दिल्ली: उत्तराखंड में सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू कर दिया गया है। यूसीसी के लागू होने के बाद राज्य में सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक मामलों में समान नियम लागू होंगे। सरकार के इस ऐतिहासिक कदम के बाद यूसीसी नियमों और संकाय समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने इस पर विस्तार से बात की और कई अहम सवालों के जवाब दिए। शत्रुघ्न सिंह की अगुवाई में ही उत्तराखंड यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया। वह इस समिति के अध्यक्ष थे और उन्होंने सरकार को 400 पन्नों की नियमावली सौंपी थी। जिसने अब कानून का रूप ले लिया है।
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00:00यू सी सी के अंतरगत विवाह और विवाह विठ्छेद लिविंड रेलेशिन्शिप और सक्सेशन जिसमें
00:13इंटर स्टेट सक्सेशन और टिस्टमिन्डरी सक्सेशन इन से सम्मन्दित जो
00:20कोड बनाया गया था उसमें लौ तयार किया गया उसी से
00:26सम्मन्दित निमावली बना रही थी समिती समिती ने
00:29निमावली बनाई और आज से पूरा कोड और निमावली लाग
00:32हो अब आज से आज की तारीक से प्रदेश में जो भी जो
00:40उत्राखंड के जो रेसिडन्ट है उनकी जो शादी विवाव
00:44होंगे या विवाव विठ्छेद होगा उसका अनिवार रेजिस्ट्री
00:48करण कराना होगा जो लोग लिविन रेलेशन्शिप में
00:50रहते हैं उनका अनिवार रेजिस्ट्री करण कराना होगा
00:53और शादी विवाव की जो शर्ते हैं वो अप ऐक्ट के अंतरकत लागो
00:58होगी यानि शादी विवाव किंके बीच में हो सकता है नहीं
01:01हो सकता है ये सब ही हमारे ऐक्ट के माध्यम से गवर्ड
01:05वो निमाली में विवस्ताय की गई है कि लोगों को ओनलाइन
01:11विवस्ता के अंतरकत सारी सुविधायां दी जाएं ताकि वो घर
01:15बैटे जो भी शादी का रेजिस्टेशन कराना हो या लिविन
01:18का रेजिस्टेशन कराना हो वो घर बैटे इसका काम करता है
01:23समान नागरिक संगीता लागू ही तो जो धर्म अधारेत विवस्ताय थी
01:27वो समात थुईं और सब पे एक समान लागू ही तो विशेश रूप से
01:31जहाँ बहु विवार की प्रथा थी. मुस्लिम कम्यूनिटी ने
01:38बार बार उठाया है लेकिन मुस्लिम कम्यूनिटी में पॉलीगेमी अलाउग रहा है.
01:42आज जब ये आक्ट लागू हो रहा है तो आज से पॉलीगेमी बरजित हो
01:46गया. इसी प्रकार से अगर वहाँ हलाला की चो प्रथा थी.
01:51अगर वो कोई force करता है तो उससे खिलाब कार्बाई हुझाएगी. वो इन कुरुत्यों को भी उससे दूर करने का प्रयास किया गया है. मैलाओं के अधिकारों को समर्च्चत करने का प्रयास किया गया है एक जिनरल थीम है UCC का. तो इसका एक मोटो है समता से समरस्ता क
02:21करते हैं. एक आदमी ये कह सकता है कि वही कल्चरल डाइवर्सिटी
02:25को maintain करना चाहिए, uniformity करना ठीक नहीं है. उससा
02:29पक्षि ये कह सकता है कि राष्टर की एकता, खंड़ता को
02:33अक्शंड बना रखने के लिए, national integration के लिए
02:37और वैसे भी सबको बराबर अदिकार मिलना चाहिए, इसपे
02:40दो मत नहीं होना चाहिए. तो uniformity होनी चाहिए.
