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  • 5 days ago
'मस्जिदों का रजिस्ट्रेशन करने से क्या दिक्कत?', वक्फ कानून सुनवाई के दौरान बोले SG तुषार मेहता

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00:00कानून की रण भूमी में इस समय सुप्रीम कोट में वक्ष संशोधन कानून को लेकर धुआधार दलीले दोनों तरफ से दी जा रही है और इस समय जबरदस्त महस सुप्रीम कोट में चल रही है
00:12मुख्य न्याइधी संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में पहले जम्यते उलेमाई हिंद के अध्यक्ष अर्शद मदनी के वकील कपल सिबल को सुना गया
00:24उसके बाद उन्होंने सरकार का पक्ष जाना
00:27लेकिन इसी से जुड़ी एक बड़ी ख़बर इस समय हम आपको बता दे
00:30सुप्रीम कोट ने वक्ष बाई यूजर के प्रावधान पर पुरानी मस्जिदों पर बड़ा सवाल उठा है
00:41सुप्रीम कोट में अधिकांश मस्जिदें तो चौदवी पंदरवी और सोलवी शताबदी के थी तो उनका क्या होगा
00:50सुप्रीम कोट ने कहा कि सोलवी शताबदी की मस्जिदों के लिए तो रेजिस्ट्री दिखाना इस समय असंभव होगा
00:57तो इस पर सॉलिस्ट्र जनरल तुशार महता ने कहा कि इन्हें रेजिस्ट्रेशन कराने से किसने रोका
01:04ये जो चौदवी पंदरवी शताबदी की मस्जिदे थी उनके पास मालिकाना हक के कागजाद है या नहीं है
01:11उनसे रेजिस्ट्री मांगी जाएगी तो ये देना उनके लिए असंभव होगा ऐसा सुप्रीम कोट ने कहा
01:16अधिकांच मस्जिदे वक्त बाई यूजर के तहत वक्त की संपती है
01:20इस पर सॉलिस्ट्र जनरल तुशार मेता ने साफ कहा कि मस्जिदों को रेजिस्ट्रेशन कराने से किसने रोका था
01:26सुप्रीम कोट ने पूछा कि अगर सरकार कह दे कि ये सरकारी जमीन है तो ऐसी परिस्तिती में क्या होगा
01:32सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोट ने कहा कि वो केंद्र को नोटिस जारी कर रहे है
01:38केंद्र से सुप्रीम कोट ने कहा कि आप अपना जवाब इस पर दाखिल करें
01:44सुप्रीम कोट में पुरानी मस्जदों को यानि सोलवी, सत्रवी, अठारवी शताबदी में जो मस्जदे बनी थी जहां पर नमाज अदा की जा रही है
01:57उसको लेकर प्रश्ण उठाया गया कि अगर उनके पास भूमी के कागज नहीं है और ऐसी मस्जदों पर अगर सरकार बोले कि ये सोलवी, शताबदी की मस्जद सरकारी जमीन पर है तो ऐसे में क्या होगा
02:12तो इस पर सॉलिसिटर जनरेल तुशार मेहता ने कहा कि 1923 से ही वक्फ को लेकर अलग-अलग कानून और उनमें लगातार संशोधन होते रहे है चाहे वो 50 के दशक में हो, 80 के दशक में हो, 90 के दशक में हो, 2024 के दशक में हो
02:32तो उनको कागस बनवाने में क्या प्रॉब्लम थी? मुख्य न्याइधीश ने पूछा कि वक्फ बोर्ट में कुल कितने गैर मुस्लिम होंगे? उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ आठ मुस्लिम है
02:45फिर उन्होंने पूछा कि आप वक्फ बोर्ड का प्रबंदन गेर मुस्लिपों को क्या सौब देंगे
02:50तो जवाब में तुशार महता ने कहा कि 22 मेंबर होंगे वक्फ बोर्ड में केवल दो गेर मुसलिम 22 मेंबरों के बोर्ड में केवल दो गेर मुसलिम है
03:02वहीं जब बात धर्म पर आई तो सॉलिसितर जनल तुशार मेहता ने कहा
03:07कि अगर चुनौती देने वालों की माने तो ये कोट पर भी मुकदमा नहीं सुन सकते
03:13इस पर मुखित दिवाद नियाईधीश चोग गए और कहा जब नियाईधीश की कुरसी पर बैठते हैं
03:19तो हम अपना धर्म खो बैठते हैं हम पूरी तरह से धर्म निर्पेक्ष है
03:24ये बात चीफ जस्टिस ओफ इंडिया ने ताल ठोक कर डंके की चोट पर उन्होंने सुप्रीम कोट में इस बात को कहा
03:32और मेरे सहयोगी संजेश शर्मा लगातार सुप्रीम कोट में ये जो सुप्रीम बहस बख्ष को लेकर चल रही है उस पर हमारे साथ जुड़ रहे हैं
