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  • 4/14/2025
बेटे ने वकील बनकर पिता को 12 साल बाद कैसे दिलाया इंसाफ? देखें पूरी वारदात

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00:00नवस्कार में हूँ शम्स तहर खान और आप देख रहे हैं वारदात
00:03एक बेटे का सपना था कि वो अपने पापा जैसा पुलिस वाला बने
00:07पर पापा जैसा कॉंस्टपल नहीं बलके एक बड़ा पुलिस अफसर
00:11ये सपना भी उसने अपने पापा की वज़ा से ही देखा था
00:15मगर एक रोज उसके उसी पापा की वर्दी एक जूटी शिकायत की वज़ा से छीन ली जाती है
00:21बेटे के सपने के साथ साथ अब पूरे घर का सपना दम तोडने निटता है
00:27और तब ही बेटा एक कसम खाता है
00:30अपने पापा की खोई हुई इज़त और उनकी छीन ली गई वर्दी उन्हें वापस दिलाने की
00:36और इसी के साथ शुरू होती है बारा साल तक चली एक लंबी लड़ाई
00:41मेरे पापा सार हैं उम्मीध हर चुके था
00:50मुझे नहीं मिलेगा पापा रुखिये थोड़ा सा मुझे मैनत करने लिए बहले सर वो कॉंस्टेबल है बहुत चोटी पोस्ट है लेकिन सर उनके आख में जो प्राउड वाले जो था वो देखके सर मतलब ऐसा लागा कि मैंने कुछ छोटा काम नहीं किया है
01:07वहां से जो भी मेरी सेल्री आती थी मैंने कॉलेज के फीज भरा करता था वने इंगर को लिया गरता था वो सेल्फ डिपेंडेंटन सर मैं आफर फर्स्ट इयर भन गया था जब मेरे भाईक मैंने सो जागिनिया मुझे करना था यहां पर तो काते हैं सर जब परसनल केस अग
01:37कहते हैं कि बेटा अगर लायक हो तो माबाप का बुढ़ापा सबर जाता है और वहीं बेटा अगर ना लायक हो तो बुढ़ापा छोड़ी है माबाप की जवानी जहन्नम बन जाती है
01:51ये कहानी है एक बरखास्त पुलिस कॉंस्टिबर मिथलेश पांडे और अपने सपने को जलाकर खाकी से काले कोट में आगए मिथलेश पांडे के छोटे बेटे एड़ोकेट अभिशेग पांडे
02:05आप सबने अपनी जिन्दगी में न जाने कितने ही मौकों पर जशन की कितनी ही तस्वीरे देखी होगी
02:12मगर हमारा दावा है कि अब जो तस्वीर आपको दिखाने जा रहा है
02:17ऐसी तस्वीर और उस तस्वीर के पीछे की कहानी इस से पहले ना आपने देखी होगी ना सुनी होगी
02:23ये मत्य प्रदेश के शैडोल जिले का एक गाउं है और ये घर MP बिलिस्ट के बरखास्त कॉंस्टिबर्ट मिथलेश पांडे का है
02:34खुद मिथलेश पांडे उनकी पत्मी रिष्टेदार पडोसी सबी हातों में फूल मालाएं लेकर इस वक्त किसी का इंतिजार कर रहे हैं
02:43डोल ताशों और पटाखों का दोर जारी हैं इंतिजार की घड़ियां खत्म होती हैं और इस कार से एक नौजमार नीचे उतरता है
03:04फिर पिता अपने बेटी को घले लगाते हैं और इसके साथ ही एक बेटे के बारा साल का एक वचन, प्रण, कसम पूरा हो जाता है
03:14इस जश्न की एहमियत को समझने के लिए आपको बारा साल पहले जाना होगा
03:21यह घर मिथलेश पांडे जी का है
03:24मिथलेश पांडे मध्यप्रदेश पुलिस में एक कॉंस्टबल है
