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  • 2 days ago
Ishq Tum Se Hua Episode 01 (Subtitles) 14th April 2025 - Fahad Sheikh - Sukaina Khan - Hassan Ahmed | Green TV Entertainment

"Ishq Tumse Hua" is the emotional tale of a young woman whose journey through love is anything but easy. From heartbreaks and betrayal to the challenges of marriage, life tests her at every step. But she never lets the pain break her spirit. With quiet resilience, unshakable dignity, and a brave heart, she stands tall—fighting for her love, her self-respect, and her place in a world that constantly tries to pull her down.

This is not just a love story. It’s a story of strength. Of a woman who loved deeply, lost painfully, but rose beautifully.

Cast:
Fahad Shaikh
Sukaina Khan
Hassan Ahmed
Beenish Chauhan
Ellie Zaid
Aliya Ali
Rabia Naureen
Fawad Jalal
Humera Bano
Sajeeruddin Khalifa
Zeba Shahnaz
Zain Afzal
Rameez
Anaya Khan

Director: Shahid Younus
Written by : Abida Ahmed
Presented by: TNI Entertainment

#ishqtumsehua
#pakistanidrama
#greentv

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Transcript
00:00हर कदम तेरा साथ मांगू रब से हर कदम तेरा साथ
00:09अब कटेना सफर ये तनहाया रा था मले मेरा
00:19इस परीवे खबर चाहँ है हर पहर रिष्प तुझ से हुआ हर तफ़ा तू बन मेरा हम सफर
00:37मेरे दिल की है ये दुआ
00:49अब स्रुप तुझ से आप यार जादंगा अब आप यार तुझ से आप यार नचादंगा आप यार
01:18पहने पर पहने के चले जाओ।
01:25बस यही दो सूट रहेगे, कहीं बेपी जाओ, यह बहन के चले जाओ।
01:30उजह नहीं बहन नहीं, यह बुराने और बोरिंग कपड़े।
01:35क्या हो गया? इसी क्यों पहला रही हो सारे कपड़े?
01:38कुछ नहीं, अमा, दो दिन भाद कॉलेज में न, फेरवल पाइटी है।
01:42वोही सूट देख रहे हो कि क्या पहनू?
01:44तो पसंद नहीं आ रहा क्या कोई?
01:47पसंद, पसंद आना तो दूर की बात है।
01:51यह इतने पुराने कपड़े हैं कि कईयों के तो रखे रखे रखे रंग भी उड़ गए।
01:55आपस में मिलके धूल, मिटी, नहीं क्या हो गया।
01:58कुछ भी नहीं है इसमें ऐसा बहनने वाला।
02:01मैं सोच जो कि मैं जाओ ही नहीं।
02:04नहीं कैंसल क्यों करना है भई।
02:06जाना चाहिए जरूर।
02:08रोज रोज थोड़ी होते हैं ऐसे फंक्षन।
02:11तुम्हारी पढ़ाई का अफरी फंक्षन है यह तो मैं जरूरू चाहिए।
02:16जाना चाहिए और अपना मजाग भी उडवा लेना चाहिए।
02:19जाओंगी ना बात में जब मार्कशीट लेने तब सब फ्रेंड से मिल लोंगी।
02:23इनना जरूरी भी नहीं है वैसे।
02:29चाह।
02:30अच्छा यह बताओ के अगर हम नया सूट खरीदें तो कितने तक का मिल जाएगा।
02:38पता नहीं हमाई तने डाइम से वैसे मैंने कुछ निया नहीं है।
02:42यही कोई चाहर पांच छे अजार का या फिर इससे भी ज्यादा।
02:49कुछ पैसे तो रखे हैं मेरे पास।
02:55कुछ का मैं इंतिजाम करती हूँ, फिकर ना करूँ।
02:59क्यों? कहां से इंतिजाम करेंगे?
