जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 25 अप्रैल को होने जा रहे छात्रसंघ चुनाव में इस बार वामपंथी छात्र संगठनों के बीच पहले जैसी एकता नजर नहीं आ रही है। पिछले साल चार प्रमुख वामपंथी संगठनों — आइसा (AISA), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) — ने 'यूनाइटेड लेफ्ट' के बैनर तले मिलकर चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी। लेकिन इस बार गठबंधन में दरारें साफ दिख रही हैं। 18 अप्रैल को नामांकन वापसी की आखिरी डेट थी, केवल AISA और DSF ने मिलकर संयुक्त उम्मीदवार घोषित किए। दूसरी ओर, SFI और AISF ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे और अंबेडकरवादी छात्र संगठन BAPSA(Birsa Ambedkar Phule Students' Association) के साथ मिलकर गठबंधन की घोषणा की। इस गठबंधन को 'अंबेडकर मोर्चा' नाम दिया गया है। लेकिन राजनीति में अंबेडकर की शख्सियत और महत्व को देखते हुए लेफ्ट के दूसरे छात्र संगठन भी अपने आपको आंबेडकर मोर्चा का हिस्सा अंबेडकर के अनुयाई होने के नाते कहलाना पसंद करते हैं और ' जय भीम ' के नारे भी लगाते हैं। JNU में अंबेडकर मोर्चा एक ऐतिहासिक एलाइंस है जो पहली बार हो रहा है लेकिन अगर पूरे देश की बात करें तो हैदराबाद यूनिवर्सिटी,पांडिचेरी यूनिवर्सिटी में पहले से लेफ्ट छात्र संगठन जैसे SFI अंबेडकर संगठनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। JNU के संदर्भ में ऐसा पहली बार हो रहा है।
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00:00यूँ तो सम्विधान निर्माता बाबा साब अंबेडकर को लेकर राश्ट्री इस तर पर राजनीती हमेशा से होती रही है लेकिन छात्र राजनीती भी इससे अच्छूती नहीं है
00:09ऐसा मैं इसलिए कह रही हूँ क्योंकि इस बार जबाल लाल नहरू विश्विध्याले के चुनावों में अंबेडकर मोर्चा भी खास सौर पर दिखाई दे रहा है
00:19क्या है अंबेडकर मोर्चा ये हम स्टूडेंट से ही जानते हैं छात्र राजनीती का कितना बड़ा हिस्सा है क्यों अंबेडकर मोर्चा की जरूरत पड़ी है और कितना एहम है
00:29एक एक करके हम बात करते हैं मेरे साथ सबसे पहले तयबा हैं उनसे बात करते हैं तयबा क्या कुछ बताएंगे क्योंकि अंबेटकर मोर्चा जब हम सुन रहे हैं राश्ट्रिय सर की राजनीती से जब हम छात्र राजनीती को कंपेर कर रहे हैं राजनीती हम देखते हैं राश
00:59उसके बाद मैं यह बोलना चाहूंगी कि यह जो मॉडल है जो लेफ्ट एक पार्टीस हैं, लेफ्ट वोर्सिस, हम बेटकराइट पार्टीस के साथ मिलती हैं, यह HCU में, पॉणिचरी उनिवर्सिटी में और गुजरात में पहले ही चल रहा है, अभी हमने यह किया है, क्यूं
01:29हमारा भी बनता है कि जो सेकुलर और डेमोकरेटिक फोर्सिस हैं, वो साथ में आएं और साथ में मिलके संगर्श करें
01:35आप क्यूंकि SFI पार्टी से अध्यक्षपद के लिए उमीदवार हैं, ऐसा कौन से बदलाव हैं, जो आप लेकर आएंगी, जो आप अपने स्टूडेंट्स के बीच में पहुच रही हैं, वादा कर रही हैं?
