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Bharat ke swatantrata sangram ki samagra gatha

S1.E1 · Vasco Da Gama Reached India

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00:00उत्तरम् यत्समुत्रस्य हिमात्रष्चैवदक्षिनम् वर्ष तद्भारतम् नाम् भारती यत्त संतती
00:13उत्तरम् यत्समुत्रस्य हिमात्रष्चैवदक्षिनम् वर्ष तद्भारतम् नाम् भारती यत्त संतती
00:25मैं मा भारती मेरी सब्यता जिसके महान जीवन मुल्यों को विश्वने सराहा और अपनाया
00:37विश्व की कई सब्यताएं अपनी जड़ता के चलते समाप्त हो गई
00:43हिंटु भारत और उसकी संस्कृति जीवनता के बल पर सबे आक्रमणों आघातों का सामना कर फिर उठखड़ी हुई
00:55ये गाथा है भारत राष्टर की उसकी अजए संस्कृति की निरंतर संघर्ष की और निर्नाल विजय की
01:07जो समर्पित है उन लाखो अनाम बलीदानियों को जिनके त्याग और तफ्ट के बल पर भारत में स्वराज की नीव रखी गई
01:19स्वराज जिसके लिए हमारे भारत वरश ने 500 वरश तक कठीन संगर्ष किया
01:39कितने मासुमोने अत्याचार से हैं वीर और विरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुती दी आज हम उसी स्वराज की कुछ सुनी और कुछ अनसुनी कहानिया लेकर आपके समक्ष आये हैं
01:57स्वराज भारत के स्वतंतरता संगराम की समग्रगा था
02:27स्वराज भारत के स्वतंतरता संगराम की समग्रगा था
02:37स्वराज भारत के स्वतंतरता संगराम की समग्रगा था
02:47स्वराज भारत के स्वतंतरता संगराम की समग्रगा था
02:59सन चौदासो अथानवे में जब वासको दगामा भारत आया
03:03तब दिल्ली में सिकंदर लूदी की सल्तनत कमजोर और बंगाल, जौनपूर, भुजरात और मालवा शक्तिशाली हो गए थे
03:13पश्चिम में सिसोधिया राजवंश के राजबुताना थे और पुर्व में गजपती और अहो
03:20भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर एहमदनगर और बिजापूर और तक्षिन में विजैनगर और उसके करदाई राज
03:29आदेंगल, वाइनाड और कोलाचेल के नियंतरन में था यह समय था जब यूरोप की निगाहें भारत की सम्रिध्धी पर गड़ी हुई थी
03:41विश्व की सबसे प्राचिन संस्कृति और सभ्यता भारत की ही है विविद्धता में एकता भारत में है
03:54वसुधाइव कुटुम्म का मानने वाला और हर धर्म का सम्मान करने वाला भारत ही है
04:02सोने की चीडिया कहवाने वाला हमारा भारत ही है और इसी कारण अन्य देश हमारे देश की सौंदरिय और सम्रिध्धी से आकरशिथ होकर भारत को पाने की महत्व कांशा रखते थे
04:16क्योंकि सबसे सम्रिध्ध देशों में से एक था हमारा भारत
04:46जब भी मैं इस दिभी चेरामन तलवार की पूजा कराता हूँ मुझे अपने भागे पर गर्भ होता है महाराज
05:09चेरामन तलवार यह कोई आम तलवार नहीं थी
05:15ये वो तलवार थी जिसे जमूरिन जिनहें मलेयालम में समुतरी पाड भी कहा जाता था
05:25उनकी आस्ता और उनका अभिमाण जुड़ा हुआ था इस तलवार के साथ
05:32सभाग्य शाली तो हम समुतरी पाड हैं पंड़े जी
05:34जिन्ने इस महान चेरामन तलवार की पूजा करने का सभागय प्राप्त हुआ।
05:40और इस पूजा के फल सरूप हमारी प्रजा और सामराज्य को सुख समर्ज्जी की प्राप्ती होती है।
05:46पन्रवी शतापदी में जब यूरोब जैसा महादवीप भीमारी, बेरोज़गारी और गरीबी से जूज रहा था, तब पूरे विश्व के जीडिपी का 70 प्रतीशत केवल भारत और चीन में बांटा जाता था।