03:27यह उनका परिवार है
03:29मिथलेश पांडे की पत्मी और उनके दो बेटी
03:32बड़ा बेटा अविराश पांडे और छोटा बेटा अभिशेट पांडे
03:36बात 2013 की है तब मिथलेश पांडे शैडोल के अनुपूर पुलिस लाइन में पोस्ट रिप थी
03:42उसी वक्त पुलिस विभाग को एक गुमनाम शिकाहत मिलती है
03:46शिकाहत ये थी कि मिथलेश पांडे ने एक लाग अन्ठानवे हजार रुपे का एक प्लॉट खरीदा है
03:51और उनके पास स्कॉर्पियो गाली है
04:21शिकाहत गुमनाम थी
04:28शिकाहत भेजने वाले ने जो पता भेजा था
04:30वो भी फर्जी था
04:31मिथलेश पुलिस विभाग को ये सफाई भी दे चुके थे
04:34कि और उनके एक लाग अन्ठानवे हजार का प्लॉट बैंक से लोन लेकर खरीदा था
04:39और उनके पास कोई स्कॉर्पियो गाली नहीं है
04:42लेकिन फिर भी पुलिस विभाग ने एक तरफा जांच के बाद मिथलेश पाने को सस्पेंड कर दिया
04:48जूटी एक सिकाहत किसे नहीं कर दिया गुमनाम सिकाहत
04:52तो उसी में उन्योग उने विभाग जांच के लिए फिर से एक नोटिस दिया
04:56उसमें सिगनेचर तक नहीं था
04:58और सिगनेचर कि ना होने के साथ उसका एड़र्स लिखा था
05:02जब इन्हों नहीं जब भी भाग नहीं जब उन्हें नोटिस भेजा कि आप आईए अपना बेयान दीजिए तो ऐसला वहां पे लिख क्या आया
05:08कि पते में संजिया गरवाल नाम को कोई वेक्ती रहता ही नहीं
05:11हम लोग इसको सरलोग के लेंगविज बोलते हैं
05:14अनुनमस कंप्ली गुमनाम सी काया था
05:16तवाम सफाई के बावजूद बिना किसी ठोस सबूत के एंपी पुलिस विभाग
05:22ने मिथलेश पांडे को सस्पेंड करने के कुछ वक बाती
05:25नौकरी से सीधे बरखास्त कर दिया
05:28असल में बरखास्तगी से पहले मिथलेश को पुलिस विभाग के सामने एक तैय तारीख पर फिर से बुला गया था
05:35लेकिन उस तैय तारीख पर मिथलेश पांडे बीमार थे
05:38वो विभाग के सामने पेश नहीं हो सके
05:41उन्हें अगली तारीख देने की बजाए पुलिस विभाग ने सीधे उन्हें टर्मिनेट यानि नौकरी से परखास्त कर दिया
05:48मेरे पापा का समय तबित खराब था
05:52मेडिकल सेटिफिकर्स भेजा थी सर मैं अभी अन्वेल हूँ फोड़ा इसको प्रोस्पॉन कर दीजिए अभी मैं नहीं देपाऊंगा भी वागिजाज मैं निक पाट्शी परओंगा
05:59बट इट वाज दन इंटेंशनली मैंनर सब इंटेंशनल मैंनर में हुआ पापा को सर टर्मिनेट कर दिया दो तूटाउसंट थर्टी में
06:06एक मिधलेश पांडे अपने घर में अकेले कमाने वाले थे नौकरी जाते ही पूरे घर पर पहाँ चूट पड़ा दोनों बेटे तब पढ़ाई कर रहे थे बड़ा बेटा बीटे कर रहा था बीटे के बाद उसे एंटेक करना था गेट का इंतिहान देना था जिसके फीज
06:36अचानक पापा के नौकरी ना रहना और मेरा भी उसमें क्लास टेंथ का ही मेरा एक्जाम ही कंप्लेट हुआ था लास्ट डे था एसेस्टी का पेपर था मेरा सर्ज़ में 11 टॉल तो चली ठीक है कोई दिक्कत नहीं अपने 11 टॉल तो अपन कैसे करके पढ़ लेते हैं बड�
