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'कलमा पढ़ना आता तो शायद वो बच जाता', देखें पहलगाम हमले के चश्मदीदों की आपबीती

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00:00पहल गाम इन दिनों अपने सौंदर या शान्ती के लिए नहीं बलकि एक खौफनाक मनजर के लिए सुर्ख्यों में है
00:0622 सप्रेल 2025 की वो दुपे है जिसे कोई नहीं भुला पाएगा
00:10बैसरान गाटी में जब सेलानी प्रकृती की गोध में सुकून ढून रहे थे
00:15तभी अचानक गोलियों की बोचाड ने सन्नाटे को चीर दिया
00:18कुछी पलों में हसी और मुस्काने चीखों और खून में तबदील हो गई
00:22इस हमले में 26 मासुमलों की जान चली गई और कई घायल हुए है
00:26लेकिन सबसे ज़ादा डरावनी है वो कहानी जो हमारे पास पहुँची चश्मदीदों की जुबानी
00:32वो लोग जो उस पल वहां मौझूद थे जिदे उनने गोलियों की आवास सुनी अपनों को खोया और मौत को सामने से देखा
00:56को मार दिया पति को मार दिया ने जो है ने जो है हिंदू मार दिया पार दिया
01:12है
01:14है है टाक्शी द्राइबर ने बोला कि जल्दी आजाए कुछ फारें हो या कलमा पंड़ना अगर आता होता तो शायद बज्ज्जट है
01:23एक ने बोला कि मुसल्मान अलग हो जाओ और हिंदू अलग हो जाओ जाओ जाओ जाओ जाओ पहलगाम की पैसरन घाटी जिससे सैलानी मिनी सुट्जर लेंड तक कहते हैं
01:36वहां 22 अप्रेल 2025 की दोपहर परेट्यक खुशियों के साथ चुट्टी मना रहे थे लेकिन तभी
01:47कुछी पलों में हसी खुशी का माहौल चीख पुकार में बदल गया
01:54नियकते निर्दोश सैलानियों का तावा है कि धर्म पूछ कर आतंकियों ने बैसरन घाटी को खून से लाल करना शुरू करते हैं
02:01जैसे हम पता ही नहीं हम पीचे पलटके देखे हो क्या रहा है और उसके तरव स्माइल करके बुचर भीया क्या हुआ
02:31नियकते निर्दोश सैलानियों को परिवार के सामनी गोली मार दी गई
02:50जब मेरे भाई को उन कायरों ने रुखा और बिठाया अपने गुटने के बल पे और गुटने के बल पे बिठाके उससे पूछा मेरे भाई से कि
03:01किस धर्म के हो तो उसने बुला मैं तो इसा ही हूँ बुले तो क्या हो गया कलमा पढ़ के सुनाओ और कलमा पढ़ना अगर आता होता तो शायद बज्जा था
03:13निहत्य निर्दोश चैलानियों का दावा है कि आतंक्यों ने कलमा पढ़ने को कहा और जो नहीं पढ़ पाया उसे वहीं धेर कर दिया था
03:27कश्मीर तो बात अच्छे है हम पहल काम गये थे उतर भोड़े से जाना होता था उपर तो उपर गया था तो दस पंदरा मिनिट में वो आतंक्वादी आगे तो भागे और छुपे आतंक्वादी ने ढून लिया हमें तो टोटल दो ही दिखे थे एक ने बोला कि मुसल्मान
03:57और हिंदू वाले जैन्स को गोली मान के और बाद में जब वो अच्छानक से गायब हो गये चले गये तब सब बोले जो जो बच्चे हैं वो भागो नीचे तो सीधा है आखिर क्यों क्यों एक बार फिर पहलगाम आतंक्यों की निशाने पर आया पिछले कुछ सालों से आतं
04:27होता है एक सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीक पर वार करने का क्योंकि यहीं से गुजरती है अमरनात यात्रा यहीं उमरती है लाखों शद्धालों की आस्था इसलिए यह सवाल जरूरी हो जाता है कि क्या इसी आस्था को चोट पहुचाने के लिए आतंक्यों ने एक बार
04:57पर या घोडों पर जाते हैं जो कि सामान्य है अभी गोडे नहीं चल रहे हैं इस रास्ते पर क्योंकि जो सैनी ऑपरेशन से वो चल रहे हैं
05:06बैसरन पहलगाम का एक बड़ा सा मैदान है जो कि पहलगाम शहर के दक्षनिपूर में है और नदियों, घने जंगलों और कीचर भरे इलाकों से गुजरने वाले रास्तों से पहुचा जा सकता है