02:43बन सकती है, लेकिन चुकी संविधान में, article 44 में
02:49बहुत clearly articulated है कि राजी ये प्रयास करेगी कि
02:55पूरे देश में, हम जब प्रदेश की बात कर रहे हैं,
02:58पूरे देश में प्रदेश की बात की है, वहाँ समान
03:01नागलिक समिता लागूँ हो, उस समिधान से बाहर को
03:04कोई नहीं है, उससे को देखते हैं ये प्रयास उत्रखंड में
03:07किया गया है, नियाल्या के सांगे जब मामना जाएगा, तो
03:10आपने अपने इसाफ़ से देखेंगे, अब ये तो बाकी राजी बताएंगे, फिर के
03:18न सरकार बताएंगे, लेकिन हाँ एक template तो
03:20सेट कर दिया गया है, उस template के आधार पर उसमें संचोदन,
03:24परिवरदन, या उससे और बहतर बनगने की कोईशिस किया
03:27सकती है, लेकिन सुर्वार पर किया चुकी है, तो मोटे तोर पर
03:31कहें तो उत्राखंड में भी दिखे, tribal population भी है,
03:33Muslim population भी है, इसाई population भी है, Sikh population भी है,
03:37तो देश का, देश का एक चोटे रूप में अगर आप करें, उसका
03:42प्रतिनदिया तो निश्चित्रूर्च से करती है उत्राखंड की जो
03:46डेमोग्राफी है, लेकिन हर छेतर की अपनी अलग-अलग
03:52परंपरा, बिचे हिंदू धर्मे ही अगर परंपरा देखेंगे, कि
03:56शादी विवा आया, तलाग के क्या परंपरा आया, भैरी या नहीं है, तो अलग-अलग
04:00छेतरूर में अलग-अलग किस्सी की आती है, उसलिए प्रकार से मुस्लिम
04:03सम्ग्याने की परंपराय कुछ-कुछ छेत्री परस्थितियों पर निर्बर करती है,
04:08लेकिन जो मूल भावना है, पढ़ा बहुत परिवर्तन तो उसमें हो सकता है,
04:14लेकिन जो मूल भावना है, वो तो पूरे देश में इसी प्रकार की है,
04:18तो ये कहना है कि उत्राकंड राज सबसे आसान राज है, मैं इस बात से
04:23इत्तवाक इसलिए नहीं करता हूँ, कि बेसिकली उत्राकंड की जो डेमोग्राफी है,
04:29वो कंट्री के डेमोग्राफी को रेप्प्रेजेंट करती है, काफी है, इक्जाक्री तो नहीं हो सकती,
04:34अलगर अलग राजों में भी कुछ विरियेशन होगा, लेकिन जो कोर है, वो तो वही रहे है, वो रहना चाहिए.
04:44लिविन का मतलब ही है कि बिना मेरेज के अडल्ट या अठारा साल से अधिक उमर के बच्चे,
04:51चाहे तो रिलेशन्चिप में रह सकते हैं, यानि मैरेज के साथ जो पैदे कपल्स को मिलते हैं, वो लिविन में नहीं मिलेंगे,
05:06लेकिन आक्ट में यह व्यवस्था की गई है कि लिविन पाग यदि कोई बच्चा पैदा हो, तो उसको वो सारे अधिकार वही मिलेंगे, जो की मैरेज कपल्स का बच्चे को मिलते हैं.
05:16जो उत्राकंड के रेसिजन्ट हैं, उस पर भी एलाव होगा. रेजिस्ट्रेशन की तिति अधिन निज़ारित कर दी गई है, नौमली साथ दिन, तीस दिन, छे माईना इस परकार की तिति निज़ारित है, जो लिविन रेलेशन्चिप में रहेंगे, अच्छा है उनके लि
05:46जाना चाहते हैं, अभी नहीं है, लेकिन इच्छुक है, वो पहली आके बोलते हैं, जैसे वो लिविन रेलेशन्चिप में जाना चाह रहा हैं, लेकिन उनके पास मकान नहीं है, किराय का मकान नहीं मिलता न, क्योंकि अगर आप फ्रदिश्विदा कपल नहीं हैं, तो आप
06:16उसमें बहुत क्लियर्ली लिखा है, कि शादी होगी बिट्वीन अमैन और बुमन, वही रखना है, लीगल मैरेज का जो एज़ है, वो उर्शों के लिए 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष.
06:30आप इतने दिनों में अगर कारवास की सज़ा देन सकती है, खास कर लिविंड रेलेशेंचिक में, यह अपिक्षा के गई है, कि आप इतने दिनों में अगर लिविंड रेलेशेंचिक में हैं, तो अपना रेजिस्टेशन ज़रूर करेंगे.
06:59तो आर्थिक दंड और कारवास की सज़ा होती है, दोनों के प्रभिदान के गए.
07:05अब क्या होगा, भविश्ट में नहीं बता सकता, लेकिन यह संभावित है, कुछ लोग जो इससे आहत होंगे, वो इस नयाले का दर्वाजिक रस्थर देने जाएंगे, नयाले तो देखेगी, जो कानूल बना है, जो रूल स्वने में सही है, गलत है.
07:25नहीं, हमारे पास तो ऐसा पहले विरोद के रूप में लोगों के विचार आये थी, जब वो संगिता बना जा रही थी, रूल बनाने के समय तो जो विचार विमाश पहले हो चुका था, उसके बाद अलग से कोई विचार विमाश जनतर के साथ.