06:14सोची, कितना सम्रिद्ध था हमारा दीश, और यही कारण था कि विदेशी यहां ब्याबार करना चाहते थे और इस देश को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तयार थे।
06:31पोप अलेक्जान्डर दे शिक्स ने तोषी दियस संधी के अधार पे दुनिया को दो हिस्सा में बाटा है। वेस्ट का हिस्सा स्पेइन को दिया है और इस्ट पॉर्टिकल को।
06:46वेस्ट में स्पेइन ने अमेरिका जैसे कॉंटिनियंट का खोच करके वेस्ट का हिस्सा स्पेइन को दिया है।
06:57वास्को दिगामा।
07:05तुम बहुत ही फोचनेट हो। तुम इसके और जाओ। इंडिया बहुत ही प्रास्परस है।
07:12उनकी साथ ट्रेट करो। हमारा किंग का ये ओडर है कि जो भी तुम्हारे इस महान यात्रा पे हर्डल कर रहे उसको पनिश किया जाये।
07:24और याद रखो, आरेम ट्रेटर्स ने कॉंस्टान्टनी नोपल पे कबसा कर लिया है। हमें उन्हें किसी भी कीमट पे हरा रहा है।
07:37तुम्हारे साथ, ये responsibility मुझे दी नहीं गई है। पलकि मैंने खुद इसके लिए इनिशिटिव लिया है।
07:49और वो इसलिए कि मुझे में इतनी बड़ी responsibility उठाने की ability है।
07:59Ability से भी ज्यादा, अपने God, अपनी King और अपनी country के लिए मरमिथ जाने का जजबा है।
08:09हमारी country से जहाँ आज तक कोही नहीं पहुचा, उस India तक की journey मैं जरूर पूरी करूँगा।
08:20इंडिया में, क्रिस्चिन किंग प्रेस्टर जॉन का साशन है।
08:25500 साल से हमने प्लेग, पॉक्स और कॉलरा जैसे बिमारीयों को साहा है।
08:39आरब के उन traders ने हमारी progress का रस्ता रोका है।
08:45बविश्या में, हमें याद किया जाएगा।
08:50क्योंकि Eastern world पर, पास्टर जॉन की help से वहाँ के trading पर, सिर्फ हमारा हादिकर होगा।
09:01क्योंकि Eastern world पर, पास्टर जॉन की help से वहाँ के trading पर, सिर्फ हमारा हादिकर होगा।
09:17बविश्या में, हमें याद किया जाएगा।
09:30क्योंकि Eastern world पर, पास्टर जॉन की help से वहाँ के trading पर, सिर्फ हमारा हादिकर होगा।
10:00सामुत्रि पाड़ वंशावली के 95 सामुत्री, समराथ चेरमन पेरुमल के वंशधर, मनु वामशी, नेधि रुपूसो रुपन के राजा, परवश्रिंखलाओ और समंद्रो के स्वामी, गजदंत नरेश, संसार के सबसे संपन्य देश, कोडी कोड के अधिपती, और पवि
10:30काइ किल गए, जैसे कोड के जपन के संथी, हमुशन के रंप के स्वामि कोड के लेगर, संराथ मान विकरंड के,
10:47सम्राथ
10:54मिं हरुआज
11:00कुछ विदेशी मानव समुद्री मार्ग से कपपल पोहचे हैं
11:04पस्चीम के एक अन्सुने देश से आपके लिए उपहार लाये हैं
11:08आपके दर्शन पाना चाहते हैं
11:13मंगधचन, इन आथीतियों से भेट के लिए अगले सप्ता का कुछ समय तै कर दो
11:20उनका सम्मान सत्कार किया जाये
11:23उन्हें कोई आसुविदा ना हो
11:25लेकिन उनकी मन्शा, उनके उद्देशे के बारे में पूरी जानकारी जब तक हमें प्राप्त ना हो जाये
11:32नौ सैना अध्याश मारकार से कहो
11:35कि कपपल तरप की सुरक्षा बढ़ा दे
11:38जी माराज
11:50काली मिर्च
11:53यूरॊप में इसकी कीमच सोन्ने चांढी जैसी थी
11:57और यूरोप यूंकी काली नजर तब से काली मिर्च पर थी
12:02जब आध्योगिक यूग से पहले
12:04अलेइख्सैनडर , सिकंडर
12:07uration
12:09यहान से
12:10काली मीर्ज लेकर यूरोब गया था।
12:14यूरोब में उस समय नमक
12:16और काली मिर्ज के लावा
12:19मान्स को समर्ख्षित रखने का
12:21और कोई दूसरा उपाय या तरीका नहीं था उनके पास।
12:25इसलिए काली मिर्ज की कीमत भी बड़ी।
12:29सम, सो अगर....
