जम्मू-कश्मीर: उधमपुर से बीजेपी के उपाध्यक्ष रहे पवन खजुरिया की पार्टी सदस्यता निलंबित कर दी गई है। सदस्यता निलंबित होने पर पवन खजुरिया ने अपने घर की छत से बीजेपी का झंडा उतार दिया और वह भावुक भी हो गए। निलंबित बीजेपी नेता और निर्दलीय उम्मीदवार पवन खजुरिया ने कहा कि मैंने 35 वर्षों तक समर्पण के साथ पार्टी की सेवा की है। आज मैं आपके द्वारा जनता से साझा कर रहा हूं कि मैंने अपने घर से पार्टी का झंडा उतार दिया। यह मेरे लिए बहुत दुख की बात थी। मेरे लिए एक मां जैसी प्रिय चीज़ को छोड़ना आसान नहीं था। हालांकि, जिस तरह से लोगों ने मुझे समर्थन और प्यार दिया है, वह मुझे एक देवी की तरह प्रतीत होते हैं।
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00:00पार्टी के अंदर स्मर्पित भाव से हमने 35 वर्ष पार्टी की सेवा की हैं।
00:07आज आपके माद्यम से बताता हूं कि कल पार्टी का द्वज अपने घर की शत से उठारा, मानों बड़ा दुखों।
00:20कि उस माँ से विशर्णा, विशर्णा असान नहीं होता है।
00:26लेकिन जनता जनारदन जिस परकार से उन्होंने प्यार दिया, जिस परकार से मुझे संभाला, मैं समझता हूं कि जनता जनारदन मुझे साक्षात भगवान के रूप में दिख रही है।
00:43साक्षात मां भगवती के रूप में दिख रही है। जिस परकार से जन सहलाब के रूप में, दिन का पता नहीं चल रहा, सुबा का पता नहीं चल रहा, रात का पता नहीं चल रहा। बारां वजे कहीं से गुजरते हैं तो सडकों के बाहर, बच्चे, हमारी माताएं, बेहन
01:13के अंदर भी काम किया, अपने यहां भी काम किया, ऐसा उत्सा,
01:16ऐसा प्यार मैंने कभी नहीं देखा। मैं आज उनका धन्यवाद
01:20नहीं कर सकता क्योंकि मेरे पास वो शब्द नहीं है, जिसना
01:23मुझे प्यार, आपारसने, जो मुझे जनता जनारदन की तरब से
01:27मिल रहा है, लेकिन मेरा भी कहना है कि हम सबने जो इकठा
01:31एक फैसला, एक मत का फैसला और खास कर हर चुनाब के
01:36अंदर लोग जातियों में बंड जाते हैं, हर चुनाब के
01:39अंदर लोग अपने अपने महजब में बंड जाते हैं, पहला
01:42उदम्पुर पूर्वी विधान सबा का चुनाब है, जिसमें एक
01:45गुल्दस्ता दिख रहा है, जिसमें भाईचारा काईम हुआ है,
01:49जिसमें हारे महारे हिंदु, मुसलिम, सिख, इसाई,
01:52बुद्जन, सारे हर जाती धरम के लोग इकठा, पूरा प्यार
01:57देते हुए हमारे साथ जिस परकार से चल रहे हैं, मुझे लगता है,
02:02ये एक अलग ही, अलग ही मुझे कुछ नजारा सा दिख रहा है, और मैं
02:07आपके माद्यम से एक बार पुना यह कहता हूँ, कि मैं
02:10जनता जनारदान का पूरी जिंद, जिंदगी करजदार हूँ.