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  • 2 days ago
​Chhaava (2025) Full Hindi Movie​
Chhaava (2025) is a Hindi-language historical action film directed by Laxman Utekar, based on the life of Chhatrapati Sambhaji Maharaj, the second ruler of the Maratha Empire. Vicky Kaushal portrays the titular role, with Rashmika Mandanna and Akshaye Khanna in pivotal roles. Adapted from the Marathi novel Chhava by Shivaji Sawant, the film delves into Sambhaji Maharaj's valor, leadership, and sacrifices
Released on 14 February 2025, Chhaava garnered significant attention for its compelling narrative and performances. The film features a musical score by A. R. Rahman and cinematography by Saurabh Goswami. Distributed by Pen Marudhar in India and Yash Raj Films internationally, it was also released in Telugu on 7 March 2025. The film is available for streaming on Netflix since 11 April 2025
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Transcript
00:00:00झाल बोल्लीट वार वरान जावी वी जां लोग वारा टावीश झाल
00:00:30झाल
00:00:59बागी हिस्सों में जब इनसान अपने वजूद के लिए लड़ रहा था तो भारत वर्ष में महान संस्कृति का निर्मान हो रहा था
00:01:06जहां हर धर्म के लोग एक परिवार की तरह रहते थे
00:01:11पर इस मंदिर को भारी आकरमनकारियों की नजर लग गई
00:01:1516 सदी में पानिपत का युद्ध जीत कर दिल्ली के तक्त पर लहराया मुगल सल्तनत का पर्चम
00:01:23उस समय कई शासक और सल्तनत खुद को जिन्दा रखने की कोशिश कर रहे थे
00:01:28भारत वर्ष में अगले सो सालों तक कोई और शासक मुगल सल्तनत को मात ना दे पाया
00:01:3417 सदी में मुगलों का सबसे ताकतवर बेरहम और निर्दई बाच्षा और अग्जेब तक पर बेढ़ा
00:01:42जिसने अत्यचार की हदे पार कर दी
00:01:44पर जब जब धर्ती पर आतंग और अत्यचार बढ़ता है तब तब धर्ती को बचाने किसी महापुरुष का चड़म होता है
00:01:55सबें आ गया था
00:01:57साक्षात माता भवानी और भवाज शिफ का अंच मा जिजाओ की कोक से शाहजी राजे भूसले परिवाद में जनम ले रहा था
00:02:05इस धर्ती को औरंग की जुल्मों से बचाने जिनों ने हिंद भी सुराज की जोत लगाकर मराठा समराज्य की स्थापना की
00:02:14वो थे भारत भूमी के महनायक चत्रपती शिवाजी भाराज
00:02:20उनकी लड़ाई किसी भी धरम के खिलाफ नहीं थी उनका संघर्ष कटरता और उदंडता के भिरुप था
00:02:30उनकी बढ़ती हुई शक्ती से चिंते थोकर औरन ने कई बार सुराज पर आकरमन किये
00:02:36पर हर बार मात खा गया
00:02:38औरन जेब और उसकी बेरहम सल्तनत को ललकार में वाला अगर इस धर्ती पर कोई था
00:02:44तो वो दखन का शेर वीर पराकरमी शत्रपती शिवाजी भाराज
00:03:00पंगाल से शाहिष्ता खान ने शाही नजराना भेजाए आलमगीर
00:03:11इबद की जंग में मुगलों ने फते हासिल कर ली है जहां बना
00:03:17माशाला, माशाला
00:03:20आलमगीर का इकबाल बुलंद रहे
00:03:30दक्षन से खबर आईए जहां बना
00:03:33दक्षन का शिवा, मराठो का शत्रपती इस दुनिया से रुखसत हो गया है
00:03:41सुनते ही हमें मुगल दद्रत का पर्चम पूरे हिंदुस्तान के कोने कोने में
00:03:54उचा लहरात नदर आ रहा है
00:03:56आमीन, आमीन, आमीन
00:04:00शिवा जी गया, अब दक्कन की जमीन खुद बखुद हमारी जमीन से चुट जाएगी
00:04:05आमीन, आमीन, आमीन
00:04:07जब उसे आग्रा में कैद किया था, तब शेहिंशा और मौत दोनों की नजरों से बच्च के भागिया था
00:04:15और तब से अब तक हम दक्कन पर कब्सा नहीं कर पाए
00:04:19आखिर का राज, जहापना का एक लौता अधूरा खुआब मुकमल हुआ
00:04:25आमीन, आमीन, आमीन
00:04:28तान तरस के पर आजब भी कोई अच्छी खबर नसीब नहीं हुए
00:04:32सिवा जैसा दुश्मन
00:04:40अब मिलेगा कहा
00:04:44या आला तद से नाराज की उमर पर रहेगी
00:04:55जन्नत की दरवाजे खुले रखना
00:04:57शेल हारा है
00:05:02जशन मनाओ
00:05:08फकीरों को अमीर बनाओ
00:05:14मराठा सामराज्य के इंदकाल की खुशिया मनाओ
00:05:25अब मराठा ज हुए
00:05:29नहीं हुए
00:05:32यथ श्तर देशस्टी वेवड़ से लग भी जड़ी
00:05:37अदीरों की खुश्मन
00:05:40माठा माठाम
00:05:41बनाध
00:05:43माठाम
00:05:44यू चुश्मन
00:05:45प्रुश्मन
00:05:47युश्म₺
00:05:49यथ
00:05:52यू
00:05:52क tadi हम कि ल�ता है जए रेखल, कि बाय करना ले घटाय कर सावी करना тय मैं।
00:06:16कान जाम जाम
00:06:19खान जमान साब, गैर मुसल्मानों से वसूलत जिजिया बड़ी तेज रफ्तार से शाही तीजोरियां भर रहा है
00:06:27और शिवा जी के इंतिकाल के बाद लोग हमें अपनी दौलत अपनी जान के सद्के में देने लग गए है
00:06:35इसलिए तुम आलिश करवा रहे हैं काकड मिया
00:06:49जिसम को महफूज रखे है हुजूर बुरहनपुर सोने की खान है हुजूर मुगलिया सल्तनत की जान है
00:06:56नजाने कब जरुवत पड़ जाए इसे किसी की बुरी नजर से बचाने के
00:07:00कौन करेगा हमला राजपूत अपने शांदार राजपुताना के एफाज़त में मसरूफ रहते हैं
00:07:07और मराठे अनाध हो चुके हैं हमारी मानिये तो कहबा पीजी और चकरना रहे हैं
00:07:13क्योंकि अल्ला के घर से मौत का फर्मान और अपने घर में बिन बुलाया महमान
00:07:18का बबिया क्पी असकता है
00:07:32मरया गोगी पूचारे या
00:07:40मिलके अदोे मिलए
00:07:45मिलके अना
00:07:46कर दो कर दो कर दो
00:08:16कर दो कि अगया को तो कुछ जब नेको जुच देखा भूंगे लेत संदर शेकर अजिया खुछ देखेकर को बार हुआ झान।
00:08:28कि भूर्टों के पाथ तको पर पूंदेत खुच चुकी है
00:08:38कर दो कर दो
00:09:08कर दो दो कर दो कर दो
00:09:38कर दो कर दो पिर दो
00:10:08हाँ
00:10:38कर दो!
