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  • 2 days ago
बीमारी या फिर कुछ और... चीन के टॉप AI साइंटिस्ट्स की अचानक क्यों हुई मौत?

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00:00हमारी दुनिया में AI के दम पर सब कुछ बदल रहा है, आज AI सब कुछ कंट्रोल कर रहा है, आपकी मशीने, आपका फोन, आपका भविश्य भी
00:09इस चमचमाती दुनिया के पीछे कुछ लोग हैं, जिन्होंने इसे बनाया है, लेकिन उनकी कहानिया अब रहस्य से बन गई है, चीन के टॉप AI साइन्टिस्ट्स, जो राद दिन इस टेकनोलोजी को बेहतर बना रहे थे, अचानक कम उम्र में दुनिया छोड़ गए, ये हा�
00:39अमेरिका को टक्कर दे रही है, डीप सीक का आर वन मॉडल एक मिसाल है, जो चैट जीपीटी को पचाड कर एपल एप स्टोर पर नमबर वन बना, लेकिन इतना सब कर पाना आसान नहीं होता, नमबर वन का टैग पाने के लिए रातों की नींद और दिन का चैन खोना पड़
01:09पड़ती है, चीन के कम्प्यूटर साइंटिस्ट लिव शावशान कहते हैं कि यहां सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा है, कॉम्पिटिशन इतना ज्यादा है कि जब तक आप कोई आइडिया सोच कर उस पर आधा काम करते हैं, कोई और उसे पहले ही पबलिश कर देता है, य
01:39ये अंजान डर भी वैज्ञानिकों को तनाव देता है, साउथ चाइना मौनिंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में चीन ने अपने पाँच टॉप एआई साइंटिस्ट्स को खो दिया, ये लोग अपनी फील्ड के सूपर स्टार्स थे, जिन्
02:09उन्हें 35 साल से कम उम्र के टॉप इनोवेटर्स में शामिल किया था, लेकिन 2022 में अचानक बीमारी से उनकी मौत हो गई, AI एंड कम्प्यूटर विजन के वो महारत ही थे, उनके नाम 35 अमेरिकी पेटेंट भी थे, जिनमें से 13 अंतरराष्ट्रिय स्तर पर रेजिस्टर्ड �
02:39में एक मिशन के दौरान उनकी मौत हो गई, वो सिर्फ 38 साल के थे, इतनी कम उम्र में उनका जाना सबको जगजोर गया, टेक जायंट कमपनी सेंस टाइम के फाउंडर टैंग शाओ की 55 साल में ही मौत हो गई, टैंग ने चेहरा पहचानने वाली AI टेकनोलोजी को चीन में म�
03:09हो गई, ही जी यिदू टेक के को फाउंडर थे, जिन्होंने हेल्थ केर में AI का इस्तेमाल बढ़ाया, दो हजार चौबीस में किंगाई में एल्टिटूट सिकनेस से उनकी मौत हो गई, वो 41 साल के थे, क्वान युहुई कम्प्यूटेशनल फोटोग्राफी के एक्सपर्�
03:39से, कम उम्र में हुई इन मौतों की वजह से सब के मन में सवाल उठे, क्या ये सिर्फ हादसे और बीमारियां है, या इसके पीछे AI इंडस्ट्री का जबरदस्त दबाव है, चीन और अमेरिका के बीच AI की रेस किसी जंग से कम नहीं, दोनों देश एक दूसरे को पचारना �
04:09और चीन लोट कर काम शुरू किया, लेकिन वहां का कॉम्पेटिशन और वर्क प्रेशर उन्हें तोड रहा है, ये कहानी सिर्फ चीन की नहीं, बल्कि हम सब के लिए एक सबक है, AI हमारा भविश्य बदल सकता है, लेकिन इसकी की मत क्या वैज्ञानिकों की जिंदगी होनी �
04:39झाल झाल

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