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चेन्नई. दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने हवा के गहरे दबाव के प्रभाव में तमिलनाडु के कावेरी डेल्टाई क्षेत्र खासकर नागपट्टिनम, तिरुवारुर, मईलाडुतुरै और तंजावुर में भारी बारिश से बुधवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मूसलाधार बारिश से कई आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया और सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें जलमग्न हो गई। तिरुवारुर जिले के नल्लमगुंडी में 50 साल पुराना पेड़ सडक़ पर गिर गया, जिससे वहां से गुजर रही एक महिला बाल बाल बची। पेड़ गिरने से पास की बिजली की लाइन के तार टूट गए एवं एक पोल गिर गया। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण नागपट्टिनम, मईलाडुतुरै, कडलूर, तिरुवारुर, विल्लुपुरम, तिरुवल्लूर, तंजावुर, तिरुचि एवं रामनाथपुरम जिलों के अलावा चेन्नई, चेंगलपेट, कांचीपुरम, पुदुकोट्टै, शिवगंगा और अरियलूर में भी में स्कूल और कॉलेज बंद रहे।

फसलें नष्ट होने से किसान चिंतित
तंजावुर जिले के नोंडितोप्पु और आंदिकाडु गांवों में, मईलाडुतुरै जिले के सिरकाजी, कोल्लीडम, पूम्पुहार, तरंगमबाड़ी और कुथलम में बारिश के पानी से कई घर बर्बाद हो गए, जबकि पम्बन तटीय गांव तोप्पुकाडु में पचास से अधिक झोपडिय़ां जलमग्न हो गई। नागपट्टिनम के कीझवेलूर में 1,300 एकड़ से अधिक धान की फसलें जलमग्न हो गई। फसल नष्ट होने से किसानों की चिंता बढ़ गई।

5000 लोगों की आजीविका प्रभावित

नागपट्टिनम जिले के वेदारण्यम में कोडियाक्करै, अगस्थियानपल्ली, कैलावनमपेट्टै, कोडियाकाडु और काडीनैवायल गांवों में करीब 5000 लोगों की आजीविका प्रभावित हो गई। यहां 9,000 एकड़ में नमक का उत्पादन हो रहा है, लेकिन नमक के खेतों में बारिश का पानी भर गया। मईलाडुतुरै जिले के तरंगमबाड़ी के पालूर गांव में बुधवार सुबह 150 साल पुराने मकान का एक हिस्सा ढह गया लेकिन उसमें रहने वाले लोग सुरक्षित बच गए। राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए प्रभावित जिले में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें तैनात की गई हैं।

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