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Bharat ke swatantrata sangram ki samagra gatha

S1.E7 ∙ Story of Baji Rao

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00:00निजाम की तोपों ने लोनी, परगाहों, सुपा और बरामती को फुरी तरह लूट कर नष्ट कर दिया है।
00:23हमें छत्रपति शिवाजी महराज के स्वप्नों को पूर्ण करना है।
00:27इसलिए हमारे शब्दकोश में, भानी या हार जैसे किसी भी शब्द के लिए, कोई जगा नहीं है।
00:34अलार राहू जी, अपने छापे मार तस्ते को तैयार कीजिये।
00:38जी श्रीमन।
00:41सबसे पहले हम पूर्ण तामबा से बुदावरी को पार कर चालना और सिंखेर पर आत्रमण करेंगे।
00:49उसके बाद मेरार, मारूर, मगरलपूरी और वाशिन से होते हुए हम खान देश पहुंचेगे।
00:56और उसके बाद, अगले सो दिन के भीतर, कुकर मुंडा से तापी नदी के तट को पार कर, छोटा उदेपूर...
01:03श्रीमन, रणदितिक कारणों से निजाम के लिए बुरहानपूर महरतपूर्ण है, इसलिए आपका युद्ध कौशल यहां काम आएगा।
01:13निसंदे मलाराव जी, इसलिए हम बुरहानपूर की जगा नेटाबार जाएंगे।
01:20जब निजाम को बता चलेगा कि हमने उसके उतरी शेत्र को जीत लिया है, वो अपने तोपखाने के बल पर, वदावरी के तट पर खुले मैधानों में हमें चुनावती अवश्य देगा।
01:34जदी वो अपने हस्त बल का प्रयोक करना चाहता है करे, लेकिन हम, हम केवल अपने बुद्धी बल का प्रयोक करेंगे।
01:43श्रीमन, अगर मैं आपकी योजना को समझ पा रहा हूं तो, हम निजाम की सेना को पाल खेल में घेर कर, उसके आपूर्तियों को बंद कर देंगे।
01:54आपने विल्कुल उचित समझा मालार राव जी, तक खन में निजाम के वर्चस्व को छीनने की इस से अच्छी योजना तो हो हो ही नहीं सकती, इसलिए वर्ष रुतु के पस्चात ही हम अपने इस योजना पर सक्रिय हो जाएंगे, और उसके बाद, भाव श्रीमा जी अप
02:25चत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यू के पस्चात, राज सीहासन की रख्षा का उत्तर दाईत्व चत्रपति द्वारा चैनित मुख्य प्रधान यानि पेश्वा का हुआ करता था.
02:361720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
03:061720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
03:361720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
04:061720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
04:361720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
05:061720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
05:181720 में बाला जी विश्वनात के बाद चत्रपति शाहु जी महाराज ने पाजिराव को पेश्वा बनाया था.
05:48राम राम साहँ. नमस्कार. एकान्त. विराजिये.
06:01आपने हमारी महासाहिब के तीर थियारत्रा में जो सम्मान और सहयोग दिया है उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
06:20धन्यवाद कहा कर हमें लजित ना करें शिर्मन्त. माताय तो सबकी साझी होती हैं और माताय की सेवा करना तो हमारा कर्तव्य है.
06:31निसंदे आपने अपने कर्तव्यों का निर्वाह भली भाती किया है. किन्तो जैसिंग जी हमारी आपसे अपेक्षा है कि आप हमारे अदिकारों के महात्व के बारे में भी सुन्चे. बाडशा से मिले और उनसे हमारी मांगो के विशे में चर्चा करें.
06:53हिंद्वी स्वराज का विस्तार हो रहा है. और मनसोर की विजए के उपरांथ माल्वा की सुवेधारी पर आप हमारा अदिकार है.
07:05मैं आपके विचारों से एकमत हूँ. और जल्दी ही बाडशा से मिलकर आपकी मांगो को मनवाने का परियास करूँगा.
