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  • 5 days ago
सास की चप्पल

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00:00सास की चपपल
00:30जमुना की सास कहती है
00:30अरा बिंदड़ी घणी महंगाई हो रखी है
00:34जितनी सबजी रखी है उसमें ही काम चला ले
00:37तु देवर भूल पड़ता है
00:38कोई ना भाबिसा मैं थारे लिए सबजी लेकर आता हूँ
00:43अरा काय कर चोड़ा
00:44पैसा खर्च करने के कोई जरूरत ना है
00:47इसी तरह से जमुना की सास हर बात में गंजुसी किया करती थी
00:53एक दिन जमुना ने देखा कि उसकी सास की चपपले काफी गिस चुकी है
00:57और ये देखकर जमुना ने उन चपलों को घर की बाहर फेंग दिया
01:01अरा बिंदड़े मारी चपल ना मिल रही थारे को पता है की कठे है
01:07सासु मा वो चपल तो मन ने घर से बाहर फैक दी बहुत घिस गई थी ना
01:12अरा थारी भली हो वै मारी चपल क्यों फैक दी मैं अभी उठा कर लाती
01:18अरे मा क्यों जिद करे है मैं थारे को नई चपल दिला कर लाओंगा
01:22अरे रहा ने दे तू भी बिंदड़े की जबान बोलने लगा है
01:25नहीं चाहिए चपल मन है मारी पुरानी चपल घणी पसांद है
01:29अरे मा भाई ठीक तो कह रहा है छोड़ ना पुरानी चपलों का चकर
01:35चल मैं थारे को नई चपल दिला के लाता हूँ
01:37लेकिन जमुना के साथ किसी की बात नहीं सुनती
01:41और घर की बाहर से किसी तरह चपलों को उठा कर पापस ले आती है
01:45और फिर से उनी को पहनने लगती है
01:48फिर एक दिन सुबह के वक्त जमुना मंदिर गई और जब वहां से लोट कर आई तो जोर जोर से चिलाने लगी
01:54अरे कई बताओ मंदिर में किसी ने मारी चपल चोर ही कर ली
01:59अरे मा अच्छा ही हुआ ना थारी चपल को ही चोर चुरा के ले गया
02:03अब तू तो छोडने वाली थी ना ऐसे भी पुरानी चपल है थी
02:07अरा तू चुपकर छोड़ा, महंगाय के जमाने में पुरानी चप्पल, पुरानी चप्पल कर रहा है
02:12मैं कैसे भी करके चोर को ढूंड कर मारी चप्पल वापस लाऊंगी
02:16लेकिन माताजी तब तक आप क्या नंगे पाउं फिरोगी पुरे गाउं में
02:21अरे अबे नड़े थारी नजल लगी है मारे चप्पलों को, तू ही कह रही थी ना, फैक दो फैक दो, देख, अब चोर चोरी करके लेगा
02:31उस दिन के बाद, जमुना की सास नंगे पाउं ही गाउं में घूम घूम कर अपनी चप्पले ढूनने लगे
02:38और कुछी दिनों के बाद, जमुना की सास को अपनी तूटी चप्पल, एक गरीब औरत के पैरों में नजर आई
02:45पकड़ लिया, अरा पकड़ लिया, तूने हमारी चप्पल चुराई ना, अब मैं थारे को छोड़ूंगी नहीं
02:53अरे माची बंदिर में पड़ी थी, पुरानी चप्पल है, मारे को लगा किसी के काम की ना है, इसलिए उठा ले आई, अरे पहनने दोना मारे को
03:03आई बड़ी पुरानी चप्पलों वाली, एक तुम्हारी चप्पल चुरा ली, उपर से आखे दिखा रही है, चल वापस दे चप्पल
03:10तबी छोटा बेटा वहाँ पहुँच जाता है, और अपनी माच को इस तरह देख कर कहता है
03:15अरे माच क्या कर रही है, अच्छा ना लगे, छोड़ दे बेचारी गरीब औरत है, मैं कह रहा हूँ ना, मैं थारे को नई चप्पल दिला कर लाओंगा
03:24ना बेटा, चप्पल तो मैं यही वाली पहनूंगी
03:27ऐसा कहकर जमना के सास दे, उस गरीब औरत से वो चप्पले छीन ली
03:32इतने पैसे वाली होकर मुझ गरीब से तूटी चप्पल भी छीन ली, अरे भगवान भला करे थारा
03:39जमना की सास की जिद के आगे किसी की एक ना चली, और उस दे फिर से वही पुरानी चप्पल पहनना शुरू कर दिया
03:47एक दिन जमना का पती, बिना अपनी मा को बताये, उनके लिए सुन्दर जूतिया लेकर आ गया
03:53और उसने वही जूतिया लाकर अपनी पत्नी जमणा को दिखाई
03:57तेक जमणा, मा के वास्ते कितनी सुनदर जूतिया लाया हूँ
04:01देखेंगी तो खुश हो जाएंगी
04:04आप तो जूतिया ले आए हो, लेकिन सासुमा ये जूतिया पहनेंगी न
04:09वो तो अपनी पुरानी चपल ही पहनने वाली है
04:11अरे जमना एक बार चलकर मा को देते हैं न ये जूतिया
04:15क्या पता पहनने को राजी हो जावे
04:18मा देख तो थारे वास्ते मैं कितनी सुन्दर जोदपुरी जूतिया ले आया हूँ
04:23अरे ये कई करच हो रहा
04:25इतना पैसा खर्च करने की के जरूरत है मारे को ना चाहिए इतनी महंगी जूतिया तू वापस दे कर आजा
04:32जमना और उसके पति के बार बार कहने पर भी जमना की सास नई जूतिया नहीं पहनती
04:40जमना नई जूतियों को उठा कर अलमारी के अंदर रख देती है क्योंकि दुकान वाला भी अब उनको वापस लेने को तयार नहीं था
04:48कुछ दिनों के बाद एक दिन सुबह के वक्त अचानक से जमना की सास की जोर जोर से चिलाने की आवाज आती है
04:55आवाज सुनकर जमना उसका पती और देवर तीनों दोड़ कर घर के आंगन की तरफ आते हैं
05:01और वहाँ पर देखते हैं कि जमना की सास आंगन में जमीन पर गिरी हुई पड़ी थी
05:06अरे मा ये क्या हो गया?
05:09अरे मैं तो आंगन में गिर गई
05:11अरे सासुमा अब गिर गई कैसे? चोड़ तो ना लगी न थाने
05:16आरा बिंदणी कहीं बताओं पैर में बहुत जोर का दर्द हो रहा है
05:21अरे सासुमा थारे पैर में तो सूजन आगी लगता है जोर की मोज लगी है
05:27मा ये सब थारी जित की वज़े से हुआ है
05:30सारे घर वाले थारे से कह के ठक गये के पुरानी चपल छोड़ दे छोड़ दे
05:35भाई तो थारे लिए नई जूतिया भी ले आया फिर भी तू ना मानी
05:39हाँ देवर जी आप ठीक कह रहे हों हो सकता है अब सासुमा को हमारी बात समझ में आ जावे
05:45अरे आ गई बात समझ में आ गई अच्छी तरह आ गई पैर में बड़े जोर का दर्द हो रहा है
05:53अब मारे को सारी बात समझ में आ गई ला बेटा जल्दी से नई वाली जूतिया ले आज से ना मैं वही पहनने वाली हूँ
06:15झाल झाल झाल झाल झाल

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