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देश की अंतिम सरहद के अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव पर सोमवार को भारतीय सेना ने 16 दिसम्बर 1971 की याद में शौर्य दिवस मनाया। पाकिस्तान के परबत अली पर फतह की याद में विजय दिवस पर 15वीं बटालियन जम्मू और कश्मीर राइफल्स की ओर से परबत अली ब्रिगेड के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह राठौड़ खारा ने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि देश की सीमाओं को सुरक्षित करें। उन्होंने 1971 युद्ध के संस्मरण सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार कम नफरी होते हुए भी सेना अपने मनोबल से बहादुरी से लड़ी। स्थानीय ग्रामीणों ने सेना का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। ग्रामीण साथ नहीं होते तो सेना रास्ता मिलना मुश्किल था।

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Transcript
00:00What do you have to say about the event that was held on 16th December, 2024?
00:07Today is the best day in Indian history.
00:10Today is the day that we celebrate every year as Victory Day.
00:15On 16th December, 1971, the Indian Army with great courage and bravery,
00:23attacked Pakistan and forced 13,000 soldiers to surrender.
00:31That is why today in India, we celebrate Victory Day with great courage.
00:37And especially today, we celebrated Victory Day at the border of Bharat Pak at Munawar.
00:43It is a historic day to celebrate Victory Day here.
00:53It is a day to celebrate for everyone and it is a day to inspire everyone.

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