07:29केवल प्रियास?
07:37बाजशा अपनी लक्ष को साधने में दुर्बल हो सकता है. किन्टु समझदारी में नहीं. शिर्मान्द, बाजशा ये भली बांती जानता है कि मुगलिया समराज्य पे उसकी पकड धीली पड़ते जा रही है.
07:55इसलिए उसके शाशिन काल में वो मुगलिया शाशिन के पतन का कारण नहीं बनना चाहेगा. इसलिए आपकी मांगो को मनवाने के लिए हमें थोड़ा समय लग सकता है.
08:09जैसिंग जी, माल्वा पर हमारा अधिकार वैत है. और ये आप भली बांती जानते हैं. हम माराठे भारत के कड़-कड़ में राष्टवात और छत्रपती शिवाजी महाराज की विचार धारा का विस्तार करने के लिए बचन बत है.
08:33जानता हूँ. इसलिए कहा रहा हूँ. आप तयार रहिए. क्योंकि आवध और हैद्रावाद के भरोसे, बाशा बहुत दिनों तक दिल्ली को संभाल नहीं पाएगा.
09:03गिलोरी नो श्वर्माये.
09:33कमाल है, जो चीज हम बिना मांगे दे रहे हैं, आप वो लेना नहीं चाहते हैं. और जो कुछ आप बाजी राव की तरफ से मांगने आये हैं, वो तो बाजी राव के सारे तकाजे घैर जायस हैं बाच्चा सलामत.
10:04बाशा हुकम, हम बेवस हैं.
10:08सबाई राजे जैसिंग, आप बाजी राव की पहल भी कर रहे हैं.
10:12हमें समय की मांग को समझना होगा, बाशा सलामत. अभी तो उन्होंने केबल माल्वा की मांग रखी हैं, किन्टो आगे चलक मराठों की उमेदे और भी बड़ सकती हैं.
10:42मारात सबाई जैसिंग जी, ये एक बड़ा मसला था... हमें इसके हर पहलू को समझना होगा. इसलिए...
11:06हमें इसके हर पहलू को समझना होगा
11:10इसलिए हमें फैसला लेने के लिए कुछ वक्त और चाहिए
11:15इतिहास गवा है
11:18हम सद्यों से हिंद पे हुकूमत करते आए हैं
11:21मराठो जैसे इलाकई ताकत के सामने
11:24अधियार डालने से पहले
11:26हमें अपनी रियासतों में मश्वरा करना होगा
11:30हम जल्दी अपने फैसले के बारे में आपको इतिला करेंगे
11:35जो हुकुम
11:56सभी सेनापतियों और उपरशासकों को सूचना दीजिये
12:23आज संध्या कड़ी हम सभी से विमर्ष करना चाहते हैं
12:27और हाँ
12:30मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
12:33मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
13:00मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
13:06मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
13:11मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
13:14मासाहित को वे इस सभा के लिए आमंत्रित कीजिए
13:18कुरूपया बसा
13:23बाजी राओ
13:25इस तरह अलपवदी में बैठक बुलाने का
13:29कोई खास कारण
13:31कारण है मासाहित
13:33और वो है छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा
13:37दिखाये गए स्वराज के स्वपन को पोंड करना
13:40और हमारे शत्रों द्वारा
13:42हमारे मान को ठेस पोंचाने के शडियंत्र को भंग करना
13:47सबगण
13:49गत कई वर्षों से
13:52हिंद्वी सेना के बलिदानों के आधार पर
