उत्तराखंड के चमोली के माणा में है सरस्वती नदी का उद्गम स्थल, हर 12 साल में होता है पुष्कर कुंभ, इस बार होगा खास
Category
🗞
NewsTranscript
00:00दक्षन भारतिय आचारियों की परंपरा में प्रत्यक वारवर्ष के बाद मितन के व्रेश्पति के प्रारम होने पर वद्रिकास्टम में और पुसकर कुम्भ का आयजन किया जाता है जो कि इस वर्ष 15 मही से और प्रारम होगा इसके लिए वद्रिकास्टम बद्रीनात के दा
00:30सद्धारों को किसी प्रिकार की अशुविधान हो सबको संब्यक्तिया भगवान के द्रस्वनों का लाव हो सके इसके लिए चाहित है पूर्णतया कर ली गई है भगवान सबका मंगल करें सबका व्युद्धान करें शपर कृपा की वर्षा हो
00:46सज्जनों परमहर्स का विसाई है भगवान बद्री विशाल जी के मंगल का पाग ठीक चार मई को प्राताह च्छे वजे समस्त विश्व के लिए खोल दिये जाएंगे
01:05इसी करम में ठीक चोदा मई से पुसकर कुम्ब का आईजियन किया जा रहा है जिसमें बद्रिकेदार मंदिर शमिदी की गूर से समस्त तैयारियां पूरर रूप से कर दी गई है
01:20और जो ये पुसकर कुम्ब होगा ये साम्यप्राश छेत्र वद्रिका अस्त्रम में मा भगवती सरसती की उद्गा मस्तल पर होगा
01:30और इस साल लगता है कि तिर्थी यात्री भहुत संख्या में आएंगे और जो दक्षण भारत की परंपरा में रहा है कि वहां के आचैरी लोग इस कुम्ब में इस पुसकर कुम्ब में समलित होते हैं