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  • 2 days ago
Halala is a web series based on the practice of Nikaah Halala.
Afza and Rahil are happily married. But fate has different plans as their beautiful relationship faces turmoil and in rage of fit Rahil gives triple talaq to Afza. Zaid is the only hope to save Afza and Rahil’s broken marriage as the only option left with the couple is Halala Nikaah. Watch the most controversial subject of Halala beautifully.
Transcript
00:00ये कहानी कालपनी खेतता महिला सलशक्तिकरण और समानता पर आधारित है।
00:30इस कहानी के सभी पात्र कहानी की पंक्तियां समवात, कथांग, घटनाएं और द्रिश्य पूरी तरह से कालपनिक है।
01:00ये कालपनी की पंक्तिकरण तरह से कालपनी की पंक्तिकरण और आधारित है।
01:05ये कालपनी की पंक्तिकरण तरह से कालपनी की पंक्तिकरण और आधारित है।
01:14वे की पंक्तिकरण और आधारीत है।
01:21चलिए उच्छाई यह उच्छाई
01:51हाथ मुधोलीजे खाना तैयार हो गया अराम से
02:02हमें लगा आप चली गए चले तो गयते पर पर फिर हमने सोचा की
02:17आपने हमें हमारी मुहापत वापस पाने के लिए एक मौका दिया है तो हमें भी आपको एक मौका देना चाहिए
02:26कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए कि शुक्रिया कि आपका हमेशा शुकर गुजा रहेंगे चलिए
02:41चली
02:42चली
02:56कर दो कर दो
03:26अब और किसी बात कर डर नहीं रहे
03:28सब कुछ ठीक हो रहा है
03:33बस कुछ ही दिनों में हम
03:36हमेशा हमेशा के लिए आपके पास आ जाएंगे
03:40ये दूरिया खतम हो रही है रहे
03:44अच्छा आप मैं आपसे बात में बात करती हूँ
03:54जैद आ गए है फुरसत में फोन करेंगे आपको अलाहाफिज
03:59अब जैद
04:03मेरे पास आश की फिल्म की पहले शो की दो टिकेट्स हैं
04:20चलने का इरादा है मिया
04:32अब जैदा है मिया
04:49अल्लाहु अक्बर अल्लाहु अक्बर
05:04अशहद अला इलाह इलाह इल्लाह
05:12जो वाकी जानते हैं जन्नत की हकीकत
05:33जो वाकी जानते हैं जन्नत की हकीकत
05:36तो जाहिर है वो इश्क में फना होंगे
05:42वाँ भाँ वाँ वाँ
05:45वाँ गाहँ वाँ
05:46वाँ सॉ बोरिंग कोई मटन पर शायरी नहीं है क्या
05:50मटन पर शायरी सुलिए है
05:52तेल गर्म हो गया है प्यास लाके दीज़े पहले टमाटर बाद में काटीगा चलती रहिए
06:22तेल आुए जो ग्यास लाक कि अ, हाया तोरो भाँस लाक बादर एपकत बेभर क्तों।
06:44हलो?
07:04असलाम वालेकम सेथ भाई
07:07वो अफसा से बात हो सकती है क्या?
07:14जोगाईब करिया है.
07:21जरूर.
07:26जएजा.
07:30जो.
07:33राहिल मेदाफॉन.
07:38हम आटारा करिया.
07:42हलो राहिल?
07:44अब साब मैं तुम से बात में बात करती हूँ
08:14आप जानते हैं इसका रंगुलाबी क्यों होता है
08:41क्यों क्योंकि इश्क का रंग होता है गुलाबी और मुह में ऐसे घुल जाता है जैसे इश्क रूह में घुल जाती है
08:53यह सच में ऐसा होता है यह आप आपका लॉजिक है
09:00हुँ हुँ हुँ
09:30कर दो, कर दो, कर दो.
10:00या भूर्च अम्रेकल करता रहा है?
10:30मिलकुलिस इंप्रूब्मेंट
11:00अरे वो हम बात करने के साथ साथ पर आठे में बनवा रहे हैं नौ जैद आठे मेरा थोड़ा से नमक भी डाल दीजेगा
11:22हाँ
11:24रुकिये
11:26हम आकर करते हैं
11:28राहिल हम आपसे बाद में बात करते हैं आपसे कहा था ना की स्पाइसी मत लेकर आईएगा अभी ये ले जाएए और दूसरा लेकर आईएए
11:56और दूसरा लेकर आईए यस मैम और दूसरा स्पाइसी नहीं हो बिलकुल
12:01बिलकुल
12:02बिलकुल
12:07क्या हुआ
12:13अब लग रहे हैं आप हमारी बेखाम
12:15चलिए दवाइ खालीजिए
12:21जाएब एकालीजिए
12:51फुर्सत में फॉम करेंगे आपको
13:02अल्लाहाफिस
13:03जैट
13:21राहिन, राहिन, राहिन, क्या करें राहिन?
13:46क्या हो गया है, राहिन, क्या बूठ चड़ गया है तुम्हारे दिमाग पर
13:55क्या बात है, आज आपको हमारे करीब आने में भी बड़ी हिचकेटार मैसूस हो रही है
14:05तो बापको हमारा ये पास आना भी
14:15खराब लग रहा है
14:19हाँ, हाँ, अब तो जैट की बाहों में ही मजारा होगा तुम्हें
14:22आपके कहने का मतलब क्या है?
