जोधपुर के काजरी परिसर में हरी सांगरी के पेड़ लहलहा रहे हैं. हरी सांगरी के मुकाबले सूखी सांगरी की डिमांड ज्यादा है. जानिए क्यों...
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00:00रेगिस्तानी मेवे के रूप में मशूर सांगरी की फसल इन दिनों खेजरियों पर लहला रही है।
00:18केंद्रिय शुष्क शेत्र अनुसंधान संस्थान यानि काजरी परिसर में थार शोभा खेजरी पर सांगरीयों के गुच्छे नजरा रहे हैं।
00:27यह क्रम एक माह तक जारी रहेगा। घरों में हरी सांगरी को साग के रूप में प्रयोग मिलिया जा रहा है।
00:34साथ ही इसे उबाल कर और सुखा कर रखा जाता है। जो पूरे साल पंच कुटे की सबजी में काम आती है।
00:42हरी सांगरी अभी तो 200 रुपे कीलो बिक रही है लेकिन यही सांगरी सूखने के बाद 1000 रुपे प्रती कीलो से ज्यादा में बिकेगी।
00:49देखिए जो सांगरी जो निकलती है वो खेजडी के पेर से निकलती है यह आप जानते है।
01:08This is the Thar Shobha variety, which is designed for Kali Kain Vidi.
01:18This is the variety of Khejari which is already a rootstock.
01:28This is the selection variety.
01:31The variety in this area is no more than a size.
01:39As this height is reduced from 10-12 feet, it will be easy to get the body out of the Khejari.
01:43Jodhpur's Khejari is also a great choice for Khejari.
01:48The Khejari is also a head of Khejari, which is the Khejari's Khejari, which is a Khejari's Khejari's Khejari.
01:53The Khejari's Khejari's Khejari is also a Thar Shobha Khejari, which is the Khejari's Khejari's Khejari,
01:58which is not a Khejari.
02:00It can be 5-8 feet.
02:03It can be easy for this.
02:07It can be a lot of plants and plants.
02:13It can be 20-25 feet.
02:17It can be difficult for this.
02:20It can be difficult for this plant.
02:29।
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02:59इसके अलावा सांग्री में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, एंटी ओक्सिडेंट, प्रचूर मात्रा में होते हैं, जो मानव स्वास्त के लिए अच्छे होते हैं।
03:08जोधपुर से ETV भारत के लिए मनोज वर्मा की रिपोर्ट