संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में आज संविधान पर चर्चा जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा, "विविधता में एकता भारत की विशेषता रही है। हम विविधता का जश्न मनाते हैं और इस देश की प्रगति भी इसी में है। लेकिन, गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े, भारत का भला न देख पाने वाले और जिनके लिए भारत का जन्म 1947 में हुआ, वे लोग विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे। इतनी ही नहीं, विविधता के इस अमूल्य खजाने का जश्न मनाने की बजाय, उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे ताकि देश की एकता को चोट पहुंचे। हमें विविधता के उत्सव को हमारे जीवन का अंग बनाना होगा और वही बाबा साहेब अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी...।"
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00:00We celebrate diversity, and the progress of this country is also in celebrating diversity.
00:16But the people who grew up in the mentality of slavery, the people who could not see the
00:25importance of diversity, and for whom Hindutva was born in 1947, for them, they kept on
00:38looking for opposition.
00:41Not only this, but instead of celebrating our precious treasure of diversity, they kept
00:55on trying to sow such poisonous seeds in that diversity, so that the unity of the country
01:04is hurt.
01:06Respected Speaker, we have to make the celebration of diversity a part of our lives.
01:16And only then will Babasaheb Ambedkar have true devotion.