00:10:40झार्णक्राइड में!
00:10:42कर दो!
00:10:51झार्णक्राइग!
00:10:54करार्णक्राइव !
00:10:56झार्णक्राइव !
00:10:59थेक आयो !
00:11:01कर दो!
00:11:31कर दो!
00:12:01कर दो!
00:12:03कर दो!
00:12:05कर दो!
00:12:07कर दो!
00:12:11कर दो!
00:12:13कर दो!
00:12:19हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ थे उखonstु को जसार को.
00:12:49पर डे में जहाँ!
00:12:55उन्हों को इँ में जहाँ, जहाँ!
00:12:57जहाँ!
00:12:59जहाँ!
00:13:02जयाँ!
00:13:05याले!
00:13:08याले!
00:13:12यह लग
00:13:23कิ लिए कमामी
00:13:27लगा लेकाट
00:13:32लगा
00:13:33लगा लुग
00:13:37लगhta
00:13:38लगा
00:13:40झाल, आप में...
00:13:48हम तानो कि आप में...
00:13:52हम तानो कि आप, कि आप में...
00:13:57नहीं हुआ...
00:14:02झाल झाल
00:14:32आहसा हे जए यहाँ चर्ग कर दे कर किना पोोれた की तुरि
00:14:50आहे उए जए जए धनर बाहें तुरिब का भुण प्र Сам का उख
00:14:56ज़ें तुरिव सवती ही तुरियत草 हुए
00:14:59कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर �
00:15:29प्रुडू झा प्रादे घर एफ प्रादे प्रादे यहाँ प्रादे अगज़ूूुरू एप समय खूआ।
00:15:59कर दो
00:16:29झाल थ्यूस्टारू जाल
00:16:59कर दोब कुछ कर दो अगार के दोन स्चारोब पजके अ कर दो.
00:17:23प्रप कर देने रहों टो कि एप जन पहको दो प्रेगा जए कर दोर्फ है
00:17:53कि ऑब दो मुझें यह लदेट मुझें उब
00:17:54कि Cris
00:18:07किझा त MS
00:18:11किर दो
00:18:14कि उना
00:18:17कि
00:18:20तो
00:18:21मुझे
00:18:22आपने मालिक से शेर नहीं रहा है
00:18:52लेकें जाओ आपी भी जंकल्ना कुम्राए है
00:18:55खाड देंगे मुगल सलतनत की चाती अगर माराथा समराजय के विरुद सोचने की चुर्रत की
00:19:00हम शोर नहीं करते हैं
00:19:03सिधा शिकार करते हैं
00:19:22आपने एपने एपने शेर नहीं
00:19:49कर दो के बनुए यह देना जी बहुत कुन बेहरा है अरे थोड़ा सा बहने दीजिए असा जी काका सुवराज का खुन मुगलों के समिट्टी को पवित्र कर रहा है
00:20:00हाँ हाँ सबस्टारी संपति महर बंकर के राइगार रवाना कर दो संथा ऐसे कि अधने इतना खाजाना लिजनन बहुत कथी नहीं है अधने कि नहीं श्ट्रू को हराने के संथाजी और अंग्जेब को बुरान पूरा लुटा पूटा मिलना चाहिए
00:20:18थेल्ग है फ़लो बालिवड वीरल वर वाचिन आर भीड दाने एक लिगाना का रहुए भी अन्ता इयंक यह किया बात हुई हमारे युराज्च लगे सबसी चहीते कविकले यह था । वेटर गाना कारे कविमान के वी तनेक वूल पंची प्रकरति समया वहर किसी को अपनाता
00:20:48कोई अकेला कैसे छोड़ सकता है मुगलों के इलाके में रहने वाला व्यक्ति आज मराठों के बीच रचा बसा हुआ है तो आप ही वताईए अन्ता जी ऐसे कोई हमारे साथ बैठके भोजन ग्रहन करना स्विकार करेगा
00:21:00मिल्कुल इसे आपको गुरा नहीं लगता है
00:21:06अगर प्रसंड है तो क्या लाज समाज इस कभी कलश के मीत है संभाजी शिवराज वा
00:21:16आई साइब आई साइब आई साइब आई साइब आई साइब जी शम्गू
00:21:28जब तक स्वाराज की आग जलती रहेगी ये धुआ भी उड़ता रहेगा शंबू
00:21:39जब राज
00:21:54आप तो हमें शंबू कई ये हैं अमीर मामा
00:22:03शंबू सुनने के लिए कांद तरसका है