12:39गुरोई जी
12:45ओमं गंगा चजम्लेचेवा कारी सिन्दु सर्स्वति
12:50ओम् पवित्रो अपवित्रो वां पवित्रो...
12:53ये वेस्ट जायता है।
12:54प्रेस्टर जॉन का राग आलापरा था
12:58वैसा कोई राजा था ही नहीं!
13:02और केवल वासो को ही नहीं
13:04पुरे युरोप के लोग इस कालपनिक राजा प्रेस्टर जॉन को
13:08भारत के सबसे सम्मृत्दः राजा के रूप में जानते थे
13:12पूरे यूरोप के लोग इस काल्पनिक राजा प्रेस्टर जॉन को
13:18भारत के सबसे सम्रिद्ध राजा के रूप में जानते थे
13:22और कालिकट के राजा मान विक्रम को प्रेस्टर जॉन समझ बैठा
13:34उसकी क्राहों पे वे पेरल्स देख रहे हैं वास्को?
13:37एक बड़ के बदले पूरे यूरोप करिदा जा सकता है
13:41और थुकने का बार्थन भी गोल्ड का है
13:45मतलब यूरोप में तो सपने में भी किसी ने ये सोचा भी नहीं होगा
13:52हमने किंग प्रेस्टर जॉन के बारे में चितना सुना था वो खम था
13:58खुशी होती है इतने रिच क्रिश्जिन किंग को देखके
14:03तुम देखना इसके हलब से हम उन आरब ड्रेटर्स का नामों निशान को मिठा देंगे
14:10मगधचन
14:11में योरब के स्टॉंगिस्ट कंट्री पॉर्चिगल के किंग डॉम मैन्युवेल का मेसेंजर फासको तरगामा
14:30ये कहना चाहता हूँ कि आप से मिलना मेरे लिए ही नहीं
14:35सारे योरब के सपने को सच करना है वर्ल्ड के सबसे डिवेलप्ट और रिच देश है पॉर्चिगल और वाह के बैतरीन प्रॉडूस यहां ला है ता कि हम उनके बदले प्लैक पैपर खरीज सके
14:58मगधचन
15:05जो विपारे इन पुर्टगाली वस्तवों के बदले मसालो का गापार करना चाहते हैं आगे आकर इनकी जाच कर सकते हैं
15:36हाँ हाँ हाँ हाँ
15:53हाँ हाँ हाँ
16:05हाँ हाँ हाँ
16:23वास्को दगामा के तारा व्यापार के लिए लाई गई वस्तवों की गुनवत्ता पहुत ही निमनस तरकी थी
16:31इसलिए उन वस्तवों को देख कर राजा मान विक्रम के दरबार में उपस्थित व्यापारी अपनी हंसी रोक नहीं पाए
16:40इस्टन यूरब की ग्रेट किंग प्रेस्टर जॉन अगर आपको हमारा लाया हुआ सामान नहीं अच्छा लगा तो कोई बात नहीं
16:50हमारा रिलिजिन एक है रू सिर्फ हमारा रिलिजिन कर रहे हैं पोप यही चाहता है
17:06मरकार?
