खुद अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर के इनाम का एलान कर रखा है
01:57उसका इतने खने रिहाशी इलाके में एक आम शहरी की तरह रहना ये दिखाता है कि वो किस तरह आम लोगों को ढाल बना कर अपनी जान की हिफाज़त करना चाहता है
02:09मगर उसके करम ही ऐसे हैं कि उसका डरना और हराहट पर मौत से बचने की कोशिश करना लाज़मी है
02:18और इसी लिए हाफिस साइद ने अपने इस मकान के इर्थ गिर्थ कुछ इतनी कड़ी सुरक्षा लगा रखी है कि यहां तक पहुँचना आम लोगों के लिए तकरिबन नामुम्किन सी बात है
02:29लेकिन इसके बावजूद आज तक न सिर्फ इस खुफिया ठिकाने तक पहुँचने में काम्याब रहा
02:36बलकि उसका चप्पा चप्पा च्छानने के साथ साथ हमारे अंडरकवर रिपोर्टर ने उसके सिक्यूरिटी गाड़ से बातशीट कर उसके घर के आसपास के माहुल को भी भापने समझने की कोशिश की
02:48आज हम आपको खुफिया कैमरे के साथ साथ सैटलाइट कैमरे से ली गई हाफिस सईद के इसी ठिकाने की एक-एक तस्वीर दिखाएंगे
02:57साथ ही दिखाएंगे कि यहाँ इस मकान के आसपास आखिर वो कौन सी जगहे हैं जहां हाफिस सईद का आना जाना और उठना बैठना लगा रहता है
03:07लेकिन इससे पहले एक छलक हाफिस सईद के इन सुरक्षा कर्मियों की देख लीजिए जिन पर टेन मिलियन डॉलर के इनामी आतंकी के जान की हिर्फाज़त की जिम्मेदारी है
03:20हाफिस सईद के ठिकाने की तलाश में हम लाहोर के इस महले तक तो पहुँच चुके थे
03:24लेकिन अभी हमें इस बात की तस्दीक करनी थी कि आखिर ये मकान वाकई हाफिस सईद का है या नहीं
03:31तो हमने बिलकुल किसी कौतुहल भरे शहरी की तरह वहाँ पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से बातों ही बातों में पूछ लिया
03:38कि क्या वो लोग हाफिस सईद की सुरक्षा में तैनात है जवाब हमें इशारों में मीना
03:44सुरक्षा कर्मी ने हां में सिर हिला कर हमारे सवाल की तस्दीक कर
04:08एक बार फिर देखिए जब हमने हाफी साइद की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों सी, उनके आगा के बारे में पूछा तो हमें इशारों में क्या जवाब भी रही है।
04:38लेकिन आईए पहले देख लीजे कि आखिर इस मकान में वो ठीक कौन सा इलाका है जहां हाफी साइद का सबसे ज्यादा वक्त गुजरता है।
05:08प्रक्षा के रहने का इंतजाम किया गया है।
05:10और ऐसा सुरक्षा के लिहाद से किया गया है।
05:12इसी मकान के पास ये एक मदर्सा और एक मस्जिद भी है जिसमें हाफी साइद तालीम के बहाने लोगों का ब्रेन वाश करता है।
05:20मदर्से के करीब ही एक बंकर भी है जिसमें आपात स्थिती में छुपने का इंतजाम है।
05:26जबकि इसके पास एक प्राइवेट पार्क है जिसका इस्तिमाल ये नफरती खूमने टहलने के लिए करता है।
05:33असल में सुरक्षा के लिहाद से वो खुल कर जहां तहां नहीं जा सकता।
05:38इसलिए उसमें अपनी रिहायश के इर्दगिर्धी एक अलग सी दुनिया आवाद कर रखी।
05:45अब आईए आपको इसी सैटेलाइट ग्राफिक्स के बाद एक बार फिर सचमुच ग्राउन पर लेकर चलते हैं।
05:52अब थोड़ी और रियलिस्टिक तस्वीरें देखी।
06:08और इसका पता हाफिस साइद को चल गया तो वो बहुत नाराज हो जाएंगा।
06:14जाहिर है सिर्फ सैटेलाइट तस्वीर ही नहीं।
06:29ग्राउन पर खुफिया तस्वीरों के जरिये भी अब ये बात साफ हो गई कि यहीं वो मकान है जिसमें हाफिस साइद ने अपना ठिकाना बना रखा है।
06:39और ऐसे में इस बात की संभावना भी बहुत ज्यादा है कि अपने आतंकी संगठन लशकरे तैबा के मुखोटा संगठन तर रजिस्टन्स फोर्स यानी टियारेफ के जरिये पहल गाम के आतंकी हमले की साजिश भी इसी आतंकी ने इस ठिकाने पर बैट कर रची होगी।
