Guriya Ka Gram Bistar | Chidiya Wala Cartoon | Tuni Achi Cartoon | Hindi Kahani |
Chidiya Wala Cartoon|Tuni Chidiya Cartoon | Hindi Cartoon Kahani|
We create unique contents. Interesting and new moral stories/Kahaniya.
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00:00खंड के मारे मेरा खुन जम रहा है मेरे पंख मेरा साथ छोड़े हैं ममा
00:04गुढ्या बेटी रुखो मैं खिर्की बंद कर देती हूँ
00:07ममा खिर्की बंद करने से क्या होगा
00:10ऐसे मौशम अगर गरम भी सर ना हो तो खंड कैसे रुख सकती है
00:13फिर मम्मा जडिया अपनी बेटी का दिहान किसी और तरफ लगाने की कोशिश करती है
00:18गुडिया बेटी जब मैं छोटी सी थी तो जब मुझे ठंड लगती थी
00:22तो मैं अपनी मां के साथ एक खेल खेला करती थी
00:24मम्मा क्या वो खेल खेलने से ठंड नहीं लगती
00:27अगर ऐसा है तो वो खेल मैं भी आपके साथ खेलूंगी
00:31तो फिर ठीक है चलो शुरू करती है
00:33ममा जडिया अपनी बेटी को साथ लेकर घर से बाहर चुली जाती है
00:37मेरा नाम है ममा और आपका नाम है बेटी
00:40खेल हुई शुरू
00:42ममा गई उपर और बेटी के नीचे
00:45जब ममा चडिया पेड़ पर जाकर बैठ जाती
00:55तो उसकी बेटी गुडिया पेड़ से नीचे आकर बैठ जाती
00:58वो ऐसे ही किये जा रही थी
01:00गुडिया का शरीर गरम हो जाता है
01:03और ऐसे उसे ठंड का एहसास कम होता है
01:06ममा ये खेल तो सच में कमाल की है
01:08मेरी सारी ठंड उतर गई
01:10ये खेल खेलने से
01:11वो रात किसी ना किसी तरहा
01:13ममा चुडिया गुजार ही लेती है
01:14सुबहा हो जाती है
01:16सारी रात जाते रहने के कारण
01:18गुडिया अब तक सोई हुई थी
01:19ममा जडिया को तो केई काम थे, इसलिए ममा जडिया उड़ जाती है और अपने घर से निकलती है
01:25हर्याली बहन, जंगल में कहीं कपास का पोदा है क्या?
01:28आरानो जडिया कपास के पोदे पहाडों के पास है, लेकिन तुम क्या करने वाली हो?
01:32रात बहुत ठंठी, मैं पनी बेटी के लिए कपास से गरम बिस्तर बनाने वाली हूँ
01:37कपास का घौंसला अच्छा रहेगा, ऐसी ठंड में कपास के घौंसले में ठंड का एहसास नहीं होगा
01:42फिर ममा जडिया पहाडों की तरफ कपास लेने चली जाती है
01:45मीना सहेली, मैं तो आज सारी रात ममा के साथ एक खेल खेल दी रही
01:50क्या, वो खेल गया था?
01:52यह मेरा और ममा का सीक्र है, ममा ने तिसी को बढ़ाने से मना किया हुआ है
01:56लेकिन एक बात तो है, वो खेल खेली से ठंड का एहसास नहीं होगा
02:01थोड़ी दूर बैठी, गोरी कवी गुडिया की बात सुनकर हंसने लगती है
02:05गरम बिस्तर नहीं है, बेचारी चुडिया के पास अपनी बेटी के लिए
02:10इसलिए रात गुजाने के लिए इस तरहां के खेल खेलती है वो
02:14आंटी, मेरी सहेली की ममा आपकी दरहां चौरिया नहीं करती न
02:17इसलिए उनके घर में गरम बिस्तर और घौंसे नहीं है
02:21बड़ी लंबी जुबान है तेरी चोटी चडिया, बहुत चूँचूँ करती है तो
02:25मीना सहेली, चलो यहाँ से चले
02:27ममा मने गोर्यांटि से उलचने से बना किया हूए है
02:30जुणबान मीना को लेकर वहां से चली जाती है
02:33ममा चटिया कपास के बोदों से कपास के फूल चुन लेती है
02:37और वो सारे फूल एक टौकरी में रहकर गुड़ी फाकता के पास जाती है
02:41माजी मुझे इनका पास के फूलों से गरम गौंसले बना दे
02:44बेटी मगर उसके लिए लंबी खास की जरूरत होगी
02:48मैं फूल साफ करती हूँ और आप जल्दी से लंबी खास ले आओ
02:51लेकिन माजी मुझे लंबी खास कहां से मिलेगी
02:54लंबी खास नदी के उस बार है
02:56मामा जुड़िया घास लेने चली जाती है
02:58गुड़िया भी अपने घर में आ जाती है
03:00ना जाने आज मामा सुपह से कहां चली के है
03:03भूख भी लखी है और ममा अभी तक लोट कर नहीं आए गुडिया को भूख लग जाती है और गुडिया अपने घर से निकलती है गुडिया उरती उरती घने जंगल में चली जाती है गुडिया अपनी ममा को बुड़ी फाक्ता के पास बैठा हुआ देहकर थोड़ा पास जा
03:33अपने बच्चों के लिए माँ बाप को ना जाने क्या क्या दुख सहने पड़ते हैं