00:22:07हमें आप में बड़े माहराज की चवई दिखा ही देती है
00:22:16इसलिए संकोच होता है
00:22:24रहामें आप से आई सहाब और अबा सहाब दोनोंके अशरवात की चक्ती मलती है
00:22:28सामने हजार शत्रू क्यों ना हो हम जाणते आपके आखें किवल हमारी अक्शा करती है
00:22:33हम इतने भी बड़े नहीं है शंबू
00:22:38हम तो सिर्फ इतना जानते हैं कि हमारे रक्त की प्रतिक पून्द आपको समर्पत है
00:22:48आए आए आए लोग प्रतिक्षा कर रहा है
00:23:08कि केवल एक जीत नहीं है एक दाड़ है जो औरंग के कानों में गूंजेगी और चीक चीक करकाईगी कि छत्रपती शिवाजी माहराज आज भी जिन्दा है
00:23:27मराठो का अंतनाई मुगलों के विनाश की शुरुवात है
00:23:32इस लड़ाई में हम हर धर्म का सम्मान करते हुआ आगे बढ़ेंगे क्योंकि ये युद्ध किसी एक धर्म के विरुद्ध नहीं है
00:23:38इस अंग्राम एक स्वराज बनाने का प्रयतन है
00:23:42यहां हर धर्म का मनुश्य बिना लड़े जी सके
00:23:46इस धर्ती का हर इंसान एक राजा की तरह चले
00:23:51और रंग और उसके जैसा कोई भी शेतार
00:23:56यदि छट्रपती शिवाजी महराज के सुराज के विरुद्ध कदम उठाएगा
00:24:00तो मा जगदम्ब की सौगंद च्वाला मुखी की तरह फटेंगे और भस्म कर देंगे उसे
00:24:05हमें हराने वाली हर कोशिश को वारेंगे
00:24:09हर शडियंत्र को तोडेंगे
00:24:11आबाव साहिप का सपना पूरा करके ही छोडेंगे
00:24:14जाए भवाने जाए भवाने
00:24:17राजगदी तो अपने दूसरे चत्रपती के लिए सज रही है अणना जी
00:24:29और सुना है पुरहानपूर को वीरानपूर में बदल दिया यो वराज दे
00:24:33पल भर में जश्त का माहौल मातम में बदल दिया
00:24:36हमारे सपनों का भी अंत कर दिया शबबुनी
00:24:40हमारी पिछली गल्तियों को शमा करके हमें दुबारा उसर दे तो दिया पर किस लिए
00:24:47खुट-खुट के मरने के लिए या खुट-खुट कर जीने के लिए
00:24:52हमारा ये जीवन दान भर्त हो जाएगा अगर हम राम राजे को छत्रपती के गदी पे बिठान पाए तो
00:24:59कि शासन हमारे हाथ में होगा तरंतु ये संभा इसके चत्रपती बनने के बाद हमारा हुना डग हुना एक समान है
00:25:15बच्पन से हमारे आखों में वो एक कौंटे की तरह सल रहा ये संभा जी
00:25:23इतना सा था आगरा में और अंगजेब की किरफ्ट से फरार होकर बड़े महराज और युवराज दर्बदर भटक रहे थे
00:25:42उगल सैने को कोई आदेश दिया गया था कि किसी भी भेश में कोई भी बाप पेटा यदी नजर आए तो उन्हें तुरंत कैद कर लिया जाए
00:25:52एक दूसरे की सुरक्षा के लिए दोनों अलग-अलग दिशाओं में हूलिये लेकिन कहीं युवराज अखेले ना पखड़े जाए तो महराज ने उनका जूटा अंतिम संस्कार तक कर दिये
00:26:12मुद्धों को यकीन दिलाने के लिए पूरा तक हिंशोक मना रहा था
00:26:23तो जिसकी भाग्य में छुपना, भागना, मर ना लिखाओ
00:26:37राजा कैसे बन सकता है, राज अभी शिक किसी का भी हो, राजी तो हमारे राप राजी ही है
00:27:07जाने तू जानो मेरी जान तू ही दे तू ही है
00:27:18मेने तू जीना है जीना है तेरे सास में
00:27:28मेरे साथी, मेरे साथी
00:27:39जाने तू जानो में, मेरी जातू ही थी तू ही है
00:27:49यह सासे, क्या सासे, इनका आना जाना यू ही है
00:27:59मेरी जान तू है
00:28:04महारनी?