05:19रास्ते का बड़ा हिस्सा गारियों के लिए नहीं, कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जहां फिसलन है और एक छोटी सी गलती परेटकों को गहरी खाई में गिरा सकती है
05:29पहलगाम से परेटक पैदल और घोड़े पर घास के मैदानों तक पहुचते हैं
05:34इसके अलावा एटीवी यानि औल टेरेन विकल के इस्तेमाल होता है
05:38पहलगाम से बैसरन तक पैदल पहुचने में लगभग एक घंटा लग सकता है
05:42रास्ते में कोई ब्रेक नहीं मिलता
05:44घास का मैदान चारू तरफ से गहरी घाटियों से घिरा है
05:48और ये सारी जानकारी आतंकियों के पास थी
05:50हुआ क्या क्या वहां पर कर रहे थे जिसको मिनी स्विजर लेंड बिलते हैं
05:56जो बिसुवेडी मेडो है वहां पर क्या आपने देखा क्या सुना हम जब वहां पर पहुचे तो हम लोगो यह मेरे मित्र है
06:03इन्होंने का मैं जीप लाइन से जाऊंगा तो मैंने उससे कहा बात कर लो उसने का 95 की उपर हम किसी को नहीं
06:09देके जाते तो हम लोग थोड़ा वह जो जीप लाइन का जो है उच्छा वाला भाग वहां बैठे थे और जिस जो गोड़े से हम लोग गये थे वहां पास आकर बैठे थे हम लोग ऐसे बात कर रहे थे अचानक देखते हैं कि जो सेंटर लाइन में जो बीच वाला जो भा�
06:39पाता कंड़ी वोले तो मतलब एक सडनली ऐसा उमीद नहीं थी कि इतना सांत महोल हुखितना अच्छा सफ चल रहा है थे अचानक कैसे हो जाएगा मगर ये बहृत धूरवाह पूर में
07:09यहां से भागते हुए इन जूते चपलों को गिरे हुए आप नीचे देखिए जो बड़े थे जो बच्चे थे सबके जूते टोपियां आपको इस पूरे हिस्से में दिख जाएंगी इस इस पर कोमिंग ऑपरेशन चल रहा है लेकिन सीधे तोर पर समझेए कि इस पूरे इल
07:39किस तरह का वो आतंक रहा होगा कैसा वो खूनी खेल कि लोग यहां से इस तरीके से अफरा तफ्री में हटबड़ी में यहां से भागे थे
07:49मुश्किलों के बावजूद सेकड़ों परेटक हर दिन तीस एकड़ में फैले बैसरन आते हैं पैलगाम की बैसरन हटी जितने खूपसूरत है उतना ही वहाँ पर आपरेशन करना मुश्किल है आतंकवादियों इस जगर को हमले के लिए सोच समझ कर चुना क्योंकि यहां �
08:19कि वो कोमिंग उपरेशन से समय चल रहे हैं सुरक्षा कर्मियों को वहाँ पर तैनात रखा गया है लेकिन इन पेड़ों को अगर मोसन दूसरी तरफ क्यामरा करके दिखाएंगे तो इन पेड़ों को देखिए तो भले थोड़ी थोड़ी फासले पे थोड़ी दूरी पर य
08:49उन आतंकवाधियों को पता था कि 5 किलो मीटर के रास्ते पर एक भी पुलिस पेकट मौजूर नहीं है और घटना को अंजाम देने के बाद कैसे निकलना है प्रकृति को आतंकवाधि हमेशा से अपनी धाल बनाते आएं 22 तारीक को भी उनने ऐसा ही किया है और हमले के लिए
09:19तो आपको वो दूरी नजर आएगी लेकिन अगर आप आम तोर पर इसके तने को देखें तो यह काफी चोड़ा है इस पेड़ की भी चोड़ाई आप देख लीजिए और इसकी आल लेकर या फिर ऐसे हिस्सों में छुपाव लेकर या कोई कृत्रन ऐसा हाइड आउट बना
09:49इस पूरे इलाके में अभी भी सुरक्षा कर्मी मौजूद है बैसरन का जो ये पूरा मेडो का हिस्सा है उससे पहले कि ये जो सारे जंगल है चारो तरफ के जंगल हम आपको जंगल भी दिखा रहे हैं और साथ ही वो बस्ती भी जो इससे बिलकुल लगती हुई है एक बह�
10:19पहाडी पर भी इस समय ऑपरेशन जारी है इस सेटलाइट इमेज को देखिए इस से आपको पता चलेगा कि पहलगाम से बैसरन की घाटी तक पहुँचने के लिए दुरगम इलाके से गुजरना होता है इसके बावजूद इस एकड़ में फैले बैसरन को देखने के लिए स
10:49अचानक हुए आतंक की हमले के बाद बिलखते परिवार दिखने लगे आतंकियों के हमले के बाद सामने आए इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कैसे एक जगा बिठा कर लोगों को कूली मार दी गई
11:02किसी तरह जख्वियों को सड़क तक पहुचाए गया
