A Wise little hen Hindi Kahaniya | Stories in Hindi
“Hindi stories” is a unique channel that uploads original stories from ancient texts, folklore, and contemporary literature.
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LearningTranscript
00:00हेलो बच्चों, हमारे चैनल पर आपका स्वागत है।
00:04आज हम सुनेंगे एक समझदार चूजे की कहानी।
00:08एक समय की बात है।
00:11एक सुन्दर से गाओं में नदी के किनारे एक जोपडी थी।
00:16जोपडी में एक मुर्गी थी।
00:18मुर्गी ने बारा अंडे दिये।
00:21दस अंडो मेंसे प्यारे चूजे निकले।
00:24मगर दो अंडे ही रह गए।
00:27कुछ समय बार,
00:29मुर्गी अपने दो अंडो को जोपडी में ही छोड़कर,
00:32अपने चूजों के साथ खाना ढूनने निकली।
00:36तभी उसके एक अंडे मेंसे तूटने की आवाज आए।
00:40उसमें से एक प्यारा चूजा निकला।
00:43बेचारा चूजा अपनी मा को ढूनने लगा।
00:47वेह बहुत दुखी हो गया।
00:49उसने सोचा कि अब मैं अपनी मा को ढूणूंगा।
00:53और वेह अपने परों को हिलाते हुए,
00:56अपनी मा की खोज में निकल पड़ा।
00:59अपनी जोपडी से बाहर निकलते ही,
01:02उसे घास चरती गाए दिखती है।
01:05चूजा वेह गाए को बहुत उत्सुक्ता से देखता है।
01:09और कुछ ही देर में वेह गाए चूजे से पूछती है,
01:12कि तुम किसे ढून रहे हो।
01:15मासूम सा चूजा बोला,
01:17क्या तुम मेरी मा हो।
01:19गाए को दया आई, और वेह बोली,
01:22मुझे देखो, मैं कितनी बड़ी हूँ,
01:26तुमारी मा तो मुझसे बहुत चोटी होगी।
01:29ओ, तो मेरी मा आपसे चोटी है।
01:33चूजा बोला, और अपनी मा की खोज पर निकल पड़ा।
01:37कुछ देर बाद, चूजे को एक घास खाती हुई बक्री दिखी।
01:42वेह उस बक्री के पास जाता है और कहता है,
01:46तुम गाए से कद में चोटी हो,
01:48क्या तुम मेरी मा हो।
01:50बक्री बोली, हाँ, मैं गाए से तो चोटी हूँ,
01:55मगर देखो, मेरे चार पाउं हैं,
01:58तुम्हारी मा के तुम्हारी तरा दो पाउं और पंख हैं।
02:02बिचारा चूजा फिर से बहुत उदास हुआ और खोज पर निकल पड़ा।
02:09कुछ देर चलने पर उससे काए काए की आवाज आई।
02:14वेह था एक कव़ा।
02:17चूजा ने बक्री की कही बात याद की और क़ुए से पूचा।
02:22तुम्हारे दो पेर और पंख हैं, क्या तुम मेरी मा हो?
02:26क़ुए बोला, हा। मेरे दो पेर और पंख हैं,
02:31पर मैं तुम्हारी मा से जादा उपर और बह्तर उड़ सकता हूँ।
02:36और तुम्हारी मा का कद मुझसे बड़ा है और उनके पाउं भी मेरे पाउं से बड़े हैं।
02:42और वह काइ काइ नहीं करती।
02:45चूजा बहुत नरास हुआ और कववे को उसे देखकर दया आ गई।
02:51वह बोला नरास मत हो दोस थोड़ा आगे जाओ तुम्हें अपनी मा मिल जाएंगे।