17:08मरकार एक पदवी थी जो समुतरी द्वारा नव सेना अधिक्ष को दी जाती थी
17:16मुझे नया नाम मिल गया है प्रेस्टर जॉन यह सोचता है मैं इसाई हूँ
17:30पिया तिति प्रतीत होता है कि तुम्हें किसी ने ब्रह्मित कर दिया है इस भुमी के देवता ताली मंदिर के महादेव शिव है और वलेनाड देवी यहां की कुल देवी
17:43फिर भी ये भुमी सारु धर्म संभाव की भुमी है इसाई पिछले एक अजार वच्च से यहां निवास करते हैं
18:03मसल्मान यहुदी चीनी अरब सब यहां भाईचारे के साथ रहते आए हैं व्यापार करते आए हैं तुम भी यहां रहकर व्यापार कर सकते हो किन्तु तुम्हें यहां के नेमों का पालन करना होगा तुम किसी भी धर्म का अर्णुसरन करने के लिए स्वतंत्र हो ठके होग
18:34मंगठचन, इन्हें भोजन कक्ष में ले जाओ
18:45वासको दगामा ने निश्य कर लिया था कि पुर्तुगाल से लाई गई वस्तुमों को वो अवश्य बेचेगा
18:53इसलिए अगले तीन मैंयों तक उसने उन वस्तुमों को स्थानी बादार में बेचने की पूरी कोशिश की
19:02पर उन वस्तुमों की निम्न स्थर की गुणवत्ता होने की कारण व्यापारीयों ने उन्हें खरिदने से साप मना कर दिया
19:10आज रात को यहाँ से पॉर्चिगल के लिए निकल पड़ेंगे।
19:15अज रात?
19:17यहाँ से पॉर्चिगल के लिए निकल पड़ेंगे।
19:20यहाँ से पॉर्चिगल के लिए निकल पड़ेंगे।
19:23यहाँ से पॉर्चिगल के लिए निकल पड़ेंगे।
19:25पॉर्चिगल के लिए निकल पड़ेंगे।
19:55पैसे नहीं है.
19:58मैंने कुछ ट्रेडर्स को बुलाया है
20:01सौधा करने के लिए.
20:05और एक चाल भी सोची है
20:08उन समुत्री, I mean
20:11उन जामरिन्स को सबक सिखाने की.
20:14समौरिन याने समौत्री पाड
20:17समौत्री पाड एक पद हुआ करता था.
20:20और समौत्री पाड को उनकी पदवी से ही जाना जाता था.
20:25इसलिए ऐसे कई समौत्री पाड हैं
20:29जिनके नाम के बारे में हमें पता ही नहीं है.
20:36आये, बेटिये.
20:45सोना कहा है?
20:46उसके बिना फिरंगे से कोई सोधा नहीं होगा.
20:50समौत्री पाड का आदेश है.
20:57सोना तो नहीं है.
21:04लेकिन मिस्रक की मामुलक सिल्वर कोईंज है.
21:08सिक्स्टीन ताउजन.
21:09100 साक्स ब्लैक पेपर के बदलें.
21:13सोच लो.
21:39ये, ये वाला.
21:54हम आपस में बात करके बताएगे.
21:57ठीक है, आप डिसाइड करो.
22:01मैं डॉक्पर वेडिया हुआ.
22:03मैं दॉक्पर वेडिया हुआ.
22:05यह भी महीं बात चाहते हैं.
22:06आप डिसाइड करो.
22:08मैं डॉक्पर वेडिया हुआ.
22:33मूर्ख फिरंगी.
22:34सबसे घट्या किसम की काली मिर्च का सोधा कर रहे हैं हमसे.
22:38और उसके लिए इतनी मामलुक चांधी के मौरी.
