पूरा वीडियो: 'धर्मो रक्षति रक्षितः' यदि सच है, तो इतने महापुरुष मारे क्यों गए? || आचार्य प्रशांत (2024)
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00:00जीजस के साथ वो नहीं हुआ होता जो हुआ है तो इसाहियत नहीं आगे बढ़ी होती।
00:04पूरी इसाहियत इसी पर आश्रित है, repentance, atonement, Jesus suffered for us, God sent His own son to redeem us of our sins।
00:14नहीं तो एक साथारण से वहां के लड़के जैसे थे, नौजवान वो अपना सड़कों पर फिरते रहते थे, गड़री है, shepherd ही तो थे, बहुत लोग थे भी नहीं उनकी सुनने वाले।
00:38मेरा संदेश आगे पहुचेगा नहीं, उनकी बात इतनी आगे बढ़ी ही नहीं होती, अगर सूली और सलीब का काम नहीं हुआ होता तो, कई बार अपनी जान दी जाती है ताकि अपना मिशन आगे बढ़ सके।