जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी. पहलगाम हमले के बाद से ही पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही एनआईए की टीम वारदात की जगह पर मौजूद है, जिसमें फॉरेंसिक टीम और इन्वेस्टिगेटिंग टीम शामिल हैं. भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी होने के बाद आधिकारिक रूप से एनआईए ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है. अब इस मामले की जांच NIA करेगी और जम्मू कश्मीर पुलिस समेत अन्य एजेंसी NIA का सहयोग करेंगी. सबूत जुटाने में लगी है है एनआईए पीटीआई के मुताबिक एनआईए की टीम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों से मुलाकात कर सबूत जुटाने में लगी हुई है. एनआईए की विशेष टीमों ने आतंकी हमले में जीवित बचे पर्यटकों समेत प्रत्यक्षदर्शियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. वहीं, मानव रहित विमानों (यूएवी) और ड्रोन जैसे नवीनतम उपकरणों से लैस जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल पीर पंजाल रेंज के घने जंगलों में आतंकवादियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अपना अभियान जारी रखे हुए हैं. एनआईए की टीमों ने उन सुरागों की तलाश में जीवित बचे लोगों से बातचीत शुरू कर दी है, जो उन आतंकवादियों को पकड़ने में मदद कर सकते हैं.
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00:00आये सीदे आपको लेकर चलते हैं जमुकुश्मीर विधान सबाई एक दिन का विशेश सत्र और इस वक्त मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला क्या कह रहा है सुनते हैं
00:05और सजाद ने जिस तरह हाउस के सामने उस धर्ड का इजहार किया
00:12मेरे पास शायद उस से बेतर उसका यहाँ हाउस के सामने जिकर करने के लिए अलफाज नहीं होंगे
00:24हम ऐसे कितने हैं जिनके ओपर हमले हुए
00:33रखीक साब इन्होंने अपने वालिद साब पर हमला होते हुए देखा
00:43नायक साब उस हमले की जो निशानी उन पर रही
00:51कबर तक उस उन जखमों को लेगा है
00:56इसी तरह कई सारे हमारे साथ ही
01:03जो अगर हम गिनना शुरू करें गिनते गिनते ठक जाएंगे कितने हमले हुए
01:10यह असेम्बली रातर साब आप उसेम्बली के मेंबर थे
01:14सलातिया साब उसेम्बली के मेंबर थे
01:18सागर साभ, मुबारग गुल साभ, सैफलामीर साभ, कितने और हमारे साथ ही
01:24जब पहली अक्टोबर 2001
01:30सिरनगर के असेम्बली कॉम्पलेक्स पे हमले में
01:3540 लोग अपनी कीमती जाने गवा गए
01:39इसलिए मैंने कहा उन लोगों के दुख दर्द को
01:45तो शायद इस असेम्बली से ज्यादा
01:47कोई और असेम्बली या पार्लिमन समझ नहीं पाएगी
01:53इसलिए हमने चाहा के यहां
01:58इस हाउस के तरफ से
02:00इस हमले की मजमत हो
02:03और उन उन च्छबीस
02:09खांदानों के साथ हम अपनी जो है उनके साथ हमदर्दी करें हैं
02:16सही कहा
02:24सजाद में
02:25उनके नाम का जिकर होना चाहिए
02:30मैं चाहूंगा के
02:32जब जो ओरिजिनल आपने ओविच्वरी रेफरेंस मूव की
02:36उनमें जो छबीस नाम है
02:40लिटेनन्ट नेवी के अफसर
02:44विने नर्वाल हरियाना से
02:47एन रामचंदरन केरला से
02:51दिनेश अगरवाल छतीसगर से
02:56अतुल श्रीकांत मोनी महराष्ट से
03:00निरज उध्वानी उत्राखंड से
03:04UAE में काम कर रहे थे
03:06समीर गुहा वेस्ट बेंगौल से
03:10सुशील नक्याल मध्यप्रदेश से
03:14संजे लेले महराष्ट से
03:17संदीप नियुपानी नेपाल से
03:21बितेन अधिकारी वेस्ट बेंगौल से
03:26मंजुनात राव करनाटका से
