कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले हमलों के बाद डर? जानें आबिद की कहानी
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00:00अब जमू कुश्मीर के विजिर्याला भी हैं जो टूरिस टारें देश बर से तो रहा सब पैनिक हुए हैं कुश्मीर उनके क्या मैसी रहा है?
00:05मैं समझ सकता हूँ, मैं उनके डर को समझ सकता हूँ, मैं अपनी जगे, जो लोग छुटी करने के लिए आते हैं, उनको इस तरह का टेंशन नहीं चाहिए, लेकिन मैं उनको यही कहना चाहता हूँ कि अगर इन हालात में उन्होंने कश्मीर को ऐसे छोड़ दिया, तो कहीं हमा
00:35का मकसद ही यह था कि कहीं कश्मीर से जो है सारे टूरिस्ट निकल जाने चाहिए, लेकिन जान सब को प्यारी होती है, तो मैरी तो सिर्फ उन से यही मौतवाना अपील होगी, कि हालात को देखिये, और उसके बाद फैस्ता करिये.
00:53कोई आपको यह तो नहीं कह सकता है कि असर नहीं हुआ, असर हुआ है, जाहिर सी बाते हुआ है, लेकिन जहां वो लोग जो इसको हिंदू-मुस्लिम का रंग देना चाहते हैं, उनको यह भी नहीं भूलना चाहिए, कि इन 26 में से एक नावजवान का नाम आबिद था,
01:21जिन्होंने अपनी जान की परवा नहीं की, और टूरिस्टों को बचाने के लिए उन्होंने एक इस मिलिटन्ट से, टर्रिस से बंदू चीनने की कोशिश की,
01:31तो जो लोग इसको हिंदू मुस्लिम का रंग देना चाहते हैं, या जो लोग ये कहने की कोशिश कर रहे हैं,
01:39कि कश्मीरी जो है, वो मिल्टन्सी का साथ देते हैं, उनको ये देखना चाहिए, किस तरह आबिद ने अपनी जान की परवा नहीं की,
01:48और किस तरह जमू कश्मीर के लोग बिना मजब मिलत, इस चीज की निंदा करने के लिए बाहर निकले हैं,
01:54अब ये इंडिस वाटर ट्रीटी पहले ही हमें जमू कश्मीर को बहुत भारी पड़ा है, अब अगर इस से जमू कश्मीर का फाइदा होगा,
02:07जमू कश्मीर की बहुतरी होगी, तो मैं सबसे पहले वो होगा, जो कहेगा कि अच्छी बात है।
02:37कर दो कर दो कि अच्छी बात है, जमू कर दो कि अच्छी बात है।