11:30सरत पर एंबुलेंस का ताता लग गया ताकि जख्मी सैलानियों की चान बचाई जा सके
11:35तुरंत हेलिकॉप्टर से सर्च ऑप्रेशन शुरू हो जाता है लेकिन तब तक लोगों की सांसे रुख चुकी थी
11:44जो चुटे बच्चे थे उनको भी जेंड्स को टार्गेट किया था उनको आपको आज भी यहां पर दिखाई देंगे कि
12:12किस तरीके से भेल पूरी बिखरी हुई है जो खाने के लिए टिफन लोकर आये थे लोग वो यहां पर यूहीं फेका हुआ है कई जेगा पर यहां पर खून के निशान मौजूद थे लेकिन यहां पूरी साफ सफाई हुई तो यह बैसरन घाटी से सीधे आज तेक अंडिय
12:42जिन्हों ने उस दिन निहत्थे सैलानियों पर यहां पर नरसंगहार किया और जो 26 लोग थे अब तक इस आतंकवादी हमले में उनकी मौट हो चुकी है
12:55एक बर फिर कश्मीर की वादियां देश्चत गर्दों की कूलियों से थर्रा उठी हैं एक बर फिर आतंक्यों ने कश्मीर की वादियों को नफरती सोच से लहुलुहान कर दिया है
13:08कश्मीर की जिनवादियों में देश के अलग-अलग हिस्सों से सैलानी घूमने पहुँचे थे
13:14उसी वादी में देशत गर्दों ने सैलानियों का पहले धर्म पूछा और फिर मौत के घाट उतारा
13:20पहलगाम आतंकी हमले की सबसे बड़ी कवाही दिल पहला देने वाली इन तस्वीरों में कैद है
13:27इन तस्वीरों को देखकर रूह काप उठती है क्योंकि आतंक की बारत लिखने वालों ने हैवानियत की सारी हदों को पार कर दिया
13:34बहुत गौर से देहशतगर्दों की नापाक साजुष का एक एक सच देखिये और सुनिये कि पहलगाम में मंगलवार को क्या क्या हुआ था
13:43आतंक के दलदल से किसी तरब बच कर भागते लोगों के छूटे हुए जूते चपल के निशानी अब भी घाटी के रास्तों में नजर आती है
13:56जो बताती हैं कि जान बचाना 22 अप्रेल को कितना कठीन हो चुका था
14:01यहां से भागते हुए इन जूते चपलों को गिरे हुए आप नीचे देखिए है जो बड़े थे जो बच्चे थे सबके जूते टोपियां आपको इस पूरे हिस्से में दिख जाएंगी
14:12इस लाके को अभी इस पर कॉमिंग उपरेशन चल रहा है लेकिन सीधे तोर पर समझेए कि इस पूरे इलाके में अभी भी उस आतंक के उस बरबादी के वो तमाम निशान आपको दिख जाएंगे
14:24इन सारी चीजों को देखकर आपका खून खौल उठेगा कि आखिर किस तरह की परिस्थितियों में मजबूर कर दिया होगा इन लोगों ने किस तरह का वो आतंक रहा होगा कैसा वो खूनी खेल कि लोग यहां से इस तरीके से अफरा तफरी में हटबड़ी में यहां से भा�
14:54की फीक मांगते रहें लेकिन यहां खौफ के सिवाए कुछ नहीं था
14:58देश्रतगर्द पूरी तयारी के साथ हाए थे
15:25आतंकियों का टारगेट पहले से तय था ना तो कश्मीर में सुरक्षा के पुखता दावे देश्रतगर्दों के मनसूबों पर भारी पड़े
15:33हमले को रोकना तो छोड़िये देश्रतगर्द हमले को अंजाम देते हैं
15:37सैलानियों को अपनी गोलियों का शिकार बनाते हैं और मौके से फरार हो जाते, यानि सुरक्षा के तमाम दावे सिर्फ और सिर्फ खोकले सावित हुए।
15:46हमारे उफिशेल्स के और से, होम मेनिस्ट्री के और से ब्रिफिंग किया गया है, घटना कैسे हुई और कहां चुक हुई इसका भी बताया, शुरुवाट में सरकार के और से, रक्षा मंतरी जी ने बताया,
16:06कि जो गटना पहल गाम में जो हुआ है उसके बार भारत सरकार ने CCS मेटर्ट में क्या कदम उठाया क्या फैसला लिया उसका भी जानकारी दिया और फिर सरकार का आतंगवाद के खिलाफ Zero Tolerance Policy के बारे में शुरू में बताया
16:30पाकिस्तान किसी भी हाल में घाटी में शांती परदाश्ट नहीं करने वाला चाहे इसके लिए निहत्थे और बेखसूर परेटकों को ही क्योंना निशाना बना पड़े

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