• 2 days ago
वीडियो जानकारी: बोध प्रत्यूषा, 13-02-24, ग्रेटर नोएडा

विवरण:
इस वीडियो में, आचार्य जी ने ज्ञान, अहंकार, और आत्म-समझ के विषय में गहन चर्चा की है। उन्होंने बताया कि कैसे लोग अपने ज्ञान और अनुभव को बिना समझे स्वीकार करते हैं, जिससे न केवल उनकी समझ में कमी आती है, बल्कि वे दूसरों के प्रति भी असम्मान प्रकट करते हैं। वक्ता ने लाओ त्सु की कहानियों का उल्लेख किया, जो ज्ञान की विरलता और उसकी वास्तविकता को दर्शाते हैं।

आचार्य जी ने यह भी बताया कि अहंकार एक झूठी असुरक्षा है, जो व्यक्ति को अपने चारों ओर विषयों का जमघट बनाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि असुरक्षा का कोई वास्तविक कारण नहीं होता, और यह केवल एक मानसिक स्थिति है।

इसके अलावा, आचार्य जी ने बोध की प्रक्रिया को समझाया, जिसमें व्यक्ति को अपनी पुरानी स्मृतियों और ज्ञान को छोड़कर नए अनुभवों के लिए खुला रहना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि बाहरी परिवर्तन के बिना आंतरिक परिवर्तन संभव नहीं है, और व्यक्ति को अपने अतीत को भुलाकर नई और बेहतर कहानियाँ लिखने की आवश्यकता है।


🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06

संगीत: मिलिंद दाते
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