00:28:05तू थी हाथू है
00:28:09जाने तू जाने तू जाने तू है
00:28:13लगता है आपकी नजर वापस उतारनी हो गया
00:28:18सुदारनी हो गया
00:28:19अरे जस धराव मा का दूद पीकर बड़े हुए
00:28:22वो दूद इतना कमजोर नहीं कि कोई भी तीर तलवार चुए रोमे कुछ हो जाए
00:28:26अगा जिस पर पुरे सुराज जी की नजर है
00:28:30उसे कैसे किसी की पुरी नजर लगेगी
00:28:42श्री सकी
00:28:44एक बात पूछू
00:28:46वैसे जब राजा महाराजा युद से लोटते हैं
00:28:50तब राणी साहिबा प्रेम और चिंता जताने उन्हें नाराजगी दिखाती है
00:28:54और एक हम जो बस मुस्कुराए जा रहे हैं
00:28:58जो लडाई खक्म करके आया हो उसे घर लोटते ही लडाई के मैदान में उतारना सही होगा
00:29:04प्राशन पूछने से पहले ही उत्तर कैसे दे देती हैं आप
00:29:10क्योंकि हम सिर्फ आपकी धर्म पत्नी नहीं श्री सकी भी है और जहां तक मुस्कराहट की बात है
00:29:19हमने तो सुनाए है सफ दखन नहीं उत्तर में भी कोई स्त्री संभाजी भूसले का नाम सुन ले तो उसका चेहरा खिल उड़ता है
00:29:27हमारे बारे में जितनी जानकारी आपको है वत दी शायद हमें खुद भी नहीं यह कंऀ सुनि सुन आप
00:29:39इनकी जानकारी रखना कौंसी बड़ी बात है हम तो या जह वह बातें बैज जानते हैं जो सरफ आपका दिल जानता है
00:29:48अच्छा चलिए फिर बताईए इस समय क्या चल रहा है हमारे मन में इस समय सकी कि श्री को सिर्फ एक बात सता रही है पर चिंदा करने की कोई बात नहीं ये इच्चा भी पहले से ही पूरी कर रखी है हमने
00:30:08क्या
00:30:18कर दो भी इस वराजवाबे ही श्रीम चीछ शंभू
00:30:27कर दो
00:30:57कर दो
00:31:06करी करैं कि अश्रवाद कर दो
00:31:08कर दोक्त एँ अश्रवाद कर
00:31:08पुंँ एहाँ को हुँआ श्रवाद दिने की प्र�с dropped
00:31:15आपकर आखोल्ली विटार थे कहां पुंट निस मीघिट थे अपनी सथा है
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00:31:48जहाँ आलमगीर की इजाज़त के बिना हवा भी अपना रुख नहीं बदलती थी.
00:31:57महा की खिसमत बदल गई है.
00:32:00मिट्टी के अलावा मराथों ने कुछ नहीं छवड़ा बुरानपूर में.
00:32:04मराथा.
00:32:06जिनके पंज्यों में नाखून तक नहीं बचे.
00:32:10वह अमला करेंगे. वह भी बुरानपूर पर.
00:32:16लिखते वग्त खान जमान पोश में नहीं थे क्या?
00:32:21दखकन से फिर एक तुफान उटके आया है आनमगीर.
00:32:25जिसका नाम है संभाजी भोसले.
00:32:40सिवाने आया है आनमगीर.
00:32:53चत्रबति शिवाजी महराज.
00:32:56महराज की तबियत थोड़ी नासाज है आलमगीर.
00:33:07उन्हें सक बुखार चड़ा है.
00:33:09तुमको बुखार नहीं आता है, उराज.
00:33:24हमें नहीं आता, पर हमारी वज़ा से औरों को बुखार जरूर आता है.
00:33:30तुमको बुखार नहीं आता है.
00:33:35यूखार नहीं आता है.
00:33:37तुमको बुखार नहीं आता है.
00:33:40वर अपनी साप संदर छोडिया
00:33:42या खुदा दुबार हमाई उसमत गरना
00:33:51हमारे दखकन पॉंचने तक संभा की जान में फूजर रवना
00:34:10तक संभने गरम गבר से लिए लिए मैं पॉंचने पर्वत रिखकन प्रवत प्रवत
00:34:13परत्व गरना प्रभ से होव देञुदा रिखकन फॉंचने ताम्
00:34:23यूग जागे जागे हम जागे जागे
00:34:26अशण लाया रैतुफंजर
00:34:28अबगवे किशान में चंका आस्मा आया आया आया रहतुफा एक आंक में पौनी और एक में आरुवा आया आया आया रहतुफा
00:34:45Hey! दिर सिंगे रगर रगर रगर में रगर में ले तुफा
00:34:51अब राइगर इस तेकिंग गुड़ कर अव येस
00:34:53Hey! दिर सिंगे रगर रगर में रगर रगर में रगर रगर में रगर में ले तुफा
00:35:23Oh Oh Oh Oh čoot
00:35:29पाओ वी राजो और वी राजो
00:35:33शंभू राजा आम अधी राजो
00:35:38सेवा को है सिंहासन देवों का ये आउसन जिमेनारी भरा जो सेवा भरा जो
00:35:56है निर सिंगे रग रग में रग रग में ले तुवा युग जागे जागे और जागे जागे ऐसा दाया है तुवा तक है खिशाण मेरे चंका आसमा
00:36:16महाराज प्रावणात प्रताप पुरंदर चत्रिया कुरावताउस सिवासना भीष्वर महाराजा धिराज चत्रपती संभाजी महाराज की
00:36:34करते साथ दुपरताई युद्ध्ध मेकोशल गजब दिखाए
00:36:52वीर धीर तलवार तीर हो, मर्द मराठा शूर वीर हो, युद्ध में कोशल गजब दिखावे, रिपुदमन कर शंक बजावे, जन्मानस के भूप रहोगे, चरम चमकती धूप रहोगे, प्रसन्न रहे माता जगदंबा, ओ छत्रपती, ओ सहचर संभा, वाँ, वाँ, वाँ, �
00:37:22कोई न सहचर कभी समान, एक दिन, एक दिन हम आपसे कविताओं की प्रतियोगिता करेंगे, चंदोगा मातेया, उसमें भी जीत आप की होगी, महराज,
00:37:35कभी-कभी समझ नहीं आता, आप मित्र हो, सेवक हो या, हमारी चाया हो, चंदोगा मातेया, हम नमक हैं, महराज, जब जहाँ जितनी आवशकता हो, प्रियोग कर लीजिए, हम आपको शत्रु के घाव पे लगाएंगे, चंदोगा मातेया, सुभाण गे, सुभाण गे,
00:37:57आई भावानी के अशिरवात से सब कुछ कुछल मंगल रहा, अब महराज की आग्या हो, तो हम गिरकन लोटने का सोच रहे थे, अरे, दो दिन बाच चिले जाएगा, गणुजी, अब आप सिर्फ अपनी बेहनों बेहनों के अतीती नहीं है, बलकि मराठा च्छत्रपती के �
00:38:27आप से राज्य अभिषेक के दिन, राजे की इच्छा हैं पूरी की जाती है, हाँ, ना कि उनसे कुछ मांगते हैं, गणो जी और कानो जी भी हमारे परिवार है, यह हम से जब भी जो भी जाहे, अधिकार है इनका, कहिए, हम चाहा रहे थे कि गिरकान के प्रशासन का संप�
00:38:57यह हमारे हाथों में रहेगी, तो उसकी भलाई के लिए हम सुयम दिरने ले सकते हैं, बार-बार आपको कश्च देने की कोई आवशकता ही नहीं रहेगे, महाराज.
