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  • 2 days ago
रामनवमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु के रामेश्वरम में पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे...ये देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल है...पीएम मोदी रामेश्वरम-तांबरम ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे...प्रधानमंत्री तमिलनाडु में कुल 8300 करोड़ रुपये से ज्यादा की रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे... तमिलनाडु के रामेश्वरम में पंबन रेल पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी रामनाथस्वामी मंदिर भी जाएंगे और वहां दर्शन-पूजन करेंगे...पीएम मोदी के रामनाथस्वामी मंदिर के दौरे को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं...प्रधानमंत्री मोदी रामेश्वरम में जनसभा को भी संबोधित करेंगे...

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Transcript
00:00नमस्कार, आप देख रहे हैं ABP News, मैं हूँ आपके साथ चत्रात्र पाठी.
00:11देश के दक्षणी छोर पर मैं इस वग वर्च्वली खड़ी हूँ.
00:15ये नया पंबं पुल है, पुरे देश के नगाहें इस ब्रिज़ पर टिकी हैं.
00:20तमिलनाडु की रामेश्वरम दीप को मंडपम से जोड़ने वाला ये नया पंबं ब्रिज़ है.
00:26ये रेलवियर ट्राक कम वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज़ है.
00:29यानि एक ही पुल जिस पर रेल गाड़ी दोड़ेगी, नीचे समुद्र है तो जहाज भी गुज़रेंगे.
00:36ये ब्रिज़ एंजीनिरिंग का बेमिसाल नमूना है.
00:40हिंदुस्तान में पहली बार एक ऐसा ब्रिज़ तयार हुआ है, जिसमें 5 मिनट में चमतकार होगा.
00:59अद्भूत नजारा
01:11हिंदुस्तान में कहीं भी ऐसे तस्वीर नहीं दिखती है.
01:19ट्रेन से जबनंत अथा सागर आपके आखों में समा जाता है
01:25और अब ये रोमांश लोट रहा है, वो भी तूफानी रफ़तार से.
01:33मन्जिल होगी रामेश्वरम
01:38हिंद महा सागर और बंगाल के खारी का जहां मिलन होता है.
01:42समंदर की लहरें जिसके पैर चूमती हैं.
01:46बो रामेश्वरम द्वीप
01:49देश के चार धामों में से एक
01:52सद्यों से लोगों के स्वधा का केंदर रहा.
01:55भगवान राम जहां से लंका पर चड़ाई के लिए राम सेतु से होकर गय थे,
01:59वहीं राम नवमी के मौके पर नई सेतु यानि पुल का उध्धाटन होनी जा रहा है,
02:04जो एक बार फिर रामेश्वरम को देश के बाके हिस्से से ट्रेन से जोड़ेगा.
02:09और इसका जर्या बनेगा हिंदुस्तान की तक्नीकी का बेजोड नमूना.
02:13पहली नजर में तो आपको ये बाकी पुलों के तरह ही दिखेगा,
02:18जो नदी समुद्र में बनता है.
02:20लेकिन ये इंजीनिरिंग की मिसाल है.
02:23कैसे? अब उसको समझ ये.
02:26लाखो टन वजन का ये पुल सिर्फ एक पुल से जोड़ेगा,
02:29और फिर दो बारा बटन दबाते ही उसी फॉलादी ट्रैक से जुड़ जाएगा,
02:33जिस पर तूफानी रफ़तार से ट्रेइन गुजरेगी.
02:36लेकिन ये बेजोड नमूना पहली नजर में तो आपको ये बाकी पुलों के तरह ही दिखेगा,
02:39अब उसको समझ ये, लाखो टन वजन का ये पुल सिर्फ एक बटन दबाते ही कुछ ही मिन्टो में वैसे ही उपर चला जाएगा, जैसे लिफ्ट जाती है, सिर्फ एक बटन से.
