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00:00साथियों, बाबा साब चाहते थे, कि हर गरीब, हर वन्चीत, गरीमा से जी सके, सरूंचा करके जीए, वो भी सपने देखे, अपने सपने पूरे कर सके,
00:26लेकिन कॉंग्रेस ने, SC, ST, OBC को, सेकंड क्लास सिटीजन बना दिया,
00:40कॉंग्रेस के लंबे सासनकाल में, कॉंग्रेस के नेताओं के घर में,
00:51स्वीमिंग पूल तक पानी पहुँच गया, लेकिन गाओं में, नल से जल नहीं पहुँचा,
01:04आजादी के सप्तर साल बाद भी,
01:11गाओं में सिर्फ,
01:13सोला प्रतिशत घरों में,
01:18नल से जल आता था,
01:20सोचिए,
01:22सो घर में से सोला घर में,
01:28इससे सबसे ज़्यादा प्रभावित कौन थे,
01:33इससे,
01:35S.C.,
01:36S.T.,
01:38O.B.C.,
01:40सबसे ज़्यादा प्रभावित थे,
01:43अरे उनकी इतनी ही चिन्ता थी,
01:49आज जो गली-गली में जाके भाषन जाड रहे हैं,
01:52अरे कम से कम,
01:55मेरे S.C., S.T., O.B.C. भाईयों के गर तक,
01:59अरे पानी तो पहुँचा देते,
02:03हमारी सरकार ने,
02:086-7 सान में,
02:1012 करोड से जादा ग्रामिड घरों में,
02:17नल कनेक्शन दिये हैं,
02:19आज गाउं के असी प्रतीशत घरों में,
02:30याने पहले सो में से सोला,
02:34आज सो में से असी घरों में,
02:36नल से जलाता है,
02:40और बाबा साब का असिरवाद है,
02:47हम हर घर तक,
02:51नल से जल पहुचाएंगे,
02:53सवचाले के अभाव में भी,
03:01सबसे बुरिस्ति थी,
03:06S.C.S.T. O.V.C. समाज की ही थी,
03:12हमारी सरकार ने,
03:15ग्यारा करोड से ज़्यादा सवचाले बनवा कर,
03:19वन्चितों को गरीमा का जीवन दिया है,
03:29साथियों,
03:32कॉंग्रेस के जबाने में,
03:35S.C.S.T. O.V.C. के लिए,
03:40बैंका दरवाजा तक नहीं खुलता था,
03:44बीमा, लोन, मदद,
03:52ये सारी बाते,
03:54सब सपना था,
03:57लेकिन अब,
04:00जन्दन खातों के,
04:03सबसे बड़े लाभार थी,
04:05मेरे S.C.S.T. O.V.C. के भाई बेहन हैं,
04:13हमारे S.C.S.T. O.V.C. भाई बेहन आज,
04:18गर्व से,
04:20जेब में से रूपे काड निकाल करके दिखाते हैं,
04:26जो अमीरों के एक जेब में कभी रूपे काड हुआ करते थे,
04:30और रूपे काड आज मेरा गरीब दिखा रहा है।
04:34करते हैं,

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