सोनू और निशा की हनीमून की खुशी तब खत्म हो जाती है जब सोनू की बुआ जानवी उनके घर आ जाती हैं। जानवी और सोनू के बीच अचानक एक अनजानी सी नज़दीकी बनने लगती है, जो निशा को बेहद नाराज़ कर देती है। निशा इस बात से इतनी आहत हो जाती है कि वह रिश्ता तोड़ने की धमकी तक दे देती है!
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00:00वैसे तो हम पड़ोसी थे
00:16बड़े भीये के साधी आपने अपनी बहन से करवा कर इस दोस्ती को रिष्तिदारी में बदल दिया
00:21लेकिन पता ने था जिन्दगी में ऐसा भी मोर आएगा
00:25कि हम सब अपने काम काच के चक्र में इतने उलच जाएंगे
00:28कि अब तो लगता है कि हमारा भतीजा भी आपका ही होकर रह गया है
00:32जब आपके एक्सिदेंट को बारे में पता चला
00:35तो तुरंथ ही मैंने निहा को फोन किया
00:38अच्छा लगा ये देखके कि आप ठीक हैं
00:41बड़े भाई साब इनसे मिलीए
00:42पहचाना?
00:46नमस्ते
00:46ये मेरी बीवी
00:48वैसे बड़े भाई साब को आप कौंसे दवा देते हैं?
00:55अरे डॉक्टर ने जो दवाई दिया न वही दवाई देते हैं
01:00बैसे हम कभी डॉक्टर नहीं बन पाए
01:04पर हमने डॉक्टर की पढ़ाई की है
01:06ऐसे मरीज को कैसे टीक करना है?
01:09हमें बड़ी अच्छी तरीके से आता है
01:11जब तक हम यहा है
01:12तो बड़े भाई साब की सारी देखबल हम करेंगे
01:16बैसे तो इन्होंने आपको बताई दिया होगा
01:20कि हम पास वाली जमीन बेचनी के लिए आए है
01:23जो जमीन आपने बड़े भाईया ने साथ में मिलके खरी दी थी
01:26हम उसी का सौदा करने आये हैं यहाँ
01:29लेकिन आप बेफिक्रे रहिए
01:31बटवारा बराबर कही होगा
01:33चाचा जी
01:35चलिये न वैसे भी आमें देरी हो रही है
01:38बड़े भाई साब आते हैं
01:43जानवी
01:58जल्दी आओ बाबा
02:00अरे आ गई बबा
02:02शुक काम के लिए जा रहे हो
02:05वो भी बिना दही शक्कर खाए
02:06तुम भी न पल में कुछ हो पल में कुछ
02:14वो मन ही क्या जो बदले ने
02:16चलो भगवान करे आज का काम आपका सफल हो जाए
02:20अरे हमें ही खिला दोगी
02:24हमारे भतीजे को भी कुछ खिला दो
02:25अरे मैं तो भूली गई
02:28तुम भी न कोई भी काम ढंक से नहीं करती हो
02:38अब भतीजे को जल्दी से ये दही खिलाओं हमें लेट हो रहा है
02:41ठीक है
02:45हम अपने प्यारे भतीजे को
02:47अपने हातों से खिलाते हैं
02:49अरतों से ऑपने करते हैं
02:53अरतों से वेशन प्य को
02:55और प्तूली तरれली
02:57रयारा
03:00इभी
03:03यह खिला
03:11ओने वेशना
03:14अर्तूली
03:15तो इनका भी शौक है तुम्में
03:31नहीं ऐसी बात नहीं है दीदी
03:36वो कभी कभी काम के लिए ये दो-चार दिन बाहर चली जाते है
03:42तो हम अकेले में करे तो करे क्या
03:46तो ये किताबे ही काम आती है
03:50बैसे सच कहूं तो इसका शौक किसे नहीं होता
03:56क्यूं भाईया के जाने के बाद आपको ये सब मननी करता है
04:04हम अपना कहें तो हमें तो हर रोज ये मन करता है
04:08वो तो ये है
04:10कि ओफिस से आके ठक जाते हैं
04:13वरना
04:14हम उने कभी सोने ना दे
04:17शादी के इतने दिनों में भी
04:19इसका कुमार उत्रा नहीं
04:20ये कुमार कोई
04:22उतरने की चीज़े दी दी
04:24हमें ये सब
04:27इतना पसंद नहीं है
04:28वो तो हमें दिख राए
04:31कि आपको ये कितना पसंद है
04:34ये वो कल रात को मचर मारने के चकर में
04:39खुद को ही नाकुन मार बैठे
04:40हमने तो कुछ पूछा ही नहीं दी दी
04:42बस ये कह रहे थे कि
04:44इस चीज में