14:34यही की जाय सुबह साथ बजे होगते हैं उसके बाद नौ बजे नाश्टा करके आफ़ी चले जाते हैं
14:38और मैंने नाश्टे में पालग के पराठे बहुत पसंदें
14:40उनका फेवरेट हेरो राजिश खना है और हमेशा फस्टे फस्ट शो देखते हैं
14:44उनकी जो दवाई का बक्त है सुबह नौ बजे दो पहर एक बजे शाम को छे बजे रास्तों तस बजे और जो काम से लोगता है शाम को छे बजे
14:51यह सब यह सब आप हमें इतनी बार बता चुकी हैं कि अब हमने रट्टा मार लिया इन सबको
15:00इसा लगता है कि आप जो सोचती है और जो भी करती है आजकल वो सिर्फ और सिफ जायत की फिकर में करती है
15:08जैसे की जायत के अलावा आपके जिंदकी में और कुछ भाई नहीं रखता
15:16यही है ना
15:20हम सेथ के लिए सब कुछ करते हैं ताकि यह ठीक हो सके
15:28अब हमार लिए वाफ लो जायत के ली जाहीं समझी आप
15:34बहुलो मत कि निकाह अलाला की मियाद पुरा करने के लिए जायत के साथ हो
15:39तो बहतर होका कि अपनी हाद मेरो
15:42और यह
15:44उस जायत के साथ उस हेवान के साथ ये आम बिस्तर होने में
15:49अब उसके साब कुल्चर्रे उडाने को निमारी ठीक करने का ना मतलो, प्रीज, हाँ?
15:56आपका क्या है ना? क्या आपको विए जिस्मानी जौरत पुरा करने के लिए एकमारत के जौरत हैं?
16:04पिर जाए कोई भी हो!
16:07यही निकाह अलाला अगर ना उमर के साथ भी हुआ होता ना तो अपनी हावस के चलती है आप यही करती
16:14तुम्हारी जौरत भी कैसे हुए अमारे बारे में इतनी खिनोनी बात करने की
16:30भूल गया आप?
16:35की तलाक आपने दिया था
16:39हम के घरवालोंने हलाला का दभाव डाल कर अभरा निकाह एक पागल आदमी से कराकर हमको धोका दिया
16:56और अब हम परे तोमत लगा रहे
17:02हमें गलत बोल रहे हैं
17:06हमें गलत बोल रहे हैं
17:14हमें गलती की सजा हम भुगत रहे हैं
17:18और हमारे शुकर गुजार होने की जगह आप
17:24आप हमी ही खरण ठहरा रहे हैं
17:30वा राहिल वा अपकी हमाकत कैसे हुए हमसे इस तरह से बात करने की
17:36अपने दाहिए
17:38हमें हिम्मत नहीं थी आप से ऐसे बात करने की
17:52अपने ही अब बस
17:58हम सब सहलेंगे सब कुछ
18:09पर कोई भी हमारी इज़त पर लांचन लगाए ना
18:18यह अबे ना काबिले पर दाशन
18:23राहिल हम
18:27हम हमारे राहिल से भेपना पहुपत करते हैं
18:32करते थे और करते रहेंगे
18:37और उसके साथ निकाह भी करना चाहतें
18:42पर
18:44जिसे हम पे भरोजा नहीं है
18:48जो हम पे शक करता है और जो
18:52जो इतनी इतनी प्रिपार सोच रखता है
18:57कुछ रखता है
18:59सच बोले ना
19:02तो आज आप में और वो बिमार सेहत में हमें कोई फर्की नहीं दिकर है
19:12किनी टिकर है
19:16किसी को भी
19:18इतना सलील मत करो
19:25आसकर कि वो लोग
19:28जो आपको पे इंतिहां महबद करते हो
19:36यह रायल हमें वापस नहीं चाहिए अपनी जिन्दके में
19:39हुह
19:44शुक्र गुजार है हम आपके कि आपने हमें धलाग दिया
19:51हम
19:54आज अभी इसी वाक्त
20:00आपके साथ अपना रष्टा हमेशा हमेशा के लिए तोड़ते है
20:09भावगरना राए
20:13हम ने बहुत कोशिश की
20:17आपके छाहिए
20:21पर शहित अपर अपस काबिल ही नहीं थे
20:24शायद आप उस काबिल ही नहीं थे
20:54स्वाल itt वो ठो काबिल ही phi
21:15स्षब प्हुट रहाए राओ
21:17हाँ
21:18हाँ
21:20हाँ
21:21है।
21:27तलाक अबिद्दत और लिकाहला ने एक ऑरफ के जिन्दगी खत्प कर दी थी।
21:32यूरानर में सामना ऐसी बेवज़ा की कहानी से आकिर साबित क्या करना चाहती है।
21:36ये कोई बेवज़ा की कहानी नहीं है बनकि एक दबी हुई सच्चाई है।
21:40हमें क्या पता था कि मुहपत क्या होती है
21:44एक तुम मिली और जिन्दगी मुहपत हो गई
21:47इन इहसानों के बदले में आप हमसे कुछ भी मांग सकती है
21:50कुछ भी
22:10झाल

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