02:49और फिर दो बारा बटन दबाते ही उसी फॉलादी ट्रैक से जुड़ जाएगा, जिसपर तूफानी रफ्तार से ट्रेइन गुजरेगी. लेकिन ये ब्रिज्ज कैसे काम करेगा, इसे देखना भी बेहत दिल्चस्प है.
03:02समंदर की तेज हवाओं के बीच, जहां टिकना मुश्किल हो, वहां मजबूत स्टील वायर केबल के जर्ये देश में पहली बार पुल को लिफ्ट करने बाला बनाये गया है.
03:18हाई पावर एलेक्ट्रिक मोटर से लैस इसके पूरे सिस्टम को आपको आसान तरीके से समझाते हैं.
03:30यह वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है, यानि ऐसा पूल जिससे जरूरत पड़ने पर सीधे वर्टिकली, मतलब उपर उठाय जा सके और काम ख़तम होती ही वर्टिकली नीचे लाय जा सके.
03:44पूल के उपर बना कंट्रोल रूम है, इसके भीतर लगी है यह स्क्रीन जो पूरा मेकनिजम समझा रही है. इस पूल के दोनों तरफ छे टावर है, जिस पर दोनों साइड काउंटर वेट है.
03:57काउंटर वेट मतलब लिफ्ट के भार का बैलेंस बनाने के लिए इस्तिमाल होने वाला वजन, जो मोटर पर पड़ने वाले भार को घटा देता है. अब इसके दोनों तरफ 310-310 टन का वजन है, जबकि ब्रिज्ज 600 टन का है.
04:11छे-छे रोप यानि कि स्टील की मोटी रसी है, जो एक तरफ से ब्रिज्ज और दूसरी ओर से काउंटर वेट को जोड देता है. अब होता दरसल यह है कि पहले रेल्वे से सिगनल आता है, उसके बाद इस कंट्रोल रूप में स्टार्ट बटन प्रेस करते हैं.
04:26काउंटर वेट नीचे जाता है और ये रसी जो पूल को उपर खीच लेता है, खरीब सत्रा मीटर तक, यानि पूल का ये हिस्ता सत्रा मीटर उपर तक उठ सकता है और इसमें लगेंगे सिर्फ पाँच मिनट, ताकि बड़े जहाजों को नीचे से गुजरने का रास्ता मिल
04:56गुजरेगी तो तूफान बनकर जाएगा, क्योंकि अब तक पुराने पुल से ट्रेइन धीमी गती से ही गुजरती थी, वो तस्वीर अब पूरी तरह बदल जाएगी।
05:06कुछ हैसे तस्वीर आपको दिखने वाली है, तेज रफतार, रेल, गाड़ी इस पुल से गुजरेगी, पहले पंबन ब्रिज्ज से गुजरते वक्त ट्रेइन के रफतार सिर्फ 10-15 किलो मीटर प्रते घंटा हुआ करती थी,
05:18लेकिन अब पंबन ब्रिज्ज पर 75-80 किलो मीटर प्रते घंटे के रफतार से ट्रेइन हवा में बाते करने वाली है, और इस वज़य से पहले 2 किलो मीटर की दूरी को तै करने में 20-25 मिनट का समय लगता था, अब वही दूरी महस 5 मिनट में पूरी हो जाएगी, और देश
05:49समुधर के पानी और नमी से लगने वाले जंग से बचाव के लिए विशेश कोटिंग टकनीकी का इस्तमाल किया गया है, जिससे अगले 40 साल तक कोई मेंटिनेंस के ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
06:00आयाइटी चेननाई और आयाइटी बॉमबे के एकस्पर्ट ने मिलकर इस पूल का डिजाइन तेयार किया है, लेकिन पुराना ब्रिज भी विरासत को अपने साथ समेटे हुए है.
06:10मैं अभी उसी पुराने पंबन पुल पर विर्चवली खड़ी हूँ, जो 110 साल पहले, 1914 में शुरू हुआ था.
