Supreme Court पर टिप्पणी करना अपराध है? जानें कानून...
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00:00क्या सुप्रीम कोर्ट या जजों पर टिप्पनी करना अपराद है?
00:03सीधा जवाब है हर बार नहीं।
00:05अगर कोई बात संतुलित, तथ्य आधरित और सम्मान जनक तरीके से कही जाए
00:09तो वो अभिव्यक्ति की आजादी के तहट आती है।
00:11सम्विधान के अनुच्छेद 19.1.1 में इसका हक दिया गया है।
00:15लेकिन यहीं आजादी इनन अनुच्छेद 19.2 में कुछ सीमाओं के साथ आती हैं।
00:20जैसे न्याय पालिका की गरिमा और सारवजनिक व्यवस्था का ध्यान रखना।
00:23हाल ही में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर टिपनी करते हुए कहा कि कोर्ट धार्मिक युद्ध भड़का रहा है।
00:30इस पर एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका डालने की बात कही।
00:33कोर्ट ने कहा कि इसके लिए अटार्नी जनरल की मंजूरी जरूरी है।
00:371971 के अवमानना कानून के मताबिक अगर कोई बयान कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुँचाता है या नियाएक प्रक्रिया में हस्तक शेप करता है तो उसे अपराधिक अवमानना माना जा सकता है।
00:47इसकी सजा चोह महीने तक की जेल या दो हजार रुपे जुर्माना हो सकती है।