03:02उधार लेंगे किसी से, कोई जरूरत नहीं है।
03:06उधार लेंगे, टेंशन पालेंगे, क्योंकि उसको बापस भी रिटन करना होगा ना।
03:11तो क्या जरूरत है फजूर मैं? छोड़ दे, मैं नहीं जा रही, इतना जरूरी भी नहीं है।
03:15होचाहे का ना, कह रही हूँ ना मैं।
03:18होचाहे का इंतजाम, तुम्हें फिकर करने की जरूरत नहीं है।
03:22तुमने कपड़े धोली हैं किचन में जाओ जरा ताजा रोटी बना दो भाई को।
03:27आगे हैं दुकान से भूकला करी होगी उससे।
03:30सही है, मैं डाल देती हूँ रोटी, मुझे कोई मसला नहीं है।
03:33लेकिन एक रोटी ना भावी भी डाल सकती है।
03:36सारे काम मैं करूँ, कपड़े भी धो, रोटी भी बनाओ, किचन भी साफ करूँ।
03:41बुरी बात है बेटा, ऐसी नहीं कहते।
03:45सुन लेगा, उसका दिल कितना बुरा होगा।
03:48यही तो सबसे बड़ा मसला है, कि वो सुनते नहीं है।
03:52काश के वो सुन ले।
03:53क्यूंकि वो देखते तो भावी की आँखों से, और सुनते भी भावी के कानों से है।
03:58अब हर बात का जवाब देना जरूरी होता है क्या।
04:02ऐसी तर बेट तो नहीं की मैने तुम्हारी।
04:05क्योंकि है रही हो, वो करो जाके।
04:08पता तो है भूख का कच्चा है वो।
04:10भूख लग रही होगी।
04:12जल्दी से एक रोटी बना दो।
04:28जल्दी से एको का जोख लोगी।
04:47कर दो कर दो कर दो दो
05:17कि अमी अमी असलाम अलेकुम वालेकुम असलाम बिटाब आज तुम जल्दी ने आ गया वैसे तु साड़े पांडे तक आते ओ ओ आफिसे जे मी आज जल्दी शुटी हो गई थी ओफिसे तो सोचा मार्किट का चक्कर लगाता हूं और आपके लिए कप्रे ले ले तो बेटे �
05:47तो बहुत प्यारे हैं लेकिन इतने सारे अमीन में से एक खाला के लिए है आरे बिटा ये तो तुमने बहुत अच्छा किया अगर तुम नहीं लेकिया आते ना तो मैं खुद तुम से कहने वाले हूं तो बहुत प्यार है कलर भी और प्रिंट भी लेकिन है लड़कियों के
06:17अगर दिन में एक फंक्षन इसके कॉलेज में पहन जाए गी आप तु जानती है उसके पास अच्छे कपड़े नहीं बचारी कि अपको भी तो है अर वक तारीफे करती है उसकी हां बहुत क्यों नहीं मेरी भानची है मुझे नहीं होगा क्या ख्याल उसका और मेरी कजन है ह
06:47हा बस ठीक कि मैं आया बस दुकान कैसी चल रही है तुम्हारी अल्ला का शुकर एम्मा अल्हम्दुलिल्लझ
06:57अल्हमदुल्यल्ह रोटी नी आय भी तक अरे भाइज जल्दी करो जल्दी से लेकर आ रोटी बना रही एगुल आपको बता तो है कितनी सुस्ते हैं
07:13आप
07:25अब बचता करें, अभी पच्चा हूए उसका, गुल्से
07:31करें इसका घर के कामों में हाथ बटाया करें.
07:33करती है बेटा, सारा काम मिलके करती है इसके साथ.
07:37रहने दीजे ना, किस बहस में पड़ गयें आप.
07:40उसने किया मैंने किया, एक 마�題 ही बात है.
07:42हम यह लिजे आगे गुल जरा जल्दी हाद सला लिया करो बाभी जसी को अपनी कैसे पुर्ती से काम करती है यह जी भाई
07:56अमा आप बे शुरू करें ना अरे आप थाए ना खाना थंडा हो रहा है बस दुसरों की फिकर लग जाती है आपको
08:04तो खाओ बेटा मैंने का लिए अरे आपको तो सबसे पहले भूक लगती है क्योंकि अम्मा शुगर की मरीज है ना इसलिए उने पहले खाना होता है
08:17नुमान बेटा गुल के कालिज में ना पार्टी है तो इसके लिए कपड़े लेने थे थोड़े पैसे मेरे पास रख्या हुए है थोड़े से पैसे अगर तुम मिला लो तो पैसे तो नहीं है हमारे पास
08:36आप अच्छी तरह से जानती हैं डिलीवरी पे कितने पैसे खर्च हो गए हैं आपका बेटा दरख्तों से नोट नहीं तोड़ता बहुत मेहनद से पैसे कमाता है अगर नुमान के पास पैसे होते तो आपको दे देतो
08:53और अमा भी तो बिल भी जमा करवाना है तो मुश्किल हो जाएगा जरा
08:59भाई मुझे नहीं जाना है अमा मैंने बताया तो था मैं नहीं जाओंगी भावी बस पता नहीं क्यों अमा ने कह दिया
09:06बहुत अच्छी बात है रेखो अपनी चादर देखकर पाउं फिलाया करो
09:15तुमारे भाई बहुत महनत करते हैं अपनी खायशों को ना जरा कंट्रोल में ही रखा करो
09:25एक काम करते हैं ना खाना खालो उसके बाद मेरे कमरे में आना
09:28मेरे पास बहुत सारे कप्रे रखे हैं जो मेरी अम्मी ने मुझे दिया है
09:32उसमें से कोई भी पसंद कर ले ना तुम्हें फिट आ जाएंगे
09:35वह क्या बात है आपकी बेगम
09:41अगर किसी ने समझदारी सीखनी है ना तो मेरी बीबी से सीखनी
09:45कैसे चुटकी में मसले कहल निकाला है
10:15कैसे कैसे कैसे सीखनी है क्यान तो में इंक भेप।
10:22하�र मेरी जएर से काने भी बाड़िस्ति यडर्वी और임
10:31पट्योम्हें है झाम्मी यढए हैं प्रकेपोर दो से कालhneo
10:38जो्समें पहसआए है
10:42तुम यहाँ पी क्या कर रही हो?