00:39:10गणो जी, सिर्फ गिरकान नहीं, पूरे दखन की प्रगती के बार में सूचना चाहिए, आपको.
00:39:15आप ठीक हे रहें, पर तु, बड़े महाराज ने हमारे बाबा को गिरकान की वतंदरी देने का वच्चन दिया था.
00:39:28पर आबा साहिब तो खुद वतंदर के विरुथ थे. उल्टा वो तो हमेशे कहते थे कि सब को विशे सुविधाएं दे दी, तो सब अपने बारे में सोचना शुरू कर देंगे.
00:39:37और हमारी आखों के सौने हमारी ही लोगों के हाथ हों स्वराज तूड के बिख़ जाएगा. कहना तो दूर आबा साहिब इसा सोच भी नहीं सकते दादा.
00:39:45इसकार तो यह हुआ या तो हमारे बाबा जूटे थे या बड़े महाराज थे.
00:39:48दादे!
00:39:49स्वराज जरक्षत चत्रवती संभाजी महाराज की जैन.
00:40:12इस खोशना की घंगनाहट आपके महल में भी गूंजी होगी राजमाता, नहीं?
00:40:25बन गया वो स्वराज जका चत्रवती.
00:40:30सोचिए, अगर आपके खुद के भाई, सररशकर हम्बिर्राव मोहिते आपका साथ देते,
00:40:40तो हमारा अप्रण अभश्य पूर्ण हो जाता.
00:40:43लेकिन अब क्या?
00:40:47अब रामराजे का च्छत्रवती बनना असंभव है.
00:40:55आपको दुख नहीं हो दाराजमाता.
00:40:59अब बसुख पर आपके तो छोगदी दीधव है.
00:41:15अब बहलें आपके बहलत्रव के जिसने नहीं है.
00:41:18तुक पालने से मन में घबराहट पैदा होती है अनाजी
00:41:31घबराहट व्याकुलता कुछन देती है
00:41:35और व्याकुलता के उत्पन होने से इंसान जिनतन पे रहता है
00:41:40जिनता उसकी नींद खा जाती है और
00:41:45साथ ही मर जाते हैं सारे सपने
00:41:48बड़े महराज के देहांत के बाद हमने जब ही शंभु को कैद करना चाहा
00:41:57हम भी राव ने हमारा ने शंभु का साथ दिया
00:42:03इसने जब ही राजनेतिक सपने पूरे करने हो
00:42:08तो अपनों से कोई उमीद नहीं रखनी चाहिए
00:42:12इसी परस्तिती में खेर बहुत कामाते हैं
00:42:22क्षमा राज मता पर जब हो सिर्फ योराज थे राजगदी से दूर थे
00:42:30तब ही आपके सारे प्रयासा सफल रहें
00:42:36अब तो चत्रपती है
00:42:40मराटो के राजा
00:42:44इस बार कोई चूख हुई तो अनर्थ हो जाएगा
00:42:50जब राजा ही नहीं होगा
00:42:54तो सजा कौन सवाएगा
00:42:58बालाजी
00:43:00चत्रपती संभाजी महाराज की जीवन गाधा का आखरी अध्याय डिखना शुरू करें
00:43:06कर अटास
00:43:26तो
00:43:28राजश
00:43:30कि अचिए पिर अचिए यह जब ना चाहता है कि इसका कारान अच्बर सिर्फ महराज के सामने पिष्कर ना चाहता है
00:43:55हम तो केवल इतना जानते हैं कि औरंगजेब के जीते जी मुगलिया सल्तनत का ताज पहनना चाहता है
00:44:03कि औरंग के चिंगारी में भी कम आग नहीं अवश्य कोई खास बात होगी वरना महराज से स्वैम मिलने का आगरभग क्यों करेगा
00:44:16कि उसके इरादों के पीछे कोई शड्यंत रवश्य है महाराज नीलो पंजी सही बोल रहा है महाराज
00:44:26अकबर आखिर खून तो है औरंग काली चमा ये सजी पर जब तक मिलेंगे नहीं तब तक सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं अकबर की प्छाओं का और हमें लगता है कि औरंग जेब का शत्रू होने के नाते वो हमारे काम आ सकता है
00:44:43अगर आप मुगलों पर भरोसा जताने लगेंगे कलश्टी तो हमारा भरोसा आपकी उपर से उठ जाएगा जो अपने बाप का नहीं हुआ वो हमारा क्या होगा अकबर का आपके करीब आना खत्रे को गले लगाना है
00:45:00आना तो वो चाह रहा है जिसे मिलने का न्योता हम स्वयम देकर रहे हैं
00:45:09मुगल संतनत का स्थम्भ है बुर्हानपुर्ण नडखड़ाता ही सही लेकिन औरंग दोड़ता हूँ आरा है हमारे बास
00:45:30हां ये बासदेवालार प सुलर्टेसर वहांता है
00:45:40ये युण्वालार भासदेवालार ...
