Pahalgam Attack: 'कलावा काट दिया, और सिंदूर...', पति-पत्नी की डरावनी आपबीती
Category
🗞
NewsTranscript
00:00उसने कहा गुबारा साथ फुटा होगा उसी की आवाज तब दुबारा फाइरिंग ना घटी लेकिन आतंकवादी घटना थी हम सोची नहीं सब्सक्राइब माँ पैसा करिया अपना सिंदूर पोच लीजे और बिंदी निकाल दीजे तो मैं बोली कि मैं सिंदूर नहीं पोच
00:30कि दूर था क्लियर नहीं हो पा रहा था फिर लोग भागते हो चिलाने लगे तब हमें लगा कि कुछ तब दुबारा फारिंग हुई तब हम लोग यह कंफर्म हो कोई घटना घटी लेकिन आतंकवादी घटना थी हम सोची नहीं सब्सक्राइब मास कोंगे कुछ होगा होग
01:00वह थालक उसमें था नहीं वह भी दूर ही था लेकिन वह देख चुका था घटना इसलिए भाग रहा था तो उसको देखकर फिर हमनों भागना सुरू कि यह चल नहीं पा रही थे इनको दिक्कत थी कुछ नहीं देरे फिर भागते आ रहे थे तब घोड़ा वाला पाने पि
01:30देख रहा है और सिंदूर और बिंदी निकालने के लिए मैडम से चाहां बिंदी निकालने हमने कलावा काटा फिर सरको च्छीपा ली टूपियों से मफ्लर शेचुविघ सुखे हां हां को लेकर चाहता तो हमनों सको छभा लिया
01:46कि शिखा चंदन सिखा और कलावातिनों को करा रहा था कि पर आप लोग की इसको जो यह भी कहा कि कलमा आता है कालमा तुर नहीं आता हमें कहा अगर मालिय कोई बात हो तो आप लोग खाले ALLAHU AKBAR ALLAHU AKBAR यही कहिएगा
02:03तो कब यहां पर आया है जोनपूर चोबिस को आया नहीं फ्लाइट से गए थे अथारों के यहां से फ्लाइट थी जाने की यह चोबिस को आप सी थी तिसी नगस दिली दिली से बावत
02:19उस दिन यह हुआ कि हम लोग पहुचें महां पर उपर जाने के लिए घोड़े से जाना पड़ता है उपर तो घोड़े पर बैठे और फिर हम जब बैठ रहे तो मेरे उंगली में चोट लग गई तो हम बोले कि हमको चोट लग गया आप उपर नहीं जाएंगे पता नहीं क्य
02:49पूटने की आवाज रहे आप डरिये मत उसके बाद फीर आई आवास तो हम बोले नहीं कुछ है यह गुबाड़े पूटने की आवास तो नहीं लग रहे तो वो बोले कि अरे फिर उपर से सब लोग दोड़ते हुए नीची आ रहे थे तो हमके क्या हुआ क्या यह भी पू
03:19दीजे तो मैं बोली कि मैं जिन्दूर नहीं पोचूँगी और बिंदी मैं निकाल दी लेकिन मैं जिन्दूर नहीं पोचुछी वोला कि अच्छा टोपी से आप छुपा लेजी तो हम चुपा लिए उसके बार वो घोड़ा बैठाया कि आप जलिए चले फिर बीसर आप के
03:49हां प्रयास किये तो वह घोड़े वाले बोले कि अरे आप लोग वीडियो मत बनाएं चलिए आप जल्दी से जल्दी पहले नीचे चलिए हमको बहुत डर लग रहा है
04:08कि ये सब बाति हैं हुआ कि अस्तावी पॉलिष हो अ पर बंदा कि सबके डाइद कि हो बहुत यह
04:33कि तो गोड़े वाले स्पूछा कि यह क्या हो रहा है तो बोला कि अरे मैडम वह बारा फोट रहा है कुछ नहीं हो रहा है फिर हम बहुत डरे थे हम किसी तरह होटल पहुचे और भगवान की क्रेपा है कि हम लोग घर सुरच्चित पहुच गए
05:03किसी तरह है फिर हम सहता, भीजय कि में खालाव मेडम रहा है किसी तरह सोगचे भारा बिडिसicks थराहा हम वहा थे हम व ada बार भार vouchब रहा है बार भारे में पहां सुरच सहा तरह है लेका है कि हम आरे में णाहीं हम गड़ स्वा़