उपराष्ट्रपति ने न्यायपालिका पर उठाए सवाल, संविधान की व्याख्या को लेकर जताई चिंता
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00:00आज का दंगल देश के उपराश्ट्रपती जगदीब धनकड के बयान उपर है
00:04उपराश्ट्रपती धनकड ने राज्य सभा के प्रशिक्षों के कारेक्रम में देश की न्याय पालिका के हालियां फैसलों और आदेशों को लेकर गंभीर सवाल उठा कर लिये
00:14उपराश्ट्रपती धनकड ने बिना नाम लिये तामिल लडु गवर्नर केस में सुप्रीम कोड से पिछले दिनों आये फैसले को लेकर हैरानी जताई है
00:22कि दो जजों की बेंच सम्विधान की व्याख्या के नाम पर देश के राश्ट्रपती को कैसे निर्देश दे सकता है
00:29उपराश्ट्रपती धनकड ने सम्विधान के अनुच्छेद 142 में सुप्रीम कोड को मिली शक्तियों की तूलना परमाणू मिसाइल से की है
00:37उपराश्ट्रपती धनकड ने विधाईका, कारियपालिका और नियाईपालिका को मिली शक्तियों की चर्चा करते हुए
00:43अदालतों पर अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर आदेश देने और खुद के लिए सुरक्षित इम्मिन्यूटी के असम्विधानिक अधरकार के इस्तमाल का आरोब भी लगाया हुआ है
00:53उपराश्टरपती धनकड ने दिल्ली में हाई कोट के जज के घर मिले जले नोटों के मामले का उधारन दिया है
00:59उन्होंने कुछ गंभीर सवाल भी खड़े किये है
01:02वैसे सरकार की और से अधालत को लेकर टिपनिया पहले भी होती रही है
01:06लेकिन उपराश्टरपती की मवजूदा टिपनी उनकी सबसे गंभीर टिपनी मानी जा रही है
01:12खास कर इस सूरत में जब अधालतों से एक हफ़ते में दो बड़े निर्देशा है
01:18उनमें से एक तमिलनाडू का मामला था जिसमें राज्यपाल पर दस विधैकों को दो साल से लंबित रखने की शिकायत थी
01:25अधालत ने निर्देश दिया कि राज्यपाल एक महने से चार महने के अंदर विधैक पर कारवाई करेंगे
01:31बेमियादी रोक करार नहीं कर सकते
01:34दूसरी अंतरिम व्यवस्ता वक्त कानून पर आई जिसमें अदालत ने कई सवाल खड़े किये
01:39इतने चर्चित कानून के दो सबसे बड़े और मजबूत प्रावधानों को ही सुनवाई तक शिथील करा दिया गया
01:45और ऐसे में उपराष्ट्रपती की ओर से न्याई पालिका पर उठाए गए सवालों को लेकर आज हम दंगल में चर्चा करने जा रहे हैं
01:53कि क्या न्याई पालिका, विधाय का और कारिय पालिका के काम में डखल दे रहा है
01:57क्या सरकार के लिए असहज फैसले न्याई पालिका की आलोचना की शकल में सामने निकल कर आ रही है
02:03क्या जजोकी नियोक्तियों से लेकर उनके विशेचेदारी कारियों पर इम्यूनिटी को लेकर उठाए जारे सवाल उपर भी अब मशुरा करना ज़रूरी हो गया है
02:11ऐसे कई सारे सवाल है लेकिन फिलाल न्याई पालिका की खिलाफ जो मूर्चा खोला गया है उस पर चर्चा होना जरूरी है
02:18और ऐसे तमाम सवालों पर हम दंगल में चर्चा करेंगे लेकिन सबसे पहले यह रिपोर्ट देख लेते हैं कि जगदीब धंकड के सवालों का कॉंग्रस के तरफ से भी कैसे जवाब दियाएगा
02:28अबंग ऊटार स्वाब।
02:45एल्ट एलटों।
02:57जह बोगे हैं वे हैं?
03:01होज़ है अप्लेव कार्णी रचिके वे रज़ हैं?
03:05हैं चुछिंगे विल लाजिसलेटीटाटीट कर्फियू ईपिर अजिस्वादीटीटीट कर्फियूज लाद इपहतीं?