00:45:48बॉलो भाहिर जी बुजरामार्द
00:45:52बॉर्टेसर गह ठकली है
00:45:55बॉर्टेसर गाता हूंजे यह ऑल इस वर्हांता है
00:45:578000 està
00:45:59पचास हजार होडे, तीस हजार हाती, और करणों की संपत्य, इतने तगडी फोज, इत्यास में पहली बर और शायद आखरी बाद, किसी को ढूंडने लुकी है.
00:46:11बहिर जी और अंका साया बनकर उसके आसपास रहना, यदि वो आधे रास्ते भटक भी जाए, उसे किसी भी तरह हमारी और मोर देना, तब तक उसके सुपुत्र की खातेदारी करके आते हैं.
00:46:41झाल झाल
00:47:11झाल
00:47:13झाल
00:47:15झाल
00:47:17श्री सकी, उम्र में सबसे चोटे मावले से लेकर सरलशकर हमबीर मामा तक सब परिशान हैं.
00:47:25क्यों?
00:47:27क्योंकि हम बिना अपनी सेना लिए, शहदादे अथपर से मिलने जा रहे हैं.
00:47:31आपके आखों में जरा भी चिंता नहीं आरी.
00:47:35जिनता तो हो रही है, पर आपके नहीं.
00:47:39पिचों नहीं आपकर की.
00:47:41शादी के दिन, जिजाओ साइब ने हमने एक बात कही थी.
00:47:47खुसले परिवार का हर पुरुष पहाडी तूफान है.
00:47:51तो जिसकी गति को परवत भी नहीं रोख भाएं, उसका कोई क्या बिगाड लिगा.
00:47:56कभी-कभी तुफान भी दम तोड़ देता है, शी सके.
00:48:00महराज, कृपा करें और ऐसी बात या ना करें.
00:48:05कोई आपसे मिलने की भी सप्री से प्रतिक्षा कर रहा है.
00:48:10मुझ के, नहींदा या है.
00:48:23फालो भालिवुद वायो से अवेडियों कमि अदोना या दिईवना है.
00:48:28यहार मेरा झाली नहीं.
00:48:36छोहाँ से घड़ाओं गियुवाने काुमा
00:48:41अभराज भूहाँ कर फिए ईचिने
00:48:44मैं अभरात् गे का फिए प मने, का यूप सी
00:48:50इव संके मां यजनितowieä
00:48:52इप हम पार रड़ tob से उरुदmaalाyang
00:48:56खो किर थांग...
00:49:00खो हुज उखुए।
00:49:13उस खेंगा अ...
00:49:19खो उस्टे कम Dieses है
00:49:22जो भाइं
00:49:36सुभानल्ला सुभानल्ला
00:49:40छत्रपति संभाजी महाराज को जैसा सोचा था वैसा ही पाया
00:49:47हम दल्वार लेके शामियाने में आपका इंतजार कर रहे हैं
00:49:51और आप है कि निहते हमसे मिलने आगे हम हमारी तलवार का आदर करते हैं
00:50:02और वैसे भी यहां साप के बच्चे को तलवार से नहीं
00:50:06उंगलियों से पकड़ते हैं
00:50:09मुठी में दबोच के मारते हैं
00:50:11हम तो बस इतना देखना चाह रहे थे कि हमसे जो मिलना चाहते हैं
00:50:17वो खुद आने की जहमत करें या किसी बेहरूपिय को भेज देंगे
00:50:21हमारा बेहरूपिया भी इनका यही हाल करता
00:50:24कहिए
00:50:25बिन बुलाय महमान बढने का कश्ट क्यूं किया
00:50:28महराज एक
00:50:30खबर उत्तर में फैली है
00:50:32कि दखन के सिपाही किसी से नहीं डरते
00:50:35तो चल पड़े
00:50:37अपने घर से आपके घर
00:50:39आपकी जाबास सैना की मदद से
00:50:42अपना मकसद पूरा करने
00:50:43कमाल है
00:50:45उत्तर तक ये संदेश नहीं पहुँचा कि
00:50:48सुराज के योद्धा मुगलों के लिए नहीं लड़ते
00:50:51आप तो बूरा मानगे
00:50:54और आमें लगा बड़ी आसानी से मान जाएंगे
00:50:57आप और हम एक जैसे ही तो है
00:51:02नहीं पीडी, नया जुनून, नहीं खयाल, नया जोब
00:51:08हम हर हिंदुस्तानी को सुराज की गदी पर बिठाना चाहते है
00:51:13और आप स्वयम अपने अपुजान को मार कर सर पे ताज पहनना चाते है
00:51:18हमारे युद्ध और आपकी जंग में बहुत अंतर है शहजादे
00:51:20ये तक्त है ही ऐसी चीज, राजे
00:51:24अपनों को अपने ही हाथों से मरवाती आ रही
00:51:28ये तो आप सिर्फ मुगलो का इतियास बता रहे है
00:51:32हमारे अतीत में जहांकेंगे तो हर कहानी में सिर्फ शूर वीरता के किस्से सुनने को मिलेंगे आपको
00:51:37इज़त भले ना दीजे
00:51:42पर तोहीन तो ना कीजे राजाजी
00:51:46बगावत की फितरत सिर्फ हमारे खांदान में नहीं आपके परिवार में भी है
00:51:52शहजादे अकपर का दखन में स्वाकत है
00:52:06आपका दुश्मन औरंग सेब है
00:52:08और हमारा संभाजी भोस ले
00:52:11संभा को खत्म करने वे
00:52:13यदि आप हमारी सहाइता करें
00:52:15तो आपके शत्रू को मिटाने के लिए हर मराठा आपके साथ लड़ेगा
00:52:19हम दोनों की विजय प्राप्ती के बाद
00:52:22दखन के नक्षे पर कहीं भी उंगली रख दीजेगा
00:52:25वो हिस्सा आपकी मुठी में थमाके
00:52:27हम इस नए रिष्टे को एक लंबी उम्र देना जाहेंगे
00:52:30जब आपका इंतजार रहेगा
00:52:32राजमाता सोड़ा भाइब
00:52:34आपकी सहायता तो महीं कर सकते हैं
00:52:46पर एक वचान वर्ष्य दे सकते हैं