22:41लेकिन सामुतरी पार का आदिस है,
22:43तो उनसे किमत वसुल करने के बाद ही,
22:45उनको काली मिर्च शुबूत किया जाए.
22:46ये सोचा कि जितनी चांधी वो हमको दे रहे हैं,
22:49वो सारी हमारी होगी.
22:51और इतनी घट्या काली मिर्च का इतना चा सोधा,
22:54दुन्या के किसी बाजार में नहीं मिलेगा.
22:56सही कहें वाईयो?
22:58बेलकुल खील.
23:16लेया!
23:46बेलकुल खील.
24:17सबसे अच्छी कॉलिटी के ब्लैक पैपर,
24:20अगर नहीं मिली, तो...
24:26आज़ू!
24:29पासे तो.
24:33ऐसे ही मारे जाओगे.
24:38आजू!
24:40आजू!
24:42आजू!
24:44आजू!
24:46आजू!
24:50इनके गोडाउन से,
24:52सबसे बेस्ट कॉलिटी ब्लैक पैपर लेकर आओ.
24:57सारी के सारी.
24:58रो!
25:17पूर्वार हरो!
25:19बहुत बड़ारा है.
25:23बहुत बड़ारा है!
25:29इसे भाई!
25:42आजू!
25:46परवहाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई परवाई
26:16आज़ा!
26:19अच्छा, आज़ा!
26:21अच्छा आज़ा!
26:30लेवन्दादा आंगोरा!
26:32आंगोरा!
26:32अच्छा, आज़ा!
26:45मर्रा कार का शिफ्स हमको फॉलो कर रहा है!
26:55कई उतार चड़ाव के बावजूद
26:57वास्को दगामा की ये पहली भारत यात्रा
27:00बहुत सफल रही है!
27:03इसलिए वो पूरी प्रसन्नता के साथ
27:06पुर्टुगाल की राजधानी
27:08लिज्बन पहुँचा!
27:13तमारे सक्सस के लिए
27:15तमें काउंट का टाइटल दिया जा सका है!
27:25मैं काउंट के लिए अच्छा हूँ,
27:27किंग डॉम मैन्यूर!
27:31हमने सोचा है,
27:33कि हम इस बार पैडरु अल्वारस कैपराल को भेचेंगा है!
27:38सिक्स्टीन शिप्स, खानन और इतना बारूद,
27:42कि हमारा मासेज वहाँ तक पहुचने के लिए
27:46कोई रुकावट ना रहे!
27:47कबराल, पर्तुगालियों के लिए एक सफल कमांडर था!
27:54जहाजों के बड़े कापिले के साथ कबराल
27:58पराजिल से भारत की ओर निकल पड़ा!
28:02पर इस यात्रा में उसके कई जहाज रूप गए
28:06और कुछ मार्क से भटक गए!
28:17कुछ मार्क से भटक गए!
28:20पर इस यात्रा में उसके कापिले के साथ कमांडर था!
28:24पर इस यात्रा में उसके कापिले के साथ कमांडर था!
28:28पर इस यात्रा में उसके कापिले के साथ कमांडर था!
28:32पर इस यात्रा में उसके कापिले के साथ कमांडर था!
28:35कबराल लगा!
28:52जब तक कृबराल कालीगट पहुंझा
28:54तब तक राजा माणविकरम की मृति हो चूकी थी
28:59और उस समय, केरल की परंपरा के अनुसार
29:03राजा के पद पर उनके भांजे को सिंगहासन पर बिठाया गया था।
29:17एक चोती सी जिमीन ही चाहिए, फैक्टरी के लिए महराज, उसकी कीमत भी देंगे हम।
29:23और पिछली बात, जो बैंदर गखा शुल्क नहीं दिया था, वो भी हमारे किंग डॉन मैन्वैल ने बेजा है आपके लिए।
29:54नहीं राजा नहीं, ये सब छोर हैं.
29:56इन्नोंने धोखा दिया है हम सबको.