13:55हम छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा दिखाये गए
13:58स्वराज के स्वपन को
14:01पूंड करने के मारक पर अगरसर है
14:03अपने विचार धारा के विस्तार के लिए
14:06और समस्त भारत में
14:08हिंद्वी स्वराज की स्थापना करने के उधेश से
14:12हमने कई युद्ध की है
14:14और जीते भी है
14:16अपने राज के विस्तार के लिए
14:19हमने कई बार
14:22हमने कई बार मुगलों को पचाडा है
14:27और आज
14:33हम ये खोशना करते हैं
14:36कि सम्पूर्ण माल्वा पर हमारा अधिकार होगा
14:40और हमारे इस अधिकार को
14:43कोई चुरौती नहीं दे सकता
14:51धुरभाग्यवश
14:53दिल्ली के बाच्चा
14:55मुहम्मत शाह ने
14:57हमारे शांती प्रस्ताव को ठुकरा दिया है
15:00उन्हें लगता है कि हमें
15:02मात्र उप्सुविदारी के पद्ध से
15:05सन्तुष्ट हो जाना चाहिए
15:09क्या ये उच्छत है
15:11पर श्रीमंत हमें तो मुहम्मत शाह के अभिमान को तोड़ना होगा
15:15मैं राणो जी की बात का अन्मोदन करता हूँ
15:18आप केवल निर्देश दीजे
15:20आपके हर निर्णे से हम सहमत हैं
15:23भाव कानो जी आंग्रे की अचूक रणनीती
15:27और अथक प्रयासों के फल स्वरूप
15:30हमने पश्चिमी समुद्रिय तट पर
15:33हिन्द्वी स्वराज का वर्चस्व स्थापित किया
15:36हमारे सिधान्त
15:37हमारे सिधान्त
15:39श्री घ्ञानेश्वरी गीता पर आधारत है
15:42जिसमें
15:44संत घ्ञानेश्वर ने कहा है
15:46जया एहिक धण नहीं
15:49देयाज परत्र पुस सीकाही
15:55चत्रपति शिवाजी महाराज ने भी
15:58हिन्द्वी स्वराज को
16:00श्री चेराज कहा है
16:02हम माराठे
16:08चत्रपति शिवाजी महाराज की
16:11चत्रपति शिवाजी महाराज की
16:14चत्रपति शिवाजी महाराज की
16:17मैं पेश्वा भाजी राउ
16:19अपने सभी सेनापति हूं
16:21और माराठी मानुस की ओर से
16:23चत्रपति शिवाजी महाराज के स्वप्न को
16:26साहकार करने का
16:28प्रांड लेता हूं
16:30मैं शबत लेता हूं
16:33कि माराठी एवं भारतिय
16:35राश्टिय छेतना को जागरित कर
16:39हिंद्वी स्वराज का नर्मान करूँगा
16:47मैं ये प्रतिग्या लेता हूं
16:49थिल्ली पर भगवापता का लेहरा कर रहूंगा
16:52पेश्वा भाजी राउ की
16:57जेव
16:58पेश्वा भाजी राउ की
16:59जेव
17:03सबागण
17:06हम व्रिक्ष के तने पर वार करेंगे
17:09और उसकी शाखाएं
17:11अपने आप तोट कर गिर जाएंगी
17:14तयार हो जाये
17:17प्राता काल
17:19हम दिल्ली के लिए कूच करेंगे
17:24हमारी सबसे बड़ी शक्ती है
17:25हमारी तीवर गती
17:27इससे बहले कि मौगलों को
17:29किसी भी प्रकार की सूचना मिले
17:31हम उनकी देवडी पर जा खड़े होगे
17:34इससे बहले कि वो लड़ने की तयारी करें
17:37हम आज़बास के सभी शेत्रों पर
17:39अपनी विजय पता का लहरा चुके होगे
17:41हर हर महा देव
17:43हर हर महा देव
17:44अम अपने जीत का उठ्सव मना चुके होगे
17:49हर हर महा देर
17:54हर हर महा देर
17:59हर हर महा देर
18:04सन सतरा सों साइतिस