11:00वो, एक्चिली मैं अपनी कजन के साथ शौपिंग पे जा रही हूँ
11:03अभी तुमने मुझे थोड़ी देर पहले का था कि तुम किसी मिलाग की महफिल में जा रही हो
11:06और तुम यहाँ आवारागर्दी कर रही हो
11:08हाँ तो, तुम मेरे बाब हो, कि मुझे तुम्हे आने जाने का हिसाब देना पड़ेगा
11:13मंगेतर हो तुम मेरे, मंगेतर ही रहो, समझे
11:17वैसे भी मैं अपने वालदेयन से परमिशन रिकर रही हूँ
11:20अच्छा, और मेरा क्या, मेरी कोई एमेत नहीं किया
11:25और तुमने तु मुझे से पूछना भी गवारा नहीं समझा, उपर से जूट बोल रही हो मेरे साथ
11:30क्योंकि तुम फदूल के एतरास करते हैं, मैं तंग आचुकी हूँ
11:35तुम्हारी इस फदूल कीदादागी से ये नहीं करो, वो नहीं करो, ये नहीं पहनू
11:41तब किस से बात करो, मुझे जबान चलाने वाली लड़किया ANDREW?
11:45कर मुझे तुम जैसे सार पे सवार हूने वाले मर्द नहीं पसदी
11:48समझे, रास्ता छोड़ो, अब मैं देखता हूँ, तो मेरी इजाज़त के बगार कैसे कहीं भी जाती हो, चलो मेरे साथ, हाथ छोड़ो मेरा,
12:18पर जोड़ो इन रास देखता हूँ, अम्मा, क्या जरुवरती भाई से पैसे मांगने की? क्यों कहा हूँ को?
12:45अगर मुझे पता होता ना कि आप उन से पैसो की बात करें
12:49तो मैं कभी आपको नहीं बताती कि मेरे पास पहनने के लिए कप्ड़े नहीं है
12:51आपको नहीं बताने चाहिए था
12:53तो और किसे कहेंगे गुल
12:56तुम्हारे अब्बू के बात एक वो ही तो सहारा है हमारा
13:01वो हमारा सहारा नहीं बल्के वो भाबी का सहारा है शादी के बात
13:05कब समझेंगे आप ये बात
13:07गुल गुल गुल कहा हो
13:11जब जाके उसकी बात सुनो तुम्हें बला रही है
13:14और अच्छे मूट के साथ जाना अच्छा
13:18जानते हो अच्छे मूट के साथ जाना है
13:20भावी के मूड को अच्छा रखने का मदलब है भावी के मूड की अच्छे रेंड की ग्यारंटी
13:25भावी, जी, आओ, देखो, ये कपड़े निकाले में ने तुम्हारे लिया
13:39अच्छे लगेंगे तुम पर
13:42हाम, बहुत अच्छे हैं ये तो भावी, लेकिन
13:49बहुत भारी नहीं है
13:51क्यों, लोहे के बने हुए है
13:55नहीं, मेरा मतलब था के
13:58रेशमी कपड़े, उपर से गर्मी कितनी है
14:02अच्छा
14:03हमारे खांदान की तो सारे लड़कियां इसी दरा के कपड़े पहनती है
14:08गर्मी हो या सर्दी
14:10तुम्हारे बड़े नख्रे हो के
14:11नहीं, नहीं भावी, मेरा ये मतलब नहीं था
14:15मुझे बहुत अच्छा लगा कि आपने मेरे बारे में सोचा
14:18बस बात यह है कि
14:20मैं थोड़े से सिंपल कपड़े पहनती है
14:22और कोई बात नहीं है
14:24चीक है भाई
14:26जाहर है, मुफ्ट में मिल रहे हैं न, इसलिए
14:29भाई जो है
14:31कमाने की मशीन
14:33कमा कमा के तुम लोगों की शौक पूरे करता रहे
14:37जब खुद से कमाना पड़ेगा न
14:40तब पूछू
14:42बाभी
14:45आप फिकर मत कीजिये
14:47बहुत जल्द मेरा ग्रेजवेशन कम्प्लीट हो रहेगा
14:51तो मुरे एक बहुत अच्छी जॉब मिन जाएगे
14:53जिससे मैं ना सिर्फ अपना
14:56बलके अम्मा का भी खर्चा उठा सकती
14:58और अगर अल्ला ने चाहा