07:39नहीं, implementation तो समित्ती का काम नहीं, implementation home department कर रही है, और उन्होंने तो आज जो आयुजन हुआ, उसमें पाँच certificate भी उन्होंने manage के, उन्होंने distribute की, इसका मतलब कि जो विवस्ता है हमें, लगू हो गई और काम कर रही है.
08:01जहां तक मेरी जानकारी है, अपचारिक रूप से UP में कोई UCC का कोई act अलग से तो आया नहीं है, अब कैसे लागू है इसके बारे में मैं तो explain नहीं कर सकता हूँ, लेकिन अपचारिक रूप से, जैसे हम एक संगीता ले के आए, जो उसका rule बन रहा है, उसको प्रक्यापि
08:31होती है, समयदाने के विवस्थाएं है, जिसको ध्यान में रखते वे विचार हुआ था, इसमें बहास भी होई थी कि अगर रखना चाहिए या नहीं रखना चाहिए, लेकिन
08:39ultimately जो संगीता वाले समिती, समिती थी, expert committee उसने विचार करके तैय किया कि, tribal community को अगेसिद बाहर था.
08:51लेकिन उनसे जरूर समिती ने पुछा था, कि ये बताईए कि महिलाओं को उर्सों से कम अधिकार देना क्या उचित है, तो जवाब देने में कठिंता थी उदर से,
09:03खासकर Muslim community में विरोध था, जहां-जहां हम लोग गया हैं, Muslim community काफी संग्या में रहती हैं, लोगों ने कहा था, विरोध के साथ उठायते हैं, हमारे शरियत लागू है, आप इसमें कोई परिवर्टन नहीं कर सकते हैं, इतने प्रकार की बाते हैं,
09:21पर जब मूल भूत मुद्धों पर हम आये, कि मालिजे धर्म के से उपर उठार अगर कोई कॉमन कोड बनना है, तो क्या महिलाओं को खुरुशों के बराबर अधिकार मिलने चाहिए, तो उस पर जेनरेली कोई साटिस्पैक्टरी उतर देने में कोई सक्षल नहीं था, ये
09:51करना है, तो क्या सबके लिए बराबर कानून बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए, तो
09:57उसमें उतर देने में कटनाई आयी थी, लेकिन ये कहना समभव नहीं कि वो
10:01हमारी बात से साहमत हो गए थे, उनके अपने विचार है, इसका, इसका उतर
10:05तो मुस्लिम समाज के जो रेपरेजेंटेटिव हैं, वही दे सकते हैं, कि क्यों उसका विरोध होता है,
10:10लेकिन एक, जो मैं समझता हूँ, चाहिए हिंदू समाज हो, या मुस्लिम समाज हो, जब हम
10:16परामपरागत तरीके से कोई काम करते आते हैं, तो उसमें जब चेंज लाया जाता है, तो विरोध उसका होता है, इसी भी समाज में विरोध होता है,
10:24कदाचित उसी, जो एक मुमेंटम होता है, उसको जब ब्रेक करते हैं, तो कहीं न कहीं विरोध होता है,
10:31परामपरागत तरीके से मैं तो नहीं दे सकता हूँ, तो देखिए मुस्लिम कमीनिटी कोई मुनोलित तो है नहीं,
10:41मुस्लिम कमीनिटी में भी पुरुष भी है और इस्त्रिया भी है, जो इस्त्रिया हैं, उनके अधिकारों को अच्छी तरह से प्रोटेक्ट,
10:49क्या हिंदु में हो, चाहिए मुस्लिम सब को प्रोटेक्ट किया गया है, यह आप कह सकते हैं कि हिंदु लॉज में, 1950s में कुछ सुधार करने की कोशिश की गई थी,
10:59मुस्लिम लॉज में वो मौका नहीं आया कंट्री के पास, तो जो गैब था, आपके समाज में जो होना चाहिए और कानुनी प्रविजिन था, उसमें मुस्लिम समाज में कुछ ज़्यादा था, हिंदु समाज में कुछ नमरा होगा,
11:12अलग-अलग समाजों की विवस्ता अलग-अलग थी, तो ये कहा जा सकता है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को ये महसूस होगा कि जब युनिफर्म से बिलकोड रिजागू हो रहा हैं, तो उनकी ये चीजें जो परमपरिक रूप से अलमन्यती हट रही हैं, इस्त्रियों
11:43जिसके हुआ माद देखें जरता है कि
11:44जिस रूप इस अलमन्यता पर कोई ज्य पर जो पहलाण हो रहा है.
