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हाल ही में हमारे interview में हमारी बात bhabhi ji ghar par hai के 'I like it' signature dialouge और अपनी acting से सबके चेहरे पर मुस्कान लाने वाले Anokhelal Saxena aka Saanand Verma से हुई. जहां उन्होंने हमें अपने life experiences के बारे में बताया की उनकी life कितनी difficuties से गुजरी है और उन्होंने कितना struggle किया है. Saanand ने हमसे अपने most critical phase के बारे में भी कुछ बातें share की. उन्होंने हमें बताया की एक वक्त पर वह Depression में थे और उसकी वजह थी उनको उनके मन का काम ना मिलना. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की 'I'm very bad at financial management' तो मैं ज्यादा savings नहीं कर पता हूं और मुझे यह चीज सीखनी हैं. बातों के दौरान Saanand ने हमसे upcoming projects के बारे में भी बात की. आपको Saanand Verma का Anokhelal Saxena character कितना पसंद है जरूर share करें?

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Transcript
00:00पारली इतनी सैलरी करें के चाराज में अक्षी चारीच प़्यास लाग साल या इतनी सैलरी अक्सर बहुत से लोगों की जिस बेंकराउंड से आप आ पाये उतनी सैलर्य में बहुत से संपना होता है।
00:26तो तीन बात हैं, पहली बात तो यह है कि मुझे हमेशा लगता है कि कोई अद्रिश्य शक्ती है, वही करती है से, कोई उसको भगवान बोलता है, कोई कुछ बोलता है, मैं अद्रिश्य शक्ती बोलता हूं, वह है मेरे साथ, मुझे लगता है कि कोई अद्रिश्य शक्ती है, �
00:56बहुत सारे रीजन्स थे, मेरी परसनल लाइफ बहुत इक्योर्टिक थी और डिप्रेशन था मुझे बहुत, मुझे लगता था कि मैं एक कलाकार हूं, यह काम करने नहीं आया था मुझे पता नहीं कि अंदर से बहुत जादा यह बात कचोट की थी मेरे मन को, कि मैं एक बहु
01:26पर उसमें मैं कुछ कर नहीं सकता था, मैं परफॉर्मर हूं ना तो उसरों की परफॉर्मेंस को प्रमोट कर रहे था तो आप चाहते थे उस जगे पे मैं होना था तो मिनको बहुत ज़्यादा मुझे आमिर भाय डिप्रेशन होने लगा था मैं जिन्दा लाश की तरह लग
01:56तो ऐसी स्थिति में आपको और मैं क्योंकि बहुत ही माइं ब्लॉइंग परफॉर्मर रहा था तो इसलिए लोगों ने एक साल तक जहला मुझे लेकिन फाइनली वो वक्त आ गया जब मेरे बॉस ने का भाय पुट इन यह पेर्पर्स अच्छा जब उसने बोला पुट इन
02:26अच्छा तो मैं तीन महीने का लोटी स्पिरेट सर्व किया और उन्ही तीन महीनों में मैंने प्रहल कि शुरुवात कि और वही हुआ कि अस्थिति यह थी कि मेरे पास बहुत बड़ा भंगला था और मुझे उस बंगले को किसी भी तरह से
02:56जाने नहीं देना था क्योंकि मुंबई में छोटा एक वन रूम किचन भी हो जाता है तो लोग इतना ज्यादा शोफ करने लगते हैं मेरा तो इतना बड़ा बंगला जो के आज भी है जिसको मैं चाहूं तो उसको अप्रूवल लेके मुंसिपलिटी से दस जार स्क्वार फी�
03:26यह को आपई एक एमाई बनने के पैसे थेए नहीं तो गाड़ी को मैंने बेचा और उससे जो पैसे में रू नुञा है तो इसको पीज़न हमने शेंट को मैंने फीक्स दिपॉजिटी किया उस फीक्स दिपॉजिट से इतनी पैसे आते थे कि मेरे ऊपर जो लोग निरभ़
03:56या कोई आउटिंग पर चले जाएं वह सब नहीं कर सकते यह अलग बात है कि पिछले लगबग आठ सालों तक जब तक मैं उस मुल्टिनेशनल कंपनी में था तो उन आठ सालों में मैंने बहुत इंजॉय करवाया था अपनी फैमिली को क्योंकि मैं ऐसा बनता हूं कि पैसे से
04:26अपना जादा कमाते हैं वह लोग मुश्किल से क्रेटा खरीद पाते हैं आप समझ रहे हैं तो मैं वैसा बनता हूं कि financial management बहुत घडिया है मेरा समझे आप I hate myself when it comes to financial management यह थोड़ा साइड होता है कुछ लोग इसमें बहुत तेज होते हैं बहुत चीज लेकिन मैं कोई आप
04:56आपने fix deposit में डाला यह तो बढ़िया financial planning वाला आदमी कर सकता है वह बढ़िया financial planning नहीं थी क्योंकि जब मैंने घर बेचा तो मैंने जितने में बेचा था छे महिने बाद उसी बंदे ने उसी घर को बेचा double में अब आप सोचो कितनी घटिया planning को में छे महिने में उस बंदे
05:26आपको लगा कि पैसा आ जाए अर्निंग कुछ शुरू हो जाए ताकि घर का रोटी दाल रोटी मिलने शुरू है तो वो था उसके बाद फिर struggle करने के लिए हम निकले तो पहले तो ट्रेन पकड़ने गया तो ट्रेन में घुसी नहीं पाया तीन घंटे करणा राम मेरा और स
05:56लगा दिये मुझे पहुंचाने में दे रही है दाई गंटे उसके बाद infinity mall के सामने एक चाय की टपरी थी वहीं पर सारे strugglers बैठे रहते थे तो मैं भी मा बैठ गया तो स्टोंड वरूपन एक गंटे तक उसके बाद चहरे पानी मारा एक कटिंग चाय परी और वो जो struggling actress थ
06:26थे तूफीट और मैं किसी से बात करता नहीं कि मेरि एक जीब सियादत है कि मैं बात नहीं करता हो लोगों से बहुत अपने मेरे आन येंवाल अबन्ता हूँ खूँर्भया है तो वह दे बन्दा बोल रहा दूसरे से क्यों मैंनेजर का चल रहा है 29 था थूफीट
06:41मैंनेजर का चल रहा है 29 में, तू फिट है उसमें, वो लोग आपस बात करें, वो बंदा मेरे एज ग्रूप का ही लग रहा है अब वो उठके जैसे ही निकला, तो मैंने का मैं उसके पीछे उसको फॉलो करना शुदू किया कहा जा रहा है, पता चला 29 एक कोई दुकान है जहा
07:11वो जो बंदा तो इसो का मि हम हिख अगे गया तो शाव अंहीं आसी के चुदा खाओ, और मुझे जैसर मुझे एक ईसे लिए जए कर दे रहा आटेव है और मुझे था शुदू का जन्य के ना मैं घ़न। युने जया तो दो दोला फूल फे किक जैसे और बंदा था भुल
07:41जो कहां कहां auditions होते हैं, क्या होता है
07:45और छे महीने में भाई, मैं एड़र्टाइजिंग के स्टार्र बन गया
07:51चार साल में मैंने साड़े तीन सॉयद फिल्में की
07:56छे महीने मैंने अपना अपनी गाड़ी खरील
07:59क्योंकि मैंने नहीं किया थी
08:02के मैं बईया अब आ ये कभी बस में ख़डा नी रहूं
08:05को मैं आते सा मैं इंज्री होग Hoff I have two
08:08दो बस नहीं हुझा और ट्रेन में नहीं जाओ अबोई तो क्या वह रहा गया टो पैदल कही
08:11तो पैदल घेल कही रास्ता आथा था