03:29दिलीप देसले महराष्ट से
03:33प्रशांत सतपती उडिसा से
03:38मनीश रंजन बिहार से
03:42सेद आदेल हुसें शाह
03:46हापतनाग अननतनाग जमू कश्मीर से
03:49जेस चंद्रमोयली आंधर प्रदेश से
03:56मधुसुदन राव करनाटका से
04:01संतोष जगदाई महराष्ट्र से
04:06कस्तूबा गनवोटे महराष्ट्र से
04:15हेमंध जोशी महराष्ट्र से
04:20सुधम द्विवेदी यूपी से
04:24भारत भूशन करनाटका से
04:28सुमित पर्मार गुजराथ से
04:32यतीश पर्मार गुजराथ से
04:36टेगे हलिंज अरुनाचल प्रदेश से
04:42और शाहिलेश भाई गुजराथ से
04:46स्पीकर साहब
04:48उत्तर से लेके दक्षन
04:52पूरब से लेके पस्चन
04:54कहा अरुनाचल, कहा गुजराथ
04:59कहा जमूर कश्मीर, कहा केरला
05:02और बीच की सारी रियास्ते
05:04पूरा मुल्क
05:07इस हमले के लिपेट में आया है
05:10ये सही है स्पीकर साहब, ये पहला हमला नहीं था
05:16हमने कई हमले होते हुए देखे
05:20हमने अरुनाच यात्रा के कैम्प पे हमले होते हुए देखे
05:31हमने डोडा के
05:35मुक्तलिफ गाओं पे हमले होते हुए देखे
05:38हमने कुश्मीरी पंडितों के बस्तियों पे हमले होते हुए देखे
05:47हमने सरदारों के बस्तियों पे हमले होते हुए देखे
05:50लेकिन एक बीच का ऐसा वक्त आया था
05:57ये भाहिसरन का हमला
06:0121 साल के बाद इतना बड़ा हमला हुआ है
06:05civilian
06:06हमें लग रहा था
06:11कि यह हमले जो है यह अब हमारे
06:12माजी का एक हिस्सा है
06:14देर पाटवार पास
06:17यह हमारे आज की कहानी नहीं है
06:22यह हमारा मुस्तक्दिल नहीं है
06:24लेकिन
06:26बदकिस्मती से
06:28बाई सरंड ने
06:30दुबारा
06:32वो हालात यहां
06:35पैदा किये
06:37जबके हमें लगता है कि पता नहीं
06:40अगला हमला कहां पे होगा
06:43मैं अपनी जगे
06:52कुँके उस दिन
06:58लीडर ओफ दी ऑपोजिशन के साथ मैं भी
07:02पुलीस कंट्रोल रूम पे मौजूद था
07:05जब हमने इन 26
07:08लोगों को
07:11वहां पे शर्दांजली पेश की
07:14मेरे पास अलफास नहीं थे कि मैं
07:21क्या कहते हैं उनके घर वालों से माफी मांगों
07:25यह जानते हुए के
07:31जमू कश्मीर की सिक्यूरिटी जमू कश्मीर की सुरक्षा जमू कश्मीर के लोगों की चुनी हुई हकूमत की जिम्मेदारी नहीं है लेकिन तब भी
07:45यहां के वजिर्याला की हैसियत से यहां की टूरिजम के मिनिस्टर की हैसियत से मैंने इन लोगों को दावत दी थी यहां आने की
07:55मेजबान होते हुए मेरी जिम्मेदारी थी कि सही सलामत मैं इन्हें यहां से वापस भेजू नहीं भेज पाया
08:09और माफी मांगने के अर्फाज नहीं थे
08:18क्या कहता हूं उनको
08:26उन छोटे बच्चों को तुनों ने अपने वालिद को खून में लपेटा हुआ देखा
08:40उस नेधी अफसर की विद्वा को जिनको शादी हुए ही चंद दिन हुए थे
08:51मुझे एक दो आए हमारा कसूर क्या था हम पहली मर्तबा कश्मीर आए थे
09:09छुटी बनाने के लिए और इस छुटी का जिन्दगी भर अब हमें खम्याजा भुगतना पड़ेगा
09:26जिन लोगों ने ये किया
09:40कहने के लिए तो वो कहते हैं कि हमारी भलाई के लिए किया
09:47लेकिन क्या हमने उसे कहा था कि हम ये चाहते हैं
09:52क्या हमने उसे कहा था कि हमारे नाम में
09:58आप इस छट इन 26 लोगों को कबर में बंद करकी यहां से वापस बेगें
10:05क्या हमारी इसमें कोई मन्जूरी थी
10:10क्या ये हमारी इजास्थ से हुआ
10:14हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है
10:21इस हमले ने हमें अंदर से खोकला किया
10:31लेकिन इस हमले ने क्योंके हर खराबी में कहीं न कहीं हमें
10:41कोई रोशनी की किरन ढूनने की कोशिश करनी चाहिए