29:59इन्ने अनुमति मत दीजिये.
30:01इन्ने अनुमति मत दीजिये.
30:04इन्ने अनुमति मत दीजिये.
30:23सोना देकर खोयावा विश्वास खरीदा नहीं जा सकता है पुर्तिगाली.
30:53ये पुर्तिगाली धरिन दोने मेरे परिवार को माड़ डाला.
31:23लाईज़िन करें।
31:38वश्वास को नहीं कर पाई है वो में कर होगा.
31:43अथिरियोस कन्योईश।
31:45अथिरियोस कन्योईश।
31:49एक दाखो.
31:53वार्
32:24वदियार
32:26वदियार ओट
32:28वदियार
32:29वदियार
32:30नय समुत्री पार दे खबराल की बात न ही मानी
32:34उसने
32:35कालीकाट पर हमला कर दिया
32:38और इस हमले में
32:40आठ सो भारती ओने अपनी जान कवाई
32:44और जब खल सेना अध्यक्ष मंगड तचचण
32:46मंगट तच्छन और जल सेना अध्यक्ष मरक्कार के नित्रत्म में
32:51कोजी कोड की सेना ने हमला किया
32:54तब कबराल के पास भागने के अलावा
32:57और कोई दूसरा विकल्प थाही नहीं
33:00इसलिए अपने जहाजों के साथ
33:02वो दक्षिन की ओर भागा
33:06कबराल बच गया
33:16शैमुरियन के जंगी जहाज देवाई कर दिया
33:38शैमुरियन ने हमारा फैक्ट्री ब्लास्ट कर दिया
33:47शैमुरियन ने कोच्ची पर हमला तो किया
33:50पर देर से
33:52क्यूंकि तब तक
33:54कबराल भारी मात्रा में
33:57मसाले और काली मिर्च गठा कर चुगा था
34:01और 31 जुलाई 1501 को
34:04मसालों से भरे जहाजों के साथ
34:08कबराल वापस लिस्पार कर दिया
34:12वहाँ के क्रिस्टियन्स
34:15अभी भी हमारी क्रिस्टियानेथि को
34:17अपने से एलग मंते हैं
34:19जिसका डौमिनाईशन होगा
34:21वसीखा रिलिजान बी होगा
34:23वहाँ के क्रिस्टियन्स अभी भी हमारी क्रिस्टियनेथी को अपने से एलग मनते हैं।
34:30जिसका डॉमिनेशन होगा, उसीका रिलीजान भी होगा।
34:38खांट वास्कर दिगामा, नाई मिशन का लीडरशिप थुंग करेगा।
34:43दस फर्वरी 1502 वो दिन था जब वास्कर दिगामा ने भारत के लिए अपनी दूसरी यात्रा शुरू के।
34:53पर इस भार उसकी तैयारी और तेवर दोनों ही बड़े घातक लग रहे थे।
35:00वो इस बार कबराल से भी अधिक बारूत, तोपें, बंदुकें और सैनिक लेकर आ रहा था।
35:07यात्रा शुरू ही और वास्कर को रास्ते में मिरी नाम का एक जहाज मिला।
35:16यह जहाज कोजी कोड से मक्का जा रहे मसल्मान व्यापारियों का था।
35:23यह व्यापारी हज के लिए जा रहे थे।
35:49हम हज के लिए जा रहे हैं।
35:52हमरे साथ बुद्दे हैं और उते भी हैं।
35:55आपको पैसे चाहिए, गेहने चाहिए जो हमारे पास है आप ले लो।
36:00हमें जाने दो।
36:11नमल निकाल हीरी के लिए पैसे आप सोर रहे हैं।
36:15याल निकाल कोड दे रहे हैं।
36:21आपको पैसे चाहिए, गेहने चाहिए जो हमारे पास है और उते भी हैं।
36:25हमरे साथ बुद्दे हैं और उते भी हैं।
36:27हमरे साथ बुद्दे हैं और उते भी हैं।
36:29हमरे साथ बुद्दे हैं और उते भी हैं।
36:31हमरे साथ बुद्दे हैं और उते भी हैं।