18:09जन्वरी महने में बाजिराव पेशपा ने
18:12अपनी सेना के साथ उत्तर की ओर प्रस्थान किया।
18:16और ग्वालियर के समीर गतिया पहुँच गया।
18:21ये गंगा और यमुना के मद्ध का क्षेत्र।
18:26यहां के लोग जल को आप कहते हैं।
18:29इसलिए इन दोनों नदियों के मद्ध का क्षेत्र
18:32दो आप कहलाता।
18:38श्रीमन्त सरकार, गुप्तचरों का मानना है
18:41कि नवाबों के सेना हमें इसी स्थान पर घेर सकती है।
18:45और यही नहीं, युद्ध की इस्तिती के समय इसी मार्ग के द्वारा
18:49दिल्ली को रसद और साहेता भी पहुचाये जाएगी।
18:51बोलार राउ, आप दस सास्त्र सैनिकों के साथ दो आप के लिए कूच कीजी।
18:58श्रीमन्त सरकार, आप के लिए चिम्माजी अपपा का संदेश है।
19:22प्रणाम, श्रीमन्त सरकार, खुछ दिनों से पुर्तगालियों से किसी न किसी बात पर जपटी होती रहती हैं।
19:30श्रिमान वेंकुजी राउ जोशी पुर्तगालियों से संधी करने के लिए गोवा गये थे, किन्तु उन्होंने सभी मांगो को अस्विकार कर दिया।
19:51लोता है।
19:55में क्यों ?
20:00वो
20:02ची कैसे में है ?
20:04माखी मात नहीं होते हैं।
20:06पर कहा जाता है कि यह रन
20:07मेरे आपको किबरी मेंओं
20:08ले जो इसमें ने नी ग्रो पर चूप काड़ ली है ।
20:10है, है …
20:15अरे
20:16शाज रहो, दम्बो नक to
20:18ये सब कुछ उसने कहा है, तुमने नहीं.
20:22और फिर कुछ गलत भी तो नहीं कहा उसने.
20:24क्यों?
20:27ठीमा जी, अपपा तक हमारा संदेश पोँचाईए.
20:30उनसे कहिए कि पुर्तुगालियों के विरुद
20:32एक रणनीती बनाए
20:34और अपनी सेना का नेट्रित्व करें.
20:35जी, श्रीमन सरकार.
21:05जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, जी, �
21:36रुखो
21:42तकलिया
22:02जहापना हम आपसे
22:05करते हैं
22:10सवई जैसिंग हमें समझा रहे थे
22:12कि ताकीद कर रहे थे
22:16आकरकार
22:18बेश्वा बाजी राउ
22:20अपनी फोज के साथ आग्रा पहुँची गए
22:24बहुत के सुपितार
22:26नवाप सियादत अली को फौरण हमारा पैगाम पहुचाया जाये
22:29कि वो मराठाओं को दुआब में ही रोके
22:34मीरासंग को फौरण तलब किया जाये
22:50सन 1737 के मार्च वहनी की शुरुवात में
22:54बाजी भिवराउ और मल्लाराउ होलकर ने
22:5710,000 सहिनिकों के साथ यमुना पारकर, शिकोहाबाद, भिरोजाबाद
23:04और इतिमादपूर शहरों पर चापे मारे
23:08इसके बाद उन्होंने जालेश्वर की ओर परस्थान किया
23:26पाजी राउ की फोज के रफ़तार और उन्हें मिल रही काम्याबी
23:53हमारी उमीज से कहीं ज्यादा है
24:00उनकी यह रफ़तार हमें खुद बखुद मौका देगी
24:08इसलिए फिलहाल हम कुछ नहीं करेंगे
24:15जब वो जलेश्वर की ओर बढ़ेंगे
24:18तो हमारी फोज की चोटी टुकड़ी
24:22होलकर की रहनुमाई वाली मराठा फोज को
24:26हमारी बाकी सेनावों की तरफ पता के लेगी
24:33ये मराठे जंग में रुजाना नए नए पैतरे इस्तिमाल करते हैं
24:40इस बार हम उनहीं की जुबान में जवाब देंगे