01:46क्यूंकि JNUSU का जो लेगेसी रहा है, वो एक मास मॉवमेंट कर रहा है, अगर मैं यहां पे आपको 2019 के आंटी फी हाइक मॉवमेंट की भी बताऊं, तो एक इनसान कुछ नहीं कर सकता है, हमारा मानना है, JNU का स्टूडेंट हमेशा साथ में आया बदलाव लाने के लिए,
02:16इस बात में कोई संदे नहीं है, कि जो महीला है, वो बहुत रिप्रेस्ट है, तो अगर यह देप्रिवेशन पॉइंट देते थे, तो वो एक प्रोग्रेसिव प्रोग्रेसिव एक पॉइंट था, वो JNUSU की लेगेसी थी, जो उन्होंने फाइट कर के लिया था, लेकिन आ
02:46एक सेंटर में हर एक स्कूल में हो रहे हैं, हमको उसके खिलाफ रेजिस्टन्स करना है, यह हमारा मेन एजेंट है, संतोष कुमार हमारे साथ है, AISF से वाइस प्रेजिडेंट पद के लिए लड़ रहे हैं, संतोष जब यहाँ पर बात कर रहे हैं, खास और पर क्योंकि हम �
03:16मैं आपकी कुछ भरांतियां दूर कर देना चाहता हूँ, भरांतियां यह है कि समाजिक न्याय की जब बात होती है, जब आर्थिक न्याय की बात होती है, जब राजनितिक न्याय की बात होती है, हम सब लोग साथ चलने की बात करते हैं, भारत एक आशा देश है, जहां आर
03:46तो आप देखेंगे कि लेफ्ट और अमबेटकर दोनों एक साथ समाजीक नहाय के लिए लड़ें
04:00इत्यास में महार सत्यागरा आज की घटना नहीं है सन 27 की घटना है
04:06यह उस समय की बात है ठीक है आप देखेंगे कि जब ऐसी चीजें हो रहे हैं
04:13पिरियार जिनोंने सबसे पहले कौमिनिस्ट मेनिफिश्टों का तमील में अनुवाद किया था
04:18जो समाजिक नहीं के बहुत बड़े हस्ती माने जाते हैं
04:22तो इस तरह सम देखते हैं कि लडाई जो है आज नई लडाई नहीं है
04:25राश्ती अस्तर पे इस चीज की सुनिश्टता के लिए छात्र हमेशा से एक जूट रहे हैं
04:32समाज हमेशा से एक जूट रहा है और चुकि आज की आप बात कर रहे हैं
04:37आज की अगर बात करें तो आप जब स्टूडन्स के बीच में जा रहे हैं
04:40क्या ऐसा ओफर कर रहे हैं जो बाकी पार्टी नहीं कर रहे हैं देखिए हम कुछ ओफर नहीं कर रहे हैं हम कोई राजनितिक दल नहीं है हम यहां सिर्फ एक चीज इंस्योर करेंगे कि हमारा राइट टू डिसेंट बचेगा जो CPU मैनुवल है जो तमाम तरक हमारे सामेधानिक
05:10सामेधानिक अधिकार जो जिसको बाबा साब ने दिया उसको कैसे बचाएं बपसा से राम निवास गुर्जर भी हमारे साथ में राम निवास जब हम लोग बात कर रहे हैं तो डिसेंट की बात कर रहे हैं खासकर जेनियू में अगर बात करते हैं तो freedom of speech की बात करते हैं आ�
05:40और आपका मोर्चा क्या कुछ लोगों के बीच में स्टूडेंस के बीच में मेसेज पहुचाता है और क्या बहतर ही आप लोग इंशूर करने की कोशिश करेंगे
05:49यह जो लैप्ट अब मेड कराइट यून्टी जो है वो मतलब किनी दो मुद्धों को मेली आगे लेके चल रही है उनमें से सबसे महतपूर्ण मुद्धा है पबलिक एजूकेशन के आइडिया को बचाना जिस पर के एक तरीके से अटेक हो रहा है नेपी को लागू करके यह स
06:19बाराज कहते थे मात्मा फुले कहते थे के एजूकेशन इस धी थर्ड आई अब दी शुद्राज अन अत्य शुर्ण अत्य शुद्राज तो कहीं नहीं यह जो अटेक हो रहा है आरसेस बीजेपी के द्वारा एजूकेशन पर किता कि यह जो सोसित वर्ग जो है उनको एज�
06:49किया जाए और दूसरी जो प्रात्मिक्ता जो है वो केमपस में इस केमपस को डिस्क्रिम्नेशन फृव नाना क्योंकि racist �'s men
06:57पाइबाबोसे में डिस्क्रिमिनेशन, होस्टल एलोकेशन में डिस्क्रिमिनेशन, यह सारी चीजें हो रही हैं, एक और महत्पूर्ण सवाल है कि कहीं न कहीं अभी तक जो इस केमपस में पॉलिटिक्स होती रही है, बहां पे ABVP जो के
07:10एड्मिस्टेशन का फ्रेंटल और्गनाइजेशन है, बहीं दूसरी तरफ है आईसा, जो के इतने साल से यूनियन में हैं, पर कहीं न कहीं वो एड्मिन के साथ में गट जोड करके राजनीती चलाता रहा है, और कोई भी मुमेंट जो है, चाहें बाइबाबोसे के खिलाप हो