10:45बहुत मुश्किल है इन हालात में वो रोशनी ढूनना
10:55लेकिन स्पीकर सहाब पहली मरतबा
10:5926 साल में मैंने जमू कश्मीर में किसी हमले के बाद लोगों को इस तरह बहाराते हुए नहीं देखा
11:12कश्मा से लेके कुपवारा कक शायद ही कोई शहर या गाउं ऐसा जहां लोगों ने बहारा के इस हमले की मजबत नहीं की
11:29कहा कि ये मेरे नाम में नहीं हुआ
11:34इन माई ने ये आपने जिसके लिए भी किया हो मेरे लिए नहीं किया
11:41और ये लोगों का बाहरा आना इसमें हम ऐसे किसी का हाथ नहीं है
11:55हकूमत ये कहे कि हमने कराया कोई और ये कहे हमने कराया कोई नहीं आप
12:00हम भी इस गाड़ी पर चड़े
12:04हमने इस गाड़ी पर
12:08सवारी की
12:09लेकिन गाड़ी चलाई हमने नहीं
12:14ये लोगों ने खोद गाड़ी बना के
12:16इस पर सवार होके
12:17जलूस निकाले
12:20नारे दिये
12:24बैनर बनाए
12:26मुंबतिया जलाई
12:27ये कहने के लिए
12:31कि हम इस हमले के साथ
12:32नहीं हैं
12:34मिल्टिंसी टेरर
12:45देशत आतनबाद
12:48इसका खात्मा तब होगा
12:52जब लोग हमारे साथ होगे
12:55और ये स्पीकर साथ उस मौके की शुरुआत है
12:59अगर के हम
13:02इस मौके पे एहतियाद से कदम जो है लें
13:07हमारे तरफ से कोई ऐसा कदम नहीं उठना चाहिए
13:13जिससे के हम लोगों को अपने से दूर करें
13:18कोई हमारे तरफ से ऐसी बात नहीं होनी चाहिए
13:24या कोई एक्शन हमारे तरफ से
13:28जिससे ये जो अपने आप में पैदा हुआ
13:32इसको कहीं सख पहुंचे
13:35क्योंकि सही कहा है
13:41सजाद में
13:43हम बंदूग के जरीए
13:46मिलिक्रिंसी को कंड्रोल कर सकते हैं
13:50उसको खतम नहीं कर सकते हैं
13:53खतम तब होगा जब लोग हमारे साथ होंगे
13:57और आज लगता है कि लोग अब वहां तक पहुंच रहे हैं
14:03स्पीकर सहाब मस्जिदों में
14:07जुमा नमाज से पहले
14:10दो-दो मिनिट की खामोशी इक्तियार की गई
14:12जहमा मस्जिद सिर्नवर
14:16ये शायद बाकी मुल्क में
14:22लोग इतने इतना इस चीज़ को समझेंगे नहीं
14:25आप और मैं समझते हैं ना
14:27हम समझते हैं किसी हमले के बाद उस मस्जिद में
14:33दो मिनिट की खामोशी का मतलब क्या है
14:37तो मेरी तो सिर्फ यही कोशिश रहेगी
14:50कि इस सिल्सिले को हम बनाएं बढ़ाएं
14:54गटाएं ने कम ना करें
14:58हापतनार के उस
15:14नाउजमान आदेल के बारे में क्या कहें
15:20अब जान की परवा सबको होती है
15:26लेकिन अपनी जान की फिकिर ना करते हुए
15:32टूरिस्तों को अपने मेहमानों को बचाने के लिए
15:35वो अपनी जान की कुर्बानी दे गया है
15:38भागता तो कौन उसको कुछ कहता
15:43भागने के बजाए
15:50ख़ड़े के तरफ गया
15:53इस तरह के और विसाल हैं जिनके बारे में आज हम सुनना शुरू कर रहे हैं
16:00जो टूरिस्त वहां से निकले
16:03उन्होंने अब जिकिर करना शुरू किया
16:11किसी एग ने वहां लोकल कौनी वाले को कहा
16:13कि मेरी बीवी और बच्चे को ले जाओ इनको बचाओ मुझे यहां छोड़ दो
16:17और उसने कहा मैं ना आपकी बीवी को कुछ होने दूँगा ना आपके बच्चे को कुछ होने दूँगा
16:23इनको कुछ होने से पहले इनको मेरे उपर से गुजरना होगा और छुपा कि उनको सलामत रखा
16:34सख्मियों को अपने कंधों पे पहाड से नीचे उतार के हस्पताल अम्बिलन्स तक पहुँचाया है
16:53और उसके बाद जिस तरह लोकल लोगों ने मदब करने की कोशिश की
17:02गरीब
17:06वो शिकारा वाला जो डल लेग पे खल बेचता है
17:13घरीब
17:20वो शिकारा वाला जो डल लेग पे खल बेचता है
17:22उसने अपनी किष्टि पे छोटा सा बॉर्ड लगाया
17:28टूरिस्टों के लिए मुफ्त, फ्रूट चार्ट