24:43हमारी पहार जैसी फोज के सामने
24:47होलकर की तिल बराबर सेना की टुकड़ी
24:52कितनी देटिक पाईगी
25:01उसकी इस जुर्यत की उसे ऐसी सजा देंगे
25:05जिसे बाजिराउता उम्र भुला नहीं सकेगा
25:08तुरभाग्यवश होलकर सहादत अली खान की इस चाल में फ़स रही
25:14और अब वे सहादत अली खान की विशाल सेना के समक्ष थे
25:19सहादत अली खान की सेना ने मराठा सेना पर आक्रमल किया
25:25और इस लड़ाई में होलकर ने एक हजार से भी अधिक सेनिकों को खो दिया
25:39इसके बाद सहादत अली खान आगरा चला गया
25:43और सन 1737 के मार्ज महनी के मध्य में मल्ला राउ होलकर वालियर पहुँच गए
25:51और पाजिराव पेश्वा की सेना में शामील हो गये
25:55सहादत अली की बातों से महमद शा को लगा था
26:01जंग अभी खत्म नहीं हुई है
26:04पाजिराव को इस बात का इल्म नहीं ही
26:07किस बार उसका मकाबला किस से हुआ है
26:12इस से पहले कि माराठे कोई नई हिमाकत अमल में लाए
26:18हम पाजिराव को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे
26:22पाजिराव को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे
26:53हमने हमारे सैक्रो सैनिक खोए है
26:58मैं किसी का भी बलिदान व्यर्त नहीं जाने दोगा
27:01सहादत अली के पास कम से कम पचास सहस्तर सैनिक है
27:05वह हम पर बड़ा आकमन करने की रणनीति बना रहा है
27:08हमारी सेनाओं को उनसे पहले दिल्ली पहुँचना होगा
27:10आप सारी तयारियां आज रात ही कर लीजे
27:13राता काल सूर्य की पहली किरण के पूर्फ
27:16हम दिल्ली के लिए पूच करेंगे
27:41सुवेदार नवाब आगे फर्माते है
27:44कि वो इस बार पेश्वा बाजिराओ का पीछा करेंगे
27:47और इस बार आर पार की लड़ाई में
27:50मराठाओ को शिकस देने के बाद ही वो
27:53शेहनसा के दरबार में हाजिर होंगे
28:03अलहम्दु लिल्ला
28:07पेश्वा बाजिराओ
28:10तुफानी गती से दिल्ली की और बढ़ने लगे
28:14कुछी दिनों में उन्होंने पारापुला
28:18और काली का मंदिर को पार कर लिया
28:22और पुश्वंदी में अपना शिवीर बन ले
28:40अर्हार महादे
29:11बादशा सलामत
29:13लगता है जनाब सालत अली खान अपने चांच परताल में
29:16बेशक जल्दबाजी कर रहे हैं
29:18मराठों का खतर अभी पूरी तरह से खात्म नहीं हुआ है
29:21बाजिराओ के रहनुमाई में
29:23मराठे और भी खतरनाक हो गये हैं
29:41मराठों का खतर अली खान परताल में
29:44बादशा सलामत
29:47जब समय की मांग को समझना होगा बादशा सलामत
29:50अभी तो उन्होंने केवल मालवा की मांग रखी है
29:53किन्तो आगे चलके मराठों की उमेदे और भी बड़ सकती है
29:59इतिहास गवा है
30:00हम सदियों से हिंद पे हुकूमत करते आए है
30:04मराठों जैसी एलाकियी ताकत के सामने
30:07हतियार डालने से पहले
30:09हमें अपनी रियासतों में मश्वरा करना होगा
30:12या अल्लाह
30:31हम पहला हमला रखाब गंज की ओर से करेंगे