07:40ब्रमेश्वर मुखिया जिन्दाबाद, उनके खिलाब कोई कारवाई नहीं हो पाती है, उनके खिलाब कोई डंकी लड़ाई भी लड़ी जाती है, क्यों नहीं लड़ी जाती है, क्योंकि ये जो जिनको लड़ने की जिम्मेदारी दी है, जिनको लड़ने का मेंडेट मिला
08:10यह जो डीलर्स घूम रहे हैं डरों डर कि चाहीं वो अईसा हूँ वह बाहर निकलिए और लीडर्स जो हैं जो के लड़ाई एक्च्वल डीलर्स वर्स लीडर्स की लडाई आप बोल रहे हैं निगम भी हमारे साथ हैं निगम जब हम बात करें छादर राजनीती की कौन से मु
08:40एक तकराव सा क्यों देखने को मिल रहा है उनकी unity साथ में क्यों नहीं दिखने को मिल रही है
08:45ये भी एक सवाल उछ रहा है
08:47देखिए जैसे आपने बोला की कौन से गर्म महौल है अभी campus में
08:52तो सबसे जरूरी मुद्धा है अभी campus में GSCAS को रेंस्टेट करना
08:57GS cash एक हमारी gender sensitization की body हुआ करती थी
09:01जिसमें सारे members जो होते थे वो elected होते थे
09:04nominated नहीं होते थे लेकिन उसको dismantle कर दिया गया
09:08GS cash body को क्योंकि यहां के एक professor है
09:11उनके अतुल जोहरी उनके उपर sexual harassment के cases लगे थे
09:15उसके बाद से GS cash body को रातुरा dismantle कर दिया गया
09:20और ICC जैसी puppet body को ले आके भिठा दिया गया
09:23ICC जो है उसमें सारे members जो है nominated होते हैं
09:27और वो जो होते हैं कभी एक fair decision नहीं देते हैं
09:31तो इसलिए सबसे अभी का मुद्दा हमारा जो है
09:33कि women safety का सबसे ज़ादा है
09:35क्योंकि हम देख रहे हैं campus में आए दिन
09:37sexual harassment की cases बढ़ती जा रही है
09:39इसके साथ ही
09:40CPO manual एक हमारा एहम मुद्दा है
09:43कि हम देखते हैं कि हमारे पास
09:44ऐसी कोई जगा नहीं बची है जहां हम
09:46protest कर सके साबर मती छोड़ के
09:48आप admin पे protest नहीं कर सकते हैं
09:52आप किसी administrative building के पास
09:54protest नहीं कर सकते हैं
09:55अगर आप protest करेंगे तो आपके उपर
09:57proctor inquiry और fine आ जाएगा
09:59तो इसलिए ये दो मुद्दा जो है
10:01सबसे जादा एहम है और इसके साथ ही तीसरा
10:03जो school of languages में हमारे
10:05NEP को ला दिया गया है
10:07तो हम कोसिस करेंगे कि
10:09NEP को भी rollback किया जाए
10:10तयबा आपसे सवाल पूछूँगी
10:13क्योंकि अध्यक्षपद के लिए आप उम्मीदवार है
10:15तो चात्र राजनीदी में अगर
10:17खास तौपर बात करें जेन्यू की तो हम
10:18हमेशा देखते आए हैं कि जितने भी
10:20left parties होती है
10:22उनके हमेशा unity देखने को मिली है
10:24इस बार क्या कारण है
10:26कि वो एक टकराव है
10:27आप लोग आमने सामने एक दूसरे के खड़े हो गए है
10:29और जिसका फाइदा जो आपके प्रतिदवन्दी
10:32ABVP हैं उनको सीधे तोर पे मिल सकता है
10:34देखिये जो सबसे पुरानी
10:36left unity है हमारी SFI और
10:38AISF की साथ में चलती आ रही है
10:40वो तो अभी भी बरकरार है
10:41पिछले साल JNUSU उसे पहले भी
10:44जितने सारे JNUSU हमारी unions बने हैं
10:46उसमें SFI और AISF साथ साथ रहे हैं
10:49इस बार जैसा मैंने पहले बोला
10:51कि कैंपस में एक जो चैलेंज
10:53ABVP के सामने आ रहा था
10:54यह कैंपस एक inclusive कैंपस है
10:56यहाँ पे हर तबके से लोग पढ़ने आते हैं
10:59स्टूडेंस पढ़ने आते हैं
11:00और क्योंकि Indian Society कास्टिस्ट है
11:02और इसमें कोई भी संद्य नहीं है
11:04तो एक class struggle और caste struggle
11:06जो हम बात करते हैं साथ में लड़ने की
11:08उसको देखते हुए
11:10ABBP को ही challenge करने के लिए