00:52:50जब तक आपके पाउं दख्खन की धर्ती पर हैं
00:52:54और अंके हाथ आप तक नहीं पहुच महेंगे
00:52:58पर आपके हाथ आपके हाथ आपके की लिए आपके की महा रहे एक पहुच महा रहेंगे
00:53:26के असी लिखावच प्रश्टे जिस थुशन्दर भातसे हम सुराज का सफल इधिहास लिखवाना चाते थे
00:53:31सिरिखावच आपने महाराज को इधिहास बनाने कपरास्ताव लिखती हुआ
00:53:37महारानी लिखा तो हमने ही था
00:53:41पर विचार हमारा नहीं था
00:53:45आप सब के पिशली गलतियों को हम इसलिए माफ करते आ रहे थे
00:54:13क्योंकि स्वराज को आपके अनुभव की ज़रात थी और अब आपके ज्ञान के सागर से जादा आपका लालच गहरा होता जा रहा है
00:54:21और आपकी गलतियां अब राध का रूप धारण कर चुकी है और अब राधी को शमा करना हो अपने आप में एक बहुत बड़ी गलती है
00:54:43आप चहता रहा है
00:55:06आप आप आप आप आप आप है
00:55:12जी शम्भू, आवा साथ, ये शत्रू ठीकने में कैसे होटा है, ये जानके क्या करोगे शम्भू, आपको तो आपके शत्रू कभी नजर ही नहीं आने वाले, आपकी शक्ती इतनी विशाल है, कि शत्रू मजबूरन पीछे से ही वार करेगा, आपके सामने आने में हिम्मत नही
00:55:42माँ का प्यार कभी महसूस ही नहीं कर पाया हूँ, लेकिन सोयराय साहिब कर रामराजे के प्रती प्रेम देखकर, इतना तो समझ गए कि माँ के प्रेम की कोई सीमा नहीं होती ही,
00:56:04हमने अपनी आई साहिब को देखा तो होगा बन, जब तक उनका चेहरा पहचान पाते हूँ,
00:56:27आखे बंद करके कई बार हूंने डोगने के कोशिश की,
00:56:29सूराय साहिब में प्रेम उन्हें खोशते रहें,
00:56:42आपको तो सब कुछ बता होता है नशी सागी,
00:56:47बताईए न,
00:56:52हमारी आई साहिब दिखती कैसे होंके,
00:56:54जो आप नहीं देख सकते हैं,
00:57:01वो हम कैसे देख सकते हैं, महराज?
00:57:03महराज,
00:57:07पर माज अगदंभे से प्रार्थना करेंगे,
00:57:10अगले चनम आप हमारी खोग से चनम ले,
00:57:14ताकि आपकी इस चनम की सारी खोशिया,
00:57:22सारी कमिया,
00:57:24सारी कमिया,
00:57:26कि माबन के बूरिकर भाई
00:57:29झाल
00:57:35कर झाल
00:57:41पहाँ कर दो
00:57:47पाला दोड़ा कर दोची कर दो выход
00:57:50झाल
00:57:55जो जो जो जो जो जो जो पता है
00:58:25ए टे आएरे, आए देराओं आए, नरस्कुिया आ डेरी आए, देने भी छारे, देने भी छारे,
00:58:48जहां यह ताज हमारे भाइजान दाराशिकों के सवर पे सजाना जाते थे
00:58:57हमने उस सर ही काट दिया
00:59:01और उसे सजा के अब बुकु तोफे में बेज दिया
00:59:10हमने शाह जहां को मारा नहीं
00:59:18हमने शाह जहां को कैद किया
00:59:21आठ साल
00:59:26आठ साल उस कैद खाने के रोशन दान से
00:59:31ताज महाल देखते देखते अबु जान की जान ही निकल गई
00:59:39अब एक चौबीस साल का रड़का
00:59:46हमारे सबसे खुबसरत शेर को कपरिस्तान बना कर चला गया
00:59:56आठ से जान देखते गए
00:59:57आठ से जान देखते अबु जाए
01:00:06यहां जाए
01:00:08यहां जाए
01:00:14अबु जाए
01:00:18यहां जाए
01:00:20यहां यहां जाए
01:00:25अबबा अब अब अब अब अब अब बना दी है
01:00:42हमारे पूरे खानदान की लाश पर खड़े ओकर हमने ये तार्च पेना था
01:00:55और अब अब अब अब अब आजए हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ है
01:01:17मसे दुबारा ऐसी बंदेनी एच अब असम्होर सामबा की चीक है
01:01:24तुरे हिंदुस्तान में गुजी
01:01:28जहां जहां भबारब नज़र आए
01:01:35असे लाल कर दो
01:01:39दखन के हर किले में तोफे सजवा दीजिए
01:01:46अतीतियों का सदकार बहुत धुमदाम से होना चाहिए
01:01:50हाँ सर लशकर जी
01:01:51पिछली बार हमारे जो वतंदारी को लेके असरमादी थी
01:01:55अपेक्षा है उस बात को लेके आपके मन में हमारे प्रती कोई संदेह ना हूँ
01:01:58संदेह तो शत्रूं पे होता है अपनों से तो प्रेम होता है गणुजी राजे
01:02:03कहते हैं दो माओं के बराबर होता है मामा
01:02:06पागेशाली है हमारे बच्चे जिने एक नहीं दो दो मामा मिले
01:02:10उमीद है आप सदा उनकी रक्षा करेंगे
01:02:13चिंता ना करे महाराज
01:02:16स्वाराजपर पड़ी हर तीरची निजर के सामने
01:02:19डाल बनके खड़े रहेंगे
01:02:36उकाशिश समय उस पहाड पर औरंग भी खड़ा होता हूं
01:02:42अज़ लगता है तुपान आने वाले चलो घर चलते
01:02:53आओ आओ आओ आओ
01:02:58तो में तो यह सब पहली ही पटा चल जाता है ना तो बताये के लिए
01:03:04एप्शन में फड़ी एड़शन
01:03:14क्रिंशन
01:03:21क्रिंशन
01:03:23तो में जीव
01:03:29कि कि कि ळका दो
01:03:31हचाओ! हचाओ!