15:00तो भाई की भी मदद कर सकती है
15:03इंशाला
15:05मेरे जीते जीतों में तुम्हारा ये खाफ पूरानी आठा
15:28बात करें
15:34आप अपना सारा समान चेक कर लें
15:37जो कुछ भी आपने हमारी बेटी को दिया है
15:40हम सब वापिस ले आए
15:41बड़ी अजीब बात है
15:44यह ने बेटी वाले होकर आप लोग मंगनी तोड़ने आ गए
15:47भई इस मसले को बैठके भी तो हल किया जा सकता था
15:51हम लड़की वाले ज़रूर है
15:54लेकिन नीजज़ाद के लोग नहीं हम लोग
15:56अगर हमें मालुम होता
15:58के आप ने अपने बेटी की ऐसी तरबियत की है
16:00तो हम कभी भी आपके बेटी के साथ
16:02अपनी बेटी का रिश्टा नया करते है
16:03हम हम हम
16:05क्योंकि आपने तो अपनी बेटी को अजगरी अकबरी वाले स्कूल से तालीम दिलवाई है ना
16:10है ना
16:11थपड़ मारा है उसने मुझे
16:14अपने मंगेतर को वो भी भरे बजार में
16:19हाँ तो जो जिस काबिल होता है उसके साथ वैसे ही सुलुक किया जाता है
16:22काइनात काफी दिनों से हमें बता रही थी
16:25कि तुम बिला वज़ा कि उसके साथ रोक टोक भी करते थे
16:28और तो और उसकी जासूसी भी करते थे
16:31असूलन तो उस पे नज़र रखना आप लोगों का फर्ज है
16:34जो कि मैं कर रहा था
16:37क्योंकि आप लोगों ने तो उसको खुली छूट दी लिए
16:41यह आप लोगों के घर के मामलात होंगे
16:44कि और जात को भेर बक्री की तरह घर में बंद रखा जाए
16:48हम लोगों को अपनी बेटी पे पूरा इत्माद है
16:51समझे तों अब बात बढ़ा रही हैं आप
16:54हम मामले को सुल जाना चाह रहें
16:56मामलात कभी भी नहीं हुलचते
16:58अगर आपका बेटा सुल जावा होता
17:00हमारी तरफ से ये मंगनी खतम समझे
17:03और जो कुछ हमने आपके बेटे को मंगनी में दिया
17:06वो सब कुछ आप अपने पास रखें
17:07अच्छा नहीं करें ना
17:24हम भी तुम्हारी मिनते नहीं कर रहे हैं
17:26और ये मत समझना कि मुझे लिड़कियों की कमी है
17:28एक महीने के अंदर अंदर शादी करके दिखाऊंगा
17:30हमारी बला से आप शादी करें या खुदकुशी
17:33शुकर ए अल्ला का कि हमारी आप लोगों से जान चुट गई
17:36चले चले अल्ला अफस्स
17:39नफीस को हलका ले रखा था इनोंने जाते नहीं है मुझे
18:02जबान बद कर ले अपनी मनूस तेरी जबान की वज़ा से रिश्था भी टूट गया
18:06बज़ कर चल फून मिला कि दे मुझे
18:08बखवास करता रहता है हर वंक बखवास हर वंक बखवास
18:11भूख
18:28बद तमीज ये हूँ हा करनी की क्या जुरूर रहती
18:35बंदा किसी के घर जाता है पहले सलाम करता है दूआ लेता है
18:39यहू हा मैं टर्न करती तुम्हाई शकल दे के वहले ही डर जाती
18:43देखो जब तुम तप्ती हो ना रह ऐसे बोलती हो तो बहुत प्यूट लगती
18:47बहुत शुक्रिया
18:50लेकिन क्या मैं जान सकते हूं कि आपकी मुदाखलत करने के कोई खास वज़े
18:57जान के अमान पाऊं तो कुछ पेश करूँ
19:06अजाज़त है दर्बारी
19:09दर्बारी? मतलब तुम्हारी डजब मेरी यह योकात है
19:13अच्छा भाई बोर मत करो ना बताओ जल्दी
19:16यह देखो तुम्हारे लिए क्याला है तुम्हारे पास हो नहीं खुशी में
19:19मेरे नहीं?
