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अजमेर। उम्र महज 23 साल थी, मगर हौसला बुलंद और इरादा हिन्दुस्तान की रक्षा का था। एलओसी पर पाक की हर नापाक हरकत पर पैनी नजर थी। बॉर्डर से आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में थे लेकिन सामने खड़ा था भारत का जाबांज सपूत हेमराज जाट। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए बहादुर बेटा हेमराज जाट शहीद हो गया।
शहीद हेमराज जाट राजस्थान के अजमेर जिले के रूपनगढ़ क्षेत्र के गांव भदून के रहने वाले थे। 23 वर्षीय हेमराज जाट अविवाहित थे। मां घर बेटे के सिर पर सेहरा सजाने का ख्वाब देख रही थी, मगर इस बीच शहीद होने की खबर आ गई और मंगलवार को फौजी बेटा तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। हेमराज जाट के शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे अजमेर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। गांव भदूण में बाजार बंद हो गए। हर कोई शहीद के परिवार को ढांढ़स बंधाने पहुंचा।
अजमेर। उम्र महज 23 साल थी, मगर हौसला बुलंद और इरादा हिन्दुस्तान की रक्षा का था। एलओसी पर पाक की हर नापाक हरकत पर पैनी नजर थी। बॉर्डर से आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में थे लेकिन सामने खड़ा था भारत का जाबांज सपूत हेमराज जाट। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए बहादुर बेटा हेमराज जाट शहीद हो गया।
शहीद हेमराज जाट राजस्थान के अजमेर जिले के रूपनगढ़ क्षेत्र के गांव भदून के रहने वाले थे। 23 वर्षीय हेमराज जाट अविवाहित थे। मां घर बेटे के सिर पर सेहरा सजाने का ख्वाब देख रही थी, मगर इस बीच शहीद होने की खबर आ गई और मंगलवार को फौजी बेटा तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। हेमराज जाट के शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे अजमेर जिले में शोक की लहर दौड़ गई। गांव भदूण में बाजार बंद हो गए। हर कोई शहीद के परिवार को ढांढ़स बंधाने पहुंचा।
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