01:03:43मुगलों के लगभा गादी फॉज दखपना पहुंच को है राचे
01:03:48त्रे देह जाएगा, उन की ताक्त तरंदगी के ऐसे तृरष्षचे गरा रहा हुए
01:03:53पेड़ों पहर पत्तों से ज्यादा लाशे लटकी मेली
01:03:56अजिए बैन्पाने से वादी प्रजा का कुंबेर खाम
01:04:03चोटी चोटी पच्छों को टो अगर मुझोने हमारे हस्ते खेल्थे पहिश्य का वेतां कुटिया
01:04:15लुकताने से युकता वेताने से नाय कि पुकता युकता युकता युकताने अाय को खिकको अच्छों नाय का��
01:04:45कि अगे कदम जहां जहां पड़े बहां वहां सिर्फ और सिर्फ परपादी नजर आ रही है महाराच्च
01:04:56जहां पना के कदमों से उड़ती हुई धूल
01:05:13राइगर तक पहुची गई होगी पचीस हजार सिपाई है उनके पास इतने तो सिर्फ बावर्ची है हमारी फौज में हाँ जिनत अभी तो हमारी आदी फौज भी दक्कन तक नहीं पहुची अब तो खुदा भी मेरे खुदा को रोक नहीं सकता
01:05:32कि अब तक नहीं करो तक अब तक अरंग तीर की तरह सीधा और तेज चला रहा था अब वो हमें चारो तरफ से घरने की कोशिश करें उसका लक्स
01:05:59उसका लक्ष कल्यान देवंडी जालना नाश्रिक पुणे सातारा कोलहपुर कॉंकर्ण और करना तक हम पच्छी हजार है लेकिन पच्छी स्लाग से कम नहीं राज है अब अब तादेश्ट्या
01:06:25औरंग के विशाल सेना का सामना सिफ शक्ती से लहीं
01:06:29युक्ती से भी करना होगा राय जी
01:06:43जिस तरह साम के डसने के बाद गाव को कसके बांते हैं
01:06:47वसी तरह हम सब को भी
01:06:49फूरे दखन को अपनी बाहों में कसके पकड़ना होगा
01:06:55फॉल बालीवड विरल वर वाच्छी मोर बाहों में प्रकट होगा है
01:06:59हम उनके सामने अलग अलग रूपों में प्रकट होगा है
01:07:03मुगलों का सामना सिर्फ हमारी सेना से नहीं
01:07:06हमारी प्रक्रती से भी है
01:07:08हाँ सरलशकर
01:07:11हमारे इन पहाडी रास्तों और घने जंगलों में ना तो उने चलने की आदत है
01:07:16और ना ही उनके गोड़ों को
01:07:19कोकन के घने जंगलों में
01:07:23वानर सेना पन के परसेंगे उन पर महाराश
01:07:26हमारे चलते पिर ते केतों की सेर कराएंगे उन्हें
01:07:30सतारा के खेदों के मीठे डंडो का स्वाद भी चखाएंगे
01:07:34नाशिक का पानी उने रासने याने देंग राजे
01:07:37बगर मजबन के उने निगल देंगे
01:07:39हाँ और जालना में खून से सजा देंगे मुगलों की दोनी
01:07:43काड देंगे उन्हें
01:07:45को लापर की बोमी बोक्ष कम पंकर शबद्ट्रा माभ zitten आर अरंड के आंकार को भासन कर देंगे आ
01:08:10जstal भावानी
01:08:11झाल भवानी झाल भवानी
01:08:41माजक दम बसिपरात ना करेंगे
01:08:49अब की सारी चाहे बुरी हो
01:09:11झाल भवानी
01:09:41झाल भवानी
01:10:11झाल भवानी
01:10:41झाल भवानी
01:10:51झाल भवानी
01:10:55झाल भवानी
01:10:57झाल भवानी
01:10:59झाल भवानी
01:11:03झाल भवानी
01:11:13झाल भवानी
01:11:17कि अपने आस पास भटक रही मुगल सेना पर कड़ी नजर बनाए रखे और धिहान रहे निलो पंजी
01:11:47जहां जहां युद्ध चल रहा है वहां हमारी सेना के लिए अस्त्र शस्त्र और अनाज कम नहीं होना चाहिए
01:11:53केवल मुगलों की संख्या कम होनी चाहिए

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