03:37गुरिया अपनी ममा के पास चली जाती है
03:40ममा तो इसका मतलब आज हम वो खेल नहीं खेलेंगी
03:43लेकिन जो भी है ममा मुझे वो खेल खेलने में सच में मज़ा आया था
03:48हाँ मेरी बेटी आज मैंने अपनी बेटी के लिए बुढ़ी फाखता मा से कपास का घौसला बनवा लिया है
03:53ममा चुडिया वो कपास का घौसला लेकर अपने घर चली जाती है
03:58आज रात ममा चुडिया को कोई डर ना था
04:01जब ममा जुडिया खिर्की से बाहिर देखती है तो बाहिर जंगल में हल्की हल्की बरफ गिरही थी
04:07गुडिया बेटी आज बरफ गिरही है इसका मतलब आज रात बहुत ठंड पढ़ने वाली है
04:12लेकिन ममा मेरा कपास का घौंसला बहुत गर्म है मुझे ठंड महसूस नहीं हो रही
04:17ये संगल ममा जुडिया को देसली हो जाती है
04:20ममा आपी यहां मेरे साथ आजाए
04:23नहीं बेटी ये खौंसला चोटा है एक पक्षी के लिए है ये खौंसला आप आराम सकून से सो जाएं
04:29मैं यहां ठीक हूँ गुडिया का पास के खौंसले में लेटते ही सो जाती है
04:33आज रात गुडिया बहुत मीठी नीन सोई थी
04:37दूसरे दिन सुभा सवेरे ही गुडिया कवी रानो चुडिया के घर नमक लेने आती है
04:41चुडिया चुडिया मुझे थोड़ा नमक तो दे दो तुम्हारे भाई कालू ने उबले हुए एंडे पर लगाना है
04:46गुडिया ये खोंसला कहां से लिया तुमने ये तो बहुत गरम होगा
04:54हाँ आज़ी आप तो पर नगी पर मेरा मजाग उड़ा रहे हैं थी ना
04:57अब देखें मेरी ममा में मुझे कितना सुन्दर और गरम खोंसला बना कर दिया है
05:02हाँ हाँ मेरे बेटे जगु के पास भी इसे ज़्यादा गरम खोंसला है
05:06गुडिया नमक लेकर चली जाती है
05:08अमा ये गुडियां भी हर समय जली कती बातें क्यों करती है
05:12बेटी ये गुडिया शुरू से ही ऐसी है लेकिन मैंने कभी इससे लड़ाई नहीं की
05:17तो पहर के बाद जब रानो चुडिया और उसकी बेटी नदी पर पानी पीने जाती है
05:22तो गोरी कवी रानो चुडिया के घर से वो कपास का घौंसला चुरा कर ले जाती है
05:26गोरी कवी वो घौंसला अपने घर ले जाकर चुपा लेती है
05:30जब ममा चडिया और उसकी बेटी वापिस आती है तो अपने घर में घौसला ना देह कर दुखी हो जाती है
05:36ममा शायद कोई मेरा दरम कपास का घौसला जुरा कर ले गया है
05:40हाँ शायद कोई हमसे ज्यादा जुरूरत मन्द होगा लेकिन आप चिंता ना करो मुझे मालूम है कपास कहां से मिलेगी और लंबी खास कहां से
05:48ममा चडिया कपास लेने जब पहाडों पर चाती है तो पहाडों के पास कपास के पोदे तो थे लेकिन उन पर कपास के फूल न थे शायद बख्शी कपास के फूल तोड़ कर ले गे थे
05:58मैं क्या करूंगी कैसे बचाऊंगी अपनी बेटी को ठंड से रात फिर से आने वाली है ममा चडिया शाम को खाली हाथी अपने घर वापिस आ जा जा दी है लेकिन वो पहर डरी हुई थी रात होते ही आसमान से बर्फ गिरने लगती है और ठंड और भी भढ़ जाती है गुड
06:28आपका नाम ममा है गुडिया गई वपार ममा गई नीजे ममा गई बेटी खुद को गर्म रखने के लिए वह खेल खेलती रहती है ममा चडिया और गुडिया की आवास सुन कर एक वदेशी पक्षी जिसके पस एक घटरी थी वहा आ जा आता है चुडिया बेहन मैं वदेशी
06:58लेकिन घर में गरम बिस्तर नहीं है।
07:00ये बास सुनकर वदेशी पक्षी हंसने लग जाता है।
07:04चले आम मुझे अपने घर में ले जाए।
07:06फिर गुडिया और उसकी ममा वदेशी पक्षी को अपने घर में ले जाती है।
07:11घर जाकर वदेशी पक्षी अपने घडरी खोलता है और एक गरम कंबल ममा चुडिया को और उसकी बेटी गुडिया को दे देता है।
07:19चुडिया बेहन मैं गरम कंबल बेशता हूँ, मेरे पास गरम कंबल की कोई कमी नहीं है।
07:24ले आपी सकुन और आराम से सो जाए और मैं भी सो जाता हूँ।
07:28ये सुनकर ममा चुडिया और उसकी बेटी एक दूसरे के मुझ को देखे जा रही थी।
07:33ममा किसी ने हमारा घौंसला जोरी किया तो हमें उसे अच्छा गरम कंबल मिल गया।
07:38हाँ बेटी इसलिए तो कहते हैं कि अगर अच्छा सोचोगे तो हमेशा आपके साथ अच्छा ही होगा।
07:44मुझे मालूम है मेरा घौंसला गोरी कवी ने चुराया था लेकिन मैं चुप रही और सोचा कि शायद उसे उस घौंसले की जरूरत होगी।
07:52और फिर वो सब मीठी नीज सो जाते हैं।