03:43इस समय सुप्रीम कोट में क्या चल रहा है संजेश शुप्रीम कोट ने जो अंतरी मादेश दिया है उसके मताबिक के स्पस्थ है कोट ने कह दिया है कि जो संपत्ति कोट द्वारा वक्व घोशित की गई है
04:07यानि वफ कोट ने भी मानिता दी है वो नए एक्ट के तहट दिनोटिफाई नहीं होगी चाहे वो रेजिस्टर्ड हो या नहीं हो
04:13सीजाई ने कहा कि हमारा अंतरीम आदेश एक्विटी को यानि इस पुरी विवाद को संतुलित करेगा
04:20हम कहेंगे कि जो भी संपत्या नायले के द्वारा वक्त गोशित की गई है उन्हें कभी भी मतलब इस एक्ट के तहट गैर वक्फ नहीं माना जाएगा
04:29चाहे वो वक्फ बाई यूजर हो या नहीं हो
04:32कलेक्टर कारवाई को जारी रख सकते हैं यानि भूमी पर अगर विवाद की बात कही जाती है
04:37या कोई संपधा है जिसको कोई पांच लोगों की या किसी की भी संपधा है जिसे वो वक्फ करना चाहता है
04:43लेकिन पता चला कि उस पर कुछ और लोगों का दावा है
04:46तो कलक्टर उस कारवाई को करेंगे वो पता लगाएंगे कि ये निर्विवाद भूमी है संपधा है या इस पर वाकई कोई विवाद है विवाद है तो इसका असली मालिक कौन है तो वो जारी रख सकते हैं लेकिन वो प्रावधान प्रभावी नहीं होगा
05:01इसके साथ ये तीसरे नमबर पे ये कहा गया कि बोर्ड और परिशद के संबन्द में कि पदेन सदस्य नियुक्त किये जा सकते हैं इसको सुप्रेम कोट ने हरी जंडी दी है लेकिन अन्य सदस्य मुस्लिम होने चाहिए ये कहा गया है अब इसमें सरकार से पूछा था कोट न
05:31नहीं बताया अगर पदेन सदस से भी मुसलिम है तो उनको इसमें काउंट नहीं किया जाएगा ये गैर मुसलिम लोग गैर मुसलिम रहेंगे फिलहाल कोट ने नोटिस जारी किया है सरकार से कई सवालों पर जवाब मांगे हैं सरकार ने दो कदम आगे रखके बॉल को बै�
06:01जितने भी इस पर पहलू है जितने भी लोग कोट गए थे उनका ये पक्ष था कि ये जैसे कपल सिबल ने कहा कि ये देश के मुसल्मानों के अधिकारों का प्रश्न है या उनको अपने धर्म को मानने की स्वतंतरता का हक है सरकार निरंतर कह रही है कि वक्फ मस्जिद उसक
06:31हो चाहे मुसलिम हो या कोई और संगठन हो बोड केवल उनका धार्मिक नहीं है वो मैनेजमेंट है ये सुप्रीम कोट में भी सॉलिसिटर जैनल ने ये अंतर आज स्पष्ट किया
06:42सुप्रीम कोट ने अंतर तो स्पष्ट किया लेकिन साथ में कोट ने ये भी कहा कि अगर आप वक्फ बोर्ड में नौन मुसलिम को मिम्बर बना रहें तो बाकि आपके जो मंदिरों के गुरुदवारों के चर्चों के इनके प्रबंधन के लिए बोर्ड हैं क्या उसमें भ
07:12देना चाहिए तो कोट ने आजी जाके कहा कि अगर आप ऐसे स्टे स्टे कि मांग करेंगे तो फिर हम याचिका करताओं को नहीं सुनेंगे आप अपनी दलीलें रखें आपके जो तरक हैं वो संविधान और कानून की कसौटी पर रखकर करें सिर्फ हर बात के बाद जैसे �
07:42वक्फ वक्फ ने किसानों के जमीन जब अदिग्रहित की जून लोगों ने सुप्रिम कोट का दर्वाजा खटकटाया था जिसके बाद यह सारा विबाद हुआ है तो वरुन ठाकुर हमारे साथ हैं यह मामला है है है हैदराबाद का यह बड़ी प्राइम प्रॉपर्टी थ
08:12की नोटिपिकेशन में 1650 सेकल जमीन कर दिया गया था जब यह मामला है कलेक्टर ने अपने पास रख ली थी तो जब कलेक्टर और किशान जब इसके पास में हाई कोट के पास में गए तो हाई कोट ने कहा कि I'm sorry I have no jurisdiction और आपको कुछ कोई भी आपती है तो आप बख्फ ट
08:42ने कहा कि यह बड़ा अननेचुरल तिंग है कि जब आप जिसकी जमीन ले रहे हैं उससे एक बार पूचिए और करेक्शन के नाम पर इस तरही का करेक्शन नहीं कर सकते कि एक एकड़ से लेके 1650 एकड़ जमीन कर दी जाए तो जब यह विवाद जब आया तो सुप्रीम को

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