06:56अब जब हाफिज और उसके जैसे बेशुमार आतंकी भारतिय फौज के निशाने पर हैं तो इन में से कब कौन सा ठिकाना मिट्टी में मिल जाए ये फिलहाल कोई नहीं जाए।
07:09अंकित कुमार के साथ अर्विन दोजा आज तर।
07:14हाफिज साइद के पाकिस्तान के बाहर ही नहीं बलकि पाकिस्तान के अंदर भी कई दुश्मन हैं।
07:232021 में एक हमले में हाफिज साइद बाल बाल बज गया था।
07:27तब उसके घर के बाहर एक कार बंप से हमला किया गया था।
07:31इस हमले के बाद से ही हाफिस साइद ने सारवजनिक तौर पर सामने आना कम कर दिया।
07:36ये हमला कैसे हुआ था? आईए दिखाता हूँ।
07:50तुबाई में एक मीटिंग होती है। मीटिंग का मकसद था हाफिस साइद को ठिकाने लगाना।
07:55वो भी उसी के घर में यानि लहौर के जोहर टाउन पर काम मुश्किल था।
08:00जोहर टाउन में जिस जगा हाफिस साइद का घर है वहाँ तक किसी बाहरी शक्स का पहुचना लगभख नामुम्किन था।
08:07अब यहीं से इस मुश्किल को आसान करने की प्लैनिंग की शुरुआत होती है।
08:11सबसे पहले दुबई की जेलों में बन ऐसे पाकिस्तानियों की खोच शुरू होती है।
08:17जिनका पाकिस्तान में कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है।
08:22तलाश खत्म होती है। नवेद नाम के इस पाकिस्तानी शक्स का।
08:27नवेद अब लाहौर पहुच चुका था।
08:29उससे कहा जाता है कि वो बिजनेस के लिए सबसे पहले लाहौर में एक घर और दफतर किराये पर ले।
08:34पर शर्ट ये थी कि ये घर और दफतर जोहर टाउन में ही होनी चाहिए।
08:38नवेद इस आपरेशन से अब तक अंजान था।
08:41बड़ी मुशक्कत के बाद आखिरकार जोहर टाउन में होसे कराये का एक घर में जाता है।
08:59उससे कहा जाता है कि वो कंस्ट्रक्शन का बिजनेस शुरू करें।
09:02वो बिजनेस शुरू कर देता है।
09:04नवेद को साफ हिदायत दी गई थी
09:06कि इस बिजनेस और हिसाब किताब को देखने के लिए बीच में कुछ लोग उसके घर और दफतर आएंगे, कुछ दिन ठहरेंगे भी
09:13नवेद ने इस पर कोई अतरास नहीं जताया
09:15घर लेने के बाद नवेद ने बाकाइदा जोहर टाउन के लोकेशन का विडियो भी भेजा
09:20जिसमें तफसील से हाफिस सईएद के घर तक पहुँचने और निकलने के रास्तों का जिक्र था
09:24नवेद का बिजनेस शुरू हो चुका था
09:37एक बार तो उसे हाफिस सईएद के घर का ही काम मिल गया
09:40मगर वो अब भी आउपरेशन से पूरी तरह अंजान था
09:43इसी दोरान उसी इलाके की एक छे मनजिला अमारत के रिनोवेशन का काम भी उसे मिल गया
09:48ये अमारत पूरी तरह से खाली थी और तयार होने में वक्त था
09:52प्लैनिंग के दूसरे हिस्से को अंजाम देने के लिए ये एक बहतरीन जगा थी
09:56शर्त के मताबिक कुछ लोग हिसाब किताब के नाम पर अक्सर नवेद के पास आते
10:01पर नवेद को उनकी असलियत नहीं मालूँ थी
10:04इसी दोरान एक रोज नवेद को एक टोईटा कार खरीदने को कहा गया
10:08नवेद ने कार खरीद ली
10:09अब वोसी कार से जहोटाउन के चक्कर काटा करता
10:12जहोटाउन के अंदर ये हाफिस सईद का घर भी है
10:15उसका मदर्सा भी गफ्तर भी और वो तोहीद मस्जिद भी जहां वो नमास पढ़ने जाता है
10:20जहोटाउन के अंदर और भी बहुत सारे लोगों के घर है
10:23लेकिन हाफिस सईद की वज़ा से यहां सुरक्षा हमेशा कड़ी रहती है
10:27कॉलनी में आने जाने के कुल चार रास्ते हैं लेकिन तीन रास्ते ज्यादर तर बंद होते हैं
10:32कॉलनी के लोगों के ये एक ही रास्ता खुला होता है
10:35हर रास्ते पर बैरिकेड और पुलिस का पहरा होता है
10:38नवेद के घर आने वाले आपरेशन में शामिल लोगों ने पूरे इलाके का मुआइना कर बाकाइदा इसका लक्षा की जाए