06:18अंग्रेजों के जबानी में बना ये कैटी लीवर ब्रिज दोनों तरफ से खुल जाता था, इसे मैनूली खोलना पड़ता था.
06:25इसे पुल को पार करते वग, 60 साल पहले, पंबन धनुशकोटी पैसेंजर ट्रेन तूफान के चलते समंदर में समा गय थी.
06:34इस पुराने पुल को मरमब के बाद फिर से जरूर शुरू किया गया, लेकिन अभी इतना जरजर हो चुका है कि वहाँ से ट्रेन नहीं गुजर पाती.
06:43यही कारण है कि पुराने पंबन पुल के ठीक सामने नया पुल बनाने का काम शुरू किया गया.
06:506 साल पहले, नवंबर 2019 में, प्रधानमंत्री मोधी ने इसकी नीव रखी थी, पुराना पुल निर्माण के 108 साल के बाद 2022 में बंद कर दिया गया.
07:03फरबरी 2020 से कंस्ट्रक्शन शुरू हुआ और महच 5 सालों में मोधी सरकार ने इस पुल को तयार कर दिया.
07:09पुराना पुल अंग्रेजों के जमाने में 29 साल में बंद कर तयार गया था.
07:15इस ब्रिज को समद्र की कठोर परसिती और तेज तुफान को सहने के हसाब से डिजाइन किया गया है.
07:21यदि तुफान 58 किलो मीटर प्रती घंटे के रफ़तार से जादा होगा, तो ट्रेन का आना जाना रोग दिया जाएगा.
07:28जब तक हवा की गती कम ना हो, ऐसा करने की पीछे वज़ा 60 साल पुरानी बिताई जाती है.
07:341964 में आया तुफान 300 किलो मीटर प्रती घंटे का था, जिसमें पूरी ट्रेन समंदर में समागई थी.
07:47इस हाथसे ने पूरे देश को सन्न कर दिया था.
07:49मेट्रो मैन इस श्रीधरन के साथ उनकी टीम ने पंबन पुल को फर से तयार कर लिया और महस्ची 46 दिन में ही इसे दोबारा चालू कर दिया गया.
08:0620 मी सदी में रामीश्वरन तक पहुंचने का एक मातर जर्या बोट हुआ करती थी.
08:11उसके बाद मंडबं से रामीश्वर द्वीब को जोड़ने वाला ये पंबन पुल बना जिसके जर्ये धनुश कोडी तक यात्रा दर्शकों तक लोगों ने की.
08:191988 तक रामीश्वरम जाने का ये एकलोता जर्या था. इसके बाद सडक मार्ग से जाने के लिए ये पुल बनाये गया. तब भी ट्रेन की भीतर समंदर का हिसास लोगों को रोमांचित करता रहा.
08:39हर साल पचीस लाग से जाधा श्रधालू रामीश्वरम द्रीद पहुँचते हैं. इस नए पुल से हुए आसान सफर से काफी राहत मिलने वाली है. और ये पुल देश के बुनयादी धाँचे में एतिहासे कुपलक भी बन चुका है.
08:52अमेरिका, यूके, फ्रांस, रूस, जॉमनी के बाद हिंदुस्तान ने इस एडवांस टेकनोलोजी के जरिये वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज्ज बनाया है, जो जहाजों को रास्ता देने के लिए लिफ्ट के तरह उपर उठेगा. इस से ना सर्फ लोगों की सहुलियत बढ�
09:22बाद सडक वाले पुल से जाना पड़ता था, जिसमें एक घंटे तक का समय लग जाता था.
09:28अब समय तो बचेगा ही, रामेश्वरम जाने वाले लाखों परटकों के लिए ये सफर भी रोमांच से भरा रहने वाला है.
09:35इसकी साती व्यापार बढ़नी में भी ये पुल अब एहम भूमिका निभाने वाला है.

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