04:46सबको मजा आता है
04:48और जिसे नहीं आता है
04:52उससे जिन्दगी में जीना ही नहीं चाहिए
04:55तो हम चलते हैं
04:59पड़ी तीखी चुए
05:22सोनो
05:35आँ चाचा जी
05:37कहां तक है हमारी जमीन
05:40चाचा जी
05:42जहां तक आपकी नजरे जा रहे हैं
05:44वो सारी की सारी जमीन हमारी है
05:46मेरे को एक बात बता
05:50आपको इस चीज से दिक्कत तो नहीं है
05:53कि मैं जमीन बेच रहा हूँ
05:54बिल्कुल नहीं चाचा से
05:55आखिर इस जमीन में आपका भी तो हक है न
05:58चितना हमार है
05:59अच्छा चाचा से आपको एक बात पूछे हैं
06:02अगर बुरा ना लगे तो
06:03जमीन बेचना चाचा
06:07अब तुमसे क्या चुपाना है
06:09मैं और जानवी कबसे बच्चा प्लान करने की कोशिश कर रहे हैं
06:12हर बार किसी ना किसी वज़ा से बच्छा नहीं हो पा रहe
06:15डॉक्टर के हिसाब से कुछ internal प्रोबलम है
06:17जिसके इलाज में काफे वक्त लगेगा और जानवी है कि जित परड़ गई है कि उसे बच्चा चाहिए ही चाहिए बच्चा पाने के लिए सिर्फ दो उपाया है एक तो हम बच्चा एड़ॉफ कर ले या तो डॉक्टर को ज्यादा पैसा देखकर आईवीफ करा ले और दोनो
06:47चले अब चले थोड़ा सा तैसिल दार से मिलकर रहें बताएगा क्या बहुत चल रहा है जमीन का
06:54सुनू क्या कर यो भार किसी ने देख लिया तो गलत समझेंगे
07:17जिसे जो समझना समझे
07:19हम आपसे ये बात पूछना चाहते हैं
07:21कि आपने हमसे ये बात क्यों छुपई
07:22कि आपने हमारी जमीनदार के तैसिलदार से पैसे लिए थे
07:25अच्छा सुनो
07:31शान्त हुजाओ और मेरी पार ठंडे दिमाग से सुनो
07:35अरे क्या सुनो
07:37इती सुर्वी बात आप हमें है
07:40पहले नहीं बता सकती थी क्या
07:41और अगर अभी भी कुछ आपने छुपा के रखा ना तो बता दिजा
07:45अब आथ फुनना चाहेंगे
07:47पैटो
07:50पैटो
07:51यह सच है कि मैंने तैसिलदार से जमीन के लिए पैसे लिए थे
08:04लेकिन
08:06हमने वो पैसे तब लिए थे
08:08जब तुमने हमें कहा था कि तुम्हें बिजनस के लिए फंड्स की ज़रूरत है
08:12बिजनस के पैसे आते ही मैं वो पैसा लोटाने वाली थी
08:15लेकिन आप एक बार ये बात मुझे बता देती
08:18हाँ
08:19देखो
08:24मैं तुम्हें परिशान नहीं करना चाहती थे
08:27और सुन्दर को भी इसलिए मैंने यहां बुलाया
08:31क्योंकि तैसीलदार ने मुझे कहा है कि मारी जमीन खरीदने में कई लोग दिल्चस्पी ले रहें
08:37तो मुझे लगा सुन्दर को बुला लेना बहतर होगा
08:41लेकिन तुम चिंता मत करो अपने हिस्से की जमीन हम नहीं बेचेंगे
08:48अगर अभी भी ये कोई बात आप हम से चुपा रही है ना तो बता दीजे
08:52नहीं
08:55अपना मूर ठीक करो नहीं तो भार सुन्दर क्या सुचेगा
09:11अरे चाची जी आप
09:35अरे क्या हुआ चाची जी
09:39अच्छा भतीजे काफी मच्छरे जो हमारा खून चूसरे है
09:45पर क्या है ना अगर भती नहीं मिल रही है
09:49अगर आपके पास हो तो एक दे दोना वरना हमारी राग चाकते ही चली जाएगी
09:57चाची जी आप एक मिनट रुखिए हमारे बास है हमाभी ढून देते हैं
10:02वैसे काफी बड़ा कमरा है तुमारा
10:05ये ली जी अपसे आपको कोई भी मच्छर नहीं चूएगे
10:22सबका तो पता नहीं मगर हम चाहते हैं कि हमें कोई चूएगे
10:33मैं कुछ समझा नहीं चाची जी
10:35यही तो बात है कि तुम्हें कुछ समझ ही नहीं आता है
10:40कहर छोड़ो जिस दिन हमें वक्त मिलेगा उस दिन हम समझा देंगे
10:47फिलहाल के लिए तुम्हें चल भी हूँ
10:52मैं कुछ समझा
11:03वूँ पम्हें
11:05आहीं पोम्हें