19:22अरे वाँ? लकिन अबर तुम्हारे नहीं नहीं है
19:24तो तुम्है कैसे पद्ता कि मेरा ड़ाथ होँगी भी यह नहीं?
19:27मैं वाच से बहले कभी पैल गई ही जॉप होगी
19:30और मैंने सोचा पहले ही देता हूँ, अगर भूल गया तो बाद में ताने दे दे कर मार दोगी, जाद है जब तुमने चौदी पास की थी, मैं भूल गया था, तुमने कैसे कहा था, कहा है मेरा गिफ, कहा है मेरा गिश्ट अच्छा भाईना कलमाच उतारो, इसलिए जहर लग
20:00हाँ, देते रहे हो, जहां तक मुझे याद है, एक बार तुमने मुझे बहुत खुबसूरत सा पहन दिया था, उसके बाद एक डाइरी दी थी और फिर हाँ, चाकलेट्स भी दी तुमने मुझे, लेकिन यह जोड़ा तो बहुत महेंगा होगा ना, तुपा देने वाले का �
20:30क्या बात है भाई, मानना पड़ेगा आपकी चोइस को, डफ़र, तुम मुझे कोई भी नाम दे दो, तुम्हे साथफोन माफ है, अब बताओ ना, मैं कैसी लग रही हूँ, बहुत कुबसूरत, सच में, लेकि मुझे समझ नहीं आरा कि, तुम्हे पता कैसे चल जाता है, कि
21:00हाँ, और इसलिए मुझे पता चल जाता है, अरे वाँ, अब मैं फेरवल में यही सूट पहनूँगी, अम्मा को कहूँगी जल्दी से सीदे, भाभी के वो खुले, बेकार कपडे पहने नहीं पढ़ेंगे, भारी-भारी, अजीब से, कैसी लग रही हूँ? काना बहुत प्
21:30अरे प्रेपटेशी बहुत है, अरे नहीं है, यह उर्चा भाहता है आपारी यहाँ, अरे लग यहाँ किया बात है, अरे लगा, वाँ, वाँ, वाँ, वाँ, क्या बात है यह बनाया माने? क्यों? इस घर तर बे अच्छी चीज़ जो भी बनती वाँ आपका अमी जानी बना
22:00लेकिन बेगम, आपने बनाये, तेकिन मज़ेका होगा.
22:06क्या बाद है भाई, तो विलकुल अम्मा के हाथ का अजायका है.
22:10देखा, हर वक्त अम्मी जान, अम्मी जान, अम्मी जान, बड़े हो गए अब आप.
22:15अपनी अम्मी की उंगली पकड़ कर चलना न, आप छोड़ दीचिये.
22:20अज़ती हो गई, आरादत बड़ी हुए, ना क्या करूँ?
22:24वैसे बड़ी बुरी आदते हैं, और बड़ी बुरी तरभियत की है, अपकी अम्मी ने आप तोनों बहन भाईयों की.
22:30क्या मतलब है तुम्हारे अस बात से?
22:33मतलब?
22:36अभी अभी आपकी बहन के मुझसे अपनी तारीफे सुनकर आ रहे हैं.
22:40मैं कितना अच्छा सुलुक करती हूं उसके साथ.
22:43लेकिन वो हर वक्त रवायती नंदो वाला सुलुक करती है मुझसे.
22:47अपने मैके से आये वे इतने महंगे जोड़े मैंने जाकर उसको दे दिये के चलो कोई बात नहीं.
22:53पार्टी में जा रही है? पहन कर चली जाएगी, खुश हो जाएगी.
22:57आप जानते हैं? उसने क्या सिना दिया है मुझे?
22:59अभी अभी एहमर से कहा रही थी कि मैं तो पेंडू कपड़े पहनती हूँ, रंग बरंगे, वो नहीं पहनेगी.
23:06और मेरी पसंद, मेरी पसंद बहुत घट्या है.
23:09क्या? ये तो पहुत पत्तमीजे मैं जाके बात कर क्या आपकर.
23:13रुकिये, रुकिये, कोई जरूरत नहीं है, चुप करके यहाँ बैठ जाए.
23:20मैंनी चाहती बाहर जा कि आप अदालत लगा है.
23:23उन सक को तो यही लगेगा, खास वर पे आपकी अम्मी को,
23:26कि उनके बेटे को मैं उनके खलाफ भड़का रही हूँ.
23:29नहीं भे नहीं, यह इल्जाम में अपने सड़ नहीं लूँगी.
23:40हेलो, जी अम्मी.
23:46क्या?
23:48टूट गई?