03:19आपसुलूटी आपकाउंटिबिलिटी बिकोज लोफ दी लैंड दस नोट अप्लाइट तो दिन
03:27आज तक नहीं हुआ
03:44मौजूदा वजहें तलाशें तो दो संभावनाय नजर आती है
03:47एक तमिलाडू सरकार और गवर्नर के केस में कोर्ट की ओर से
03:51राज्यपाल और राश्ट्रपती को दिये गए आदेश वाला फैसला
03:55दूसरा बहुमत की सरकार और जनता के प्रति जवाब देश संसत से पारित कानून पर कोर्ट में उठाए गए सवाल
04:01मगर कहते हैं शीशे के घर में रहने वाले दूसरों पर पत्थर न पहें के
04:07उपराश्ट्रपती धनकड भी बिना किसी का नाम लिए याद देलाते हैं
04:11कि दिल्ली में हाई कोर्ट के जच के घर नोटों को अजखीरा मिला और साथ दिनों तक किसी को खबर नहीं
04:17मुकदमा तक कायम नहीं हुआ सम्विधान जाच का हग कार्यपालिका को देता है
04:21माननियों ने खुदी जाच बैठाली और जब लोगपाल ने माननियों के भेष्ठाचार की जाच को कहा तो वहां शक्तियों रधिकार की दलील खडी हो गई
04:29F.I.R. in this country can be registered against anyone, any constitutional functionary, including the one before you
04:39One has only to activate the rule of law. No permission is required
04:48But if it is judges, their category, F.I.R. cannot be state-way registered
04:59दरसल उप्राश्टपती जगदीब धन्खड के बयानों के पीछे संसत और अदालत के बीच शक्ति के बिगड़ते संतुलन की परचाईं साफ नजर आती है
05:08और ये संतुलन सिर्फ संसद और अदालत के बीच नहीं
05:11राजभवन और विधान सभाओं के बीच भी बिगड़ता रहा है
05:14मिसाल के तौर पर बंगाल में वक्फ के नाम पर मजभी हिंसा हुई
05:18हिंसा पर कारवाई हुई, हिंसा पर सियासत हुई
05:21बात अदालत तक गई और अब गवर्णर एक्षन में है
05:23ट्रेन से मुर्शिदाबाद पहुँचे है
05:25ये जानने की हिंदू विरोधी हिंसा में पीड़तों का क्या हाल है
05:29गवर्णर के एक्षन को लेकर सियम ममता मना कर रही है कि मुर्शिदाबाद ना जाए
05:33मगर राज्यपाल गए पीड़ितों से मिले सच्चाई खुद से देखने जानने की कोशिश की
05:39लेकिन ममता सरकार की माने तो राज्यपाल का मुर्शिदाबाद मालदा दौरा जिम्मिदारियों वाला नहीं
05:44बलकि राजनीतिक था वैसे गवर्नर के अधिकारों और सरकारों की जिम्मिदारियों को लेकर खीचतान भी नई नहीं है
05:50आज देश देखता है कि बंगाल में गवर्नर से सरकार की खीचतान चलती है
05:55तमिल्नाड में गवर्नर से लडाई तो सुप्रीम कोर्ट तक आई
05:58केरल में राज्यपाल से खीचतान रही
06:01जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फरेंस की सरकार है
06:03एलजी से खीचतान रहती है
06:05दिल्ली में आपकी सरकार रही तो एलजी से खीचतान चलती रही
06:08और फिर इस खीचतान में ही अधिकारों और दायत्तों का सवाल उठता रहा
06:12ऐसे ही सवालों में एक बड़े सवाल का निप्टारा सुप्रीम कोड के दो जजों की बेंच ने पिछले दिनों किया
06:18क्योंकि तमिलनाडू सरकार की शिकायत थी की गवर्नर आरेन रवी 2020-22 के बीच विधान सबा से पारित विधेकों को मंजूरी नहीं दे रहे
06:27ऐसे में 10 विधेक राज़ेपाल के पास प्रेंडिंग की उधर केरल में 7 विधेकों को राज़ेपाल 23 महीनों से रोके हुए है
06:34तब अदालत ने तमिलनाडवाले मामले में फैसला सुनाया कि राज़ेपाल का बिल रोक कर रखना असम वैधानिक है और उन्हें वक्त पर कारवाई करनी चाहिए
06:42अदालत में आदेश दिया कि जब विधेक राज़ेपाल के पास आए और वो सहमत हो तो एक महीने के अंदर मंजूरी देंगे
06:48जब विधेक से असहमत हों तो तीन महीने में बताएंगे अगर विधेक पर राश्ट्रपति से पूछना हो तो तीन महीने में सब कुछ साफ करें और जब विधेक दूबारा पारित हो कर आए तो उसे एक महीने में मंदूरी देंगे
06:58अदालत की तरफ से राज्यपाल और राश्ट्रपति को विधेकों परकारवाई के लिए तैक की गई इसी समय सीमा पर उप राश्ट्रपति सवाल उठाते हैं
07:07we cannot have situation where you direct president of India and on what basis the only right you have under the constitution is to interpret the constitution under article 145.3
07:28The judges who issued a mandamus virtually to the president and presented a scenario, it will be law of the land, have forgotten the power of the constitution.
07:49How can that combination of judges deal with something under article 145.3 is preserved?
07:58वो कैसे जबाब दे? वो जबाब नहीं दे सकते. तो आप ऐसे बक्तव दोगे, ऐसा लगेगा कि जिर्रिशिदी को एक सबक सिखाय जा रहा है. यह उचित नहीं है, यह समविधानिक भी नहीं है.
08:16संसत सरकार, अदालत, राजभवन और विधान सभाओं के बीच शक्ति के बटवारे और संतुलन को लेकर विपक्ष के नेता सवाल करते हैं, कि अदालत की शक्तियों को लेकर सरकार अकसर सुविधाजनक दलीलें देती रही है.
08:29फिलहाल उपराश्ट्रपति के बायान के मकसद लक्ष और मंच्शा को लेकर सियासी कयास बाजी जारी है, इन बायानों का आने वाले दिनों में कोई प्रभावकारी नतीजा देखने को मिलेगा, यह कहना भी मुम्किन नहीं लगता, आज तक ब्यूरो.