17:31आई ना वो दिन के 200-300 रुपे कमाने वाला
17:36वो गयता है कोई नहीं ना ना चले मेरे हफ़ते की कमाई
17:41लेकिन मैं कमसकम अपने महमानों को ये एहसास देना चाहता हूं
17:45कि हम उनके साथ हैं
17:46वो थ्री विलेर वाला
17:50तुरिस्तों को कहा कि अगर आपको हाई अड़ा कोंचना है मैं मुख्ट
17:55आपको हाई अड़ा पहुंचा दूंगा
17:58इसी थरह की टाकसी वाले होटेल वाले
18:03होटल वालो ने अपने कमरे कोड़े और कहा आप यहां रहिए जिन उने गुल्मर छोड़के पहलगाम
18:08चोड़के सौनमर्ख छोड़के सिर्णगर भाग के आए जिनके पास रहने की जगए नहीं थी
18:12होटर वालों ने उनको कहा कि हम आपसे पैसा नहीं लेंगे आप रहिए यहां पर
18:20मैं सलाम करता हूं
18:27यही है हमारी महमान नवाजी
18:31उसके साथ साथ उनका शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने ये किया
18:39जमू कुश्मीर के भार हमारे कुछ स्टूडन्स हमारे कुछ रहने वालों को
18:48कुछ जगों पे तकलीफ हुई
18:50उससे कौन इंकार कर सकता है
18:55लेगे मैं उसके साथ-साथ उन तमाम रियास्ती हकूमतों का शुकर गुजार हूँ
19:01जो उन्हेंने मौके पे तहकिकात करके हालात को काबू में लाने में अपना रोल अगार किया
19:09कोई सिमला, कोई लखनाओ, कोई डेरा डून, कोई बंबई, कोई चंदीगर
19:17वहाँ की हकूमतों का मैं शुकरिया करूँगा, कि इन से मिलने के बाद इन्होंने मीटिंगे और्गनाईज की
19:27हम अपने तरफ से एक सिस्टम जो है वो तयार करना चाहते हैं, सोशल मीडिया और वाटसाप बगएरा का इस्तिमाल करते हुए
19:39ताके एक नूडल पॉइंट हमें मिले, हम तो चाहेंगे कि इस तरह के हालात ना हो, लेकिन एकादुका अगर कहीं हो जाए, तो बच्चों के पास, बच्चों के पास, दूसरों के पास, एक जगे होनी चाहिए, जहां पर वो इन चीज़ें को दर्च कर सकें, उसके लिए ह
20:09नबे फीजदी खबरें जो है, वो सही होती है, दस पसेंट वो भी लोग है जो जूठी खबर फैलाने की कोशिश करते हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूँ कि अपनी हरकतों से बाज आओ, जब ये लोग जूठी खबरें फैलाते हैं तो जिन पर असली ये मुश्किल का जो �
20:39ये मैं उनको बाउन करना चाहता हूँ
21:09है कुमत की फिलहाल जिम्मिदारी नहीं है, लेकिन मैं ये मौका इस्तेमाल करके स्टेट हुट की मांग नहीं परोगा।
21:35मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है
21:38मुझे क्या
21:41इन 26 लोगों के
21:43मरने की इतनी कम कदर है
21:45ति मैं अब मरकज से जाके
21:50कहूंगा ना आप चलो 26 लोग मर गए
21:52अब मुझे स्टेट हूं दे दो
21:53स्टेट हूं की बात हमने पहले भी की आगे भी करेंगे
21:56लेकिन लानत हो मुझे अगर मैं आज
21:59ये कहके मरकज के पास जाऊंगा ना अब 26 मर गए अब दे दो
22:03देने की बात हम करेंगे लेकिन इस
22:07मौके पर नहीं
22:08इस मौके पर ना कोई सियासत
22:12ना कोई बिजनेस रूल्स
22:16ना कोई स्टेट होग
22:18ना कुछ और
22:19एक ये चीज़ ना
22:22इस हमले की कड़ी निंदा
22:26और उन 26 लोगों के साथ
22:29दिल की गहराईयों से
22:30हमदर्दी और ताजिय और कुछ नहीं
22:34ना आज नहीं
22:35टेबल हम किसी और मौके पर थब थब थबाएंगे आज नहीं
22:40तो स्पीकर साब
22:45मैं अपनी बात को
22:50इसी चीज़ पर ख़ब करते हुए
22:53इस हाउस के तमाम मेंबरों से गुजारिश करूँगा
22:58कि जो रेजिलिशन
23:01डिप्टी सीम साब के तरफ से
23:04हाउस के सामने पेश दी गई है
23:06आप इसको सामने रखें
23:08और मैं उमीद करूँगा
23:09कि इसको पास करके
23:11हम मुलक के सामने रखें
23:13बहुत बहुत शब्रिया