36:33वास्को की शैतानी प्रवर्त्ति का मुल्य, हच को जा रहे निर्दोष मुसल्मानों को चुकाना पड़ा।
37:04हमारा धरम नाम मानने वद है।
37:09बेगिन्स को इस तरह मार देना ही जस्टस है।
37:16350 मासुमों को चला कर मार दिये।
37:20शंबु महादेव, मेरी प्रजा के साथ ऐसी क्रूर था।
37:27न्याय होगा।
37:28दुष्ट पुर्तगालियों को दंड देना मेरा धर्म है।
37:37समराट की जै हो।
37:41वासको डिगामा ने हमारे कई मच्वारों को बंधक मना लिया है।
37:49पोची में कैवरिल के सैनिकों की हत्या के लिए वो हमसे मुआबजा चाहता है।
37:59नए समुत्रि पार युद्ध कर सकते थे।
38:03पर एक जिम्मैदार शासक की तरह उनोंने शक्ती प्रदर्शन करने से पहले
38:09शांती प्रस्ताव भेजना सही समझा।
38:13और इसलिए उनोंने एक मुप्ति को शांती प्रस्ताव के साथ वासको के पास भेजा।
38:29मैंने तुमारी फूलिस्ट जैमरिन से कहा था
38:33कि सारे आरब ट्रेडर्ज को अपने राज्या से भार करता है।
38:39मैं आरब नहीं, माला बार का मालपडा हूँ।
38:45अपने राज्या से भार करते हैं।
38:49मैं अरब नहीं, माला बार का मालपडा हूँ।
38:56समुधरी पार ने मुझे तुमसे बात करने के लिए भेजा है।
39:01लेकिन तुम पेगन हो।
39:12जाके बोल दो अपने किंग को।
39:15वो जितनी देर लगाएगा मुहाफ़जा देने में, उतने ज्यादा लोग मारे जाएगे।
39:30पर शैतानों को शांती कहां पसंद आती है।
39:34मुप्ति शांती प्रस्ताओ लेकर वासको दगामा के पास पहुचा।
39:40पर पूर्तुगालियों के अत्याचार के सामने, उसने अपने घुटने टेती।
39:47और उसी जहाज से कूद कर अपनी चाम दे दी।
39:55समुतरी विवस्थ थे क्योंकि उन्हें अपने बंधक मच्वारों को वासको दगामा की चुंगल से छुडाना था।
40:04इसलिए उन्होंने एक और प्रयास किया।
40:08और इस बार, वासको दगामा को समझाने का भार, पुरोहित पलोदे नमबुद्री को दिया।
40:17परन्तु उसके साथ जो हुआ, उसके कल्बना भी नहीं किया सकती।
40:35वासको के अध्याचार के कारण कालिकत का हर एनसान क्रोध की जिवाला में चल रहा था।
40:42सभी वासको को उसके किये का डंड देना चाहते थे।
40:47और हुआ भी वही।
40:49कालिकत के हजारों जहाज और नाओं ने पुर्तुगालियों पर हमला किया।
41:04आप वो बड़ नहीं रहे हैं। जब हम जरूर बड़ा रहे हैं या बड़ नहीं रहे हैं, एक खियास पाशिवारि खेल है।
41:25वह बड़ा रही है।
41:27वह बड़ नहीं रही है।
41:28सेलाओ
41:59अम अपने जीते जी
42:02इन पश्मों को अपनी पवितर मिट्टी पर कदम रखने नहीं देंगे
42:07अबैंड जान दो शेव, जहास दूब रहा है
42:11हमों से इसको पार
42:13समुत्री द्वरा किये गए इस आक्रमन में
42:17वासको दगामा के कई सैनिक मारेगे
42:20और उसके बहुत सारे जहास भी नष्ट हो गए
42:25पर दुखा दिये रहा
42:27वासको दगामा भी कबराल की तरह भागने में सफल हो गया
42:36लेकिन मरक्कर ने पूर्टगालियों के कोची अभियान के मुकिया