11:12इस बार SFI का मानना था
11:14कि हमको जैसा कि मैंने पहले बोला
11:16बाकी universities में भी model हम लेकर आएं
11:18कि हमको अंबेटकराइट politics
11:20जो है एक बापसा जो है उसके साथ
11:22मिलकर एक alliance बनानी चाहिए
11:25तो हमारी larger left unity तो अभी भी है
11:27SFI, AISF, PSA साथ में है
11:29एक जो संगटन है जिसको
11:31compromise का politics हम बोलते हैं जो करता है
11:34और इसको नहीं लगा कि उसको
11:36इस alliance में साथ आना चाहिए
11:38जो इस बार मुझे लगता है
11:39जी जी जी compromise का politics में बोल रही हैं
11:42वो करते हैं क्योंकि
11:43DOS के protest पे उन्होंने students को
11:45anti student एक अपना move करते हुए
11:47students रहे थे तो उन्हीं के
11:49अद्यक्ष जो यहां से थे
11:51वो जाते हैं और अंदर से DOS को
11:53भगा देते हैं पूरी की पूरी organization
11:55बपसा के क्योंकि उमीदवार हमारे साथ हैं
11:58इसलिए मैं आप से जरूरी ये सवाल
11:59पूछना चाहूंगी जब भी
12:01अंबेटकर मोर्चे की यांबेटकर
12:03politics की छातर राजनीती में बात होती है
12:05तो बपसा का नाम सबसे उपर आता है
12:07और ऐसा क्यों बपसा ने तै कि
12:09इस left संगठन के साथ रहना है
12:12और दूसरे left संगठन
12:13यानि आईशा के साथ नहीं रहना
12:15अगर मैं दो महीने पीछे जाओंगा
12:18जब डियोएस का मुमेंट शुरू हुआ था
12:20जिस कॉम्प्रोमाइज की बात
12:22साथी तैवा ने की तो
12:23बहां पर आप देखेंगे के
12:25उस डियोएस के मुमेंट में
12:27जिसमें के सारे स्टुडेंट
12:29मोबिलाइज होके गए
12:30एडमिन पर दबाब भी बन रहा था
12:32पर उसी मुमेंट पर लगबग इसी वक्त
12:35जो है आईशा से
12:37कॉम्प्रेड आती हैं उन्होंने जो है
12:38उन्होंने डियोएस को बहां
12:41से निकाल दिया हमारा सीधा
12:43सवाल था कि यह आपने निकाला है
12:45इसकी जिम्मेदारी आप लीजिए
12:47आपका संगठन ले उन्होंने
12:49जो है उसकी जिम्मेदारी लेने
12:51से मना कर दिया तो यह जो
12:52एंटी एंटी स्टुडेंट
12:55जो पॉलसी रही है कि जिस तरीके
12:57से वो उन्होंने लगातार जो है
12:58स्टुडेंट को बिट्रे करते आए हैं
13:01तो उसी उनी सारी बातों को ध्यान में रखे
13:04और भी कई कमेंट्स जो है
13:05उनी की पाटी से सिधार सींग है
13:07उन्होंने जो है औल और की मीटिंग में
13:10जो के अभी जो JNUSU में जनरल सेक्रेटरी हैं
13:14हमारी प्रियांसी आ रहे है
13:16वो उस मीटिंग में थी
13:17और उदर से सिधार सिंग बोलते है
13:21कि इन लोगों से तो क्या ही बात करना
13:23इनका तो करेक्टरी ऐसा है
13:24तो इन लोगों से
13:26कहीं ना कहीं आपको प्रब्लम
13:28येस मतलब क्योंकि वो जो है बहां से वो एक कास्ट इस्ट उसमें टॉन में के कही न कहीं इन लोगों से क्या ही बात करना दे आर लाइक सेवेजेज तो इनसे रीजनेवल डिसकसन करना जो है तो जो ये केरूगेंस जो है फीडल एटिट्यूट जो है कि जहां पर एकाउंट
13:58मतलब बाफसा बाफसा का जो है इतने सालों तक अपना डिसकोर्स उसने इस केंपस में स्टेबिलिस कर दिया है पर कहीं न कहीं यहां पर जो है ओबरॉल यूनिटी को एक नई नई पॉलिटिक्स को दिशार देने के लिए ये जरूरी था कि डियो एस के बक्से जो मुमें�
14:28बहुत शुक्रिया आप सभी का ABP News से बात करने के लिए देखे आर्थिक और सामाजिक न्याई की मुहिम को आगे चलाने वाले डॉक्टर बी आर अमबेटकर यानि बाबा साहब अमबेटकर की सोच को फॉलो करते हुए इस बार जवाललाल नहरू विश्विद्याले के च्
14:58उस पर लगातार हम आप तक दर्शकों तक पहुचाते रहेंगे और दिखाते रहेंगे कि जवाललाल नहरू विश्विद्याले का चुनाव किस मोड पर जा रहा है क्या कदम ले रहा है और क्या कुछ नया होता जा रहा है