07:06मिथलेश पांडे ने जबरपुर हाइखोर्ट में याचिका तायर करती पर वो याचिका भी कानून के धेरो फाइलों के बीच कहीं दभी रहें मिथलेश पांडे छोटा मोटा काम करके घर चलाने की कोशिश कर रहे थे पिता के हाला देखकर बड़ा बेटा अविनाश बी
07:36स्री अविनास बंडे है वो भुपाल में डीश टीवी का काम किया करते थे खुझ से अपनी कॉलेज की फीस भारा उस भाई ने हमारे भाई को वहां पे नहीं मिला था साही सौट रहे था तो उसने सर उचतिस गड़ में सर एक भिलाई मैं स्वरी एक सेनिक माइनिंग कंपन
08:06तब अभिशेग बार्वी में पहुत चुका था वो तब तक एक पुलिस अफसर बनना चाहता था पर वो चाहता था कि वो अपने पिता से बड़ा अफसर बनना यही उसका सपना था
08:19मेरा भी मन था पुलीस में जानेगा कुछी बापा को देखे बापा कॉंस्टेबल बट मुझे तोड़ा उसे उपर जाना था हाईर उनके प्रसूचा था टू इस्टार यह त्री इस्टार लगता हमारे उपर भी बट सर असके बाद मैंने सोचा नहीं
08:33लेकिन नौकरी जाने के बाद घर में पिता और बड़े भाई को इस तरह टूटते देख एक रोज अचानक अभी छेट ने फैसला किया कि अब वो पुलिस में नहीं जाएगा बलकि अपना सपना अपने पिता को उनकी खोई हुई वर्दी दिला कर पूरा करेगा और इसके ल
09:03अब मुझे यह नी पता था कि अगले साल हो जाएगा कि उसकी अगले साल हो जाएगा तो मैंने सर बी लेनग पार्फन की तैयारी करी तके घ्यार मां ग्यार मी के बाद से सर मुझे ब्हाका लटकरने का इमेरों को थो था
09:13अभिशेक ने भोपाल में एललवी यानी पढ़ाई शुरू कर दी पहले साल का पूरा खर्च बड़े भाई ने उठाया फिर अगले साल से पढ़ाई के साथ साथ फीस का खर्चा निकालने के लिए अभिशेक ने भी पार्ट टाइम जॉब शुरू कर दी
09:31मुझे भी देख रहे तो तोड़ा घर में भी अपनी जो सारी चीज अपनी देखा करते थे फिर मुझे लगा कि भाई 15,000 की सेलरी तो बहुत कम है वो अपना खुछ चलाए मुझे देखे सर मुझे भी फिर इनिसेटी भी लेना पड़ा मैं सर अगर आपने सुना होगा Magic Holidays ज
10:01अमसम में देखे सरापन अम्समHow students के नंबर ले लेंगे और में घ्ल cash काम किया थामैने काम किया एक साल sperm show एक केर साल फिर मेंने बजाच Cabinet में मी काम किया मैं सेल्स एक्जूटिव कinka माँ किया में महां से जो वह में मेरी मेरी सैलरी आती थी दो मनें कालेज के फिस भरा करण �
10:31धीरे धीरे वक्त भी था और आखिरकार 2023 में अभिशेद वकील बन गया
10:38वकील बनते हैं उसने जवलपुर हाई कोट में उन वकील साहब के अंडर प्रैक्टिस शुरू कर दी
10:44जो अब तक उसके पिता का केस देख रहे थे
10:47अब इशेख चाहता तो वो क्रिमिनल केस की भी प्रैक्टिस कर सकता था
11:10मगर उसे पता था कि वो वकील क्यों बना है बसे लिए उसने सर्विस से
11:14रिलेटेड केशिस पर काम करना शुरू कर दिया
11:30मैं नहीं से वकालत करते समये आपको प्रियॉर्टी दिया जाता है