23:52अच्छा ठीक है, आती हूँ मैं.
23:55अरे आरी हूँ अम्मी, आप भी ना, शुरू हो जाती है.
24:02क्या बात है, सब खेरियत है ना, क्या तूट गया?
24:05मेरी अम्मी की चपपल तूट गई, इसलिए बुला रही है.
24:08चलिए मुझे छोड़कर आईए.
24:09अरे बाइ, चपपल ही तूटी है ना, कौन सी को इतनी एमर्जंसी तो तूट पुर्सा देने जा रही हो?
24:14क्या मतलब?
24:16आपकी घुलाम हो, जो आपके दिये हुए अवकात महीं अपनी अम्मी से मिलने जाओंगी मैं.
24:21चलिए, छोड़कर आईए मुझे.
24:22सुरिया, मेरा वो मतलब नहीं था.
24:25देखिये नुमान, आपकी मतलब से मुझे कोई मतलब नहीं है.
24:29दो घंटे के बाद उठेगा बिलाल.
24:32अभी सो रहा है वो.
24:33चलिए, मेरी अम्मी की घर चोड़कर आईए मुझे.
24:35आईए.
24:36असलाम अलेकूम.
24:53वालेकूम सलाम.
25:00हम थोड़ी दिर के लिए मार्केट के अगे,
25:03नफीस भाई की तो मंगनी ही जूट गई.
25:05तो कौन सी क्यामत आगई?
25:09एक औरत जाएगी, हजार मिल जाएंगी.
25:14हजारों औरते नहीं भेड़ बकरियां मिला करते हैं.
25:20और आपके इनी हरकतों की वज़ा से ये वाली भी छोड़ गई.
25:23तू छोटा है, छोटा रहा.
25:26मेरे मामलात में ज़्यादा बोला मत कर.
25:35ओ, बात सुन, मर्दों के बीच में बोलने की तुझे क्या ज़रूरत है.
25:41जल जा कमरे में अपने.
25:42क्यों? मैं क्यों जाओं?
25:45ये मेरे शोहर का मामला भी है ना?
25:47ओ, यार चुप करा अपनी बीवी को.
25:49फजूल में दिमाग खराप कर रही है मेरा.
25:50तो पहले कौन सा ठीक है आपका दिमाग?
25:56समझा आपने रूम में.
25:58गो.
26:02वाँ.
26:06तो भाई, तुझसे एक वरत कंट्रोल नहीं होती.
26:09कैसा डर डर के बोलते हैं उसके सामने, जैसे वो तुमारी बीवी नहीं उस्तानी हो.
26:13उस्तानी तो है, सिखाती पढ़ाती रहती है, ये ले लो, ये खालो, यूँ सोजाओ, बुद्धू को.
26:22आपकी इसी शेय की वज़ा से आज इनका ये हाल है.
26:26कितना अच्छा होता ना कि आप मेरी बीवी के पीछे पढ़ने की बजाए इने कुछ समझा देती.
26:30को बटा, तू जा, जा के बीवी के पैर दबा, हम देख लेंगे अपना मसला, निकाले दर से.
26:39जा, जाओ, जाओ, मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है, मैं केला ही काफियो.
26:44हाँ, कर देने अपने मसले हर, मेरा वैसे भी सब से कोई लेना देना नहीं.
26:48कामका में आ जाते हैं, और तेरा में क्या करूँ, है, तेरी फिर मंगनी तूट गई, दूसरी दफा मंगनी तूटी और वो भी लड़की वालों की तरफ से, सिर्फ तेरी हरकतों की वज़ा से.
27:02तो ऐसे खांदान क्यों ढूंडती हो, कोई शरीफ खांदान ढूंडो, जहांपे मेरा रोब भी चले और सिक्का भी.
27:09तेरा मतलब है कि शरीफ लोग जो हैं, वो दरखतों पे लगे हुए हैं, जो मैं तोड़ के ले आऊँ.
27:14आज कल नहीं पता चलता किसी का, दो टके का आदमी भी ना दमाख खराब किया गूम रहा है.
27:20मुझे नहीं पता, अमा, ये तेरा मसला है, मुझे एक महिने के अंदर अंदर शादी करनी है.
27:24अब चाहिए तुम कोई अपनी पसंद की लियाओ, वन्ना मैं कोई ऐसे वैसे उठा लाया, फिर बाद में गिला मत करना.
27:36क्यों इतने महंगे महंगे कपड़े लेके आगए हो, बिला वज़ा जह मत की.
27:41इसे भी अब तु इतने महंगे कपड़े पहनने की आदद भी नहीं रही है, बिचा.
27:47आला इतने महंगे नहीं है, सेल लगी हुई थी, वहीं से लाया हूँ.
