सोने की कीमत में उछाल, बाजार में क्यों मचा हड़कंप?
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00:00अमेरिका और चीन के बीच व्यापारी कशमकश का असर सोने की कीमतों पर पड़ रहा है
00:06वैश्विक बाजार में सोने की कीमत 96,000 रुपे प्रति दस ग्राम को पार कर गई है
00:11सोने की कीमत हर घंटे बदल रही है
00:14इससे गहने बेचने वाले और खरीदार दोनों अनिशिता से जूज रहे है
00:18कीमतों में बेताहाशा उतार चड़ाव को देखते हुए कुछ लोगों का मनना है
00:22कि सोने की कीमत जल्द एक लाख रुपे प्रति दस ग्राम के पार कर सकती है
00:26हाला कि कई लोग कीमत में तेज ग्रावट की भी संभावना जता रहे हैं
00:56तो हम लोगों ने तो बिल्कुल भी यह नहीं सोचा था कि दुबारा से फिर इतना बढ़ जाएगा गोल्द का रेट
01:01बहुत फरक है बहुत फरक है अगर गोल्द का रेट थोड़ा कम रहेगा तो पर्चेसिंग जादा होती हमेशा
01:08और गोल्ड करेट जितना ज़्यादा बड़ेगा कस्टमर की कौन से बार निकल जाएगी हर चीज
01:13कीमतों की अनिश्यत्ता से पूरे बाजार में भरम है
01:19कई खरीदार दुकानों में तो जा रहे हैं लेकिन खाली हाथ लोट रहे हैं
01:23गहना व्यापारियों को कहना है कि पिछले कुछ हफतों से खरीदारों की संख्या में भारी गिरावट आई है
01:28लोगों में भारी अनिश्यत्ता है कि खरीदें, बेचें या सोने की कीमत इस्तिर होने का इंतिजार करें
01:34पंद्रे दिन से जो ये कड़बड होनी शुरू की है उसी से ही कस्टमर तस परसेंट रह गया था
01:43और पिछले चार दिन के अंदर जो पांच अजार, छे अजार, पांच अजार, छे अजार अब डाउन हो रहा है
01:49उससे तो मतलब कस्टमर बिल्कुल जीरो हो गया, सिर्फ अंदर आता है, आके रेट पूछता है, सामान अगर उसका दिल किया तो तुलवाएगा, नहीं तो वैसे ही वापस चला जाता है
02:01और सिर्फ ये पूछता है, जी ये रेट कब कम होगा, और परसो जैसे ही ये खबर आई के गोल्ड चपन अजार रुपे तक वापस आ सकता है, उसके बाद से तो कस्टमर अंदर आना भी बंद हो गया
02:15दिन वाद दिन सोने की कीमतें बढ़ने के साथ कई खरीदार अब कम कैरेट वाले सोने का विकल बचुन रहे हैं, इसके बावजूद दुकानों में खरीदारों की संख्या लगातार कम हो रही है
02:45साफ है कि आभूशन बाजार में वैश्विक तनाव और कीमतों में उतार चड़ाव की वज़े से अनिश्चित्ता बनी हुई है
03:03ये भी ते नहीं है कि सोने में अगली उच्छाल फाइदी का सौधा होगी या कारूबार को एक और जटका लगेगा
03:10जैसे कि मैं सो रहा हूं तो पिता जी को जगाना है मुझे तो वो डिरेक्ट उठाने के बजाए और हिंसा की परंपरा मेरे यहां नहीं थी सौभागे से तो वो क्या करते थे कि उस कम्रे में आ जाएंगे या बाहर से गुजरेंगे और चौपाई बोलेंगे
03:24प्रात काल उठी के रगुनाथा मात पिता गुरु नावई माता कभी कभी मैं गुस्से में उठकर के रहे पापाई चौपाई तरण इस प्रश्कीयार सो हो गया वने काम मत उताना