Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 12/3/2022
चूरू. अपनी दिव्यांग बहन को शिक्षित बनाने के लिए उसके छोटे भाई ने कोई कसर नहीं छोड़ी, उससे उम्र में चार बरस छोटे भाई ने पीठ पर अपने बैग की जगह अपनी बड़ी बहन को उठाया। भाई -बहन की ये संघर्ष की कहानी सभी के लिए मिसाल है। शहर के वार्ड 26 की अफसाना नाज जन्मजात ही दिव्यांग पैदा हुई

Category

🗞
News

Recommended