27:50अम्मा, आप ये चुड़े, ये देखे, एहमर मेरे लिए वे कितना प्यारा सूट लेकर आए और कितना अच्छा कलर है, हाँ न?
27:58एहमर क्या होता है, हाँ? बढ़ा है तुमसे, इससत से बात किया करो.
28:04चीक है, आप, देखें अम्मा, मुहतरब जनाब एहमर सहाब मेरे लिए कितना प्यारा कलर लेकर आए है, चीक है?
28:21ओज शरारती है, ना ये. ऐसे ऐसे हमेशा मुस्कुराता रखें. आमीन, सुम्मा, आमीन.
28:28आमीन. आमीन. आमीन. अच्छा, सुनो, बुष्रा से कहना कि किसी और से अपने कपड़े ना सिल्वाए, मेरे पास भेज दे, मैं सीथ होगी.
28:47जी जी खाला, अमी यही कह रही थी, कि आपसे ही सल्वाएंगी. अच्छा, चलता हूँ, मैं अमी इंतिजार कर रही होगी खाने पे. आफिसे कपड़े बदल कर सीधा आपके पास आ लिया मैं.
28:57अरे, तब से मुखे बैठे वे थे तुम, और इसने तुम्हारे सामरे चाय लाके रख दी, पहले क्यों नहीं बताया है, अमर?
29:05कोई बात नहीं खाला, मैं खाना लेट ही खाता हूँ. अच्छा, कोई काम हो, कुछ भी कहना हो, तो गुल से कहल बादेना, ठीक है?
29:11ठीक है, ठीक है बेठे, खुदा आपस, ठीक है बेचा, आपस, देखा है कितने प्यारे कपड़े लेकर आया है मेरा बेटा, इतने खुबसूरत, ये देखें.
29:31अरे, वाकई ये तो बहुत अच्छे है. और लाने वाला मेरा बेटा अच्छा नहीं है क्या?
29:37कोई अल्ला का बड़ा इसान है, उसने हमें बड़ी फर्माबरदार, नेक और मेहन्ती आउलाद से नवाजा है. ठीक है कि एक है, मगर नेक है.
29:49इल्कुल ठीक है, आपने. सारे महले वाले और खांदान वाले हमारे एहमर की बहुत तारीफ है करते हैं.
29:57माशाला, वरना देखे न, सारी उम्र आप कलरकी करने वाले और अल्ला ताला ने हमारे बेटे पंजीर ने बना दिया.
30:06मालिक का बड़ा एहसान है. अच्छा हाँ, मुझे याद आया. मैं नमाज पढ़के निकला तो फारुकी साब समराकात हुई.
30:16पूछ रहे थे, बेटे की कब शादी कर रहे हो? मैंने का भी जब बल्ला की रजा होगी, हो जाएगी.
30:23वैसे अल्ला की मर्जी के लावा आपके बेटे की भी मर्जी और पसंद है कहीं.
30:30वैं? बाकी? कौन है भी वो?
30:35यकीन तो नहीं है मुझे लेकिन शायद वो गुल को पसंद करता है.
30:41वैं? गुल को पसंद करता है? यह तो बहुत अच्छी बात.
30:48बेहतरीन बच्ची है वो तो तुम जाके फैमीदा से बात क्यों नहीं करती?
30:53अरे मैंने कहा ना, अभी मुझे यकीन नहीं है.
30:57एहमर अभी नमाज पढ़ रहे है.
30:59सरह वो नमाज पढ़ ले, फिर जाके उसके पास बैठती हूँ.
31:03उसके दिल की बात की टोह तो लूँ ना, फिर अल्ला को जो मन्सूर.
31:08यह ना, मैं सोच्री हूँ, भी पाजी के घर जाओंगी ने यह पहन के जाओंगी.
31:12पहन के जाओंगी.
31:13हाँ.
31:14वहाँ.
31:21असलाम अलेकुम अमा.
31:23वालेकुम असलाम.
31:26सुरिया कहा है? सुरिया क्या अभी था?
31:31अमा काफी देर हो हुए यह उसको.
31:34पुपो क्या हुआ गए वे?
31:37चले की थी.
31:39बता ही नहीं चला.
31:41ना उसने बताया.
31:44अमा पता तो आपको तब चले जब आप उसकी खबर रखे.
31:50आपको तो अपने कामों से फुरसत नहीं होती?
31:53कौन से काम?
31:56सारा दिन यहीं होती हूँ.
31:59लोगों के कपड़े सी रही होती हूँ.
32:01और कौन से काम है मेरे?
32:03वही तो मैं कह रहा हूँ अमा.