08:13तो रोज मेरा रोट से एंदेरी मैं डेल ही पैदल आता था और जाता भी था वापस यहने आपसे लगबग 50 किलोमेटर लगबग मैं रोज पैदल चलता था एक्टिंग, एक्टर बनने के चक्कर में एडलाइन है यह आप तो पत्रकार रहें तो यह एडलाइन है कि 50 किलोमे�
08:43स्ट्रकार रहें था अपना जब मैं पैदल चल रहा होता था था तो तो यह पीपल कोई आटोरिक्षावाल नहीं कोई साइकल पर जा रहा है कोई पेड़ेस्ट्रियन है कोई वेजटेबिल वेंडर है है ना कोई सब्सक्राइब हजारों तरह के लोग आपको दिखते हैं मै
09:13करेक्टर्स को अब्जर्व करता था उनकी वॉक को देखता था वो किस दंग से रियक्ट कर रहे हैं कैसे बात कर रहे हैं और मुस्कुराता हुआ ही जाता था
09:23विखे भी जाता है। लोग कहते हैं कि मैं रस्ते से बाहर पर जाता था।
09:31तो कुछ लोगों को लगने लगा था पागल टाइप करा आद में।
09:34कि मैं मुस्कुराता है। किसी को देख नी रहों पर हसरा हूं और जा रहा हूं।
09:39अब उसको क्या पता है कि उस अपना जो आटो रिक्षा वाला है उसने जो पीछे उसके सवारी बैठी थी उससे जैसे बात की उसकी वैसे मैं हस रहा हूं।
09:49उस चायवाले को तो पता नहीं क्योंकि मैं उस आटो वाले को देख चुगा थोड़ी दिर पहले।
09:53शुगा तो शुब हूट हूं। आटो आटो रिक्षा वाले क्रेट की बूब हूं।
10:08इसको में अब रहा हूं।
10:11अब लोग कुछ लोग मुझे पागल समझते हूं।
10:17पागल समझते थे तुम्हें और मेरी कास्टिंग सक्सेना की जो भी हुई यह बाबी जी मैं वो मेरे भाई भाई पागल होने की वज़े सही हुई है कैसे हुई वो ऐसे हुई कि शशांग बली जो हमारे डिरेक्टर हैं वो मुझे एफ यहार के जम यहार मेरे चैनल डेस से ज
10:47कोई और बंदा कास्ट था अच्छा हां सारे लोग किसी और को चाहते थे लेकिन मेरे कास्टिंग इस वज़े से हुई क्योंके शशांग बली ने कहा कि नोबड़ी इस बेटर देन हिम ब्कॉस ही रियल लाइफ सक्सेना वो चाहिए घर लोज को और इस वज़े से मेरे कास्
11:17बच्पन से या जब से आपने यह सोचा कि मैं अक्टर बनूँगा इसी किरदार में वो चीज दी निस संदे निस संदे निस संदे काम तो आपने बहुत किया है मैं इमोशनली जुड़ा हूँ इस शो से मैंने प्रोडूसर को बोला है मैं शारूख खान के लेवल का भी स्�
11:47अगर मुझे कोई यहने इतना भी देता है न इतना तो मैं फिल करता हूँ मुझे इतना दे दिया उसमें और उसके बाद जब इतना है इसका भी चार गुना बढ़ा के मैं उसको रिटर्न करनी कोशिश करता हूँ उस टाइप का नेचर है मेरे समझे बच्पन से मैंने बह�
12:17कि नहीं है समय रहे हैं बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो कि कठिनाईयों में कठिनाईयों से गुजरते हुए कई बार विकार गरस्त हो जाते हैं उनके अंदर बहुत सारी विक्रितियां आ जाती हैं बहुत सारी बुराईयां आ जाती हैं पर भवान की दिए से मैं उससे �
12:47तो इस वजह से जो कुछ भी मेरी जीवन में हुआ ऐसे हुआ है तो भावेजी घर पर है ने मुझे बहुत ज्यादा खुशी दिये बहुत ज्यादा खुशी दिये इस चोने सक्षेनाय कारेक्टर ने मुझे बहुत ज्यादा खुशी दिये
13:04बहुत जादा खुशी है

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