30:35और वहाँ से मुगलों को खदेल कर
30:38हिंद वीस्वराज की पताका का भजा रोहन करेंगे
31:01सेनो समरन रहे
31:04इस यूद्ध का चुनाव हमने नहीं किया
31:07इस यूद्ध ने स्वयम हमें चुना है
31:09माहिनों के प्रवास के बाद
31:11मारत में आने वाली अनेक बादाओ और चुनावतियों से जूच्टे हुए
31:16अनेको बलिदानों के बाद
31:17आज हम मराठाओ को वो अवसर प्राप्थ हुआ है
31:21जब हम अपने छत्रपति शिमाजी महाराज के स्वापन को
31:26पूर्ण कर सकते है
31:29आज से सास्त्र वर्षों तक
31:32एतिहासिक ग्रंथों में
31:34आज का ये यूद्ध अंकित होगा
31:40हमारा एक मात्र लक्ष है
31:42विजाये
31:44हमारा एक मात्र प्राण है
31:48विजाये
31:52आदा तयार
31:54आदा तयार
31:56विजाये भावा
31:58हर हर महावेर
32:00हर हर महावेर
32:02हर हर महावेर
32:04हर हर हर महावेर
32:06हर हर हर महावेर
32:13हर हर महावेर
32:15हर हर महावेर
32:17हर हर महावेर
32:19हर हर महावेर
32:21हर हर महावेर
32:23हर हर महावेर
32:25हर हर महावेर
32:27हर हर महावेर
32:29हर हर महावेर
32:31हर हर महावेर
32:33हर हर महावेर
32:35हर हर महावेर
32:37हर हर महावेर
32:39हर हर महावेर
32:40हर हर महावेर
32:42हर हर महावेर
32:44हर हर महावेर
32:46हर हर महावेर
32:48हर हर महावेर
32:50हर हर महावेर
32:52हर हर महावेर
32:54हर हर महावेर
32:56हर हर महावेर
32:58हर हर महावेर
33:00हर हर महावेर
33:02हर हर महावेर
33:04हर हर महावेर
33:06हर हर महावेर
33:08हर हर महावेर
33:11चत्रपति शिवाजी महाराज की जए
33:15हर हर महादेव
33:19क्या सूचना है मलार राव जी
33:22सिर्मन्त अधिक्तर मुगल मैदान छोड़कर अपने किले में भाग गये
33:26और जो बाहर हैं वो या तो मर चुके हैं या घायल है
33:29यदि शत्रू रण भूमी छोड़कर खिले में जा चुपा है
33:34तो इस से बड़ा विजय का संकेत क्या ही हो सकता है
33:38कितो मलार राव जी एक बात स्मार्ण रहे
33:42विजय के अभिमान में प्रितकों और घायलों को उठा कर ले जाने में
33:47कोई भी रुकावट नहीं आने चाहिए
33:50आप निश्चेंद रहे हैं शिर्मानत
33:51चोटा मुझे बड़ी बात पर
34:21किला चाहे अभि फतह नहीं हुआ और बाहर हर जगए माराठों के जहंडे लहरा रहे हैं
34:47प्रियासत के लोग इसे हमारी हार ही मान रहे हैं
34:49पहली बार दिल्ली हमारे हाथों से फिसलती नजर आ रही है
34:54अभी भी वक्त है बाजिराव वापस पूने जाएगा
35:01बालखिड की हार के बाद निजाम आजम शाह बाजिराव को दो तरप से घेरने के बारे में बात कर रहे है
35:07और भुपाल के नवाब की मरत भी मिल जाएगी
35:26सेना
35:32अद्भुत
35:35अद्वितीर
35:38अधितिर
35:41यह लक्ष को लेकर
35:44हमारी सेना ने दिल्ली के लिए प्रस्थान किया था
35:48आज छत्रपति शिवाजी महाराज के आशिरवाद से
35:54हमारी सेना ने उसे साथ दिया है
35:59अब कम से कम कुछ समय के लिए
36:02मौवल यह सेना हमारे शक्ति भूर्ष को बेध नहीं पाएगी