11:34इस एसकित रहते हैं पेल मेटर हो गया और नॉर्मल हो गया
11:37लेकिन मैं बेल करते करते सर मैं सर्वीस मैंटर में पहले प्रियोर्टी दिये को कि सर्वीस से सर मेरी पूरी कैरियर जुड़ा था मेरे परिवार का केर लाइफ जुड़ा हुआ था
11:45उमीद जुड़ी हुए था
11:46बेटा वकील बन चुका था
11:49लेकिन पिता का केस अभी जबलपुर हाई कोट में सुनवाई का इंतिजार कर रहा था
11:54इस दोरान अभी शेक ने अपने पिता के केस की पूरी फाइल लगबग घूट घूट कर दी
12:00केस की हर छोटी बड़ी जानकारी जुटाने के काम में लगा रहा
12:04फिर जब उसे यकीन हो गया किया वो अपने पिता का केस बहतर धंक से हैंडल कर सकता है
12:10तब उसने जबलपुर हाई कोट में सालों से लंबित पड़ी अपने पिता की याचिका की सुनवाई के लिए अरजी डाली
12:17केस की सुनवाई अब शुरू हुए अब अदालत में पहली बार इस केस पर जिरा होनी थी
12:22तो जिन वकील साहब के अंडर में अभिशेख प्रैक्टिस कर रहा था
12:26खुद उन्होंने आगे बढ़कर अभिशेख से कहा कीस तुम्हारह कीस है
12:30तुम्हारे पिटा का कीस है तुम से बेटर इसे कोई नहीं लड़सकता है
12:35इसलिए एक कीस खुद तुम्लाव
12:39तुम अफनी सीनियर को साथ खड़ा हुआ
12:40सीनर ने बोला कि अभिशेक तुम्हारा मेंटर है तुम बहस करो
12:44सीनर बगल में हमारे खड़े हो गए
12:46मैंने सर आर्गुमेंट करना इस चाहिए
12:48अभिशेक ने मशूर हिंदी फिल्म
12:58मुन्ना भाई Mbbs कही बार देखी
13:00उसे इस फिल्म का एक सीन और डायलोग अच्छी तरह याद था
13:04जब बोमन इरानी ये कहते हैं
13:06कि अगर कोई डॉक्टर अपनी बेटी का ऑपरेशन कर रहा
13:09तो उसके हाथ जलूर कापते हैं
13:12यहाँ पैर तो कापते हैं सर जब परसनल केस अगर आप करते हैं
13:17तो अपका एगरेशन भी हो जाता है कि जब अपनी बात नहीं मानी जा रही है
13:21चाहे सरकारी वकील के दोरा चाहे जजसाब के दोरा तो अपन को गुस्ता आने लगता है
13:26अभी शेख को अच्छी तरह पता था कि यह सिर्फ एक केस नहीं
13:32उसके पूरे परिवाज की जिन्दगी, उनकी खुशिया, उनकी हिस्सा और सबसे बड़ी बार पिता की वर्दी का सवाल है
13:40इसे एक केस के हारने का मतलब था 12 साल की सारी उम्मीदों का तम तोड़ते हैं
13:48वैसे भी अभी शेख के पिता, मिथलेश पाने, कप की उम्मीदों का धामा छोड़ चुके थी
13:54मेरे पापा सार उम्मीद हार चुके थे
13:57मुझे नहीं मिलेगा
13:59पापा रुकिये थोड़ा सा मुझे मैनत करने लिए
14:01समझने दीजे की चीजें क्या होती है सर्वीस मैडर में
14:04पापा गोला पापा ठीक कर लो होना जाना कुछ है नहीं मुझे नहीं अब तो बहुत लेट हो गया है
14:08मुझे नहीं मिलेगा पाद की वो डिमॉटिवेट हो चुके थे उससे
14:11और फिर आखिरकार वो दिन आही गया इस परिवार की जिन्दगी के सबसे बड़े फैसले का दिए
14:19तमाम सुनवाई के बाद अब अदालत को अपना फैसला सुना ला था
14:22पूरा परिवार फैसले के दिन गाउं में था
