Aapni Pathshala churu start by police constable Dharmveer Jakhar
राजस्थान में सबसे अधिक सर्दी व गर्मी के लिए पहचाने जाने वाले चूरू में धर्मवीर जाखड़ और आपणी पाठशाला किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। पुलिस कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ भीख मांगने वाले बच्चों के हाथों में कटोरे की जगह कलम थमा और उन्हें पढ़ा—लिखाकर काबिल बना रहा है।
अब इस नेक काम में न केवल पुलिस महकमा बल्कि पूरा चूरू जिला भागीदारी निभा रहा है। साढ़े तीन साल पहले महज 5 बच्चों से शुरू हुई आपणी पाठशाला में वर्तमान छात्र संख्या 180 है। वन इंडिया डॉट कॉम पर जानिए आपणी पाठशाला की पूरी कहानी खुद कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ की जुबानी कि पुलिस कांस्टेबल के मन में झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों की जिंदगी संवारने का विचार कैसे आया और उसे किस तरह से आपणी पाठशाला में बदला गया।
राजस्थान में सबसे अधिक सर्दी व गर्मी के लिए पहचाने जाने वाले चूरू में धर्मवीर जाखड़ और आपणी पाठशाला किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। पुलिस कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ भीख मांगने वाले बच्चों के हाथों में कटोरे की जगह कलम थमा और उन्हें पढ़ा—लिखाकर काबिल बना रहा है।
अब इस नेक काम में न केवल पुलिस महकमा बल्कि पूरा चूरू जिला भागीदारी निभा रहा है। साढ़े तीन साल पहले महज 5 बच्चों से शुरू हुई आपणी पाठशाला में वर्तमान छात्र संख्या 180 है। वन इंडिया डॉट कॉम पर जानिए आपणी पाठशाला की पूरी कहानी खुद कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ की जुबानी कि पुलिस कांस्टेबल के मन में झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों की जिंदगी संवारने का विचार कैसे आया और उसे किस तरह से आपणी पाठशाला में बदला गया।
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