10:45साजी यह सर्विस रोड है सारा ठीक है इसके सेड में सारा में रोड है ठीक है यह सारी जो लेफशन में गली है यह फैसल बेंक इदर फैसल बेंक यहाँ है
11:14यहां से आएंगे यह चेक पोस्ट प्लिस वालों के यह प्लिस की गाड़ी खड़ी होते हैं यहां पर दो गानमैन खड़े होते हैं यहां पर तीन खड़े होते हैं एक यहां पर खड़ा होता है फिर आगा अंदर यह चाचा का घार है बाइस आपका उसका एक डूर एक ड�
11:44अब दूसरी कार भी आ चुकी थी अब बाकी की तैयारी की बारी थी एक रोज नवेट से कहा गया कि जिस रंग की टोटा कार उसके पास है ठीक वैसी एक और कार वो खरीद ले अब दूसरी कार भी आ चुकी थी
12:14दोनों के रंग एक, दोनों का इंटीरियर एक, सीट कवर से लेकर कार में टंगी गुरिया तक एक, यहां तक कि जिस जगार एक कार में डेंट, ठीक उसी जगार दूसरी कार में भी डेंट
12:24यह सब इसलिए था ताकि यह कार जब जोहर टाउन में निकले तो कोई फर्त ही न कर पाए
12:29कि दोनों कार एक दूसरे से अलग हैं
12:32अब यह दोनों कार उसी छे मंजिला अमारत में पार गए
12:34एक कार रोजाना नवेद इस्तमाल करता
12:37उसी कार से वो जोहर टाउन के चक्कर गार था
12:39सुरक्षा गार और पुलिस नवेद और उसकी कार को पहचान चुके थे
12:43इसलिए अब वो आसानी से आजा सकता था
12:45बिना सुरक्षा कार्ट के रोके टोके
12:47और यही प्लैन का हिस्सा था
12:50खाली इमारत में खड़ी दूसरी कार को अब कार बंबनाने की तैयारी की जाती है
12:55इस कार में करीब 300 किलो बारूद भरी जाती है
12:58प्लैन यह था कि इस कार को सीधे हाफिस सईद के घर के दरवाजे से टक्रा दिया जाए
13:03जाहरे यह एक सुिसाइड मिशन था
13:06यानि कार चलाने वाले को मरना ही मरना था
13:08प्रैसा आत्मगाती हमला वर कहा मिलेगा
13:11तो तैयारी इसके भी हो चुकी थी
13:13आपरेशन में शामिल एक टीम ने अफ़गानिस्तान के एक कैम से संपरक सा था
13:19यह वो कैम था जो सुिसाइड बॉमबर तयार करता है
13:22जहाद के नाम पर इसी जहाद के नाम पर ऐसे सुसाइड बॉमबर को कोई भी खरीद कर अपने साथ ले जा सकता है
13:29ऐसे ही एक सुसाइड बॉमबर को खरीदा गया और वो यह था
13:33इसे फिर लाहौर पहुँचा दिया गया
13:35जोहर टाउन के नवेद के उसी घर में
13:38पर अब भी नवेद को कुछ नहीं पता था और नहीं उस सुसाइड पॉम पर कुछ आज तक प्यूरू
13:44पाकिस्तान में हाफिस साइड कड़े सुरक्षा घेरे में रहता है उसकी सुरक्षा के लिए उसके अपने लाओ लशकर है इसके अलावा पाकिस्तानी खुफिया आईजनसी आईएसाई और पाकिस्तानी पुलिस भी हाफिस साइड की पहरेदारी करती है इस ऑपरेशन में आ�
14:14कि जब हमला हो तो कार देखकर सुरक्षागार और पुलिस थोगा खा जाए।
14:19प्लैन के तहट जिस दिन हमला होना था उस दिन नवेद की जगा वारूत से भरी उस कार में यही सुसाइड बॉंबर होता जिसे अफगानिस्तान से लाया गया था
14:28चुकि महीनों से नवेद इस कार को जोह टाउन में दोड़ा रहा था लहाजा हर कोई इसकी कार को अब पहचानने लगा था
14:35ऐसे में बड़ी आसानी से इस कार को हाफिस सईद के घर के दर्वाजे से तकराया जा सकता था
14:40इसके बाद 23 जून 2021 की तारीख और सुबह 11 बजे का वक्त धमाके के लिए चुना गया
14:47यह वक्त इसलिए चुना गया क्योंकि उस वक्त सड़क पर अमूमन सन्नाटा होता है
14:51और ठीक ऐसा ही हुआ इसी में से एक कार जाकर गेट से टकरा गया
14:56इस धमाके में चार लोगों की मौत हो गए जबकि 24 खायल हुए
15:00हाफिस साइद के घर के शीशे तक तूट गये
15:03मगर साइद पच गया
15:04यह धमाके के फौरण बात की तस्वीरे है
15:07आज तक प्योट
15:11तो वारदात में फिलाल इतना ही
15:14मगर देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए
15:16आप देख पे रही आज तक