14:25अकेले अड़ोकेट अभी शेख पांडे कोट के अंदर 27 मई 2014 को जबलपुर हाई कोट अपना फैसला सुनाती है
14:34और इसे एक फैसले के साथ एक बेटा अपने पिता को उसकी सारी खुश्या खोई हुई तमाम हिस्जत और उतार ली गए वर्दी सब कुछ लुटा देता है
14:45वो फीलिंग्स तो सर मैं फिर बया तो नहीं कर भाऊंगो बस फील ही कर पाता हूं
14:52अब भी सर मेरे आंख में नम हो जाते हैं और तो सर मैं बोल्ड आदमियों मैं रोना मैं विजवास नहीं करता
14:58वर सर उस दिन सर मुझे बहुत इमोसिनल फील हुआ था कि बहले सर वो कॉंस्टे बले बहुत चोटी पोस्ट है लेकिन सर उनके आंख में जो प्राउड वाले जो था वो देखके सर मतलब ऐसा लागा कि मैंने कुछ छोटा काम नहीं किया है मैंने बहुत बड़ा काम किया ह
15:28कि वर्दी के बीद कुछ दूदियां थी कुछ दुश्वारियां थी अभी शेक का काम भी खत्म नहीं हुआ था अब उसे एक और लडाई लड़न थी
15:36जवलपुर हाई कोट मिधलेश पांडे की बहाली का फैसला सुना चुकी थी लेकिन एमटी पुलिस अब भी मिधलेश को उनकी वर्दी वापस देने की मूड में नहीं थी
15:49अब पुलिस विभाग की कारवाई के नाम पर मिधलेश की बहाली का फाई एक अफसर से दूसरे अफसर के तफ्तर के चक्कर काटता रहा दरसल बाद सिर्फ मिधलेश को ड्यूटी पर वापस लाने की नहीं थी बलकि नौकरी पर बहाली का मतलब था कि मिधलेश को पिछले
16:19पार फिर से जबलपुर हाई कोट का दर्वाजा काट गटा है।
16:23हाई कोट को जब ये पता चला तो हाई कोट ने भी सखत रुप अपनाते हुए
16:28S.P.A. और आईजी को नोटिस चारी कर दिया।
16:31अदालत के आदेश के बाद भी मितलेश की नौकरी बहाल न करने के लिए
16:35क्यों न दोनों अफसरों के खलाब कोट की आप मानना का केस तर्जिया जाए।
16:41जैसे ही जबलपुर हाई कोट के सखत तेवर के बारे में पुलिस विभाग को पता चला
16:48आनन्फानन में सब कुछ बदल गया।
16:51दो अपरेल को हाई कोट ने ये नौकरी बहिजा।
16:54और चार अपरेल को आखिरकार मितलेश पांडे की बरखास्तगी को रद्द करते हुए।
16:59पूरे समान और इज़त के साथ पूरे बारा साल बाद आखिरकार उन्हें उनकी नौकरी वापस देदी लिए।
17:07और इसके साथ ही एक बेटे का बचन पूरा हुआ।
17:11उसी के अबज में दो तारीका मानी न्यालय का आदेश था।
17:16चार तारीक को सर पापा को उसी आदेश के बाद चार तारीक को सर पापा की जुएनी ले दी।
17:23जब MP पुलिस ने 14 अपरेल को मितलेश पांडे को वापस बहाल किया।
17:28उस रात अभिशेक पांडे अपने घर से दू जबनपुर में था
17:31रात को खबर मिलते हैं
17:34वो फौरन गाउं के लिए निकल पड़ता है
17:36सुपरतीम बैनर्जी और मनिशा जहा के साथ
17:39शैडोल से रवी शुकला आज तक
17:42बेटे की कसम पूरी हो चुकी
17:46पापा को उनकी वर्दी लोटा दी गई
17:48अब अभिशेक आगे क्या करेगा
17:51आगे की कहानी इस ब्रेक के बाद आप देखते रही है वारदात

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