36:11इस महासंग्राम के पल्स वरूप
36:15न केवल हमारे राज्य का विस्तार हुआ है
36:19भलकि हमारे राजकोश में भी विद्धी हुई है
36:27मौवल शासन का पतन
36:28अब निष्चित है
36:30हमारा वर्चस्व माराश्ट्र से लेकर माल्वा
36:34और चंबल से लेकर दो आप तक फैल चुका है
36:37भेश्वा भाजी राउ की
36:39यहो
36:40भेश्वा भाजी राउ की
36:41यहो
36:42भेश्वा भाजी राउ की
36:43यहो
36:44भेश्वा भाजी राउ की
36:45यहो
36:47भेश्वा की अनूमती हो
36:49तो हमारे मन में एक प्रश्न है
36:52जिवा जी राउ निसंकोच होकर पूछिए
36:55हमारी मुल्य योजना तो दिली विजय के पस्चाथ
36:58उसे जलाने के लिए थी
37:01तो आपके निर्ने परिवर्थन का कारण क्या था
37:03जिवा जी राउ आपकी दुविदा उचित है
37:07किन्तु जब हम दिली पहुंचे
37:10बहाँ हमें एक आभास हुआ
37:13हमें लगा दिली में ऐसे बहुत सारे लोग है
37:16जो इनके हिरदे में दिली के लिए एक श्रिष्ट तव स्थान है
37:19एसे में दिली जयसे महानगर को नश्ट कर देना
37:24यह उचित नहीं होता
37:30जयना जरूरी करने के लिए
37:32हमारे और दिली करने के लिए
37:34हमारे खेला में परतारजन को चोड़ा है
37:36यह जैसे है
37:38सब एक धुनुम तुम्हारा भी है
37:39इसे में दिल्ली जैसे महानगर को नष्ट कर देना
37:43ये उचित नहीं होता.
37:47और विशेश रूप से तब
37:50जब हमारे आधिकारिक शेत्र
37:53और राज की सीमाओं में व्रिद्धी हो रही हो
37:57इसे में हमारा विवहार
37:59एक उत्तरदाई शासक की तरह होना चाहिए.
38:03और वैसे भी
38:05दिशेत्र में, भविश में हमारा आधिकार होने वाला हो
38:10उसे अपनी आज की संतुष्टी के लिए नष्ट कर देना
38:16ये केवल और केवल
38:18एक क्रूर शासक के लकषन होते हैं.
38:22वेशमा बाजिराओ की
38:23जैए...
38:24वेशма बाजिराओ की
38:25जैए...
38:26खत्रवदी शाहू माराज की.
38:28जै!
38:29खत्रवदी शाहू माराज की.
38:30जै!
38:31हम एक बार पुना, पुने के लिए प्रस्थान करेंगे.
38:36इसलिए तो मुझे पूर्ण विश्वास है
38:39मुहमज़ शा कोई न कोई चाल जरूर चलेगा.
38:42इसलिए ओलकर जी,
38:45आप राजभुताना, भुन्डेरखण, आग्रा और अवत
38:49सभी स्थानों पर अपने गुप्तिचरों को सक्रिय कीजिए.
38:53हेमन.
38:55मलार राहू जी,
38:56आप गॉलियर में स्विन्दिया जी
38:59और सतारा में शाहू जी माराज से निवेदिन कीजिए
39:02कि वो एक बड़ी लड़ाई के लिए तयार हो जाएं.
39:05क्योंकि इस लड़ाई के लिए
39:07हमें और भी सैनिकों की आवशक्ता होगी.
39:31खुशाम देईद निजाम आसवजाव.
40:02जिस अन्दाज में बाद्शाँ अपने मेहमानों का इस्तक्बाल करते हैं
40:07उसके कायल तो हम पहले से.
40:10इस खातिरदारी के एवज में
40:12हमारी तरफ से भी एक चोटा सा तोफा कुबूल फरमाएं.
40:32शुक्रिया, नवाब साहब.
40:47अभी नहीं तो कब, जहांपरा.
40:49हैदरावाद की पूरी ताकत
40:52तिल्ली के कंदे से कंधा मिला कर खड़ी है.