42:40विंसेंट सोधरी की हत्या कर
42:41जहाज को अरब महा सागर में डूबो दिया
42:46उची में जितने भी पूर्टगाली हैं सब को नष्ट करना है
42:51पूर्टगालियों तक ये संदेश पश्च पहुँचना चाहिए
42:54कि वो बुना हमारी पवित्र भुमी पर उतर कर
42:57अपने विनाश को आमंतरत करेंगे
42:59इस तरह से बार बार हो रही लड़ाईयों के बाद
43:02समुत्री को ये समझ में आ गया था
43:05कि पूर्टगाली जैसे खतरनाक दुश्मन को
43:08चड से मिटाने के लिए
43:11एक मस्बूत गठभंदन की आवश्चिक्ता है
43:14और इसलिए समुत्री ने गुजरात के सुलताँ,
43:16मिस्तर की मामुलत सल्तन, तुर्की की उस्मानिया सल्तन
43:20और बेनिस राज्ज तक अपने राजदूद भेच कर संधी की
43:24तब होई वो लड़ाई
43:27जो विश्म इतिहास की सबसे महत्पपूर्ण लड़ाईयों में से
43:31एक मानी जाती है, तीव की लड़ाई
43:34समुत्रि और गठ्भनन वाले देश
43:37युद्ध का नेट्रित्व, नाऊं सेना अध्यक्ष मराककार ने किया था
43:42और पाकी के सहयोगी देशोंने भी, कैह तरह से सहइधा की
43:47फिर भी पाकिय ये यो एक देशां के ऐसे लड़ाई है
43:51युद्ध का नेट्रित्व नाओ सेना अध्यक्ष मराक्कार ने किया था
43:57और पाकी के सहयोगी दीशों ने भी कई तरह से साहेदा की
44:02फिर भी पुर्तुगालियों को हरा नहीं पाए
44:06दीव की लडाई में पराजाय के बाद
44:09समुद्र का नियंतरन पुर्तुगालियों के हाथों में चला गया
44:13परन्तु पुर्तुगालियों के बार बार आकरमन के बावजूद भी
44:19भूमी पर अब भी भारती शासुकों की पकड मजबूत थी
44:25केवल गोवा ही एक ऐसा राज था
44:28जहां पुर्तुगाली अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हो पाए थे
44:34और ये तिसरी बार था जब वासको दगामा भारत आया
44:38पर उसे भी ये पता नहीं था कि उसकी ये भारत यातरा अंतीम थी
44:47इस बार वो तूसरे वाईसराय के रूप में वापस आया था
44:52वैसे पुर्तुगाल का पहला वाईसराय था फ्रांसिसको अलमेडा
44:58वासको दगामा बड़ी शान से भारत पहुंचा था
45:03पर उसे यहां एक मच्चर ने काट लिया
45:07जिसकी कारण उसे मलेरिया हो गया
45:11और यही विमारी उसकी मृत्यू का कारण बनी
45:19वासको दगामा को इतिहास भले ही एक अनवेशक के रूप में प्रस्थूत करता हो
45:25पर वो गलत निती से भारत आया था
45:30उसकी मंचा सही नहीं थी
45:33क्योंकि वो भारतियों का धर्म बदलना चाता था
45:37भले ही विदेशियों ने भारत की भूमी पर कवजा कर लिया हो
45:42पर भारतियों ने परादहिनता गभी स्वीकार नहीं की
45:48भारत की आजादी के अमरितम होच्छव का यह अवसर
45:51उन देश भक्तों के परती कृतग्यता का अवसर है
45:56जिनके त्याग और बलिदान से हमारा राष्ट स्वतंद्र हुआ
46:01यह धारावाहिक समर्पित है ऐसे अनेक वीरों के नाम
46:06जो इतिहास के पन्नों में कहीं खो गए

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