32:05यह सलाई कड़ाई करके क्या थाबित करना चाह रही हैं आप?
32:08कि मैं ख्याल नहीं रखता आपका.
32:10आपको खर्चा पानीम देता.
32:12अच्छा?
32:14और यह सब आपको किस ने कहा?
32:16गुल अंधा नहीं हूँ मैं.
32:18सब नजर आता है, सब दिखाई देता है.
32:21किस घर में क्या चल रहा है?
32:23आपको सब नजर आता है भाई.
32:26सिवाए अपनी माँ और पहन के.
32:28गुल?
32:30तमीज से.
32:32यह तुम ही हो ना?
32:34जो अम्मा को मेरे और सुरे के खिलाफ बढ़काती हो.
32:37और पटियां बढ़ाती हो.
32:38उल्टी सीधी वो भी.
32:41क्या होगी है नूमी?
32:43अम्मा,
32:45आप ना इससे अपने अलफाद में समझा लें,
32:47मेरी नर्मी का फाइदा ना उठाए है.
32:50आप से तो बात करने का फाइदा है कोई नहीं,
32:52मैं तंग आगे इस रोज रोज रोज की किल-किल से.
32:59क्या करती हो गुल?
33:01क्या जरूरत थी उससे ये बात करने की?
33:04पता है ना उसके घुसे का?
33:07मुहाब के साथ कितनी बत्तमीजी कर रहे थी.
33:11और आप कुछ बोली नहीं रही थी.
33:13इसलिए मजबूरन मुझे बोलना बड़ा.
33:16अरे वो ऐसे ही बात करता है.
33:18उसकी आदत है.
33:20मत उल्जा करो इससे या किसी और से.
33:24अल्ला का वास्ता है.
33:26कोई उँच नीच हो गई ना.
33:30बरताश नहीं कर सुगूंगी मैं.
33:33अच्छ ठीक है, गलती होगी.
33:35सुरी, बस अब नहीं बोलून किसी से.
33:37बताएं क्या कर रही हैं.
33:38और हाँ खाने में क्या बनेगा अच्छ?
33:41सबसी रखी है, वही बना रहो.
33:45पिटा, कुछ लो तो सही ना.
33:47कुछ लोग ही नहीं तो कैसे काम चलेगा.
33:49मैं तो ऐसे ही परेशान हूँ.
33:51अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ.
33:53पहली मंगनी तूटने पर लोगोंने कितनी बाते मनाई थी.
33:57अब देखो, दूसरी मंगनी भी तूट गए.
33:59सबसे जादे तो मेरे सुस्राल बाले शुरू हो जाएंगे?
34:02यह.
34:04मुँपे चाहे मुझे कुछ न कह सके.
34:07लेकिन दिल ही दिल में उनके लड़ू पूटेंगे, अम्मी?
34:10क्या करूँ? अपना ही अंडा गंदा है.
34:13तुम देखो, रईस की मैंने एक दफाशादी कराई.
34:17माशालले से निभार है.
34:19अम्मी रईस भाई की बात और है.
34:21वो तो है अपनी बीवी के खुलाम.
34:24लेकिन जो नफीस भाई है न, वो औरत को इतना सर पे चड़ाने के हग पे नहीं है.
34:31इसलिए तो कहीं बात नहीं बन रही है.
34:35बस नफीस से मुझे उमीद है,
34:38कि वो अपनी बीवी को कंट्रोल में रखेगा.
34:41उसके खुसे का क्या करूँ, अभी भी शोषा चोड़के गया है.
34:46क्या होगा, क्या कहा है उन्होंने?
34:48कह रहा था, एक ही महीने में मेरी शादी कर रो,
34:51नहीं तो मैं रा चलती उठा के ले आओंगा.
34:54तुन जानती हो, वो जैसा कहता है कर देता है मुसीवत,
34:57भी ले आया जा चलती तो हमारा क्या होगा?
35:00अब मुझे तुम बताओ, मैं कहां से डूंड़ू,
35:03उसके लिए कोई शरीफ और बिचारी लड़की है?
35:13बिचारी?
35:17अरे, वागल में लड़की है और अम शहर में जूंद रहे हैं?
35:22यह ख्याल मुझे पहले क्यों नहीं आया?
35:25अरे, मुह ही मुह में क्या बड़बडा रही है?
35:27मुझे भी तो फता चले ना पता नहीं क्या कह रही है?
35:32बस ढूंड ली है मैंने लड़की.
35:34बेचारी सी, शरीफ, सीधी साधी.
35:38कौन है? कहा है? बताओ ना!
35:41अपनी नन्द की बात कर रही हूं.
35:43गुल।
35:44मुझे विश्प तुज से हुआ हरतावाँ

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