40:55अगर नवाब साहब नहीं नहीं करते है
40:58इसके लिए हमें
41:00आपकी मदद की दर्कार होगी.
41:04हम आपकी बात से
41:06सहमत है, निजाम साहब.
41:08पता ये.
41:10हमें क्या करना होगा?
41:1350-60,000 सिपाईयों की पूरी ताकत
41:17नहीं करते हैं.
41:19अगर नवाब साहब की पूरी ताकत
41:22नहीं करना होगी,
41:2450-60,000 सिपाईयों की फोज का इंतजाम हमारे पास है.
41:29लेकिन बाजी राउ को हराने के लिए
41:32असला, गोड़े
41:34और कम से कम
41:36एक लाग सिपाईयों की फोज का इंतजाम करना होगा.
41:43आप बेफ़िक्र रहे हैं, निजाम साहब.
41:44आप बेफ़िक्र रहे हैं, निजाम साहब.
41:46हम फ़ौरण इसका बनदुबस करेंगे.
41:50इसके साथ-साथ 50,00,000 रूपयों का भी इंतजाम करना होगा.
41:56वो भी हो जाएगा.
41:58तो फिर हम जल्द से जल्द कूछ कर देंगे.
42:00विश्वा भाजिराव जब इस रास्ते में थे,
42:04तब भोपाल के समीब मुहमद शा ने
42:07हैदराबार के नवाब आसिव जाके
42:10विशाल सैनिकों की सहएता से उन्हें पकड़ने का प्रयास किया.
42:15लेकिन भाजिराव ने बिना लड़े नवाब को पराजित कर दिया.
42:19उन्होंने भोपाल को तब तक अपने कभजे में रखा
42:23जब तक नवाब ने आत्मसमर्पन नहीं किया.
42:50नवाब साहब, काउम और उम्मह की वज़ा से हम अपने आपको रोक नहीं पाए.
42:57हमने आपके फोज को भी पना दिया.
42:59लेकिन अब हालात पहले जेसे बैतर नहीं रहा है.
43:02अमारे अपने लोग भी भूको मर रहा है.
43:04उदर दिल्ली के बाजशा ने भी मदद करने से मना कर दिया.
43:09पर नासिर का तो कुछ आथ पता ही नहीं.
43:13हम आप से माफ़ी चाहेंगे.
43:16इस जंग में अब भूपल आपकी मदद नहीं कर पाएगा.
43:25हमें भी शमा कीजिये निजाम औल मुल्क.
43:28हमें अब लोटना होगा.
43:31बुंदेली सेना युद में अस्ते अस्ते जान दे सकते हैं.
43:36किन्तु हम उन्हें भूख और प्यास से मरने के लिए विवश्ण नहीं कर सकते.
43:48एक एकिहासिक संधी के अंतरगत,
43:51एक एकिहासिक संधी के अंतरगत,
43:54संपूर्ण मालवा के साथ साथ नरमदा और चमबल के बीच का पूरा परदेश,
44:00भाजिराव को सौंप दिया गया.
44:04और साथ ही, निजाम ने पेश्वा भाजिराव को,
44:08पचास लाख रुपिय का राजस्व भी दिया.
44:11पेश्वा बाजी राउ की जैए
44:19पेश्वा बाजी राउ अजएय थे
44:22और उनके वीजए के प्रभाव दूरगामी थे
44:25पूरे मध्यभारत पर मराठाओं का वर्चस्व स्थापित हो गया
44:31इतना ही नहीं
44:33बाजी राउ की सेनाओंने जहां एक और मुगलों की विरुद कई लड़ायिया लड़ी
44:38और दूसरी ओर पूर्तुगाली सेनाओं का भी सफलता पुर्वक सामना है
44:43अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
44:49अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
44:54अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
44:59अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
45:04अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
45:09अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
45:14अगले 20 वरशों में बाजी राउने बिना हारे 39 लड़ायिया लड़ी
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