11:46सकती है लेकिन ओबर आल ये प्रोग्रेसिव लेजिस्लेशन भविश्यों मुखी लेजिस्लेशन
11:52हैं मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में इस लेजिस्लेशन की
11:57रास्ते पे बहुत सारे राज चलने चाहिए देश में भी लागू होना
12:00चाहिए और बहुत दिनों तो किसी रूका भी नहीं जा सकता पूरी दुनिया में
12:05इस प्रकार की चीज़े होती है कि परस्टनल लॉस क्या सबी
12:09लॉस में यूनिक पॉमिटी लाई जाती है हमारे यहां समयनानिक
12:12विबस्था रहते हैं जिसके तहड यह आहवान किया गया है कि आप
12:16लाएंगे और उसको लेके आ जा रहे हैं तो अर्टिमिकली तो
12:20दिशा तो यही होनी चाहिए ऐसा मिला इसमें एक ब्रांती है
12:28परस्टनल लॉस को इससे नहीं हटाया गया है दरसल समिती
12:34ने जो जाफ्ट प्रस्थूत किया था उसमें उन्होंने जब डिस्प्यूट
12:42आते हैं मालिजी कि शादी विवार में डिस्प्यूट आ गया
12:45कि शादी भंग हो जानी जाएँ किन कारणों से कई कारण हो
12:50सकते हैं एक तो डिवोस होता है एक बैलिटी और शादी को
12:54वाइड किया जाता है मालिजी कि वाइड करने का मामला आ गया
12:57वाइड करने का जब मामला आ गया और किसी ने एक ग्राउंड लिया
13:01दोनों में से एक स्पाउस ने और ये कहा कि भाई इनकी तो
13:05दिमागी हालत पहले से ही खराब थी और हम तो गलत फ़र्मी
13:09में शादी हो गई हमारी हम तो चाहते है कि हमारा
13:12विवाही शुन्दे को जित करने आ जाएं मालिजी मुझे आ गया
13:15तो उसमें नियाल्य क्या चीज देखेगी तो निमावली में
13:20हमने ये प्रोवेज़न किया था कि डॉक्टर के
13:25सर्टिफिकेट किस प्रकार से ले जाएंगे सीमो का
13:27सर्टिफिकेट होगा देखेंगे नियाल्य किन-किन चीजों
13:30को देखें बिसिकली हमने ये भी कहा था इसी प्रकार
13:33से माल लिजी की मेंटिनेंस का मामला आता है
13:39शादी विवाद चल रहा है और कहा थे कि हमें भी मेंटिनेंस दीजी
13:43आप अभी अपने स्टोरी भी पढ़ी होगी मेंटिनेंस के
13:47मामले काफी सेंसिटिव हो जाते हैं तो उसमें त्वरिक
13:51कारणाई कैसे हो और किन चीजों को देखा जाये ये एक
13:55करने के गोशिश की थी मैं तो सरसरी निगार से मैंने
13:58देखा जो रूल बना है तो राज़ा सरकार ने गोचित किया
14:02था लेकिन हाँ इस परकार के चीजों को उस से बाहर कर दिया
14:06गया है ऐसा लगता है सरसरी निगार से मैंने देखा
14:08तो बेसिकली नियाले में जो प्रक्रिया अपना ही जाएगी
14:11इसके लिए उस से सम्बंदित जो हमने प्रोविजन्स किये
14:14थे कि नियाले को किन-किन चीजों को देखना चाहिए अगर
14:18कोई विवात उत्पन होता है तो कदाचित उनको इसमें से
14:21बाहर किया गया है ऐसा मुझे लगता है दूसरी बात ये
14:25भी थी कि समिती ने जब रूल बनाये थे तो उसमें हर
14:29रूल के सम्बंदित जो समिता के जो जुधाराय है उसको
14:34कोट करने चेले गया थी समिती तो उसको नहों ने
14:37तो वो तो क्यार उत्मा इंपर्टिन्ट नहीं है लेकिन
14:39नियाले की जो प्रक्रिया सम्बंदी चीजें थी जो
14:42कि जंता के फायदे के लिए ताकि नियाले में कोई
14:45जाये तो उसके प्रेडिक्टिविलिटी नहीं वो चाने
14:47की प्रक्रिया क्या होने वाली है अधेरे में न रहे एक
14:51पहल की गई थी जिस पे अभी साथ उसको हटाये गया
14:53कुछ सोचके हटाये गया काफी तो मैं exactly तो
14:56नहीं बता सकता भी कोई मैं पूरा नहीं पढ़ पाया
14:58कि जो इन्होंने काटशाट की होगी वो मैं पूरा अध्यम तो
15:02नहीं कर पाया लेकिंगा उसमें ते कई चीज़े हिटाये
15:04गईं जिसका मैंने एक उदारण